FSSAI ka Full Form एफएसएसएआई का फुल फॉर्म क्या होता है? FSSAI क्या है इसके तहत कौन सा कार्य किया जाता है इससे क्या फायदा है इसकी क्या विशेषता है के बारे में अक्सर इंटरनेट पर सर्च किया जाता है तो FSSAI एक संस्था है.
यह केंद्र सरकार के द्वारा लागू किया एक ऐसा कानून है जिसके माध्यम से खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ एक्शन लिया जाता है. भारत में अगर किसी भी व्यक्ति को खाद्य पदार्थ से संबंधित बिजनेस करना है तो उन्हें FSSAI कानून के तहत लाइसेंस लेना पड़ता है.
जिसके बाद ही वह अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं. किसी भी खाद्य पदार्थ का बिक्री करने के लिए उसका आयात करने के लिए लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए आदि व्यापार FSSAI के तहत ही आता है.
यह विश्वास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा प्रशासित किया जाने वाला FSSAI कानून है. इसके तहत किसी भी खाद्य पदार्थ विक्रेता अगर असुरक्षित खाना दूषित या जहरीला खाना किसी को खिलाते हैं तो वह दंडित किए जाते हैं. इसका स्थापना कब किया गया इसका लाइसेंस कितने प्रकार का होता है के बारे में आइए नीचे विस्तार से जानते हैं.
FSSAI ka Full Form
केंद्र सरकार के द्वारा बनाया गया स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत FSSAI कानून प्रशासित होता है. इसका मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है.
FSSAI ka full form :- Food Safety and Standard Authority of India होता है. इस कानून के द्वारा भारत के आम जनता को शुद्ध स्वक्ष और पौष्टिक भोजन मिल पाता है. इस संस्था का उद्देश्य ही भारत के आम जनता को मिलावट से रहित खाद्य पदार्थ प्रदान होता है.

- F :- Food
- S :- Safety and
- S :- Standard
- A :- Authority of
- I :- India
जब यह कानून लागू नहीं हुआ था उस समय कई ऐसे खाद्य पदार्थ बिक्री करने वाले या आयात करने वाले व्यापारी या दुकानदार थे, जो कि मिलावट करके ग्राहकों समान को देते थे.
दुकान पर शुद्ध खाना नहीं देकर सड़े गले किसी भी तरह का आहार ग्राहक को बेच देते थे. जिससे कि कई लोगों की तबीयत खराब हो जाती थी. इसीलिए आम जनता की सुरक्षा के लिए उनके स्वास्थ्य को सही बनाने के लिए इस कानून को केंद्र सरकार के द्वारा लागू किया गया.
Fssai Full Form In Hindi
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया FSSAI का फुल फॉर्म होता है जिसे हिंदी में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नाम से जाना जाता है.
बड़े-बड़े होटल हो रेस्टोरेंट हो या रोड पर लगने वाले छोटे छोटे गोलगप्पे के स्टॉल हो इन सभी फूड विक्रेता को केंद्र सरकार के द्वारा पहले लाइसेंस लेना पड़ता है. अपने बिजनेस के लिए सर्टिफिकेट जरूरी है जिससे ग्राहक को भी उस दुकान पर विश्वास हो.
FSSAI Kya Hai
खाने पीने की किसी भी सामान का आयात करने वाले या बेचने वाले लोगों पर मिलावट रहित समान बेचने के लिए एक संस्था को बनाया गया जिसका नाम FSSAI है.
यह केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा देखरेख किया जाता है. पहले खाने पीने की चीजों की जो भी व्यापार थे उसके लिए अलग-अलग कानून बनाए गए थे जैसे कि दूध का व्यापार करने के लिए अलग कानून था
तेल से संबंधित बिजनेस के लिए अलग कानून था. लेकिन इसमें कई तरह के मिलावट होने लगी थी. जिस वजह से केंद्र सरकार के द्वारा 2011 में इस कानून को लागू किया गया और खाद्य पदार्थों के कारोबार करने वाले व्यापारियों पर बहुत ही सख्ती से नजर रखा जाने लगा.
भारत सरकार की यह एक ऐसी एजेंसी है जोकि खाने पीने की हर तरह के बिजनेस पर बहुत ही सही तरीके से निगरानी करती है.
लोगों को सही खाना उपलब्ध हो रहा है कि नहीं इसका पूरा ध्यान रखा जाता है. जो भी फूड व्यवसाई है वह केंद्र सरकार के द्वारा लाइसेंस बनवा कर अपना खुद का बिजनेस करें इस पर भी ध्यान रखा जाता है.
FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्तमान समय में अरूण सिंघल है और इसका अध्यक्ष श्री राजेश भूषण है.
खाद्य पदार्थ का बिक्री आयात, भंडारण, वितरण आदि पर नियंत्रित करना और हर एक खाद्य सामग्री के लिए विज्ञान पर आधारित मानव का निर्माण करना है इस कानून का उद्देश्य है.
