भारतीय इतिहास में Dandi yatra in hindi बहुत ही महत्वपूर्ण एक सत्याग्रह आंदोलन था जो कि महात्मा गांधी ने यह सत्याग्रह किया था.
उनके साथ कई लोग भी इस आंदोलन का हिस्सा बने थे यह आंदोलन महात्मा गांधी ने जितने आंदोलन किए उनमें से सबसे महत्वपूर्ण था.
तो आइए हम लोग इस लेख में नमक सत्याग्रह आंदोलन यानि कि दांडी यात्रा महात्मा गांधी ने शुरू किया था नमक सत्याग्रह आंदोलन क्या था नमक सत्याग्रह आंदोलन कब हुआ, के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं.
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Dandi Yatra in hindi
महात्मा गांधी ने भारत देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए कई आंदोलन किए जिनमें से सबसे प्रमुख और सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन नमक सत्याग्रह आंदोलन था महात्मा गांधी के द्वारा चलाया गया इस आंदोलन में कई लोगों ने उनका साथ दिया था.
यह आंदोलन 12 मार्च 1930 में महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के नजदीक साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक पैदल चलकर किया था.
महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक बगावत के रूप में शुरू किया था नमक सत्याग्रह आंदोलन महात्मा गांधी ने 24 दिनों तक पैदल मार्च करके किया था. यह पहला ऐसा आंदोलन था जिसमें पुरुषों के साथ कई महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया था.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को शुरू किया लेकिन उन्हें कई लोगों ने समर्थन दिया इस आंदोलन के बाद लोगों में एक अलग ही आत्मविश्वास जग गया जिसके बाद की सविनय अवज्ञा आंदोलन करने में बहुत लोग महात्मा गांधी का साथ दिया.
नमक सत्याग्रह आंदोलन क्यों हुआ
जब महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन किया था उस समय भारत पर अंग्रेजी हुकूमत यानी कि ब्रिटिश साम्राज्य का अधिकार था उन्होंने भारत वासियों पर चाय कपड़ा यहां तक कि नमक के ऊपर भी अपना अधिकार जमा कर इस पर टैक्स लगाने लगे थे नमक एक ऐसी चीज हैं जो कि किसी भी खाने में सबसे जरूरी होता हैं मानव के भोजन के लिए सबसे महत्वपूर्ण नमक होता हैं.
इसीलिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ इस आंदोलन को शुरू किया था महात्मा गांधी ने एक मुट्ठी नमक लेकर 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से नमक आंदोलन शुरू किया और 6 अप्रैल 1930 को दांडी गांव पैदल यात्रा करके पहुंचे उनके साथ 78 लोग भी पैदल यात्रा करके इस आंदोलन में अपना अहम भूमिका निभाया था.
महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे इसलिए इस आंदोलन में किसी भी व्यक्ति के हाथ में न ही कोई झंडा था और न ही कोई तख्ती था क्योंकि यह आंदोलन लोगों को जागरूक करने के लिए उन्हें सशक्त करने के लिए किया गया था इस आंदोलन की वजह से पूरे भारत में आजादी की एक लहर उठ गई थी
और अंग्रेजी सरकार को अब डर लगने लगा था कि भारतीय जागरूक होने लगे हैं.यह आंदोलन साबरमती आश्रम से शुरू होकर दांडी गांव तक खत्म हुआ था इसलिए इस आंदोलन को दांडी यात्रा के नाम से भी जानते हैं.
नमक सत्याग्रह की शुरुआत
नमक सत्याग्रह आंदोलन होने का सबसे मेन बजह था कि अंग्रेजों ने नमक पर कर लगा दिया था दुकानों पर बहुत ही ज्यादा दामों पर नमक मिलने लगा था इसीलिए महात्मा गांधी ने नमक पर कर लगाए जाने पर उसके विरोध में इस यात्रा का शुरूआत किया था.
साबरमती आश्रम से मुट्ठी भर नमक लेकर महात्मा गांधी दांडी नामक एक गांव 24 दिनों में पैदल चलकर पहुंचे थे और नमक कानून का उल्लंघन किया और समुद्र के किनारे पहुंचकर महात्मा गांधी ने सार्वजनिक रूप से नमक का कानून तोड़ा.
और प्राकृतिक नमक उठाकर उसका नमक बनाया इस आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ-साथ पंडित जवाहरलाल नेहर, राजगोपालाचारी, सरोजिनी नायडू, आदि कई आंदोलनकारियों ने बहुत सहयोग किया था.
इस नमक सत्याग्रह आंदोलन में जितने लोगों ने हिस्सा लिया था उन पर अंग्रेजों ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी और कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल में भी बंद कर दिया गया था जिसके बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हो गया यह आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत को हिलाने में बहुत हद तक कामयाब भी हुआ.
इसीलिए 5 मार्च 1931 को गांधी इरविन समझौता के साथ इस आंदोलन को बंद किया गया और उसके बाद समुद्र के किनारे जो भी बसे हुए लोग थे उन्हें नमक बनाने का अधिकार मिल गया.
दांडी यात्रा कितने दिनों तक चली थी
नमक कानून भंग करने को लेकर महात्मा गांधी ने जो नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाया था वह आंदोलन 24 दिनों का था जिसे dandi yatra के नाम से भी जानते हैं क्योंकि यह यात्रा साबरमती आश्रम से शुरू हुआ था और दांडी गांव में खत्म हुआ था.
इस यात्रा में महात्मा गांधी के साथ कई आंदोलनकारियों ने साथ दिया 340 किलोमीटर पैदल चलकर इस यात्रा को पूरा किया गया यात्रा 6 अप्रैल 1930 को सुबह 6:30 बजे नमक कानून तोड़कर इस यात्रा को समाप्त किया गया था.
दांडी यात्रा का उद्देश्य क्या था
नमक सत्याग्रह आंदोलन जिसे dandi yatra के नाम से जानते हैं गांधी के साथ उनके कई स्वयंसेवक कई आंदोलनकारी कई स्वतंत्रता सेनानियों ने साथ दिया था इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा नमक पर लगाए गए कर के खिलाफ़ नमक कानून तोड़ने के लिए था उन्होंने समुद्र के किनारे जा करके नमक बनाया और इस नमक कानून को भंग किया.
उस समय ब्रिटिश साम्राज्य का अधिकार भारत पर था तो भारतवासियों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था और यह नमक इंग्लैंड से आता था वहीं भारतीय इस्तेमाल करते थे.
लेकिन अंग्रेजों ने इस नमक पर कर लगा दिया था नमक हर व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज होता हैं जिससे भारत वासियों को बहुत ही परेशानियां होने लगी थी इसीलिए महात्मा गांधी ने नमक कानून भंग करने के लिए नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाया था.
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सारांश
महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद कराने के लिए भारतीयों के अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिए कई आंदोलन किए लेकिन उन सारे आंदोलनों में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रसिद्ध दांडी यात्रा यानी कि नमक सत्याग्रह आंदोलन हैं.
इस लेख में दांडी यात्रा या नमक सत्याग्रह आंदोलन कब हुआ नमक सत्याग्रह आंदोलन क्यों हुआ था दांडी यात्रा कितने दिनों तक चला नमक सत्याग्रह आंदोलन का उद्देश्य क्या था दांडी यात्रा के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं दांडी यात्रा से जुड़े कोई साल आपके मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों को शेयर जरूर करें.
मैं प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ का Co-Founder हूँ। मेरी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, मुझे हिंदी में तरह-तरह के जानकारियों को साझा करने में बहुत ही सुखद अनुभूति होता हैं।