हर इंसान के जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. कभी-कभी किसी को आर्थिक समस्या होती है. कभी परिवारिक समस्या होती है कभी किसी कार्य में सफलता हासिल नहीं हो पाने की वजह से परेशानी होती है. जिससे कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं.
लेकिन डिप्रेशन क्या है Depression Kya Hai डिप्रेशन का और क्या कारण है, डिप्रेशन से निकलने के लिए किस तरह का उपाय किया जा सकता है, इसका लक्षण क्या होता है, इस तरह के क्वेश्चन कई लोगों के दिमाग में आता है. जिसके बारे में इस लेख में जानकारी मिलेगी. मनुष्य के जीवन में असफलता, संघर्ष, दुख, समस्या, सामान्य परिस्थिति है.
लेकिन इसी परिस्थिति में कई बार किसी व्यक्ति को किसी समस्या की वजह से ज्यादा परेशानी हो जाती है. उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं रहती है. इसी को डिप्रेशन कहा जाता है. डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद, खिन्नता, निराशा, उदासी, विषाद, शक्तिहीनता आदि कई नामों से जाना जाता है. तो इस आर्टिकल में डिप्रेशन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
डिप्रेशन क्या है What is Depression In Hindi
अवसाद जिसे इंग्लिश में डिप्रेशन के नाम से जानते हैं. डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है, जिसकी वजह से मनुष्य के दिमाग में नकारात्मक बातें उत्पन्न होने लगती हैं. सकारात्मक बातें दिमाग में आती ही नहीं है.
उदासी जीवन में छाने लगती है. व्यक्ति का मन और दिमाग कई समस्याओं से घिरा रहता है. किसी भी तरह की बातें सोचने और समझने की क्षमता नहीं रहती है. जिससे उसे अपने जीवन में हार और हताशा दिखाई देने लगता है.
जिससे कार्य करने की क्षमता शरीर में नहीं रहती है और व्यक्ति के शरीर पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ने लगता है. अगर इस बीमारी का समय से इलाज नहीं कराया जाए तो आगे चलकर ज्यादा परेशानी भी हो सकती है.
वैसे यह कोई बड़ा भी बीमारी नहीं है, लेकिन अगर ज्यादा दिनों तक किसी व्यक्ति में डिप्रेशन का असर रहता है, तो उसे अंदर ही अंदर खोखला कर देता है. जिससे दैनिक कार्य में बाधा पड़ने लगती है. किसी तरह का कार्य करने का मन नहीं करता है.
लोगों से दूरी बनाकर रहने का मन करता है. जब भी लोगों के बीच रहते हैं, तो उन्हें और भी ज्यादा तनाव होने लगता है. परिवार से दूर होने लगते हैं. इस वजह से व्यक्ति में शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ भावनात्मक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है.
वैसे इसका इलाज भी है, अगर समय रहते किसी बेहतर साइकोलॉजिस्ट से कंसल्ट किया जाए, समय रहते सही समय से दवाई का उपयोग किया जाए तो यह समस्या बहुत ही जल्द खत्म हो सकती है.
डिप्रेशन का लक्षण
जब भी किसी मनुष्य को अवसाद जैसी बीमारी की समस्या होती है तो उसका लक्षण उस व्यक्ति के साथ साथ परिवार संबंधी दोस्तों को भी दिखाई देने लगता है.
- हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चिंता ग्रस्त रहते हैं.
- लोगों से दूरी बनाकर रहने लगते हैं.
- जहां भी दो या चार व्यक्ति रहते हैं, वहां पर उन्हें भीड़ जैसा महसूस होता है और वहां पर उनका दम घुटने लगता है.
- डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति को चिड़चिड़ापन होने लगता है.
- अपने अंदर हमेशा उदासी भरा रहता है.
- अपने आप को हारा हुआ महसूस करते हैं और कई तरह के उलझन में हमेशा उलझे रहते हैं.
- उनके अंदर नकारात्मक समस्याएं बढ़ने लगती है.
- आत्मविश्वास की कमी हो जाती है.
- घर में कितना भी खुशी का माहौल हो, पूरा परिवार एक साथ रह कर हंस बोल रहा हो, लेकिन जिसे डिप्रेशन होता है वह अपने आप में उदास रहता है.
