About national flag एबाउट नेशनल फ्लैग, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन हर साल तिरंगा झंडा को फहराते हुए देखते हैं लेकिन तिरंगे झंडे जिसको इंगलिश में Flag कहा जाता हैं को सबसे पहले किसने बनाया था About National Flag in hindi के बारे में जानकारी रखना सब के लिए आवश्यक हैं.
हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय तिरंगे झंडे को बहुत ही सम्मान के साथ सलामी देते हैं. तिरंगा के सम्मान में हमेशा नतमस्तक रहते हैं
लेकिन जो वर्तमान समय में तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं उसका डिजाइन किसने बनाया, तिरंगा झंडा को कब किस रूप में फहराया गया, इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानेंगे.एक तिरंगा झंडा ही ऐसा हैं जिसके नीचे किसी के भी साथ धर्म जात अमीर गरीब में अंतर नहीं किया जाता हैं.
इसके नीचे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई गरीब अमीर सब कोई एक साथ रहता हैं हमारा तिरंगा झंडा भारत देश का अखंडता और एकता का पहचान माना जाता हैं तो आइए इस लेख में तिरंगे झंडे के बारे में जानते हैं.
About National Flag In Hindi
भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भारत का सम्मान माना जाता हैं उसे सबसे पहले पिंगली वेंकैया ने बनाया था लेकिन भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाना इतना आसान नहीं था
इसको बनाने के में कई वर्ष लग गए इसको बनाने से पहले पिंगली वेंकैया ने 30 देशों का राष्ट्रीय ध्वज देखा उसके बाद ही उन्होंने 1921 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन बनाया.
उन्होंने तिरंगे झंडे को बनाने के लिए 1916 से 1921 तक पूरी तरह से उस पर गहन अध्ययन करने के बाद ही तैयार किया था. पिंगली वेंकैया ने जो तिरंगा झंडा बनाया था उसमें भारत के हर रंग को दर्शाया गया था।

ऊपर लाल रंग हिंदुओं के लिए बनाया था और नीचे हरा रंग मुसलमानों के लिए बनाया था और अन्य धर्मों के लिए बीच में सफेद रंग का पट्टी दिया हुआ था. उस समय चरखे को ज्यादा महत्व दिया जाता था क्योंकि चरखा से सूत काट के कपड़ा बनाया जाता था इसलिए तिरंगे झंडे के बीच में भारत का प्रतीक चिन्ह मानकर चरखा को बनाया गया था.
पिंगली वेंकैया कौन थे – National Flag
पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर कई स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था वह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के नजदीक किसी गांव के रहने वाले थे पिंगली वेंकैया ब्रिटिश आर्मी में सेनानायक थे.
जब दक्षिण भारत में एंग्लो बोअर युद्ध हुआ था उसी समय उनका मुलाकात महात्मा गांधी से हुआ और उसके बाद वह भारत लौट आए और महात्मा गांधी के साथ कई स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका महत्वपूर्णता से निभाई थी
और एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपनी पहचान बनाई लेकिन बाद में उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी गरीबी कि कारण बहुत परेशानी में थे विजयवाड़ा में एक झोपड़ी में रहते थे वहीं पर उनका मृत्यु हो गया.
National Flag – तिरंगे झंडे को कितनी बार बदला गया
जो तिरंगा झंडा हम लोग वर्तमान समय में देखते हैं उसका डिजाइन इससे पहले 5 बार कई अलग-अलग तरह से बनाया गया था
- सबसे पहले 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में पारसी बागान चौक पर झंडा फहराया गया था उस झंडे में लाल पीले और हरे रंग की पटि्टयां थी और बीच में आधे खिले कमल के फूल थे नीचे के तरफ चांद और सूरज बने हुए थे बीच में वंदे मातरम लिखा हुआ था.
- लेकिन 1907 में कुछ क्रांतिकारियों के द्वारा पेरिस में मैडम कामा के साथ दूसरा झंडा फहराया गया जिसमें कि ऊपर कमल का फूल था और उसमें सात सप्तर्षी को दर्शाया गया था ऊपर केसरिया रंग था नीचे हरा और बीच में पीले रंग की पट्टी बनी हुई थी.
- 1917 में फिर से इस तिरंगे झंडे में बदलाव करके लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और एनी बसेंट ने उस समय जो घरेलू शासन आंदोलन चला था उसमें फहराया गया इस झंडे में पांच लाल और चार हरि पटिया बनाई गई थी और सप्तर्षी के तारे भी बने हुए थे झंडे में बाईं तरफ यूनिक जैक बनाया गया था और कोने में अर्धचंद्र और सितारा भी बना था.
- लेकिन 1931 में झंडे में फिर से बदलाव करके बनाया गया और इसके रंग में भी परिवर्तन किया गया ऊपर केसरिया रंग नीचे हरा रंग और बीच में सफेद रंग बनाया गया था बीच में भारत का प्रतीक चरखा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया था.
