Bihar Tourist places in hindi in detail हम लोग होलीडे या किसी वेकेशन पर घूमने का मन बनाते हैं तो समझ में नहीं आता है कि कहां घूमने जाएं। कोई ऐसा जगह जहां घूमने में अच्छा लगे तो आज हम इस लेख में अपने Bihar Tourist places बिहार राज्य के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानने वाले हैं।
बिहार का इतिहास बहुत ही पुराना है यहां कई महान व्यक्तियों का जन्म स्थली है। जैसे बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्य, जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवा महावीर, मौर्य वंश के संस्थापक सम्राट अशोक के साथ ही कई देवी देवताओं, ऋषि मुनियों का भी जन्म स्थली बिहार में है।
जैसे कि बिहार के बक्सर में भगवान विष्णु के अवतार बामन भगवान का जन्म हुआ था। महर्षि विश्वामित्र बक्सर में ही रहते थे। भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता का जन्म स्थान बिहार में ही है। ऐसे कई महान व्यक्तियों की जन्मस्थली बिहार है. जिसका उल्लेख रामायण और अन्य काव्यों में मिलता हैं।
Bihar Tourist Places In Hindi
बिहार राज्य भारत देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है यहां पर हिंदू, जैन और खासकर बौद्ध धर्म के बहुत सारे Bihar Tourist places धार्मिक स्थल है जहां हम कभी भी छुट्टियां मनाने जा सकते हैं घूमने जा सकते हैं
बिहार राज्य में के इतिहास में बहुत राजाओं ने राज किया है जैसे कि मौर्य वंश, गुप्त वंश जिनका उदय और पतन दोनों ही यहीं पर हुआ है .

Bihar राज्य अपने बोलचाल एवं संस्कृति और देशी अंदाज के लिए भारत में एक अलग है पहचान बनाया हुआ है ऐसा कहा जाता है की जैन धर्म के संस्थापक महावीर की जन्मस्थली भी बिहार में है
बिहार में बहुत सारे हिंदू धर्म के मंदिर है गुरुद्वारे हैं बौद्ध धर्म के भी बहुत सारे धार्मिक स्थल है हमलोग कुछ धार्मिक स्थलों के बारे में नीचे जानते हैं
बिहार का इतिहास
पहले पश्चिम बंगाल उड़ीसा झारखंड बिहार सभी एक ही राज्य थे लेकिन धीरे-धीरे बिहार से पश्चिम बंगाल भी अलग हो गया उड़ीसा भी अलग हो गया और झारखंड भी अलग हो गया और बिहार राज्य एक अलग राज्य बन गया बिहार राज्य का क्षेत्रफल 94163 है और यह राज्य भारत में जनसंख्या की दृष्टि से तीसरा सबसे बड़ा राज्य की श्रेणी में आता है
बिहार राज्य कई राज्यों से घिरा हुआ है पूर्व में पश्चिम बंगाल पश्चिमी में उत्तर प्रदेश उत्तर में नेपाल और दक्षिण में झारखंड राज्य पड़ोसी राज्य हैं. बिहारी एक ऐसा राज्य है नदियों में सबसे श्रेष्ठ नदी गंगा नदी और उसके और भी सहायक नदियों के क्षेत्र में बसा हुआ है.
प्राचीन काल में बिहार मगध के नाम से प्रचलित था और इसकी राजधानी पहले राजगीर में बनाई गई थी मगध के राजा जरासंध थे जरासंध के बारे में श्री कृष्णा में वर्णन मिलता है बाद में इसका नाम बिहार हुआ और बिहार की राजधानी पटना में बनाया गया जो कि पहले पटना पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था.
बिहार राज्य के दर्शनीय स्थल
1. गया के दार्शनिक स्थल
गया में बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था बिहार के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों में से गया एक का स्थल है यहां 3 तरह से छोटी छोटी पहाड़ियों जैसे कि मंगला गौरी शृंगा स्थान रामशिला और ब्रह्म योनि धाारा है गया में प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर भी है
जहां पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था विष्णु मंदिर है ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु के पांव का निशान पर यहां का मंदिर का निर्माण हुआ था यहां पर हर साल पितृपक्ष का मेला लगता है जो कि पूरे भारत में पूरी दुनिया में बहुत ही मशहूर है.
