भारत देश में कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से बनाए रखने के लिए कई भागों में बांटा गया है. ऐसे ही हर राज्य में जिला होता है. जिला में कानून व्यवस्था की देखरेख के लिए जिला अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं. जिन्हें डीएम कहते हैं.
लेकिन DM Ka Full Form डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है, DM का जिले में कौन-कौन सा कार्य होता है इस तरह की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख में विस्तार से जानकारी मिलेगी. भारत में हर साल यूपीएससी के द्वारा सिविल सर्विसेज एग्जाम आयोजित किया जाता है. इसमें सफल होने वाले अभ्यार्थी ही जिला के मालिक बनाए जाते हैं.
एक जिला में विकास कार्य से लेकर कानून व्यवस्था का देखरेख जिले में शांति बनाए रखना डीएम का ही जिम्मेदारी होता है. यूपीएससी के द्वारा सिविल सर्विसेज एक्जाम पास करके एक आईएएस ऑफिसर बनते हैं.
एक आईएएस ऑफिसर ही किसी भी जिले में DM के पद पर नियुक्त होते हैं. डीएम का क्या कार्य होता है डीएम बनने के लिए चयन प्रक्रिया क्या है विस्तार से नीचे जानते हैं.
DM Ka Full Form
डीएम का फुल फॉर्म District Magistrate होता है. आईएएस का पूरा नाम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस होता है जिसे हिंदी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के नाम से जानते हैं. भारत में आईएएस, आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए यूपीएससी के द्वारा होने वाला सिविल सर्विसेज एग्जाम देना पड़ता है.
इस एग्जाम को कई चरणों में कराया जाता है. भारत में सबसे बड़ा और सबसे कठिन एग्जाम यूपीएससी होता है. यूपीएससी का एग्जाम पास करके जब आईएएस ऑफिसर बनते हैं तो वहीं एक जिला के डीएम का पद प्राप्त करते हैं.
D | District | डिस्ट्रिक्ट |
M | Magistrate | मजिस्ट्रेट |

डीएम का पद का शुरुआत 1977 से हुआ. एक डीएम को जिला में सबसे ज्यादा पावर प्राप्त होता है. जिला में कानून, व्यवस्था न्याय व्यवस्था के साथ-साथ और भी बहुत सारी सुविधाओं का देखरेख करना डीएम का ही कार्य होता है.
DM Full Form In Hindi
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को हिंदी में जिला अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट, जिलाधीश या जिला के मुखिया के रूप में जाना जाता है. किसी भी जिला में सबसे बड़ा पद और सबसे बड़ी जिम्मेदारी डीएम का ही होता है.
इन्हें कई तरह का पावर प्राप्त होता है. किसी को भी डीएम बनने के लिए यूपीएससी के द्वारा एग्जाम पास करके आईएएस ऑफिसर बनना पड़ता है, उसके बाद ही एक जिला के मालिक बनकर जिला में हर तरह के कानून व्यवस्था या अन्य तरह की व्यवस्थाओं का देखरेख कर सकते हैं.
DM कैसे बने
अगर किसी जिला में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पद प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसके लिए यूपीएससी के द्वारा कंडक्ट किया जाने वाला सिविल सर्विसेज एक्जाम पास करना पड़ता है.
यूपीएससी एग्जाम एक बहुत ही कठिन एग्जाम होता है. जिसमें हर साल लगभग 10 लाख से ज्यादा कैंडिडेट सम्मिलित होते हैं. लेकिन उनमें कुछ ही ऐसे कैंडिडेट होते हैं, जो कि एग्जाम पास कर के आईएएस ऑफिसर बनते हैं.
आईएएस ऑफिसर बन कर राज्य में अपने नंबर के अनुसार अपने रैंक के अनुसार अलग-अलग पद प्राप्त करते हैं. आप भी अगर DM बनना चाहते हैं, तो पहले एक आईएएस ऑफिसर बनने के लिए एग्जाम का बेहतर तैयारी सिलेबस और पैटर्न की जानकारी रख कर ही इस एग्जाम को पास कर पाएंगे.
