Holi Kyu Manaya Jata Hai? भारत में होली का त्यौहार हर वर्ष फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तथा इसके पौराणिक इतिहास क्या है, इसके बारे में भी हम लोगों को जानना जरूरी है। होली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जो कि सृष्टि के शुरुआत से ही मनाया जा रहा है।
होली एक ऐसा त्यौहार है, जिसके अवसर पर समाज में हम सभी लोग एक दूसरे के साथ मिलकर प्रेम भाव एवं अपनत्व का एहसास करते हैं। गांव हो या शहर हो हर जगह होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।सबसे पहले हम लोगों को यह जानना भी जरूरी है कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। होलिका दहन क्या है और होली का महत्व क्या है। इन सभी चीजों के बारे में हम लोग नीचे विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
होली एक रंगों का त्यौहार है जिसमें हम सभी लोग एक दूसरे के साथ रंग, अबीर, गुलाल लगाकर एक दूसरे से प्रेम का अनुभव करते हैं। होली एक ऐसा त्यौहार है इस दिन हम लोग अपने दुश्मनी अमीरी गरीबी को भूल कर के समाज में एक दूसरे के साथ परस्पर प्रेम की भावना को प्रकट करते हैं। जिसके लिए अबीर गुलाल का उपयोग किया जाता है।
होली क्यों मनाया जाता है Holi Festival in hindi
हिंदू नव वर्ष का शुरुआत फाल्गुन मास से ही होता है। जिसके कारण प्राकृतिक में नए संचार का अनुभव होता है। फाल्गुन मास में पेड़ पौधे जितने भी होते हैं, उनके पत्ते नए रूप में श्रीजीत भी होते हैं। जिसका मतलब होता है कि फाल्गुन एक ऐसा मास है जिससे नया वर्ष नई ऊर्जा,नए मौसम और नई चीजों का एहसास एवं अनुभव होता है।
जिसको रंगों से सराबोर करने के लिए भी रंगोत्सव के रूप में होली का त्यौहार भी मनाया जाता है।होली का त्यौहार का मतलब केवल एक दूसरे के साथ रंग खेलना ही नहीं होता है। रंग खेलने का मतलब होता है, एक दूसरे के जीवन में जो भी परेशानी है, कठिनाइयां हैं, उसको भुला करके उनके जीवन में एक नया रंग भरने का त्यौहार भी होली है।
जिस दिन हर एक सामाजिक व्यक्ति एक दूसरे के साथ मिलकर एक दूसरे के दुख दर्द को रंगों में भरकर उनके जीवन को रंगीन बनाने का त्यौहार होली है।आज के समय में होली को दूसरे रूप में भी मनाया जा रहा है। क्योंकि लोगों को लगता है कि होली एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन हुड़दंग किया जाए। होली हुड़दंग का त्यौहार नहीं है।
आज के समाज में इसको गलत तरीके से लोग सोचते हैं और इसको एक नशे इत्यादि के रूप में भी लेने लगे हैं। जिसके कारण समाज में सामाजिक स्थिति भी बिगड़ जाता है। क्योंकि होली के दिन लोग सोचते हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा नशा इत्यादि का सेवन करें। इसके साथ-साथ लोगों को कचरा इत्यादि से गंदा कर दें।
यह होली का त्यौहार हमें नहीं बताता है। होली के त्यौहार के दिन इस तरह के कामों से हम लोगों को बचना चाहिए। क्योंकि होली एक ऐसा त्यौहार है जिसको प्रेम के साथ रंगों को एक दूसरे पर रखकर उसका सम्मान किया जाता है।
एक दूसरे के साथ मिलकर अबीर गुलाल से उनके जीवन को ऐसे ही रंगों से भरने का प्रयास किया जाता है। जैसे कोई भी रंग का मतलब होता है। बैसे ही अबीर गुलाल का भी रंग एक नई उमंग, नई उत्साह का प्रतीक होता है। जिसको एक दूसरे के साथ लगाने से उसके जीवन में एक नए रंग का संचार होता है।
हिंदू नव वर्ष के अनुसार होली के दिन से ही नव वर्ष का भी प्रारंभ होता है। इसलिए भी इसे खुशियों का एक नया त्योहार के रूप में मनाया जाता है। पूरी दुनिया में नए वर्ष को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत में भी नव वर्ष के रूप में होली का उत्सव मनाया जाता है।