गया शहर जिसे की पितरों के तर्पण करने के लिए पिंड देकर अपने पितरों का मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है हर साल लोग यहां पिंडदान करने के लिए देश विदेश से आते हैं गया शहर से संबंधित एक पौराणिक कथा है कहा जाता है कि गयासुर नाम का एक असुर था
उसके पिता का हत्या देवताओं ने किया था इसलिए गयासुर अपने पिता के हत्या का बदला लेने के लिए देवताओं से युद्ध छेड़ दिया जिसमें भगवान विष्णु ने आकर गयासुर से लड़ाई किया
जिसके बाद भगवान विष्णु ने गयासुर को एक पत्थर में परिवर्तित कर दिया बाद में गयासुर के इच्छा पर भगवान विष्णु ने उसे एक वरदान दिया उन्होंने कहा कि जब भी कोई अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करेगा और इसी पत्थर पर आकर पिंडदान करेगा.
तो उसे मुक्ति प्राप्त होगी. उसके बाद से ही पिंड दान करने की परंपरा गया में प्रचलित हो गई गया में भगवान विष्णु का मंदिर है लेकिन इस मंदिर के किसी भी मूर्ति का कोई भी पूजा नहीं करता है.
2. मुंगेर दार्शनिक स्थल
मुंगेर में सीतापुर नामक प्रमुख कुंड है इस कुंड का नाम भगवान राम के धर्म पत्नी सीता जी के नाम पर नाम रखा गया है ऐसा माना जाता है कि जब राम सीता जी को रावण से छुड़ाकर ला रहे थे
तो उनको अपनी पवित्रता साबित करने के लिए यहीं पर अग्नि परीक्षा दिया था ऐसी मान्यता है कि अग्नि परीक्षा देने के बाद सीता जी ने इसी कुंड में स्नान किया था मुंगेर शहर को मीर कासिम ने अपना राजधानी बनाया था.
3. नालंदा दार्शनिक स्थल
बिहार टूरिस्ट्र प्लेस इन हिन्दी नालंदा में विश्व का सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय स्थापित है ऐसा माना जाता है कि इस विश्वविद्यालय का स्थापना 450 ईसवी में गुप्त साम्राज्य के कुमार गुप्त ने किया था नालंदा विश्वविद्यालय पूरे दुनिया में सबसे बड़ा अध्ययन का केंद्र माना जाता है हर जगह से छात्र यहां पर अध्ययन करने के लिए आते हैं
नालंदा में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने 2 साल तक रह करके पूरी जानकारी हासिल की थी नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में उसने पूरी जानकारी घूम घूम कर के लिया था जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थंकर भगवान महावीर नालंदा में कई वर्षों तक बिताया था.
4. पावापुरी दर्शनीय स्थल
पावापुरी में ही जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थकर भगवान महावीर ने अपना प्राण त्याग किया था कहा जाता है कि जब भगवान महावीर ने अपना शरीर त्याग दिया तो उनके शरीर का जो भस्म यानि राख था उसे उन के बहुत सारे भक्तों ने उठा लिया भगवान महावीर के शरीर त्यागने के बाद जो राख हुआ था
वह मिट्टी में परिवर्तित हो गया और जब उनके भक्त उस मिट्टी को ले जाने लगे तो वहां पर एक बहुत बड़ा विशाल गड्ढा हो गया और उसी में सारा मीट्टी समाहित हो गया.
