कई लोग ऐसे हैं जो कि शिक्षा विभाग में कई पदों पर नौकरी करते हैं और शिक्षा विभाग में जो भी नौकरी किया जाता हैं बहुत ही सम्माननीय माना जाता हैं तो इस लेख में डीईओ का फुल फॉर्म शिक्षा विभाग के एक पद हैं डीईओ के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
शिक्षा विभाग में जो भी नौकरी होता है उसको बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि शिक्षा को सर्वोपरि माना जाता है. जब शिक्षा किसी के पास नहीं रहेगा तो कुछ भी नहीं रहेगा।
इसीलिए शिक्षा विभाग में कार्य करना किसी भी व्यक्ति के लिए सम्माननीय होता है तो इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें और आइए नीचे विस्तार से जानकारियों के बारे में जानते हैं.
DEO Ka Full Form
जिस तरह हर विभाग में एक हेड ऑफिसर होते हैं ताकि उस विभाग का देखरेख अच्छे तरीके से कर सके उस विभाग में किसी भी बात का निर्णय लेना हो तो वह हेड ऑफिसर उसका निर्णय ले सके
जिस तरह हमारे भारत में प्रधानमंत्री हैं किसी भी तरह के निर्णय लेना हो जनता की भलाई के लिए या अपने देश की भलाई के लिए तो वही लेते हैं.जिस तरह हर राज्य में एक मुख्यमंत्री होते हैं जो कि अपने राज्य का देखरेख अपने राज्य के हित के बारे में लाभ के बारे में सोच कर किसी भी तरह का निर्णय लेते हैं.

उसी तरह शिक्षा विभाग में डीईओ ऑफिसर होते हैं जो कि शिक्षा विभाग से संबंधित किसी भी तरह का कार्य होता है या किसी भी तरह का कोई निर्णय लेना हो तो डीईओ ऑफिसर करते हैं
एजुकेशन से संबंधित कई ऐसी नौकरी हैं जिसे बहुत लोग प्राप्त करना चाहते हैं तो डीईओ का फुल फॉर्म district education officer होता हैं जो कि शिक्षा विभाग में एक जिला स्तरीय प्रशासनिक पद और बहुत ही सम्मानित पद होता हैं.
- D:- District
- E:- Education
- O:-Officer
DEO Full Form In Hindi
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर डीईओ का फुल फॉर्म इंग्लिश में होता हैं डीईओ का फुल फॉर्म हिंदी में जिला शिक्षा अधिकारी होता हैं. जिस तरह हर स्कूल में 1 प्रधानाध्यापक होते हैं
स्कूल की देखरेख के लिए उसी तरह एक जिला में पूरे जिले के एजुकेशन से संबंधित विभागों को देखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी यानी कि डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर होते हैं.
DEO kya hota hai
शिक्षा विभाग में एजुकेशन से संबंधित डिस्टिक लेवल का एक प्रशासनिक पद यानी कि डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर होता हैं जिसको हिंदी में जिला शिक्षा अधिकारी कहा जाता हैं
हर जिले में एक जिला शिक्षा अधिकारी होते हैं जो कि जिला भर में शिक्षा से जुड़े जो भी प्रशासनिक कार्य होते हैं जिले के जितने भी सरकारी स्कूल होते हैं स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति होता हैं उनका निरीक्षण होता हैं.
अध्यापकों के प्रोन्नती उनकी उपस्थिति नीति और कार्यक्रम होते हैं उनका देखरेख जिला शिक्षा अधिकारी का ही कार्य होता हैं.
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य होता हैं सरकारी स्कूलों में या निजी स्कूलों में शैक्षिक कानूनी गतिविधि प्रशासनिक गतिविधियों का निगरानी रखना.
जिला शिक्षा अधिकारी जिला स्तर पर ही कार्य करते हैं जिस जिला में नियुक्त होते हैं उस जिला भर के शिक्षा विभाग से जुड़े जो भी कार्य होते हैं उनका देखरेख वही करते हैं.
