दूरबीन का अविष्कार किसने किया, अविष्कार कब हुआ, उपयोग

Doorbeen Ka Avishkar Kisne Kiya पृथ्वी पर मानव जाति को अपने सुविधा के अनुसार अपने उपयोग के लिए हर रोज नए नए चीजों की जरूरत होती है. पृथ्‍वी पर जब से मानव सभ्यता की शुरुआत हुई उसके बाद कई चीजों का अविष्कार हुआ जैसे कि गाड़ी बिजली बल्ब आदि.

वैसे ही किसी दूरी पर रखे चीज को नजदीक और बड़ा देखने के लिए दूरबीन का अविष्कार किया गया.(वैसे तो आज के समय में पृथ्वी से कितना ऊंचा आकाश में तारे और पिंड को भी देखने के लिए दूरबीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है.

लेकिन दूरबीन का अविष्कार सबसे पहले किसने किया दूरबीन का अविष्कार कैसे किया गया इसके बारे में अगर जानकारी नहीं है तो इस संबंधित जानकारी इस लेख में विस्तार से दी गई है.दूरबीन को दूरदर्शी में भी कहा जाता है.

इंग्लिश में दूरबीन को टेलीस्कोप कहा जाता है दूरबीन एक ऐसा प्रकाशकीय उपकरण होता है जिसके माध्यम से दूर की चीजें आकार में बड़ा और बहुत ही नजदीक देखा जाता है. दूरबीन के अविष्कार किस तरह के प्रयोग से हुआ पहले बनाए हुए दूरबीन को बदलाव करके फिर किस अविष्कारक ने बेहतर दूरबीन बनाया के बारे में नीचे जानते हैं

Doorbeen Ka Avishkar Kisne Kiya

दूरबीन के अविष्कारक के बारे में अधिकतर लोगों को लगता है कि गैलीलियो गैलीली ने किया था. लेकिन गैलीलियो ने पहले अविष्कार किए गए दूरबीन में कुछ बदलाव करके ज्यादा पावर का बनाया था.

सबसे पहले Doorbeen का अविष्कार हॉलैंड के नीदरलैंड में हुआ था. नीदरलैंड में एक चश्मे का व्यापारी था जिसका नाम हेंस लिपरशी था. हेंस लिपरशी चश्मे में लेंस लगाकर चश्मा बेचता था.

Doorbeen Ka Avishkar Kisne Kiya

हेंस लिपरशी ने जिस दूरबीन का अविष्कार किया उसका नाम Kikjer रखा था.हेंस लिपरशी ज्‍यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं था. बल्कि अपने घर परिवार को चलाने के लिए चश्मा बनाकर बेचता था.

लेकिन एक खेल खेल में ही गलती से ही उससे दूरबीन का अविष्कार हो गया. हेंस लिपरशी के द्वारा बिना सोचे समझे जब दूरबीन का अविष्कार हो गया उसके बाद उन्होंने दोनों आंखों से लगाकर देखने वाला Doorbeen बनाया जिसका नाम द्विनेत्रीय दूरबीन रखा.

द्विनेत्री Doorbeen में उन्होंने उत्तल लेंस और अवतल लेंस दोनों ही लेंस का उपयोग करके बनाया. हिना स्लीपर सी के द्वारा दूरबीन का अविष्कार होने के बाद यूनान के गैलीलियो गैलीली ने भी इसमें कुछ बदलाव करते इसमें ज्यादा पावर का दूरबीन बनाया.

गैलीलियो ने जो Doorbeen बनाया उसको खगोलीय उद्देश्य के लिए उपयोग करने के लिए बनाया था. हेंस लिपरशी के द्वारा बनाया गया दूरबीन की डिजाइन में कई तरह का सुधार करके गैलीलियो ने जो Doorbeen बनाया उससे बृहस्पति के चार बड़े चंद्रमा गैनीमेड, कैलिस्टो और यूरोपा की खोज की.

Doorbeen का अविष्कार कैसे हुआ

हॉलेंड के नीदरलैंड के रहने वाले हेंस लिपरशी अपने दुकान पर बहुत सारे चश्मे के लेंस रखते थे और उससे चश्मा बनाकर बेचते थे. 1 दिन स्कूल की छुट्टी होने की वजह से उसका बेटा दुकान पर कार्य करने के लिए आया.

हेंस लिपरशी के बेटे ने खेल-खेल में जो लेंस था उसको बारी-बारी से आंखों पर लगाकर देखता था. रंग-बिरंगे कांच के जो लेंस थे उसे देखते देखते एक बार उसने अचानक देखा कि उसके घर के सामने एक गिरजाघर था वह गिरजाघर बहुत ही नजदीक में दिखाई देने लगा.

तब उसने अपने पिता से यह बात बताई. जब हेंस लिपरशी ने भी वह कांच का लेंस उठाकर देखा तो गिरजाघर बहुत ही नजदीक और कई गुना बड़ा दिखाई दे रहा था. इसी तरह उसने दूरबीन का अविष्कार कर दिया.

लेकिन जब इटली के रहने वाले गैलिलियो को दूरबीन के अविष्कार के बारे में पता चला तो उसने उस दूरबीन में कुछ और बदलाव करके सुधार करके उससे भी ज्यादा ताकतवर और ज्यादा पावर वाला लेंस इस्तेमाल करके दूरबीन बनाई.

