धर्मवीर भारती का व्‍यक्तित्‍व व रचनाएं | Dharmveer Bharti in hindi

हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक कवि नाटककार, उपन्यासकार, साहित्यकार, धर्मवीर भारती Dharmveer bharti in hindi के बारे में  धर्मवीर भारती के जन्म के बारे में उनके साहित्यिक जीवन के बारे में इस लेख में जानने वाले हैं.

धर्मवीर भारती आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि लेखक साहित्यकार, उपन्यासकार, नाटककार, आदि थे. धर्मवीर भारती एक सामाजिक विचारक थे. उन्होंने सप्ताहिक पत्रिका  धर्मयुग में संपादन भी किया था

तो आइए Dharmveer bharti का जन्‍म कब और कहां हुआ उन्‍होंने शिक्षा कहां से प्राप्‍त की थी उन्‍होंने कौन कौन सी रचनाएं की हैं उनकी महान कृतियों के लिए कौन कौन सम्‍मान और पुरस्‍कार दिया गया के बारे में विस्‍तार से जानते हैं.

Dharmveer Bharti in hindi 

Dharmveer Bharti को उनके सदाबहार रचनाओं, लेखन के लिए पदम श्री से सम्मानित भी किया गया था. धर्मवीर भारती एक ऐसे लेखक थे जो भारतीय हिंदी साहित्य में उपन्यास, कविता ,कहानी ,एकांकी ,काव्य नाटक ,शोध साहित्य ,अनुवाद साहित्य ,आदि को अपनी लेखनी से निर्माण किया . वह एक प्रगतिशील लेखक थे

आधुनिक काल के कवि धर्मवीर भारती ने कई सप्ताहिक पत्रिका में भी संपादन किया था गुनाहों का देवता उपन्यास से धर्मवीर भारती की सबसे ज्‍यादा प्रसिद्धि मिली और उन्हें ख्याति प्रदान था.

Dharmveer bharti in hindi
dharmveer bharti

सूरज का सातवां घोड़ा एक ऐसा कहानी है जिस पर की श्याम बेनेगल ने एक फिल्म भी बनाई थी इसके साथ ही कई ऐसे नाटक कहानी उनके लिखे हुए हैं जिसे भारतीय रंगमंच पर भी मंचन किया गया है.

भारतीजी को सरदचंद्र और जय शंकरप्रसाद के रचनाओं से बहुत लगाव था वह कार्ल मार्क्स के सिद्धांत और उनके आदर्शों से प्रभावित थे धर्मवीर भारती को हरियाली और फूलों से बहुत प्रेम था इसीलिए उनकी रचनाओं में फूल से संबंधित भी कई रचना मिलते हैं.

धर्मवीर भारती का जन्म 

नामडॉ धर्मवीर भारती
जन्‍म25 दिसंबर 1926
पिता का नामश्री चिरंजीव लाल वर्मा
माता का नामचंदा देवी
पत्नि का नामकांता कोहली और पुष्प लता भारती
रचनाएंअनुप्रिया,गुनाहों का देवता,ठंडा लोहा,अंधा युग,सात गीत वर्ष,सूरज का सातवां घोड़ा,मानस मूल्य साहित्य,नदी प्यासी,कहानी अनकहनी,ठेले पर हिमालय,परयान्ति, देशांतर
संपादनधर्म युग, अभ्युदय और संगम
भाषा शैलीसमीक्षात्मक, भावात्मक, वर्णनात्मक, व्यंगात्मक, चित्रात्मक शैली
सम्‍मानपद्म श्री पुरस्कार,सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ नाटककार पुरस्कार,संगीत नाटक अकादमी,राजेंद्र प्रसाद सम्मान,भारत भारती सम्मान,महाराष्ट्र गौरव,कौड़िय न्यास,व्यास सम्मान
मृत्‍यु4 सितंबर 1997

Dharmveer Bharti इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ला के रहने वाले थे .उनका का जन्म 25 दिसंबर 1926 को हुआ था धर्मवीर भारती के पिता का नाम श्री चिरंजीव लाल वर्मा और माता का नाम चंदा देवी था.