लेकिन जब 1947 में भारत आजाद हुआ अंग्रेजों ने यह घोषणा किया कि भारत छोड़कर चले जाएंगे तो उससे पहले अपने भारत देश के लिए एक राष्ट्रीय ध्वज बनाना बहुत ही जरूरी था
इसलिए 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने नए National flag का निर्माण किया. जिसमें कि ऊपर केसरिया रंग नीचे हरा रंग बीच में सफेद रंग था और चरखे की जगह सम्राट अशोक का धर्म चक्र को बनाया गया
यही National flag 16 अगस्त को आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर पहली बार फहराया.
National Flag – तिरंगा झंडा में तीनों रंग मतलब
तिरंगा झंडा भारत का आन बान शान राष्ट्रीय ध्वज होता हैं जिसमें की तीन रंग की पटिया होती हैं हमारे देश में साहस बलिदान शांति सौहार्द कृषि संपन्नता और लोगों की आस्था को देखते हुए तीनों रंग को दर्शाया गया हैं.
हमारे तिरंगे झंडे में तीन रंग हैं ऊपर केसरिया रंग नीचे हरा रंग और बीच में सफेद रंग लेकिन इन तीनों रंगों का एक अलग मतलब हैं होता हैं तीनों रंगों को दर्शा कर भारत के हर धर्म भारतवासी के लिए एक अलग संदेश दिया जाता हैं.
- ऊपर जो केसरिया रंग होता हैं उसका मतलब साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता हैं.
- सफेद रंग को सच्चाई और शांति का प्रतीक माना गया हैं इसलिए बीच में सफेद रंग लगाया गया.
- हरे रंग का मतलब देश में हमेशा हरियाली संपन्नता बनी रहे इसीलिए हरे रंग को दर्शाया गया हैं.
National Flag – तिरंगा झंडा राष्ट्रीय ध्वज क्यों बना
जिस तिरंगा झंडा को 15 अगस्त और 26 जनवरी को हर साल सम्मान के साथ और शान के साथ फहराया जाता हैं उसको राष्ट्रीय ध्वज क्यों बनाया गया इसके बारे में भी विचार करना जरूरी हैं
जब भारत में 1906 में बंगाल विभाजन हुआ उसके बाद भारत में बहुत आंदोलन होने लगे अंग्रेजो के खिलाफ कई क्रांतिकारी सड़कों पर उतर आए उस समय एक रैली में सबसे पहली बार तिरंगा झंडा फहराया गया था
इसके बाद तिरंगे झंडे में कई तरह का बदलाव करके उसको कई तरह से बनाया गया लेकिन जब 1947 में अंग्रेजों ने भारत से जाने का फैसला ले लिया उसके बाद उस समय के जो क्रांतिकारी नेता थे
उन्हें अपने राष्ट्रीय ध्वज बनाने की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई तभी डॉ राजेंद्र प्रसाद के अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेश की जो पहले झंडा था जो कि कांग्रेश के नेता अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलान करते समय हमेशा फहराते थे.
उसमें परिवर्तन किया गया और वर्तमान समय में जो तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं वह डिजाइन बनाकर तिरंगा झंडा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया 16 अगस्त 1947 को लाल किले पर सबसे पहली बार प्रधानमंत्री ने तिरंगा झंडा को फहराया .
National Flag – राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का क्या नियम हैं
National flag तिरंगा झंडा को कभी भी कहीं भी नहीं फहराया जाता हैं इस को फहराने के लिए एक नियम बनाया गया हैं पहले तिरंगे झंडे को सिर्फ किसी स्कूल लाल किला और कुछ जरूरी जगहों पर ही फहराया जाता था
लेकिन 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया और इसको आम नागरिक के लिए भी झंडा फहराने का अनुमति मिल गया इसके बाद कहीं अपने घर में ऑफिस में हराया जा सकता हैं. लेकिन किस तरह से झंडा बना हुआ फहराया जाता हैं और झंडा फहराने का क्या नियम हैं आइए नीचे जानते हैं.
- तिरंगे झंडे को बनाने के लिए खादी से बना हुआ कपड़ा जो कि हाथ से काट कर उसको बनाया गया हो यह सुती या सिल्क कपड़ा पर बनाया जाता हैं तिरंगे झंडे का लंबाई और चौड़ाई 3: 2 होता हैं
- इसमें तीन रंग ऊपर केसरिया नीचे हरा रंग बीच में सफेद रहता हैं और सफेद रंग पर ही बीच में अशोक चक्र बना रहता हैं जिसमें कि 24 तीलियां बनी रहती हैं.
- तिरंगे झंडे को कभी भी उल्टा नहीं फहराया जाता हैं इसका केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहता हैं और हरा रंग हमेशा नीचे रहना चाहिए.
- जब भी तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं तो सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में ही फहराया जाता हैं सूर्यास्त होने से पहले इसको उतार कर के रख देना जरूरी हैं और कभी भी तिरंगे झंडे को जमीन पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे तिरंगे झंडे का अपमान माना जाता हैं.
- जब भी तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं तो कभी भी आधा झुका नहीं रहता हैं जब कभी कोई सैनिक शहीद होते हैं उस समय तिरंगा आधा झुका रहता हैं.