Fssai का स्थापना
पहले भी खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए एक अधिनियम लागू किया गया था. जोकि हर खाद्य पदार्थ के कारोबार के लिए अलग-अलग अधिनियम था
लेकिन एक ऐसे कानून की आवश्यकता थी एक ऐसे सख्त अधिनियम की जरूरत थी जिसके माध्यम से फूड विक्रेताओं पर शक्ति से पूछताछ करें. लोगों को सही खाना उपलब्ध हो पाए.
इसलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा अगस्त 2011 में FSSAI कानून बनाया गया. जिसके द्वारा सही क्वालिटी के खाने पीने के सामान लोगों को उपलब्ध कराया जाता हैं.
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है इसका भारत में और भी 8 जगहों पर ऑफिस है कोचीन, लखनऊ, गुवाहाटी, चंडीगढ़, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई.
इसके तहत 2006 में शुरू मानक प्राधिकरण और भारतीय खाद्य सुरक्षा के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में जो भी फूड से संबंधित शिकायत है मुद्दा है उस को नियंत्रित करना होता है.
एफएसएसएआई का कार्य
- लोगों को स्वक्ष मिलावट रहित और सुरक्षित आहार उपलब्ध कराना.
- खाद्य सामग्री से संबंधित जो भी दुकान रेस्टोरेंट आदि है वहां पर साफ सफाई के साथ लोगों को खाना उपलब्ध हो.
- जहां पर भी खाद्य पदार्थ विकृत हो रहा है आयात हो रहा है भंडारण होता हो वहां पर जांच करने के लिए ही इस कानून को लागू किया गया है.
- देश में जो भी फूड से संबंधित व्यवसाय कर रहे हैं वह FSSAI के द्वारा जारी किया गया हर एक दिशा निर्देश को पालन कर रहे हैं कि नहीं इसका ध्यान रखना.
- जो भी खाद्य व्यवसाई के द्वारा खाने पीने का सामान बनाया जा रहा है वह लोगों के खाने के योग्य है कि नहीं यह सुनिश्चित करना.
- जिस खाद्य व्यापारी ने लाइसेंस लिया है वह इस सर्टिफिकेट के काबिल है कि नहीं इसका निरीक्षण करना.
- उनके खाद्य पदार्थों को अच्छे से जांच किया जाता और अगर वह सही है तभी उन्हें लाइसेंस या सर्टिफिकेट दिया जाता है.
- FSSAI का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य यह है कि पूरे भारत देश में सूचना नेटवर्क बनाया जाए जिसके माध्यम से पंचायत सार्वजनिक या आम उपभोक्ता के खिलाफ खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए जो भी मुद्दा है उसकी जानकारी जल्दी केंद्र सरकार के पास पहुंच सके.
- आम जनता को जागरूक करना भी इस संस्था का एक मुख्य कार्य है जिससे खाद्य सुरक्षा और खाद्य मानकों के हर एक बातों के बारे में आम जनता भी जान सके.
- खुदरा विक्रेता हो या थोक खाद्य पदार्थों के विक्रेता हो उनके हर एक सामग्री के गुणवत्ता की जांच करना इनका कार्य होता है.
Fssai की विशेषता
अधिकतर ऐसे दुकान या खाद्य पदार्थों से संबंधित जो भी व्यापार हैं वहां पर साफ सफाई का ध्यान रखना जरूरी होता है. क्योंकि जहां पर साफ-सफाई नहीं रहेगा और वहां का दूषित खाना आम जनता को दिया जाएगा तो उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है. फूड प्वाइजनिंग हो सकता है तो FSSAI के तहत इन सारी चीजों का ध्यान रखा जाता है इस संस्था का यही विशेषता है कि
- जहां पर भी फूड बिजनेस किया जा रहा है वहां पर लोग किस तरह का साफ-सफाई रख रहे हैं इसका ध्यान दिया जाता है.
- खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है कि वहां जो भी खाना ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है वह लोगों के खाने लायक है कि नहीं व्यवसायी अपना व्यवसाय चलाने के लिए कोई गलत तरीका तो नहीं अपना रहे हैं इसका निरीक्षण किया जाता है.
- खाना बनाने वाले जगह पर अगर सब्जी मीट आदि बनाया जा रहा है तो वहां पर चाकू या छोरी का उपयोग करें.
- खाना बनाकर जब रखा जाता है तो उसका सही तरीके से और ध्यान पूर्वक स्टोर किया जाए
- बार-बार हाथ धोकर ही ग्राहकों को भोजन उपलब्ध कराया जाए.
- अगर कहीं से किसी भी तरह का शिकायत आता है या कोई कानून का उल्लंघन करता है तो वहां पर FSSAI के द्वारा करेक्शन नोटिस भेजकर उस भोजन सामग्री को बंद भी किया जा सकता है.