यह एक जमींदार खानदान के थे इनका परिवार सामंती था लेकिन इन्हें सामंती व्यवस्था बिल्कुल पसंद नहीं था वह इससे चिढ़ते थे. Dharmveer Bharti  एक देशभक्त इंसान थे यह उन्हें अपने परिवार से संस्कार मिला था उनके पिता बहुत ही ईमानदार थे और यही संस्कार इन्हें भी मिला था .

धर्मवीर भारती के शिक्षा 

धर्मवीर भारती का परिवार आर्य समाज संस्कार वाला परिवार था उनके पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी जिससे कि उन्हें आर्थिक संकट से गुजरना पड़ा था किताबें पढ़ने का शौक धर्मवीर भारती को बचपन से ही था.

जब वह स्कूल से आते थे तो सबसे पहले अपनी पुस्तकें रख करके किताबें पढ़ने में लग जाते थे उनकी शुरुआती पढ़ाई इलाहाबाद के डीएवी कॉलेज से हुई थी धर्मवीर भारती को बाल्यकाल से ही शास्त्रों की पढ़ाई करना शास्त्रों के प्रति रुचि था क्रांतिकारियों के बारे में पढ़ा करते थे.

सुभाष चंद्र बोस से काफी प्रभावित थे साथ ही कई क्रांतिकारियों के बारे में भी पढ़ने का उनका इच्छा जागृत रहता था पढ़ाई के दौरान ही कई जर्मन फ्रांसीसी स्पेन और देश विदेश के कवियों के बारे में उनके अंग्रेजी अनुवाद के बारे में पढ़ा करते थे.

कई उपन्यास पढ़ने का उन्हें रुचि था.Dharmveer bharti ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए किया था और यहीं से उन्होंने M.A. की डिग्री भी प्राप्त किया था फिर इन्होंने यहीं से पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की आगे चलकर इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय  में लेक्चरर की नौकरी भी की.

धर्मवीर भारती का विवाह

Dharmveer bharti ने एक पंजाबी शरणार्थी लड़की कांता कोहली से विवाह किया था लेकिन इनका संस्कार धर्म अलग होने की वजह से उनका विवाह ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका और उनके संबंध टूट गए लेकिन उन्होंने अपना कार्य करना नहीं छोड़ा.

इसके बाद भी कई रचनाएं उन्होंने कि जैसे कि कनुप्रिया देशांतर अंधा युग 7 गीत वर्ष आदि धर्म युग  में संपादन भी किया. धर्म युग में ही संपादन करते वक्त एक शोध छात्रा और हिंदी के प्राध्यापक पुष्प लता शर्मा से उन्होंने दूसरा विवाह किया.

धर्मवीर भारती का स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग

भारती जी जब इंटर में पढ़ाई कर रहे थे तभी महात्मा गांधी के विचारों से महात्मा गांधी के आंदोलनों से प्रभावित हो गए बीच में ही पढ़ाई छोड़ कर स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में कूद पड़े थे सुभाष चंद्र बोस के बारे में अक्‍सर पढ़ते रहते थे.

इसीलिए हाथ में हमेशा उनके कोई ना कोई हथियार रहता था और जाकर के सशस्त्र क्रांतिकारी दल में शामिल हो गए लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनके मामा जी ने उन्हें बहुत ही समझा-बुझाकर के वापस इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई के लिए एडमिशन करा दिया जिस वजह से उनकी पढ़ाई में 1 साल  नुकसान हो गया.

धर्मवीर भारती के साहित्यिक जीवन

भारतीजीआधुनिक हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक ,कवि ,नाटककार ,सामाजिक विचारक ,निबंधकार, उपन्यासकार आदि थे जब उनकी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई चल रही थी उसी समय धर्मवीर भारती अभ्युदय और संगम में पत्रकारिता करने लगे.