1. ग्रेजुएशन पास करें
डीएम बनने के लिए सबसे पहले ट्वेल्थ पास करने के बाद किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करें. ग्रेजुएशन कॉमर्स आर्ट्स या साइंस किसी भी विषय से करते हैं, तो आईएएस ऑफिसर बनने के लिए एग्जाम दे सकते हैं. यूपीएससी के एग्जाम में ग्रेजुएशन में अच्छे नंबर प्राप्त होना चाहिए.
2. सिलेबस और पैटर्न की जानकारी रखें
यूपीएससी एग्जाम में जनरल नॉलेज, करंट अफेयर्स, इतिहास, हिंदी, भूगोल, मैथ, साइंस आदि सभी सब्जेक्ट के बारे में बेहतर जानकारी होना चाहिए. क्योंकि इस एग्जाम में अधिकतर क्वेश्चन इन्हीं विषयों से दिया जाता है.
सबसे ज्यादा इस एग्जाम को पास करने के लिए न्यूजपेपर, टीवी न्यूज़ आदि के द्वारा जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स के बेहतर जानकारी रख सकते है.
वैसे इस एग्जाम को पास करने के लिए यूपीएससी एग्जाम के लिए हर साल बुक भी निकलता है. उस बुक के माध्यम से हर एक क्वेश्चन आंसर का बेहतर तरीके से अनुमान लगा सकते हैं और तैयारी भी अच्छे से कर सकते हैं.
3. कोचिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन करें
अगर अपने आप से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी बेहतर तरीके से नहीं कर पाते हैं, या बुक के द्वारा पढ़कर भी पूरी तरह से सिलेबस पैटर्न समझ में नहीं आता है, तो किसी इंस्टिट्यूट या कोचिंग सेंटर में एडमिशन करा सकते हैं.
कोचिंग या इंस्टिट्यूट में हर एक सब्जेक्ट के बारे में बेहतर जानकारी दिया जाता है. यूपीएससी एग्जाम का अच्छे तरीके से तैयारी अनुभवी टीचरों के द्वारा कराया जाता है.
4. यूपीएससी एग्जाम क्वालीफाई करें
हर साल यूपीएससी के द्वारा आयोजित होने वाला सिविल सर्विसेज एग्जाम का फॉर्म भरकर एग्जाम के अप्लाई करें. इस एग्जाम में तीन चरण में एग्जाम कराया जाता है.
जिसमें प्रारंभिक एग्जाम, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू एग्जाम होता है. अगर इन तीनों चरणों को पास कर जाते हैं, तो ही एक आईएएस ऑफिसर बनते हैं.
आईएएस ऑफिसर बनने के बाद लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में कुछ दिनों के लिए ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है. जब ट्रेनिंग पूरा हो जाता है तो उसके बाद आईएएस ऑफिसर को उनके रैंक के अनुसार पद प्राप्त होते हैं.
डीएम के लिए योग्यता
- सबसे पहले ग्रेजुएशन पास करें.
- ग्रेजुएशन में कॉमर्स आर्ट्स या साइंस कोई भी स्ट्रीम हो सकता है.
- अगर कोई अभ्यार्थी कोई टेक्निकल या प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त किए हैं तो वह भी डीएम बनने के लिए यूपीएससी का एग्जाम दे सकते हैं.
- DM के लिए भारत का नागरिक होना चाहिए.
- उम्र 21 साल से 30 वर्ष होना आवशक हैं.
- ओबीसी और एससी एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट के लिए 3 साल और 5 साल की छूट दी जाती है.
डीएम बनने के लिए चयन प्रक्रिया
देश में या राज्य के अंदर किसी भी तरह के प्रशासनिक सेवा में नियुक्त होने के लिए यूपीएससी का एग्जाम दिया जाता है. यूपीएससी का एग्जाम 3 चरणों में आयोजित किया जाता है. जिसको पास करने के बाद एक आईएएस ऑफिसर बनते हैं. आईपीएस ऑफिसर ही जिला के मालिक बनाए जाते हैं.
1. प्रिलिमनरी एक्जाम
यह यूपीएससी का पहले चरण का एग्जाम होता है. इस एग्जाम में अभ्यार्थी को दो पेपर हल करना होता है इन दोनों पेपर में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन दिए जाते हैं. दोनों पेपर मिलाकर 400 नंबर का होता है. जिसमें एक पेपर का मार्क्स 200 नंबर होता है.
