दीपावली पर्व तो सभी मनाते हैं लेकिन Diwali ka mahatva क्या हैं यह क्यों मनाया जाता हैं इस पर्व का कौन-कौन सा धार्मिक एतिहासिक और पौराणिक महत्व और कथाएं हैं इस दिन क्या किया जाता हैं इस तरह के जानकारी भी रखना बहुत ही जरूरी हैं.
क्योंकि यह पर्व हिंदू के लिए बहुत ही बड़ा और खास पर्व होता हैं. जब दीपावली का पर्व आता हैं तो बच्चों के लिए पटाखें बम आदि खरीदने का एक अलग ही उछल कूद होने लगता हैं। हर घर में जो छोटे-छोटे बच्चे होते हैं वह दुकान पर से तरह-तरह के पटाखे छुरछुरी आदि खरीदने लगते हैं.
हर किसी के घर में साफ सफाई होने लगता हैं घर घर में एक अलग ही चहल पहल रहता हैं Diwali in hindi information एक अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व हैं यह पूरे भारत में बहुत ही प्रसिद्ध पर्व हैं दीपावली हिंदुओं का बहुत ही बड़ा और प्राचीन पर्व तो हैं ही लेकिन यह और भी कई धर्मों में बहुत हर्ष उल्लास और खुशी से मनाया जाता हैं.
भारत वासियों का यह मान्यता हैं कि सत्य की सदा जीत होती हैं और झूठ का हमेशा नाश होता हैं तो दीपावली के दिन इसी शब्दों को चरितार्थ करते हुए सभी लोग मनाते हैं.
Diwali Ka Mahatva
दिवाली हिंदुओं का एक बहुत ही प्रसिद्ध और बहुत ही प्राचीन पर्व हैं. दिवाली को दीपों का या रोशनी का पर्व कहा जाता हैं। इस पर्व का बहुत ही पौराणिक धार्मिक एतिहासिक और महत्व हैं। यह पर्व प्राचीन काल से ही मनाया जाता हैं। जिसका उल्लेख रामायण काल से ही मिलता हैं।
जोकि हमें पुराणों में इसके कई जगह उल्लेख मिलते हैं। यह अन्याय पर न्याय,बुराइ पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश का पर्व हैं। दिवाली पर्व मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं.तो ऐसी मान्यता हैं कि जब भगवान श्रीराम ने रावण को मार कर के 14 वर्ष का अपना वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे।

उस दिन कार्तिक मास का अमावस्या था और उस दिन अयोध्या वासियों ने भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी के वापसी की खुशी में पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। तभी से इस दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता हैं और Diwali ka mahatva भी लोगों को समझ आने लगा.
भगवान श्री राम का अयोध्या वापसी
बाल्मीकि रामायण या श्रीरामचरितमानस घर-घर में पढ़ा जाने वाला एक बहुत ही बड़ा और पुराना महाकाव्य हैं तो इस महाकाव्य में भगवान श्री राम के बारे में पढ़ा जाता हैं.
त्रेता युग में जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के लिए अपनी पत्नी देवी सीता और अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ वनवास गए थे उस समय लंका का राजा रावण के द्वारा सीता जी का हरण हुआ इसके पश्चात भगवान श्री राम ने रावण के साथ युद्ध किया और उसको युद्ध में मार गिराया.
नरकासुर का वध
दीपावली के संदर्भ में एक यह भी पौराणिक कथा हैं कि जब भगवान विष्णु ने द्वापर युग में श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था उस समय गोकुल में भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए मथुरा के राजा कंस ने नरकासुर नामक राक्षस को भेजा था तो भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का इसी दिन वध किया था.
और नरकासुर के द्वारा बंदी बनाई गई देवताओं मानव और गंधर्वों की 16000 कन्याओं को उस से मुक्त करा कर खुशी-खुशी उनके घर पहुंचाया था. इसीलिए ब्रज वासियों ने खुश होकर पूरे गोकुल को दीपों से जलाकर पूरा गोकुल प्रज्वलित किया और खुशी मनाई थी.
समुद्र मंथन और मां लक्ष्मी का प्रकट होना
दीवाली का महत्व एक और पौराणिक कथा हैं जिसके अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ उस समय समुद्र से देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि भगवान इसी दिन प्रकट हुए थे. समुद्र मंथन करने का एक कथा हैं जिसके अनुसार दुर्वासा ऋषि ने देवताओं के राजा इंद्र को श्राप दिया था.
जिसके कारण देवी लक्ष्मी जी समुद्र में समाहित हो गई थी जिस वजह से देवताओं में हाहाकार मच गया था और असुर देवताओं पर हावी होने लगे थे इसी को देखते हुए भगवान विष्णु ने एक योजना बनाकर देवताओं और असुरों को मिलाकर समुद्र मंथन किया गया.
इस समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी फिर से बाहर निकली तो इस खुशी में पूरे धरती पर और देवलोक में चारों तरफ खुशियां मनाई जाने लगी दीप प्रज्वलित किया गया और उस दिन मां लक्ष्मी का पूजन अर्चन हुआ तभी से दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने की मान्यता हैं.