एफएसएसएआई के फायदे
पहले कई ऐसे दुकानदार होते थे जो कि चावल, गेहूं, दाल, चना आदि अनाज में मिलावट करके ग्राहक को बेच देते थे और उसका दुगना पैसा भी लेते थे. लेकिन जब से भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण कानून बनाया गया तो आम जनता को भी कई तरह के फायदे मिलने लगे.
- होटल दुकान आदि फूड से संबंधित जगहों पर जहरीले और दूषित खाना से जो लोगों को हानि पहुंचा था उससे आराम मिल गया.
- कहीं भी अगर खाना खाने जाए तो वहां शुद्ध और सुरक्षित खाना उपलब्ध होता है.
- बिना लाइसेंस के कोई भी खाद्य सामग्री से संबंधित व्यवसाय नहीं कर सकता है.
- अगर कोई बिना लाइसेंस के खाद्य सामग्री का कोई व्यापार करता है और उसमें मिलावट करता है तो उसे कानून के द्वारा दंडित भी किया जाता है.
- जिस खाद्य पदार्थ विक्रेता को सरकार के द्वारा सर्टिफिकेट मिलता है उस पर ग्राहकों को भी विश्वास होता है और उस दुकान पर ज्यादा लोग सामान खरीदने जाते हैं.
- बिना सर्टिफिकेट के कोई भी किसी खाद्य सामग्री का उत्पादन भी नहीं कर सकता है.
- गलत तरीके से खाने पीने के सामान का बिक्री करना भंडारण करना वितरण करना बंद हो गया है.
Fssai लाइसेंस के प्रकार
भारत में अगर कोई खाने पीने के सामान का उत्पादन करता है भंडारण करता है बिक्री करता है या आयात करता है उनके लिए FSSAI के द्वारा पहले लाइसेंस बनवाना पड़ता है उसके बाद ही वह अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं
किसी का छोटा बिजनेस हो या बड़ा बिजनेस हो,होटल का बिजनेस हो या किसी कॉलेज में कैटरिंग यह कैंटीन का बिजनेस हो सबके लिए केंद्र सरकार के द्वारा सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
हर लेवल के फूड विक्रेता के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी किया जाता है.लाइसेंस बनवाने के लिए FSSAI के अधिकारीक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं.
बेसिक लाइसेंस
बेसिक लाइसेंस उसी खाद्य विक्रेता को दिया जाता है जिनका व्यापार 0 से लेकर 12 लाख तक है. वह अपने व्यापार का कार्यक्षेत्र एक ही शहर में फैलाए हैं.
उनके लिए बेसिक लाइसेंस लेना अनिवार्य है. हर फूड कारोबारी को अपने खाद्य उत्पाद की अथॉरिटी को बनाए रखने के लिए हर साल अपने लाइसेंस को रिन्यू करना पड़ता है.इस लाइसेंस को बनवाने के लिए 100 रू हर साल लगता हैं.
स्टेट लाइसेंस
जिनका बिजनेस 12 लाख से लेकर 20 करोड़ तक है उनके लिए स्टेट लाइसेंस लेना अनिवार्य है. उनके व्यापार का क्षेत्र एक राज्य से अधिक राज्यों में हैं तो वह स्टेट लाइसेंस बनवा सकते हैं. वैसे कारोबारी को 1 साल से लेकर 5 साल का लाइसेंस दिया जाता है. इस लाइसेंस का फीस 2000 हर साल का हैं.
सेंट्रल लाइसेंस
अगर किसी व्यक्ति का खाद्य सामग्री से संबंधित व्यापार हर साल 20 करोड़ से ज्यादा है तो उनके लिए FSSAI सेंट्रल लाइसेंस जरूरी है.सेंट्रल लाइसेंस के लिए हर साल 7500 रू फीस लगता हैं.
Fssai से पहले खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम
यह कानून लागू करने से पहले सरकार के द्वारा हर फूड प्रोडक्ट पर अलग-अलग कानून बनाया गया था. लेकिन इससे खाद्य विक्रेताओं पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा था और लोग मिलावट करके ग्राहक को खाद्य सामग्री बेचने लगे थे.
इसीलिए 2011 में FSSAI का गठन किया गया और खाद्य कारोबारियों पर निगरानी रखकर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच किया जाने लगा. इससे पहले जो अलग-अलग कानून थे वह इस प्रकार है.