- जहां भी भीड़ भाड़ वाली जगह होती है, वहां से अपने आपको दूर रखने की कोशिश करने लगते हैं. उन्हें अकेलापन ज्यादा पसंद होता है.
- डिप्रेशन के कारण शरीर में अनावश्यक मोटापा बढ़ने लगता है.
- किसी भी समस्या से बाहर निकलने में असमर्थ हो जाते है.
- किसी भी तरह के निर्णय लेने में असमर्थ होने लगते हैं.
- हर समय भ्रम की स्थिति रहती है जिससे गलत आशंकाओं से घिरे रहते हैं.
- बहुत ही कम बोलते हैं और छोटी-छोटी बातों पर भी ज्यादा गुस्सा आता है.
- शरीर में एक अलग तरह की बेचैनी महसूस होती है.
- अगर कोई पसंदीदा कार्य है, पसंदीदा खाना है, जो कि, बहुत पसंद होता है लेकिन डिप्रेशन के समय वह सभी चीजें अच्छी नहीं लगती है.
- हमेशा थकान महसूस करते हैं.
- कई बार लोगों का डिप्रेशन इतना बढ़ जाता है कि वह गलत संगत में पड़ जाते हैं. कभी-कभी नशीली दवाओं का शराब का ड्रग्स का सेवन भी करने लगते हैं.
- नींद अच्छे से नहीं आती है.
- किसी भी काम को करने जाते हैं तो उसमें परेशानी महसूस होने लगती है.
- कभी-कभी डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को नींद ज्यादा आती है.
- शरीर में भी कई तरह के परेशानी होने लगती है, जैसे कि सिरदर्द पाचन की समस्या, थकान आदि. इसके साथ साथ और भी कुछ बीमारी पकड़ने लगती है.
डिप्रेशन का कारण
डिप्रेशन का कारण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकता है. हर किसी की जीवन में हर दिन कई तरह के उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. जिनमें कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती है. लेकिन कुछ व्यक्ति उन समस्याओं को हल करके अपने आप को स्वतंत्र कर लेते हैं.
लेकिन किसी व्यक्ति को उन समस्याओं से निकलने में परेशानी होती है. किसी भी कार्य को लेकर बहुत जल्द निर्णय नहीं ले पाते हैं. जिससे कि वह डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. इसके साथ ही डिप्रेशन के और भी कई कारण हो सकते हैं.
1. परिवारिक समस्या
कई बार हम अपने परिवारिक समस्याओं में इतना उलझते जाते हैं कि उसकी वजह से हमें तनाव होने लगता है. कभी-कभी किसी व्यक्ति से हमें बहुत ही ज्यादा लगाव रहता है और वह हमें छोड़ कर चला जाता है.
या किसी कारण से उससे दूरी बन जाता है तो डिप्रेशन हो जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि किसी परिवार में पति पत्नी के झगड़े की वजह से उनके बच्चों के जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. तनावग्रस्त माहौल में पलने वाले बच्चे डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं.
2. कार्य की समस्या
कई बार मनुष्य के जीवन में ज्यादा कार्य हो जाने की वजह से भी अवसाद बढ़ जाता है. अगर कोई कंपनी में कार्य कर रहा है और उसे एक लिमिट समय में बहुत ही ज्यादा कार्य कंपनी की तरफ से करने के लिए दे दिया जाता है. वह कार्य पूरा नहीं हो पाता है जिससे उन्हें मानसिक समस्या उत्पन्न होने लगती है.
3. आर्थिक समस्या
कई लोग आर्थिक समस्या होने की वजह से भी डिप्रेशन के शिकार होने लगते हैं. एक उदाहरण के लिए मान लीजिए कि किसी व्यक्ति को बिजनेस में बहुत ही ज्यादा घाटा हो जाता है. जिस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय होने लगती है.
पैसों की कमी होने लगती है. परिवार की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हो जाते हैं. पैसा आने का कोई भी रास्ता दिखाई नहीं पड़ता है. ऐसे समय में व्यक्ति मानसिक रोगों से ग्रसित होने लगता है.
वह अपने आप को हारा हुआ महसूस करने लगता है. उसके अंदर हताशा उत्पन्न होने लगता है. और उसके मानसिक समस्याएं दिन पर दिन बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगती है,जो कि एक डिप्रेशन जैसी बीमारी का रूप ले लेती है.