और पत्रकारिता पूरी तरह से सीखने के बाद कुछ ही दिनों बाद हिंदुस्तान अकैडमी में वह काम करने लगे जिसमें कि उन्होंने बहुत सारी कहानियां लिखी जैसे कि मुर्दों का गांव स्वर्ग और पृथ्वी. उसी समय माखनलाल चतुर्वेदी से उनकी मुलाकात हुई और माखनलाल चतुर्वेदी से वह बहुत प्रोत्साहित भी हुए.

जिसके बाद वह स्नातक की पढ़ाई हिंदी से अच्छे नंबरों से प्राप्त करके चिंतामणि गोल्ड मेडल प्राप्त किए थे वह इंग्लिश से स्नातकोत्तर करना चाहते थे लेकिन हिंदी में अच्छे नंबर आने की वजह से उन्होंने हिंदी से ही आगे की पढ़ाई जारी रखा.

और साथ ही एक लेखक के रूप में भी कार्य करते रहें सिद्ध साहित्य पर शोध कार्य उन्होंने शुरू किया और उसके साथ ही कई कविताएं भी जैसे ठंडा लोहा नामक पुस्तक में उनकी छप गई यहीं से उनके एक लेखक के रूप में कार्य शुरू हुआ.

उसके बाद ही उन्‍होंने गुनाहों के देवता जैसे महान उपन्यास लिखा जिससे कि उन्हें बहुत ख्याति मिली और कई उपन्यास उन्होंने लिखना शुरू किया सूरज का सातवां घोड़ा भी उन्होंने लिखा है जब उनका शोध कार्य खत्म हो गया.

उसके बाद bhartiji इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में कार्य करने लगे अध्यापक के रूप में कार्य करने के साथ ही कई एकांकी नाटक संग्रह का भी उन्होंने रचना कर दिया जिसमें कई प्रसिद्ध रचनाएं शामिल है भारत के संत और सूफी कबीर जायसी और सूरदास के बारे में पूरी तरह से पढ़ रहे थे और समझ भी रहे थे.

सप्ताहिक पत्रिका धर्म युग  में  संपादन

उन्होंने सप्ताहिक पत्रिका धर्म युग  में  संपादन किया था इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लेक्चरर की नौकरी से उन्होंने त्यागपत्र देकर  धर्म युग में संपादन करने लगे थे .इसी समय उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्रा पुष्प लता से भेंट हुई.

उन्होंने उन्हीं से शादी किया.  Bharti ने बहुत  सारी रचनाएं की है एवं काव्य छेत्र में बहुत सारी पुस्तकों की रचना की है .उनकी रचनाओं में भावात्मक, समीक्षात्मक ,वर्णनात्मक, शैलियों का प्रयोग होता था .

वो एक प्रतिभाशाली लेखक कवि, उपन्यासकार, नाटककार, निबंधकार इत्यादि थे इनकी रचनाओं में सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के बारे में बखूबी मिलता है इन्होंने अपनी रचनाओं में खड़ी बोली का प्रयोग किया है.

गुनाहों का देवता Dharmveer Bharti का प्रमुख उपन्यास था इसी उपन्यास से हिंदी साहित्य में उनका स्थान ऊपर उठ गया था धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री  पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था .

धर्मवीर भारती का व्यक्तित्व

उनको एक प्रेम और रोमांच का रचनाकार भी कहा जाता है क्योंकि उनकी कविताओं में कहानियों में उपन्यासों में प्रेम और रोमांच का भरपूर रचना रहता है उनका व्यक्तित्व एक क्रांतिकारी भी था.

कुछ दिनों व स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल हुए थे लेकिन उनके परिवारजनों ने उन्हें फिर से समझा-बुझाकर पढ़ाई की ओर आकर्षित कर दिया.

धर्मवीर भारती आधुनिक काल के एक बहुत ही बड़े उपन्यासकार कहानीकार नाटककार थे जिन्होंने कई महान महान रचनाएं रची है उनकी रचनाओं के लिए सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं धर्मवीर भारती कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों को और आदर्शों को बहुत मानते थे.