गैलीलियो के द्वारा बनाया गया Doorbeenसे कोई भी दूर की वस्तु लगभग 20 गुना से 30 गुना ज्यादा नजदीक दिखाई देने लगी. उस दूरबीन से गैलीलियो ने आकाश की रहस्‍यों का भी पता लगाया.

दूरबीन का अविष्कार कब हुआ

1608 इसवी में 17वीं शताब्दी में हेंस लिपरशी ने हॉलैंड के मिडलबर्ग शहर में दूरबीन का अविष्कार किया. जिसका नाम किक्जर रखा गया था. बिना सोचे समझे ही दूरबीन का अविष्कार लिपरशी के द्वारा हो गया. तब उन्होंने 25 सितंबर 1608 इसवी में उस Doorbeen का पेटेंट अपने नाम करवाया.

Doorbeen Ka Avishkar Kisne Kiya

आकाशीय पिंडों को देखने के लिए हेंस लिपरशी के द्वारा बनाए गए दूरबीन से ज्यादा ताकतवर दूरबीन 1610 में गैलीलियो ने बनाया. गैलरी द्वारा बनाए गए दूरबीन से 20 से 30 गुना ज्यादा नजदीक समान दिखाई देता था.

Doorbeen का उपयोग

पहले किसी भी दूर के वस्तुओं को देखने के दिए कोई ऐसा वस्तु नहीं था, जो कि नजदीक में दिखाई देता था. लेकिन 1608 इसवी में हेंस लिपरशी के द्वारा जब दूरबीन का अविष्कार हुआ, तो उसको उससे दूर की चीजें तीन गुना ज्यादा दिखाई देने लगा.

लेकिन गैलेलियो के द्वारा बनाए गए Doorbeen का उपयोग आकाशीय खगोल पिंडों को देखने के लिए और उनके गति का अध्ययन करने के लिए भी किया जाने लगा है. भारत में कई जगहों पर ऐसा दूरबीन स्थापित किया गया है जिससे सूर्य का अध्ययन किया जाता है.

वैसे तो आज के समय में कई ऐसे Doorbeen का अविष्कार हो रहा है जो कि कंप्यूटर के द्वारा जोड़कर खगोलीय पिंडों का अध्ययन आसानी से किया जा रहा है. आकाश में जो इतनी दूर तारे हैं वह दूरबीन के उपयोग से अपने नजदीक और बहुत ही बड़े साइज में दिखाई देते हैं.

FAQ

दूरबीन का दूसरा नाम क्या है?

दूरदर्शी दूरबीन को कहा जाता है. दूरबीन को इंग्लिश में टेलीस्कोप भी कहा जाता है.

दूरबीन का कितने प्रकार का होता है?

  • Yerkes Telescope
  • Mount Wilson telescope
  • Hale reflector telescope
  • Radio telescope

विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन का नाम क्या है?

एपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलीस्कोप दुनिया का सबसे बड़ा दूरबीन है. इसको शॉर्टकट में FAST कहा जाता है जिसका निर्माण चीन के द्वारा किया गया. इस टेलीस्कोप को रेडियो तरंगों को महसूस करने के लिए बनाया गया.

भारत की सबसे बड़ी टेलीस्कोप कौन है?

देवस्थान ऑप्टिकल टेलीस्कोप जो कि उत्तराखंड के देवस्थल में शुरू हुआ है एशिया का सबसे बड़ा दूरबीन है.

एक दूरबीन में कितने लेंस होते हैं?

एक दूरबीन में दो उत्तल लेंस होते हैं जिसको लक्ष्य लेंस और नेत्रिका लेंस कहा जाता है.

सबसे पहला दूरबीन कब बनाया गया?

1608 इसवी में हॉलैंड के नीदरलैंड में रहने वाले हेंस लिपरशी ने सबसे पहला दूरबीन बनाया.

आकाशीय पिंडों को देखने वाली दूरबीन को क्या कहते हैं?

खगोलीय पिंडों को देखने के लिए एस्टॉनोमिकल टेलीस्कोप का प्रयोग किया जाता है.

सारांश

Doorbeen Ka Avishkar Kisne Kiya दूरबीन का इस्तेमाल करके बहुत ही दूर की चीजें अपने नजदीक और बड़े साइज में देखा जा सकता है. इस Doorbeen को सबसे पहले हॉलैंड के नीदरलैंड के हेंस लिपरशी के द्वारा ऐसे ही बिना सोचे समझे अविष्कार हो गया.

आज के समय दूरबीन से आकाश में तारे और खगोलीय पिंडों को देखने के लिए भी किया जा रहा है. जिसको कंप्यूटर के माध्यम से जोड़कर भी देख सकते हैं.

इस लेख में दूरबीन का अविष्कार किसने किया दूरबीन का अविष्कार कब और कैसे हुआ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है फिर भी अगर दूरबीन के अविष्कार से संबंधित किसी भी तरह का कोई सवाल या सुझाव आपके मन में है तो कमेंट में बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं उसका आंसर देने की कोशिश की जाएगी.

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