- वनस्पति तेल उत्पादन नियंत्रण आदेश 1947
- दूध और दूध से संबंधित प्रोडक्ट के लिए आर्डर 1992
- खाद्य तेल उत्पादन के लिए विनियम आदेश 1988
- सॉल्वेंट निकाले गए तेल या भोजन और आटा नियंत्रण के लिए आदेश 1967
- मांस खाद्य उत्पादन के लिए आदेश 1973
- फल के उत्पादन के लिए आदेश 1955
फूड लाइसेंस लेना किसके लिए जरूरी है
फूड लाइसेंस बनवाना उसी व्यक्ति के लिए जरूरी है जोकि फूड प्रोडक्ट का बिक्री करता हो उसका भंडारण करता हो या खरीदता हो. इसके साथ ही और किन-किन लोगों को फूड लाइसेंस लेना आवश्यक है नीचे जानते हैं.
- जो व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह पर किसी भी तरह का तैयार किया हुआ खाना या पैकेट खाना बेचता हो.
- जिस दुकान पर नमकीन मिठाई या बेकरी का सामान बेचा जाता है.
- मीट शॉप,मटन दुकान, चिकन दुकान आदि.
- दूध विक्रेता जो छोटे स्तर पर दूध का बिक्री करते है या डेयरी के माध्यम से दूध बेचते है.
- फूड लाइसेंस वैसे फूड विक्रेता के लिए भी आवश्यक है जो गोलगप्पा स्टाल, चार्ट स्टाल, टी स्टाल, ब्रेड पकोड़ा स्टॉल, स्नैक्स समोसा स्टॉल, चाइनीस फूड स्टॉल आदि के द्वारा खाना बेचते है. जो भी स्थाई या अस्थाई खाद्य उत्पादों की भंडारण करता है वितरण करता है या बिक्री करता है उनके लिए लाइसेंस आवश्यक है.
- फल और सब्जी, जूस का दुकान, मिठाई का दुकान, दक्षिण भारतीय किसी भी तरह के खाना बनाने वाले स्टॉल के जो स्थाई या अस्थाई विक्रेता है, उनके लिए भी फूड लाइसेंस आवश्यक है.
- मध्यान भोजन कैफेटेरिया जो कैंटीन चलाते हैं उनके लिए भी यह लाइसेंस जरूरी है.
- किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ का आयात या निर्यात करते हैं उन्हें पहले फूड लाइसेंस बनवाना पड़ता है.
- आज के समय में कई ई-कॉमर्स कंपनी हैं जो ऑनलाइन लोगों को फूड उपलब्ध कराते हैं उन्हें भी पहले इस FSSAI से लाइसेंस बनवाना पड़ता है.
- किसी भी शादी विवाह या बड़े बड़े फंक्शन में जो खाना बनाते हैं जिन्हें केटरर जाता है उन्हें भी खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से पंजीकरण करवाना पड़ता है.
- कहीं धार्मिक संस्थाओं या मेला में जो खाने-पीने की कैंटिन लगाते हैं बैंक्वेट हॉल की सारी व्यवस्था रखते हैं उन्हें भी पहले लाइसेंस लेना पड़ता है.
- किसी भी होटल रेस्टोरेंट और बार खोलने से पहले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से लाइसेंस लेना पड़ता है.
Fssai में नौकरी कैसे करें
इसमें जॉब के लिए हमेशा वैकेंसी निकलता रहता है. कई लोगों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में नौकरी करने का सपना होता है वह नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.
फूड इंसपेक्टर के लिए योग्यता
जिस उम्मीदवार का उम्र 18 से 25 वर्ष है वह फूड इंसपेक्टर के पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं उसके लिए स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है. कृषि फार्मेसी खाद्य प्रौद्योगिकी, डेहरी प्रौद्योगिकी या चिकित्सा में अगर स्नातक है तो खाद्य निरीक्षक के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
फूड एनालिस्ट के लिए योग्यता
फूड एनालिस्ट के पद पर जॉब करने के लिए उम्मीदवार को बायो केमिस्ट्री फूड और न्यूट्रिशन डेयरी माइक्रोबायोलॉजी फूड टेक्नोलॉजी या डेयरी या आयल में बीटेक किए हैं तो आवेदन दे सकते हैं.
इसमें आवेदक का उम्र 50 वर्ष से नीचे होना चाहिए. फूड एनालिस्ट के पद के लिए अप्लाई करने के लिए FSSAI के आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं. इसका परीक्षा लिखित इंटरव्यू के माध्यम से लिया जाता है.
फूड एनालिस्ट का कार्य
किसी फूड विक्रेता के यहां पर जाकर खाने के जो भी समान है उसका सैंपल का निरीक्षण करना होता है. अगर कहीं पर खाने के सामान में कोई शिकायत आता है तो वहां पर उपयोग किए जाने वाले तेल का जांच करवाना फूड एनालिस्ट का काम होता है.
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निष्कर्ष
FSSAI ka Full Form इस लेख में एसएसएसएआई से संबंधित सभी जानकारी दी गई हैं अगर इससे जुड़े कोई सवाल हैं तो कमेंट करके जरूर बताएं.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।