बीएचयू का फुल फॉर्म,स्‍थापना,उद्देश्‍य और फायदा

भारत में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जिनका इतिहास बहुत ही पुराना हैं लेकिन BHU का इतिहास और उसका उद्देश्य भारत देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं

लेकिन बीएचयू का फुल फॉर्म क्‍या होता हैं BHU ka full form in hindi क्या होता हैं इसके बारे में इस लेख में जानते हैं. BHU के बारे में उसके स्थापना के बारे में अगर जानना चाहते हैं.तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें

कोई भी देश तभी आगे बढ़ सकता हैं जब वहां शिक्षा का प्रचार प्रसार हो शिक्षा प्राप्त करने का कोई माध्यम हो तभी देश में विकास और शक्ति प्राप्त हो सकता हैं.

जब कोई अच्छा पढ़ने का संस्थान स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी होगा तभी छात्र पढ़कर श्रेष्ठ बनेंगे विश्व में अपने देश का नाम रोशन करेंगे इसीलिए BHU जैसे यूनिवर्सिटी का स्थापना किया गया।

आइए इस लेख में बीएचयू का स्थापना कब हुआ बीएचयू के संस्थापक कौन थे  बीएचयू का स्थापना कैसे हुआ इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं.

BHU Ka Full Form

देश में जितने भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय हैं उनमें सबसे प्रथम और सर्वश्रेष्ठ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय हैं इसी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वजह से बनारस को दुनिया भर में भारत की ज्ञान की राजधानी के रूप में लोग जानते हैं.

बनारस में स्थिति बहुत ही पुराना BHU यूनिवर्सिटी जिसे पहले सेंट्रल हिंदू कॉलेज के नाम से जाना जाता था बीएचयू का स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य भारत में शिक्षा को फैलाना था.

ताकि भारत का विकास हो सके और भारत से गरीबी दूर किया जा सके. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का परिसर 13 सौ एकड़ भूमि में फैला हुआ हैं जिसमें चिकित्सा संस्थान प्रौद्योगिकी संस्थान कृषि विज्ञान संस्थान और पर्यावरण विकास संस्थान स्थित हैं. बीएचयू का फुल फॉर्म Banaras Hindu University होता हैं.

bhu ka full form in hindi

BHU Full Form In Hindi 

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी को ही बीएचयू के नाम से हम लोग जानते हैं इसे हिंदी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय या इसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता हैं.

ज्ञान प्राप्त करने के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एक बहुत ही अच्छा और बहुत ही पुराना विश्वविद्यालय हैं जिसमें कई तरह के कोर्स डिप्लोमा आदि कराए जाते हैं.

बीएचयू का स्थापना कब हुआ

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का स्थापना तब हुआ जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था भारत पर अंग्रेजों का शासन था और भारत में गरीबी बेरोजगारी और अज्ञानता का बहुत ही ज्यादा प्रभाव हो रहा था

इसीलिए पंडित मदन मोहन मालवीय ने शिक्षा ज्ञान और आध्यात्मिकता को बनाए रखने के लिए भारत का विकास करने के लिए अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए हिंदू विश्वविद्यालय का स्थापना करने का निर्णय लिया.

जिस तरह भारत में बहुत ही पहले तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय ज्ञान का शिक्षा का पवित्र स्थान था जो कि विश्व भर से लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां आते थे.काशी हिंदू विश्वविद्यालय का स्थापना बसंत पंचमी के दिन 4 फरवरी 1916 में वाराणसी उत्तर प्रदेश में किया गया था.

जोकि BHU भारत के जितने भी शिक्षा के राष्ट्रीय संस्थान हैं उनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं जिसे हम BHU के नाम से जानते हैं बीएचयू एक बहुत ही बड़ा और एशिया भर में सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन आवासीय विश्वविद्यालय हैं

यह अपनी विशेषताओं के वजह से पूरे विश्व में बहुत ही प्रसिद्ध हैं BHU काशी के महाराजा प्रभु नारायण सिंह के द्वारा दिया गया दान में भूमि पर बनाया गया था.