और वहां से जल निकलने लगा जहां पर एक बहुत बड़ा सरोवर बन गया और उसमें बहुत ही सुंदर सुंदर कमल खिल गए आज भी वह सरोवर है जिसमें की बहुत ही सुंदर सुंदर कमल खिलते हैं
5. पटना दार्शनिक स्थल
पटना भारत का सबसे प्राचीन शहर है पटना का सबसे पुराना नाम पाटलिपुत्र जाना जाता है पटना में सिख धर्म के अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म स्थान माना जाता है
पटना में बहुत सारे धार्मिक स्थल दर्शनीय स्थल है जहां की हम लोग कभी भी घूमने जा सकते हैं पटना दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का स्थल है यहां पर कुछ धार्मिक स्थल है
जैसे कि हनुमान मंदिर जोकि पटना के स्टेशन के नजदीक ही हैं बड़ी पटन देवी मंदिर छोटी पटन देवी मंदिर मंगला गौरी मंदिर दार्शनिक स्थल भी है जैसे कि चिड़ियाघर संग्रहालय गोलघर बुद्ध स्मृति पार्क अगम कुआं कुम्हरार किला हाउस शहीद स्मारक गांधी संग्रहालय पटना साहिब इत्यादि
बिहार के पटना को हिंदू और सिखों जैन धर्म और बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है गंगा नदी के किनारे बसा हुआ पटना शहर में गोलघर हैं जोकि अंग्रेजो के द्वारा बनवाया गया था गोलघर भी आकर्षण का केंद्र है गोलघर को अंग्रेजों ने अनाज भंडारण करने के लिए बनवाया था.
6. मधुबनी दर्शनीय स्थल
बिहार राज्य में एक शहर मधुबनी है जहां की मधुबनी कला और संस्कृति विश्व में जाना जाता है मधुबनी का कला और संस्कृति बहुत ही पुराना है यहां पर चित्रकारी किया जाता है
वह कहीं भी नहीं होता है मधुबनी पेंटिंग को विश्व में लोग बहुत ही पसंद करते हैं मधुबनी पेंटिंग का उल्लेख रामायण काल में ही भी मिलता है.
7. राजनगर का दार्शनिक स्थल
मधुबनी के नजदीक राजनगर शहर स्थित है जहां पर नौलखा पैलेस पहले था यह पैलेस महाराजा रामेश्वर सिंह ने बनवाया था 1934 में बहुत ही भूकंप आने के बाद नौलखा पैलेस का संरचना खराब हो गया.
इस पैलेस में बहुत ही क्षति पहुंची लेकिन इसके बाद भी इस महल का किसी भी तरह से सरकारी सुरक्षा नहीं मिल पाया जिस वजह से अभी यह महल एक खंडहर में तब्दील हो गया है इस महल के अंदर ही मंदिर उद्यान तालाब आदि है इसकी संरचना इसकी बनावट देख कर के कोई भी प्रसन्न हो जाएगा.
8. वैशाली दार्शनिक स्थल
वैशाली जिला जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म स्थली माना जाता है इसीलिए इस स्थान को पवित्र भी माना जाता है और यहां पर पहला गणतंत्र दिवस भी लागू किया गया था वैशाली में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है जैसे कि अशोक स्तंभ बौद्ध स्तूप विश्व शांति स्तूप इत्यादि जो कि बहुत ही सुंदर और आकर्षण का केंद्र है
9. सीतामढ़ी दार्शनिक स्थल
सीतामढ़ी को सीता जी का जन्म स्थली माना जाता है लोगों का कहना है कि सीता जी का जन्म यहीं पर हुआ था इस कारण से धार्मिक स्थल माना जाता है सीता जी के नाम पर हैं इस स्थल को सीतामढ़ी कहा जाता है सीतामढ़ी के प्रमुख पर्यटन स्थल है जानकी स्थान मंदिर उर्विजा कुंड हलेश्वर स्थान पंथपाकर बगही मठ आदि.
10. बक्सर दार्शनिक स्थल
बक्सर में त्रेता युग के प्रसिद्ध महर्षि विश्वामित्र का आश्रम है जहां पर भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण जी को शिक्षा मिला था उस समय की भयानक राक्षसी ताड़का का वध भगवान राम ने बक्सर में ही किया था .23 अक्टूूूबर 1764 में होने वाला बक्सर युद्ध से भी बक्सर प्रसिद्ध है.ईस्ट इंडिया कंपनी मुगल नवाब के बीच बक्सर की लड़ाई हुई थी.
जिसमें मीर कासिम सुजाउदौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने मिलकर के लड़ाई लड़ी थी लेकिन इसमें ब्रिटिश सेना जीत गई बक्सर में आज भी एक पर्यटन स्थल के रूप में मौजूद है कतकौली का मैदान के नाम से प्रसिद्ध हैं.