4. तनावपूर्ण घटनाएं
हमारे जीवन में कई बार कई तरह के तनावपूर्ण घटनाएं भी उत्पन्न होती है. जिससे उबरने में हमें समय लगता है. लेकिन कई व्यक्ति मानसिक रूप से अगर कमजोर हैं उन्हें किसी तनावपूर्ण माहौल को हैंडल करने का क्षमता नहीं है, तो उन्हें डिप्रेशन जैसी बीमारी हो जाती है.
उदाहरण के लिए अगर कोई रास्ते में किसी दुर्घटना को होते हुए देख लिए या किसी परिवार वाले को किसी तरह को ज्यादा परेशानी हो गया, तो ऐसे समय में उन्हें तनाव होने लगता है. दिमाग पर वहीं घटना हमेशा जागृत होने लगती है जिससे उन्हें डिप्रेशन हो जाता है.
5. नींद की कमी
आज के समय में लोग मोबाइल कंप्यूटर आदि पर इतना रमे हुए हैं, कि उन्हें अपना नींद पूरा करने का भी समय नहीं मिल पाता है. कई बार रात के समय में ज्यादा देर से मोबाइल पर और कंप्यूटर पर मूवीज या वीडियो देखने के वजह से रात में नींद पूरी नहीं हो पाती है.
सुबह में अधूरा नींद से जागने के कारण दिनभर का उनका जो दैनिक कार्य होता है वह पूरा नहीं हो पाता है. जिस वजह से तनाव हो जाता है. कार्य नहीं होने की वजह से नींद पूरा नहीं होने की वजह से डिप्रेशन का भी शिकार होने का समस्या उत्पन्न होने लगता है.
इसलिए हर व्यक्ति को मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए 1 दिन में 7 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करनी चाहिए. नींद पूरा नहीं होने की वजह से थकावट भी हो जाता है. शरीर में आलस हो जाता है. शरीर तरोताजा महसूस नहीं हो पाता है. जिससे किसी काम में मन नहीं लगता है. दिमाग में सकारात्मक विचार उत्पन्न होती है.
6. पुरानी बीमारी
कई बार देखा जाता है कि किसी मनुष्य को कोई पुरानी बीमारी रहती है और वह बीमारी कितना भी इलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं होता है. तब भी अपने अंदर हताशा और निराशा उत्पन्न होने लगता है. दिमाग में यही बैठ जाता है कि किसी भी डॉक्टर से दिखाए तो बीमारी ठीक नहीं हो सकता है और इसी चिंता से ग्रस्त रहते रहते डिप्रेशन जैसी बीमारी की समस्या शुरू होने लगती है.
6. नशीली दवाओं का सेवन
कई लोगों को नशीले पदार्थों का सेवन करने का नशा हो जाता है. जैसे कि वह शराब पीते हैं ड्रग्स लेते हैं सिगरेट बीड़ी या कई तरह के तंबाकू का उपयोग करते हैं. तो ऐसे समय में भी उन्हें डिप्रेशन होने लगता है. कई लोग अपने नशे की लत को छोड़ना चाहते हैं लेकिन उनके अंदर बेचैनी होने लगता है. उस समय भी उन्हें मानसिक समस्या उत्पन्न होती है.
7. वैवाहिक समस्या
कई बार पति-पत्नी में कई तरह की समस्याओं को लेकर झगड़े होते हैं. लेकिन वही झगड़े और बहस कभी-कभी ज्यादा बढ़ जाता है. जिससे उनके रिश्ते के बीच में दरार उत्पन्न हो जाती है. ऐसे समय में एक पति पत्नी कभी-कभी तलाक की नौबत तक भी पहुंच जाते हैं.
जिससे अपने जीवनसाथी से अलग होने की वजह से बिछड़ने की वजह से डिप्रेशन की भी समस्या होने लगती है. किसी व्यक्ति को किसी से प्रेम है उससे विवाह करना चाहते हैं.
लेकिन परिवार की सहमती नहीं मिल पाने से वह बिछड़ जाते हैं. एक नहीं हो पाते हैं, तो ऐसे समय में भी मानसिक समस्या उत्पन्न होती है. जिससे धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं.