बीएचयू के संस्थापक कौन थे

बीएचयू का स्थापना करने में किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता हैं लेकिन बीएचयू स्थापित करने के लिए ज्यादा श्रेय दिया जाता हैं वह हैं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और इस पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए उनका साथ दिया था.

उस समय की समाज सुधारक होमरूल लीग के संस्थापक एनी बेसेंट काशी के नरेश प्रभु नारायण सिंह दरभंगा के महाराज रामेश्वर सिंह सुंदरलाल आदि

कई महान व्यक्तियों ने मिलकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे यूनिवर्सिटी का स्थापना किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय का नींव भले ही मदन मोहन मालवीय ने रखा था

बनाने का मशाल जलाने का काम उन्होंने किया था लेकिन इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए कई महान व्यक्तियों ने अपना भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से निभाया था.

उस समय विदेशी शासन होने के बावजूद भी इतना महान कार्य और इतना बड़ा संकल्प पंडित मदन मोहन मालवीय ने पूरा किया उन्होंने यह विश्वविद्यालय दान में मिले जमीन पर बनाया था.

यह तो सभी लोग जानते हैं कि बीएचयू का स्थापना बीएचयू के संस्थापक पंडित महान मदन मोहन मालवीय थे ओर बीएचयू का फुल फॉर्म के बारे में भी उपर जान ही चुके हैं

लेकिन उन्होंने इस विश्वविद्यालय का स्थापना करने से पहले कितनी परेशानियां उठाई थी कितने कठिन परिश्रम के बाद उन्होंने इस विश्वविद्यालय को बनाने का नींव रखा था.

4 फरवरी 1916 में बसंत पंचमी के दिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का शीलान्‍यास पंडित मदन मोहन मालवीय ने किया था.

लेकिन उन्होंने यह विश्वविद्यालय दान में मिली भूमि पर स्थापित किया था जब मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बनाने का अपना बात रखा उस समय उन्हें यह विश्वविद्यालय बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा पैसों की जरूरत थी जमीन की जरूरत थी जो कि उनके पास नहीं था

इसीलिए वह इस विश्वविद्यालय को बनाने के लिए काशी नरेश प्रभु नारायण सिंह के यहां जमीन मांगने के लिए गए.

कहा जाता हैं कि जब काशी नरेश गंगा स्नान करके बाहर निकले तो पंडित मदन मोहन मालवीय ने उनसे विश्वविद्यालय बनाने के लिए एक शर्त के अनुसार जमीन मांग ली काशी नरेश ने उन्हें यह शर्त दिया की सूर्यास्त होने से पहले पैदल चलकर आप जितना दूर जमीन नाप लेंगे.

उतना जमीन आपको दान में मिल जाएगा इसके बाद पंडित मदन मोहन मालवीय ने सूर्यास्त होने से पहले दिन भर पैदल चलकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बनाने के लिए जमीन नाप ली

और काशी नरेश से वह जमीन दान में ले लिया. और उसके बाद पंडित मदन मोहन मालवीय ने पैसों का इंतजाम करने लगे जिसमें कि हैंदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने 10 लाख रुपए का दान विश्वविद्यालय बनाने के लिए दिया था.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 1 अक्टूबर 1917 से शिक्षा कार्य प्रारंभ किया गया जिसमें इंजीनियरिंग आर्ट्स कॉमर्स साइंस आदि की पढ़ाई होती हैं.BHU में विश्वविद्यालय के साथ-साथ इसमें हॉस्पिटल भी स्थित हैं

जिसमें कि लगभग हर रोग का इलाज बहुत ही अच्छे तरीके से किया जाता हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान का दर्जा मिला हैं.