दीपावली कब और क्यों मनाया जाता हैं
दीपावली पूरे भारत में हर जगह हर गांव हर शहर में मनाया जाता हैं इसे दीपों का खास पर्व कहा जाता हैं यह पर्व आज से नहीं बल्कि बहुत ही पहले से ही इसका उल्लेख वेदों और पुराणों में भी मिलता हैं तभी से मनाया जाता हैं बहुत ही प्राचीन पर्व हैं दीपावली का पर्व कार्तिक मास में अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं.
इस पर्व से चार पांच दिन पहले से ही सभी लोग अपने अपने घर का साफ सफाई करते हैं ताकि देवी लक्ष्मी का घर में वास हो. इस दिन मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश जी का पूजा होता हैं.
दीपावली मनाने के कई पौराणिक कथाएं हैं जो हमने ऊपर बताए हैं लेकिन और भी कई धर्मों में भी यह पर्व मनाया जाता हैं उसके भी कई कथाएं हैं.
- बौद्ध धर्म में भी Diwali ka mahatva हैं क्योंकि कहा जाता हैं कि बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान महात्मा बुद्ध को सम्मान देने के लिए उनके जो अनुयाई थे उन्होंने बहुत सारे दीप जलाकर उनका स्वागत किया था और यह पर्व मनाया था.
- जैन धर्म में भी दीपावली बहुत ही हर्षोल्लास से और खुशी से मनाया जाता हैं क्योंकि कहा जाता हैं कि जैन धर्म के जो 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर थे उन्होंने इस दिन ही अपना शरीर त्याग किया था.
- सिख धर्म में भी यह पर्व बहुत ही जोरों शोरों से मनाया जाता हैं क्योंकि सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी इस दिन जेल से रिहा हुए थे और 1577 में अमृतसर का जो सबसे बड़ा सिखों का गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर हैं उसका निर्माण भी दीपावली के दिन ही हुआ था. इसलिए जैन धर्म में भी Diwali ka mahatva हैं.
दीपावली के दिन क्या-क्या करते हैं
क्योंकि दीपावली एक दीपों का पर्व हैं इस दिन हर किसी का घर शहर हो या गांव हर जगह सिर्फ दीप ही दीप दिखाई देता हैं. चारों तरफ मिट्टी के दिए में घी का दीपक जलते हैं. दीपावली पर्व जब आता हैं तो लोगों में एक अलग ही उत्साह भर जाता हैं.
कई दिनों पहले से ही हर कोई अपने अपने घर और अपने घर के आस-पास साफ सफाई करने लगते हैं. कई लोग तो अपने घर का रंग रोगन भी कराने लगते हैं क्योंकि यह एक हर्ष उल्लास और प्रकाश पर्व माना जाता हैं.
ऐसा कहा जाता हैं कि जो भी बुराई हैं या जो भी बुरी शक्तियां हैं वह दीपावली के दिन भी घी के दिए में जलकर नष्ट हो जाते हैं. दीपावली एक प्रकाश का और स्वच्छता का पर्व के रूप में जाना जाता हैं.
जब शाम होता हैं तो सभी लोग अपने घर में दुकान में मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन बहुत ही धूमधाम से और हर्षोल्लास से करते हैं क्योंकि मां लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं और भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता कहे जाते हैं तो इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से घर के जो भी विघ्न होते हैं.
वह खत्म हो जाते हैं और माता लक्ष्मी का घर में वास होता हैं. बच्चे पटाखे छोड़ते हैं चारों तरफ दिए जलाये जाते हैं. अमावस्या के दिन भले ही अंधेरा रहता हैं लेकिन इस दिन दीवाली होने से चारों तरफ उजाला ही उजाला रहता हैं. दीपावली को अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व कहा जाता हैं. इसलिए Diwali ka Mahatva हिन्दुओं के लिए विशेष हैं.
Diwali का अर्थ
दिवाली का अर्थ दीपकों का श्रृंखला यानी की लाइन होता हैं. Diwali संस्कृत का एक शब्द हैं जो कि दो शब्दों से मिलकर बना हैं दीप का मतलब दीपक होता हैं और आवली का मतलब लाइन होता हैं तो यह दोनों मिलाकर दिवाली का अर्थ दीपकों का लाइन होता हैं.
दीवाली को कहा जाता हैं कि यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जाता हैं. जैन धर्म में दीपावली पर्व को त्याग तथा संयम का पर्व माना गया हैं.
दिवाली को दीपोत्सव भी कहा जाता हैं. यह पर्व बुराई पर अच्छाई का जीत का पर्व माना जाता हैं दीपावली को अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा की विजय का त्यौहार कहा जाता हैं. इस दिन चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश फैला रहता हैं.
इसलिए इसको अंधकार पर प्रकाश का विजय प्राप्त करने वाला पर्व माना जाता हैं इस दिन सभी लोग अपने घर और घर के आस-पास मिट्टी के दिये जलाकर दीप प्रज्वलित करते हैं.
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सारांश
Diwali ka mahatva इस लेख में Diwali ka kya mahatva हैं दीवाली का क्या पौराणिक कथाएं हैं. दीपावली कब और क्यों मनाया जाता हैं दीवाली के दिन क्या किया जाता हैं के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं आप लोगों को यह जानकारी कैसा लगा कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।