डिप्रेशन से निकलने का उपाय
वैसे तो डिप्रेशन से एक व्यक्ति को निकालना बहुत ही बड़ी समस्या होती है. लेकिन इसका समय रहते उपचार करने से, समय रहते इस समस्या का हल ढूंढने से इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है. इसके कई उपाय हैं. अगर शुरू में ही लक्षण पहचान में आ जाता है, तो उसे सही तरीके से इलाज कराकर डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है.
1. अपनी समस्याओं को बताएं
जब कभी हमें अगर किसी तरह की समस्या होती है, किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त होते हैं उन समस्याओं को अपने परिवार से शेयर जरूर करना चाहिए. अगर किसी तरह की परेशानी में है तो उस परेशानी से निकलने का हल अपने परिवार संबंधी दोस्तों आज से लेना चाहिए.
इससे हमारे अंदर जो भी उलझन होते है वह दूर हो जाता है. मन शांत हो जाता है जिससे डिप्रेशन होने की किसी भी तरह की कोई समस्या उत्पन्न ही नहीं हो सकती है.
2. अपने मन को हमेशा शांत रखें
किसी कार्य को लेकर अगर बहुत ही ज्यादा तनाव ग्रस्त हैं, तो अपने मन को शांत रखकर सही निर्णय लेने की कोशिश करें. किसी भी कार्य को अगर करने जाए तो उसे पूरे आत्मविश्वास के साथ सकारात्मक बातों को दिमाग में रख कर ही करें. जब आपके अंदर आत्मविश्वास भरा रहेगा तो किसी भी कार्य को करने जाएंगे तो कार्य हो जाएगा. जिससे मानसिक समस्या उत्पन्न होने का कारण ही खत्म हो जाएगा.
3. व्यायाम करें
अपने मन को शांत रखने के लिए शरीर में एनर्जी बनाए रखने के लिए हर रोज व्यायाम करना भी जरूरी है. हर रोज लगभग 30 मिनट तक सुबह में एक्सरसाइज करते हैं, तो दिन भर शरीर तरोताजा महसूस करता है. दिमाग एकदम फ्रेश रहता है. जिससे शरीर में एनर्जी बना रहता है. किसी भी कार्य को फ्रेश दिमाग से कर सकते हैं.
4. हर रोज भरपूर नींद लें
जीवन में समस्याओं को दूर करने के लिए हर रोज नींद पूरा करना जरूरी है. अगर नींद आधी अधूरी रहती है तो उस दिन का पूरा दिन खराब हो जाता है. इससे कार्य को करने में मन नहीं लगेगा. शरीर में आलस बना रहेगा. जिससे कार्य नहीं हो पाएगा और हमारे अंदर उदासी उत्पन्न होने लगता है. इसलिए हर रोज लगभग 7 से 8 घंटे सोना जरूरी है.
5. नशीली पदार्थों से दूर रहे
हमारे जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. लेकिन उन समस्याओं से अगर हम शांत दिमाग और दृढ़ निश्चय सोचते हैं, तो वह समस्या खत्म हो सकती है. लेकिन कई लोग ऐसे ही कई बार नशीली पदार्थों के सेवन में लग जाते हैं.
इसलिए किसी भी तरह की समस्या आए तो उसका समाधान ढूंढिए. नशीली पदार्थों से दूर रहें. जिससे हमारे अंदर नेगेटिविटी उत्पन्न ही नहीं होगी. सकारात्मक बातें हमेशा सोचते रहेंगे तो डिप्रेशन भी नहीं होगा.
6. गलत संगत में न पड़े
हमेशा सही लोगों के संगत में रहना चाहिए. कहा जाता है कि संगत से गुण होत है, संगत से गुण जात. यानी कि बुरे लोगों के साथ में रहने से बुरे कार्यों का प्रभाव होने लगता है. बुरे कार्यों में दिमाग लगने लगता है. लेकिन वहीं अगर अच्छे लोगों के साथ में रहते हैं, तो अच्छी बातें सीखते हैं.
कई लोग नेगेटिव बातें कर करके दूसरे को नकारात्मक बातें सोचने पर मजबूर कर देते हैं. इसलिए जब भी अपने दोस्त मित्र बनाएं तो अच्छे व्यक्ति के साथ दोस्ती करें. ताकि वह आपके अंदर सकारात्मक उर्जा भर दें. उनके साथ रह कर अच्छे-अच्छे कार्य करें आपका दिमाग तरोताजा रहे.