बीएचयू बनाने का उद्देश्य

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय या काशी हिंदू विश्वविद्यालय जब बनाया गया तो कुछ उद्देश्यों को पूर्ति करने के लिए भारत वासियों के विकास करने के लिए इसे तैयार किया गया.

  • भारत में हिंदू के लाभ के लिए उन्हें संरक्षित करने के लिए उन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए
  • भारत की जो प्राचीन सभ्यता और संस्कृति थी उसे बनाए रखने के लिए हिंदू शास्त्रों और संस्कृत साहित्य के अध्ययन को ध्यान में रखते हुए इस विश्वविद्यालय को स्थापित किया गया था.
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कला और विज्ञान को सिखाने का और उस अनुसंधान को बढ़ावा देने का कार्य किया गया
  • भारत में वैज्ञानिक तकनीकी व्यवसाय ज्ञान को आगे बढ़ाने के साथ ही व्यवहारिक प्रशिक्षण स्वदेशी उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए भारत के भौतिक संसाधनों को विकसित करने के लिए इस विश्वविद्यालय का सबसे महत्वपूर्ण और पहला उद्देश्य था.
  • होमरूल लीग के संस्थापक डॉक्टर एनी बेसेंट के द्वारा बनाया गया सेंट्रल हिंदू कॉलेज को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का एक हिस्सा बनाया गया
  • जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का नींव रखा गया उस समय इसे बहुत ही विधि पूर्वक पूजा पाठ करके अपने भारतीय संस्कृति के अनुसार किया गया जिसमें कि गायत्री मंत्र का जाप करके कई पंडितों को बुला करके बहुत ही विधि पूर्वक और अपने संस्कृति के अनुसार शिलान्यास किया गया था.
  • इस तरह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करके भारतीय छात्रों को अपने ही देश में बेहतर और उच्च कोटि के तकनीकी विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त होने लगा जो कि विदेश जाकर के पहले जो छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे उन्हें अपने देश में ही मिलने लगा.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति कौन थे

बीएचयू को स्थापित करने के बाद इसमें शैक्षिक कार्य शुरू हुआ तो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सबसे पहले कुलपति विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सुंदरलाल को बनाया गया

वर्तमान समय में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन हैं यह बीएचयू के 28वें कुलपति के रूप में नियुक्त किए गए हैं.

बीएचयू बनाने के फायदे

पंडित मदन मोहन मालवीय ने भारत में शिक्षा का अभाव देखा उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भारत में अज्ञानता होने की वजह से शिक्षा की कमी होने की वजह से बहुत ही ज्यादा गरीबी हैं लोगों में बेरोजगारी हैं सबसे ज्यादा भारत अंग्रेजों के अधीन था.

इसीलिए उन्होंने एक ऐसे विश्वविद्यालय का नींव रखना चाहे जो कि जिस शिक्षा को प्राप्त करने के लिए विदेशों में जाना पड़ता था वह अपने देश में प्राप्त हो

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंजीनियर और मेडिकल कोर्स देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ कॉमर्स साइंस आर्ट्स एग्रीकल्चर मैनेजमेंट लॉ एजुकेशन आदि का सबसे उच्च कोटि का शिक्षा प्राप्त होता हैं.

सारांश

BHU ka full form in hindi भारत की सबसे पवित्र धार्मिक नगर वाराणसी जो कि उत्तर प्रदेश में स्थित हैं गंगा तट के किनारे वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित हैं जिसे बनाने का श्रेय पंडित मदन मोहन मालवीय को दिया जाता हैं.

इस लेख में बीएचयू का स्थापना किसने किया BHU का स्थापना किसने किया बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का स्थापना कब हुआ और इस विश्वविद्यालय को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य क्या था इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं

फिर भी अगर BHU से संबंधित कोई सवाल मन में हैं तो कृपया करके जरूर पूछें और इस जानकारी को अपने दोस्त और मित्रों को शेयर जरूर करें.

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