डीईओ का नियुक्ति कैसे होता हैं
जिस तरह हर एक नौकरी के लिए हर एक विभाग में किसी भी पद पर नियुक्त होने के लिए पहले एक परीक्षा देना पड़ता हैं उसके बाद ही हम कोई भी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं
तो डीईओ यानी कि डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज यूनिवर्सिटी या किसी भी संस्थान से किसी भी विषय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करना जरूरी हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी के पद के लिए जो भी भर्ती होता हैं वह राज्य के लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से ही होता हैं.
जिसमें की लिखित परीक्षा प्रारंभिक, लिखित परीक्षा मुख्य और इंटरव्यू परीक्षा होता हैं उसके बाद ही इसमें पास होने के बाद ही deo के लिए भर्ती होता हैं.
DEO के परीक्षा देने के लिए कई विषय होते हैं जैसे कि सामान्य हिंदी सामान्य अंग्रेजी सामान्य ज्ञान एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कंप्यूटर एप्लीकेशन साइंस जियोलॉजी मैथमेटिक्स आदि विषयों से प्रश्न आते हैं.
राज्य में सिविल सेवा परीक्षा हर साल राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा निकाला जाता हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में किसी भी व्यक्ति को अपना कैरियर बनवा बनाने के लिए पहले सिविल सेवा परीक्षा पास करना पड़ता हैं उनका उम्र 21 वर्ष से 40 वर्ष तक होना चाहिए
तभी इस परीक्षा में बैठ सकते हैं.जब इस परीक्षा में पास हो जाते हैं तो राज्य के लोक सेवा आयोग के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के पद के लिए भर्ती किए जाते हैं. वैसे जिला शिक्षा अधिकारी के पद के लिए परीक्षा तो देना ही पड़ता हैं
उसके साथ ही यह पद प्रमोशन करके भी पाया जा सकता हैं जो शिक्षा विभाग में किसी भी अधिकारी पद पर हैं तो प्रमोशन करके जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्राप्त कर सकते हैं.
डीईओ का क्या कार्य हैं
कई बार हम लोग देखते हैं कि किसी भी अध्यापक का प्रमोशन होता है उनका किसी दूसरी जगह ट्रांसफर होता है या शिक्षा विभाग में किसी भी तरह का कमी है उसको पूरा करना है सरकार से उसके लिए मदद लेना है तो डीईओ ऑफिसर का ही कार्य होता है
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर जिसे कि जिला शिक्षा अधिकारी कहा जाता हैं उनका कार्य जिस जिला में वह कार्यरत हैं
उस जिला में शिक्षा विभाग से संबंधित सरकारी स्कूलों कानूनी शैक्षिक और प्रशासनिक गतिविधियों का देखरेख करना उनका नियंत्रण करना मुख्य कार्य होता हैं.जिस तरह से राज्य में शिक्षा विभाग के देख रेख के लिए शिक्षा मंत्री होते हैं.
उसी तरह किसी भी जिला में शिक्षा विभग से संबंधित कार्यों को देखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी होते हैं. जिला भर में जितने भी सरकारी स्कूल होते हैं
उन्हें किसी भी अध्यापक की नियुक्ति होने से लेकर उनकी उपस्थिति उनके ऊपर उन्नति उनका निरीक्षण या शिक्षा से जुड़ी नीतियों और कार्यकलापों को देखना जिला शिक्षा अधिकारी का कार्य होता हैं .
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सारांश
जिला शिक्षा अधिकारी एजुकेशन विभाग में हर राज्य में जिला स्तरीय प्रशासनिक पद होता हैं जो कि जिला में शिक्षा से संबंधित जितने भी कार्य होते हैं उनका देखरेख करना उस पर जो भी कार्यवाही करना हो या उसके लिए जो भी निर्णय लेना हो जिला शिक्षा अधिकारी के अधिकार में होता हैं.
इस लेख में डीईओ क्या हैं डीईओ का क्या कार्य हैं डीईओ बनने के लिए कौन सा परीक्षा देना पड़ता हैं इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं deo संबंधित कोई सवाल आपके मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें और इस जानकारी को अपनी दोस्त मित्रों को शेयर जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।
Nice information thanks