बक्सर का किला एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे राजा भोज देव ने बनवाया था लेकिन फिलहाल यह टूट-फूट करके एक खंडहर के रूप में बन गया है नौलखा मंदिर बक्सर का सबसे प्रसिद्ध है.
यहां पर हिंदू धर्म के श्रद्धालु बहुत ही दूर दूर से घूमने आते हैं. सीताराम उपाध्याय म्यूजिक बक्सर में है जहां की कई ऐतिहासिक साक्ष्यों को पुरातात्विक अवशेष पांडुलिपि सिक्के आदि जो मौर्य काल की मूर्तियां हैं वह सुरक्षित रखी हुई.
इसके साथ ही यहां कई हिंदू धर्म के मंदिर है जैसे कि नाथ बाबा का मंदिर बिहारी जी के मंदिर यहां पर बहुत ही दूर दूर से दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं बक्सर शहर मां गंगा जैसी पवित्र नदी के किनारे बसा हुआ है.
11. सोनपुर दार्शनिक स्थल
सोनपुर मेला एशिया में सबसे प्रसिद्ध है कार्तिक मास में यहां पर सबसे बड़ा पशु मेला लगता है और यह मेला लगभग एक माह चलता है और इस मेला में दुनिया का हर वस्तु मिलता है सोनपुर को हरिहर क्षेत्र भी कहा जाता हैं. यह एक विश्वविख्या दर्शनीय स्थल हैं
सोनपुर मेला विश्व का प्रचलित पशु मेला है यहां पर भगवान हरिहर नाथ का मंदिर है हरि भगवान विष्णु का मंदिर हर भगवान शंकर का मंदिर है भगवान हरिहर नाथ के मंदिर से संबंधित भी पौराणिक कथा है
जहां पर गज यानी कि हाथी ग्रह यानि कि मगरमच्छ में लड़ाई छिड़ गया था गज भगवान विष्णु का शिष्य था इसलिए भगवान विष्णु स्वयं वहां पर आकर के ग्रह को युद्ध में हरा करके उसे मोक्ष प्रदान किए थे तभी से वहां भगवान विष्णु का मंदिर है.
12. आरा दार्शनिक स्थल
आरा 1857 के स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्म स्थली है आरा में भी बहुत सर दर्शनीय स्थल है जैसे कि अरण्य देवी मंदिर मठिया का राम मंदिर आदि.
बिहार राज्य के आरा शहर का भी इतिहास बहुत पुराना है यहां पर देश-विदेश के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं आरा में कई पर्यटन स्थल है जैसे कि कर्बला मौलाबाग की मस्जिद शाही मस्जिद चतुर्भुज नारायण भगवान का मंदिर जामा मस्जिद जैन सिद्ध भगवान पारसनाथ मंदिर जगदंबा मंदिर कुरुवा शिव बिहारी जी का आश्रम वीर कुंवर सिंह किला सूर्य मंदिर आदि.
13. सासाराम दार्शनिक स्थल
सासाराम शेरशाह सूरी के मकबरा से ज्यादा प्रसिद्ध है यह एक प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल हैं यहां पर शेरशाह सूरी का मकबरा है जो कि विशाल झील के बीच में है जो कि देखने में बहुत अच्छा लगता है इसे उत्तर भारत के सबसे श्रेष्ठ इमारतों में माना जाता है यहां पर तारा चंडी देवी का भी मंदिर है जो धार्मिक स्थलों में प्रमुख हैं.
14. कैमूर दार्शनिक स्थल
मुंडेश्वरी मंदिर बिहार के कैमूर जिला में है यह यह एक ऐतिहासिक मंदिर है इस मंदिर की खास बात यह है ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पशु की बली दी जाती हैं नवरात्र में यहां पर बहुत दर्शक दर्शन करने आते हैं.
15. राजगीर दार्शनिक स्थल
राजगीर बिहार के नालंदा में पड़ता है यहां के विश्व शांति स्तूप प्रमुख हैं ऐसा कहा जाता है कि मगध राजवंश की पहली राजधानी राजगीर ही था बौद्ध धर्म और जैन धर्म के लोगों के लिए यह दार्शनिक स्थल बहुत प्रमुख है यहां पर विश्व शांति स्तूप का ऐतिहासिक स्तंभ है.