2. मुख्य एग्जाम
प्रारंभिक एग्जाम को पास करने वाले अभ्यर्थी मुख्य एग्जाम देने के योग्य होते हैं. इस एग्जाम में 9 पेपर होता है. जिसमें 1750 अंक होते हैं.अगर इस एग्जाम को पास कर लेते हैं तभी इंटरव्यू एग्जाम के लिए क्वालीफाई हो पाते हैं.
3. इंटरव्यू
इंटरव्यू को हिंदी में साक्षात्कार कहा जाता है. इस एग्जाम में वही कैंडिडेट बुलाए जाते हैं जो कि प्रारंभिक एग्जाम और मुख्य जाम में पास किए होते हैं.
इंटरव्यू एग्जाम में हर एक कैंडिडेट का पर्सनालिटी उनके हाव भाव, मानसिक क्षमता, उनकी सूझबूझ, और उनके निर्णय लेने की क्षमता का आकलन किया जाता है. हर एक कैंडिडेट को सामने बैठा कर क्वेश्चन पूछा जाता है.
अगर इस एग्जाम को पास कर जाते हैं, तो आईएएस ऑफिसर के रूप में चयनित किए जाते हैं. उसके बाद कुछ दिनों के लिए ट्रेनिंग कराया जाता है. ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद संबंधित पद पर जिला में राज्य में या देश में कहीं भी नियुक्ति किया जाता है.
DM का कार्य
जिला में न्यायिक व्यवस्था, कानून व्यवस्था से संबंधित किसी भी तरह का कार्य होता है तो वह डीएम के अंदर ही आता है. एक जिला का मालिक डीएम को कहा जाता है.
इसलिए जिला के अंदर किसी भी तरह के शांति व्यवस्था को बनाए रखना जिला में विकास करना डीएम का ही कार्य होता है. इसके अलावा और भी कई कार्य DM के होते हैं.
- अगर किसी भी तरह का इलेक्शन है और रैली कराना है तो उसका परमिशन डीएम से लेना होता है और डीएम की जिम्मेदारी होती है कि वह रैली शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.
- अगर जिला के अंदर किसी भी तरह का दंगा फसाद हुआ है और वहां पर कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है तो यह DM की जिम्मेदारी होती है
- यहां तक कि अगर शांति बनाए रखने के लिए कर्फ्यू भी लागू करना पड़े तो वह DM के आदेश के बिना नहीं हो सकता है.
- अगर किसी भी तरह की दुर्घटना की वजह से या किसी भी वजह से दंगा फसाद होता है, तो उस पर कंट्रोल करना और उसके बारे में सरकार को विस्तृत तरीके से रिपोर्ट करना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का काम होता है.
- कभी-कभी प्राकृतिक आपदा जैसे कि भूकंप, बाढ़ आदि से ग्रामीणों को बहुत परेशानी हो जाती है उस समय लोगों की मदद करना उन्हें सुविधा प्रदान कराना डीएम की जिम्मेदारी होती है.
- जिले में पुलिस विभाग के हर एक पुलिस किस तरह से अपना कार्य कर रहे हैं उन पर निगरानी जिला अधिकारी ही रखते हैं.
- जिले में जो भी सरकारी कार्य होते हैं उसको बेहतर तरीके से और ध्यानपूर्वक सही तरीके से DM ही करवाते हैं.
- हर एक पुलिस अधिकारी के साथ मिलकर अपने राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखना डीएम का कार्य है.
- कई बार DM के द्वारा जनता दरबार भी लगाया जाता है. जिसमें जिला के हर एक ग्रामीण अपनी शिकायतें लेकर जाते हैं. उन शिकायतों को सुनकर उन पर कार्यवाही कर उनका निवारण डीएम करते हैं. अगर जरूरत पड़े तो उसे राज्य सरकार के पास भी रिपोर्ट करते हैं और उससे संबंधित कानून व्यवस्था या ग्रामीणों के लिए विकास कार्य करने के लिए सहयोग करते हैं.
- जिले में अगर सरकारी योजना के तहत कार्य करवाना हैं जैसे सिचाई के लिए पानी की व्यवस्था,पानी रोकने के लिए बांध आदि तो पहले DM से परमिशन लेकर वह योजना पास करवाना पड़ता हैं.
- जिला के अंदर अगर कोई सरकारी इंडस्ट्रियल और नॉन इंडस्ट्रियल चीजें हैं तो उनको हैंडल करना और उस पर नियंत्रण बनाए रखना डीएम का कार्य है.