7. अपने पसंद का कार्य करें
जब भी हम किसी कार्य को करने जाते हैं और उस कार्य में हमारी रुचि नहीं रहती हैं, तो वह हम पूरे मन से नहीं कर पाते हैं. जिससे हमें तनाव हो जाता है. उस कार्य को नहीं करने की वजह से निराशा उत्पन्न होती है. इसलिए जो कार्य आपको अच्छा लगता है उसी कार्य में अपना फ्यूचर बनाएं.
उसी कार्य में लगे रहे. जैसे कि अगर आपको लिखने का रूचि है, तो लिखने का कार्य करें. गाना गाने का रुचि है, तो गाना गाने का कार्य करें. इसी तरह जिस काम में सबसे ज्यादा मन लगता है, उसी को करें.
जहां तक हो सके खाली समय में गाना सुने अपने परिवार के साथ समय बिताएं. बच्चों के साथ खेलें अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाएं. इससे हमारे दिमाग में कार्य का तनाव नहीं रहेगा दिमाग फ्रेश रहेगा.
8. डॉक्टर से कंसल्ट करें
अगर आपको लगता है कि डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं और ऊपर बताए गए जो भी लक्षण है उनमें से कोई भी लक्षण अगर दिखाई देता है, तो एक बेहतर डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेकर कंसल्ट करें. किसी भी साइकोलॉजिस्ट से अपनी समस्याओं को बताएं और उनसे इलाज कराएं.
सही समय से डॉक्टर से इलाज कराने से डिप्रेशन जैसी बीमारी बहुत ही जल्द खत्म हो जाती है. डॉक्टर के द्वारा बताए गए कारगर उपचार, सही सलाह, सही दवा और सही थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं तो वह जरूर आपके लिए लाभदायक होगा.
9. पोषक पदार्थों का सेवन करें
कभी-कभी शरीर में खून की कमी होने से या कमजोरी होने की वजह से भी डिप्रेशन हो जाता है, तो ऐसे में अपने अंदर एनर्जी लाने के लिए जहां तक हो सके पोषक पदार्थों का सेवन करना चाहिए. जितना हो सके विटामिन, प्रोटिन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होने वाली पोषक पदार्थ ही खाएं.
FAQ
डिप्रेशन ठीक होने में कितना समय लगता है.
इस मानसिक समस्या को बहुत जल्द खत्म करने के लिए जब लक्षण महसूस होता है, तो तत्काल ही किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें. सही समय से उपचार होने की वजह से बहुत जल्द ही डिप्रेशन जैसी समस्या से मुक्ति मिल सकती है.
क्या डिप्रेशन ज्यादा खतरनाक होता है.
वैसे कहा जाए तो यह एक बहुत ही समस्या जनक बीमारी है. लेकिन अगर इस बीमारी का बहुत जल्द इलाज कराया जाए तो यह बहुत जल्द खत्म हो जाती है. वहीं अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाए, यह बीमारी ज्यादा दिनों तक बढ़ती जाती है, उसका सही समय से इलाज न कराया जाए, तो एक मनुष्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है.
डिप्रेशन क्यों होता है.
डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी होने का प्रमुख कारण व्यक्ति में लाचारी, निराशा, अप्रसन्नता, परिवारिक समस्या और असफलता, आर्थिक समस्या, व्यापारिक समस्या आदि हो सकता है.
सारांश
Depression Kya Hai जब किसी व्यक्ति के दिमाग में नकारात्मक बातें उत्पन्न होने लगती है. चिंता तनाव उदासी सोचने की क्षमता कम हो जाती है, तो ऐसे समय में एक मानसिक रोग उत्पन्न हो जाता है. जिसे डिप्रेशन के नाम से जानते हैं.
अगर सही समय से इसका उपचार न किया जाए इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर ज्यादा खतरनाक होने की आशंका होती है. डिप्रेशन के लक्षण उपाय और कारण के बारे में इस लेख में विस्तृत जानकारी दी गई है. अगर इस जानकारी से किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट के द्वारा पूछ सकते हैं.
प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।