राजगीर का नाम पहले राजगृह था राजगीर में गर्म पानी के एक स्थल है जल स्रोत हैं जोकि बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध और प्रचलित है कहा जाता है कि यह गर्म पानी का जल स्रोत में कई औषधीय गुण मिलते हैं जरासंध जब मगध प्रदेश का राजा था तो उसने राजगीर में ही अपनी राजधानी बनाई थी.
16. भागलपुर दार्शनिक स्थल
भागलपुर बहुत ही पुराना एक दर्शनीय स्थल है महाभारत में अंग देश के राजा कर्ण के बारे में वर्णन मिलता है तो भागलपुर अंग प्रदेश का ही हिस्सा माना जाता है भागलपुर में सिल्क का व्यापार विश्व में विख्यात है
इस सिल्क के व्यापार से भागलपुर में कई लोगों का घर चलता है इतिहास का बहुत ही प्रसिद्ध विश्वविद्यालय विक्रमशिला विश्वविद्यालय भागलपुर में ही स्थित था.
कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था तो उस समय मंदराचल पर्वत में समुद्र मथने के लिए जो रस्सी लपेटा गया था वह रास्सा आज भी यहां रखा हुआ है बासुकीनाथ और मंदार पर्वत यहां के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है यहां पर गंगा नदी जानह्वी के नाम से जानी जाती है अजगैवीनाथ भगवान का मंदिर भागलपुर में ही स्थित है.
17. औरंगाबाद दार्शनिक स्थल
बिहार के औरंगाबाद जिला में हिंदू धर्म का प्रसिद्ध मंदिर देव सूर्य मंदिर है इस मंदिर का द्वार पश्चिम की तरह है इस मंदिर को एक प्रसिद्ध शिल्पकला के लिए जाना जाता है जो कि पत्थर को तराश करके उस पर नक्काशी करके एक प्रसिद्ध शिल्प कला के नमूना से बनाया गया है
कहा जाता है कि यह देव सूर्य मंदिर त्रेता युग द्वापर युग के मध्य काल में ही बनाया गया था एक पौराणिक मान्यता के अनुसार एक देवासुर संग्राम हुआ था उस समय देवता असुर से हार गए थे.
तब देवमाता अदिति ने पुत्र प्राप्ति के लिए छठी मैया का आराधना किया था उस समय छठी मैया ने देवमाता अदिति पर प्रसन्न होकर के एक बहुत ही बलशाली तेजस्वी सर्वगुण संपन्न पुत्र का वरदान दिया जिसके बाद त्रिदेव रूप आदित्य भगवान अदिति माता के पुत्र के रूप में प्राप्त हुए.
और उन्होंने ही असुरों से देवताओं की विजय कराई माना जाता है कि उसी समय से बिहार का सबसे प्रसिद्ध पर्व छठ पर्व शुरू हुआ है यहां पर छठ पर्व के समय दूर-दूर से श्रद्धालु छठ पूजा करने आते हैं छठ पूजा के अवसर पर बहुत भीड़ उमड़ती है.
- सोनपुर का मेला कब लगता हैं
- सरस्वती पूजा
- तिरंगा झंडा को किसने बनाया था
- दीपावली का महत्व
- फादर्स डे कब मनाया जाता हैं
- दुर्गा पूजा का महत्व
- गंगा नदी के बारे में पूरी जानकारी
सारांश
आप लोगों को होलीडे में वेकेशन में घूमने का मन बनाये तो आप लोग घूम सकते हैं हमने इस लेख में बिहार के प्रमुख धार्मिक और दार्शनिक स्थलों Bihar Tourist places in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है
बिहार में कई छोटे-बड़े दार्शनिक स्थल है Bihar Tourist places in hindi जहां पर घूमने के लिए मनमोहक दृश्य होता है इस लेख में बिहार के प्रमुख धार्मिक और दार्शनिक स्थलों के बारे में विस्तार रूप से जानकारी दिया गया है.
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प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।