DM को मिलने वाली सुविधाएं
एक जिला में कई अधिकारी होते हैं लेकिन सबसे बड़ा पद और प्रतिष्ठित पद एक जिला अधिकारी का होता है. जिला अधिकारी के दिशा निर्देश के अनुसार ही जिला में पुलिस विभाग में सही देखरेख के साथ कार्य किया जाता है.
बड़ा पद होता है बड़ी जिम्मेदारी होती है इसलिए DM को बेहतर सिक्योरिटी की भी जरूरत होती है. इसलिए डीएम को सरकार के तरफ से कई सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं.
- कहीं भी जाने के लिए सरकार के तरफ से गाड़ी मिलता है.
- गाड़ी में एक ड्राइवर भी सरकार की तरफ से ही मिलता है.
- अगर DM को कहीं छुट्टी के लिए जाना है या कही भी ट्रेवेल करना हैं तो उन्हें रेलवे टिकट फर्स्ट एसी में प्राप्त होता है.
- सुरक्षा के लिए दो या तीन गार्ड मिलते हैं.
- किसी भी हाई सोसाइटी एरिया में सरकारी बंगला प्राप्त होता है.
- अगर किसी बीमारी का इलाज कराना है तो उस इलाज के लिए बेहतर चिकित्सा फ्री में पूरे परिवार को मिलता है.
- DM के पद पर रहते हुए अगर कोई कोर्स करना चाहता है आगे पढ़ने के लिए किसी भी तरह का डिग्री प्राप्त करना चाहता है तो उस पढ़ाई लिखाई का खर्चा भी सरकार के तरफ से मिलता है.
- फ्री बिजली बिल प्राप्त होता है.
- घर में कहीं भी बात करने के लिए फ्री में टेलीफोन कनेक्शन प्राप्त होता है.
FAQ
डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है?
DM का फुल फॉर्म डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है.
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
जिला अधिकारी, जिला के मालिक, कलेक्टर जिलाधीश के रूप में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को जाना जाता है.
डीएम बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना होता है?
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के द्वारा आयोजित होने वाला सिविल सर्विसेज एग्जाम दिया जाता है.
डीएम का कार्य क्या होता है?
जिला के अंदर कानून व्यवस्था और न्याय व्यवस्था बेहतर तरीके से बना कर शांति बनाए रखना.
डीएम कौन होते हैं?
एक आईएएस अधिकारी जिला के मालिक होते हैं.
डीएम की सैलेरी कितनी मिलती हैं?
सातवें वेतनमान के आधार पर डीएम को बेहतर सैलरी प्राप्त होती है.
- एसडीएम का फुल फॉर्म क्या होता हैं
- एसएससी का फुल फॉर्म क्या होता हैं
- आईपीएस का फुल फॉर्म क्या होता हैं
- आईएएस का फुल फॉर्म क्या होता हैं
- बीपीएससी का फुल फॉर्म क्या होता हैं
- यूपीएससी का फुल फॉर्म क्या होता है
- सीआईडी ऑफिसर कैसे बनें
सारांश
DM Ka Full Form वर्तमान समय में सभी युवा प्रशासनिक सेवा में कार्यरत होना चाहते हैं. क्योंकि प्रशासनिक सेवा में सम्मान प्रतिष्ठा के साथ-साथ बेहतर सैलरी भी प्राप्त होता है. इसी तरह डीएम का भी एक पावरफुल पद होता है.
जिसको प्राप्त करने का सपना लगभग हर छात्र को होता हैं. इसलिए छात्र टेंथ ट्वेल्थ पास करने के बाद ही बेहतर तैयारी करने लग जाते हैं. ताकि वह यूपीएससी का एग्जाम पास करके एक आईएएस ऑफिसर बनकर किसी भी जिला में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पद प्राप्त कर सके.
इस लेख में DM का फुल फॉर्म क्या होता है डीएम कैसे बने,डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के लिए चयन प्रक्रिया किस तरह से होता है आदि के बारे में ऊपर विस्तार से दिया गया है. अगर DM फुल फॉर्म से संबंधित किसी भी तरह का सवाल आपके मन में है तो कृपया कमेंट के द्वारा जरूर बताएं.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।