वह एक धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे क्योंकि उनके परिवार में धार्मिकता का बहुत बड़ा प्रभाव था एक ईमानदार व्यक्ति थे यह सारे संस्कार उन्हें अपने परिवार से ही मिला था.

धर्मवीर भारती की प्रमुख रचनाएं एवं कृतियां 

उन्‍होंने धर्म युग पत्रिका में संपादन किया था लेकिन आज के पत्रकारिता के स्टूडेंट  धर्मवीर भारती को स्कूल ऑफ जर्नलिज्म नाम से सम्मानित करते हैं धर्मवीरजीने हर तरह के रचनाएं की है  जैसे कि उपन्यास कविता नाटक एकांकी कहानियां आलोचना निबंध इत्यादि उनकी कुछ प्रमुख रचनाएं हैं.

  • अनुप्रिया
  • गुनाहों का देवता
  • ठंडा लोहा
  • अंधा युग
  • सात गीत वर्ष
  • सूरज का सातवां घोड़ा
  • मानस मूल्य
  • साहित्य
  • नदी प्यासी
  • कहानी अनकहनी
  • ठेले पर हिमालय
  • परयान्ति
  • देशांतर आदि .

धर्मवीर भारती को  मिले सम्मान

  • पद्म श्री पुरस्कार
  • सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ
  • नाटककार पुरस्कार
  • संगीत नाटक अकादमी
  • राजेंद्र प्रसाद सम्मान
  • भारत भारती सम्मान
  • महाराष्ट्र गौरव
  • कौड़िय न्यास
  • व्यास सम्मान आदि

धर्मवीर भारती की भाषा शैली

भारती जी के निबंध की कहानी नाटक उपन्यास आदि का भाषा शैली बहुत ही साहित्य खड़ी बोली सरल और सुबोध होती थी उनके रचनाओं में गंभीरता तत्सम शब्द का प्रधानता समीक्षात्मक भावात्मक वर्णनात्मक व्यंगात्मक चित्रात्मक शैली का इस्तेमाल उन्होंने किया है.

bharti भारतीय हिंदी साहित्य के चिरकाल तक याद किए जाएंगे उनका उपन्यास निबंध कहानी नाटक सभी बहुत ही श्रेष्ठ होते थे.

धर्मवीर भारती की मृत्यु 

उन्‍हें आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक कवि कथाकार नाटककार उपन्यासकार आदि के रूप में जानते हैं. उनकी रचनाएं  आम आदमी के भाषा में होती थी और उनकी रचनाएं ऐसी थी कि लोगों के दिलों को गहराई से छू जाती थी.

भारतीजी ने पत्रकारिता भी बहुत अच्छे से किया था उनकी कविताएं ज्यादातर व्यंगात्मक होती थी कुछ पौराणिक कथाओं का जीवनी पर रचनाएं की है उन्होंने हर तरह के रचनाएं की है उनकी रचनाओं में भारत दर्शन और मानवतावादी परंपरा के बारे में भी दर्शाया गया है .

4 सितंबर 1997 में धर्मवीर भारती का मृत्‍यु हो गया उनकेे  मृत्यु से हमारे हिंदी साहित्य का एक सुनहरा लेखक का भी  अंत हो गया. उनको हम लोग आधुनिक हिंदी साहित्य के लेखक के रूप में हमेशा याद करते रहेंगे.

सारांश 

इस लेख में आधुनिक काल के महान कवि लेखक उपन्यासकार निबंधकार नाटककार डॉ भरतीजी के जीवन के बारे में उनका जन्म कहां हुआ उनका विवाह किससे हुआ उनके माता पिता कौन थे.

उनका साहित्यिक जीवन कैसा था धर्मवीर भारती की रचनाओं में भाषा शैली कौन सा प्रयोग किया जाता था के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.

धर्मवीर भारती इन हिंदी Dharmveer bharti in hindi  से संबंधित अगर कोई भी सवाल आपके मन में है तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें.इस लेख में  पदम श्री  सम्मानित धर्मवीर भारती के  बारे में पूरी जानकारी दी हैंं. आप लोगों को यह जानकारी कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें.

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