- तिरंगे झंडे को कभी भी पानी में नहीं डाला जाता हैं या अगर तिरंगा झंडा पुराना हो गया हैं गंदा हो गया हैं तो उसको बदल दिया जाता हैं अगर कोई तिरंगे झंडे को जलाता हैं उसका नुकसान पहुंचाता हैं तो उस व्यक्ति पर जुर्माना भी लगता हैं और 3 साल की सजा भी सकती हैं.
- तिरंगे झंडा सबसे ऊपर रहता हैं उससे ऊपर कोई भी झंडा नहीं फहराया जाता हैं तिरंगे झंडे के ऊपर किसी भी तरह का कुछ भी लिखना मना हैं.
- जब भी तिरंगा झंडा को फहराया जाता हैं तो बिगुल बजाकर और स्फूर्ति के साथ फहराया जाता हैं लेकिन उतारने के समय उसको धीरे-धीरे उतारा जाता हैं.
- अगर कोई अपनी गाड़ी पर तिरंगा झंडा लगाना चाहता हैं तो गाड़ी के बीचो-बीच या दाएं लगा सकता हैं.
National Flag – राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा का महत्व
तिरंगा झंडे को बचाने के लिए कई जवानों ने अपने जान गवा दी कई क्रांतिकारियों ने अपने जान निछावर कर दिया फांसी पर चढ़ गए इस तिरंगा झंडा के लिए कई साल संघर्ष चला भारत गुलामी की जंजीरों से 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ यही तिरंगा झंडा भारत का आन बान शान अभिमान हैं
राष्ट्रीय ध्वज हैं जोकि शक्ति और साहस सत्य और शांति का प्रतीक माना जाता हैं पवित्रता और हरियाली का प्रतीक माना गया हैं. तिरंगा झंडा भारत का गौरव हैं.
भारत का अभिमान हैं इसलिए तिरंगे झंडे को हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाता हैं कहीं भी किसी भी तरह इसको नहीं रखा जाता हैं इसे हमेशा खुशियाली और देश में संपन्नता और प्रगति का प्रतीक माना जाता हैं
तिरंगे झंडे में जो बीच में चक्र बना रहता हैं जिसमें कि 24 तीलियां होती हैं यह देश के अखंडता एकता विकास और खुशहाली को हमेशा दर्शाता हैं.
तिरंगा कब फहराया जाता हैं
हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं जिसे स्वंतंत्रता दिवस कहते हैं और 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं.
जब भी स्वतंत्रता दिवस यानी कि independence Day के दिन जब भी झंडा फहराया जाता है यानी कि ध्वजारोहण किया जाता है तो उस समय लाल किले पर झंडा को ऊपर की तरफ खींच कर के फहराया जाता है
स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने का यही नियम बनाया गया है जब भी गणतंत्र दिवस यानी कि Republic Day जो कि हर साल 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है
उस दिन झंडा फहराने का भी एक अलग नियम होता है इस दिन national flag ऊपर की तरफ बंधा रहता है और उसे वहीं पर खोल करके फहरा दिया जाता है
26 जनवरी के दिन जब ध्वज लहराया जाता है तो उस दिन झंडा फहराना कहते हैं तिरंगा झंडा को कभी भी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले तक ही फहराया जाता है सूर्यास्त के बाद तिरंगा झंडा को निकाल कर के बहुत ही सम्मान के साथ रख दिया जाता है.
वैसे किसी सरकारी भवन पर तिरंगा झंडा रविवार को या किसी भी अन्य छुट्टी के दिन भी हराया जाता है और अगर कोई विशेष दिन हो विशेष अवसर हो तो उस दिन पर झंडा को रात में भी फहराया जा सकता है
तिरंगा झंडा को फहराने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं जो कि हमने ऊपर बताया है क्योंकि तिरंगा झंडा बहुत ही सम्मान के साथ आदर के साथ स्फूर्ति के साथ ठहराया जाना चाहिए तिरंगा झंडा भारत देश का आन बान शान है.
सारांश
National Flag तीन रंगों से बना तिरंगा झंडा जिसमें कि ऊपर केसरिया रंग नीचे हरा रंग बीच में सफेद रंग रहता हैं जो भारत में हमेशा शांति सौहार्द हरियाली संपन्नता आस्था का प्रतीक माना जाता हैं भारत का गौरव हैं भारत का शान हैं इसलिए तिरंगे झंडे को हमेशा सम्मान पूर्वक देखा जाता हैं भारत का राष्ट्रीय ध्वज के नीचे हमेशा नतमस्तक रहना चाहिए.
इस लेख में भारत का national flag तिरंगा झंडा किसने बनाया तिरंगा झंडा पहली बार कब फहराया गया तिरंगे झंडे को कब बनाया गया.
तिरंगा झंडा में तीनों रंगों का क्या मतलब होता हैं के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं इसलिए इससे जुड़े कोई सवाल मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें और इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों को शेयर जरूर करें।

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।