सीबीआई और सीआईडी में क्या अंतर है?

CID Aur CBI Mein kya Antar? Hai हमारे भारत देश में किसी भी तरह का संगीन अपराध होता है और उसका सही अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं, तब सीआईडी और सीबीआई जैसे जांच एजेंसी को जांच के लिए हायर किया जाता है। पुलिस विभाग का ही एक हिस्सा सीआईडी और सीबीआई है। लेकिन दोनों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। यह दोनों ही भारत देश की प्रमुख जांच एजेंसी है। 

किसी भी तरह के क्राइम का सही अपराधी पकड़ने के लिए सीआईडी और सीबीआई जांच एजेंसी का स्थापना किया गया। सीबीआई का फुल फॉर्म CENTRAL BUREAU OF INVESTIGATION होता है। जिसको हिंदी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो या केंद्रीय जांच एजेंसी कहा जाता है। सीआईडी का फुल फॉर्म Crime Investigation Department होता है। जिसे हिंदी में अपराध जांच विभाग या राज्य स्तरीय जांच एजेंसी के नाम से जानते हैं।

यह दोनों ही जांच एजेंसी है और भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है। लेकिन सीआईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसी अलग-अलग स्तर पर कार्य करती है। इस लेख में सीआईडी और सीबीआई में क्या अंतर है के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

सीबीआई और सीआईडी में क्या अंतर है

जब भी देश में कोई बड़ा क्राइम होता है, राष्ट्रीय स्तर पर किसी क्राइम का इन्वेस्टिगेशन किया करना होता है, तब सीबीआई जांच एजेंसी के जिम्‍मे वह केस सौंपा जाता है। सीबीआई भारत के साथ साथ विदेशी स्तर पर भी किसी भी तरह की जांच एजेंसी करने के लिए स्वतंत्र होती है।

जैसे की हत्या, लूट, घोटाला, भ्रष्टाचार आदि। अगर कोई व्यक्ति अपने देश में कोई बड़ा घोटाला करता हैं या कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार करता है, तो उसको पकड़ने के लिए या उसके खिलाफ सबूत जुटाने के लिए भारत सरकार सीबीआई जांच एजेंसी को हायर करती है।

CID Aur CBI Mein kya Antar Hai

अगर कभी राज्य लेवल पर चोरी डकैती मर्डर आदि जैसा मामला होता है, तो राज्य का पुलिस उस मामले के तह तक नहीं पहुंच पाती है। तब उस समय उसके सही आरोपी को पकड़ने के लिए सभी सबूतों को इकट्ठा करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा सीआईडी जांच एजेंसी को तैनात किया जाता है।

सीआईडी जांच एजेंसी एक बहुत ही इमानदार समझदार और अपने काम के प्रति जिम्मेदार पुलिस फोर्स होती है। किसी भी तरह का अगर क्राइम होता है तो उसके तह तक जाकर हर तरह की इंफॉर्मेशन को इकट्ठा करती है।

सीबीआई सीआईडी के ऑफिसर या पुलिस को किसी भी तरह के यूनिफॉर्म नहीं होता है वह अपनी सिविल ड्रेस में रहकर ही हर एक क्राइम का सबूत ढूंढते हैं।

सीआईडी और सीबीआई का गठन

जब भारत अंग्रेजों के अधीन था उसी समय ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1941 में सीबीआई का गठन किया गया था। लेकिन जब भारत आजाद हुआ तब इस जांच एजेंसी का नाम सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन रखा गया। इसका हेड क्वार्टर नई दिल्ली में है।

सीआईडी का गठन भी ब्रिटिश सरकार के द्वारा ही किया गया था। 1902 में पुलिस विभाग को और भी मजबूत करने के लिए कठिन से कठिन अपराधों का सबूत जुटाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने सीआईडी का गठन किया था। सीआईडी का हेड क्वार्टर महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है।

सीबीआई और सीआईडी का कार्यक्षेत्र

सीबीआई भारत देश की सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी है। राष्ट्रीय लेवल पर जांच करने के लिए सीबीआई को भारत सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है। सीबीआई का जब गठन किया गया उस समय गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती थी।

लेकिन बाद में इसे कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने के लिए स्थानांतरित किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी तरह का क्राइम का जांच सीबीआई के जिम्‍मे होता है।

कोई व्यक्ति मर्डर घोटाला भ्रष्टाचार करके दूसरे देशों में भी चला जाता है तो सीबीआई को पूरा अधिकार है कि वह दूसरे देश में जाकर भी पूरी तरह से जांच करती है।

अगर किसी राज्य में कोई किसी अपराधिक मामले का जांच करना है तो उससे में सीबीआई वहां के राज्य सरकार के सहमति के बिना भी इन्वेस्टिगेशन कर सकती है।

सीबीआई को उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा आदेश किए जाने पर किसी भी राज्य में जांच करने का पूरा अधिकार होता है। सीआईडी एक राज्य लेबल की जांच एजेंसी है, तो उसे अपने राज्य भर में ही इन्वेस्टीगेशन करने का अधिकार होता है।

भारत में हर राज्य के अलग-अलग सीआईडी जांच एजेंसी होती है। जब कोई संगीन अपराध का जांच पुलिस अधिकारी के द्वारा पूर्ण नहीं हो पाता है, उस समय राज्य सरकार और हाई कोर्ट सीआईडी को कार्य सौंपती है।

सीआईडी में हर तरह के क्राइम के जांच करने के लिए कई ब्रांच बनाए गए हैं। जैसे कि डॉग स्क्वायड, ह्यूमन राइट्स डिपार्टमेंट, फिंगरप्रिंट ब्यूरो, सीबी सीआईडी, बैंक फ्रॉड, एंटी नारकोटिक्स सेल, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग, एंटी टूरिज्म विंग।

सीबीआई और सीआईडी में क्या समानता हैं

सीबीआई और सीआईडी दोनों ही क्राइम डिपार्टमेंट की इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो एजेंसी है। दोनों का काम क्राइम से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करना होता है। दोनों ही एजेंसी गुप्त रूप से संगीन अपराधों का सबूत और अपराधी को पकड़कर उनकी सजा दिलवाने का कार्य करती हैं।

दोनों ही जांच एजेंसी पुलिस विभाग का ही एक हिस्सा है। सीबीआई और सीआईडी दोनों जांच एजेंसी जब भी किसी क्राइम का जांच करती हैं तो उसका सबूत हाई कोर्ट को ही सकते हैं।

दोनों ही जांच एजेंसी सिविल ड्रेस में गुप्त तरीके से पूरी इमानदारी से और क्राइम के तह तक जाकर जांच करती है और सबूत इकट्ठा करती हैं। इसीलिए भारत देश में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और ट्रस्टेड इन्वेस्टिगेशन एजेंसी सीबीआई और सीआईडी को माना जाता है।

क्योंकि जो कार्य पुलिस विभाग के अधिकारी और पुलिस से नहीं हो पातेे है वह सीबीआई और सीआईडी के हर एक ऑफिसर तन मन और जिम्‍मेदारी से अपने कार्य को पूर्ण करते हैं।

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सारांश

CID Aur CBI Mein kya Antar Hai सीबीआई और सीआईडी  दोनो ही गुप्‍त तरीके से अपना कार्य करने वाली एजेंसी हैं। इनमें कई अंतर हैं लेकिन इसके साथ ही कई समानता भी हैं। जिसके बारे में इस लेख में विस्‍तार से बताया गया हैं।

इस लेख में दो प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई और सीआईडी के में अंतर क्या होता है के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।

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