जिसके लिए रंग अबीर गुलाल का उपयोग किया जाता है तथा बड़े ही धूमधाम से होली को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। होली के दिन से ही संवत पंचांग आदि सबकुछ बदल जाता है। जिसके बाद नव वर्ष में नया संवत नया पंचांग इत्यादि का उपयोग किया जाता है।होली का त्यौहार फाल्गुन के पूर्णिमा तिथि के दिन को मनाया जाता है। जिस दिन से हिंदू नव वर्ष का भी शुरुआत होता है।
होली का इतिहास
होली का इतिहास बहुत ही पुराना है। जिस तरह से सनातन संस्कृति का इतिहास बहुत ही पुराना है। ठीक उसी प्रकार से होली का भी इतिहास बहुत ही पुराना है। दुनिया में जब से सनातन संस्कृति मौजूद है। तब से ही हमारे हिंदू समाज का हर पर्व त्यौहार भी मौजूद है।
जब से सृष्टि है उसी समय से होली का त्यौहार भी हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन जो लोग भी शहर में रहते हैं वह भी अपने गांव पर आकर के इस पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
होली का एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन जो भी लोग अपने गांव से बाहर रहते हैं वह सभी लोग अपने गांव में आते हैं और होली के दिन होली के संगीत में गान इत्यादि का भी लाभ प्राप्त करते हैं। क्योंकि हर गांव में होली के दिन बड़े ही अच्छे मधुर धुन में होली का गीत भी गाया जाता है। जिसका आनंद बहुत ही अद्भुत होता है।
होलिका दहन क्यों होता है
होली से पहले होलिका दहन होता है। जिसका मतलब होता है कि नव वर्ष से पहले जो भी हमारे जीवन में कष्ट दुख इत्यादि है, उसको होलिका के रूप में जलाकर के नष्ट कर दिया जाता है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा माना जाता है कि होली जब हम लोगों का नव वर्ष का शुरुआत होता है
उससे पहले जो भी हमारे समाज में देश में राज्य में नकारात्मक चीजें हैं, उसको होलिका में जला करके खत्म कर दिया जाता है। जिसके बाद बड़े ही हर्षोल्लास के साथ होली के दिन से हम लोग एक नए वर्ष एवं नए जीवन का शुरुआत करते हैं।
होली के दिन पूजा कैसे करें
होली के दिन हम सभी लोग अपने घर में पूजा पाठ करते हैं। जिसके लिए आप अपने घर में भगवान विष्णु मां लक्ष्मी शिव जी पार्वती जी मां दुर्गा, हनुमान जी का स्तुति एवं वंदना कर सकते हैं। सबसे पहले जिस भगवान का पुजा करते हैं उनको गबीर गुलाल अर्पित करते हैं।
जिसके लिए तरह-तरह के मिष्ठान आदि से भगवान का भोग लगा सकते हैं। वैसे होली के दिन हर घर में लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं। जिससे भी भगवान का भोग लगाकर पूजा पाठ करते हैं। हर घर में पुआ पकवान होली के अवसर पर बनाया जाता है और भगवान का भी बड़े ही उत्सव के साथ पूजा पाठ किया जाता है।
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सारांश
होली फेस्टिवल इन हिंदी होली त्यौहार के बारे में इस लेख में जानकारी दी गई है। जिसमें होली से संबंधित जो भी प्रमुख जानकारी उसके बारे में बताया गया है। फिर भी यदि आपको लगता है कि इससे संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर टाइप करें उसका जवाब आपको जरूर दिया जाएगा।
होली का त्यौहार प्यार के साथ एवं रंग अबीर गुलाल के साथ बहुत ही सावधानी से मनाएं। क्योंकि होली के दिन रंगों को प्रेम से लगाना चाहिए। अधिकतर जगहों पर होली त्यौहार को बहुत ही गंदे तरह सते मनाया जाता है, जो कि हमारे शरीर के लिए हानिकारक है।
इसीलिए वैसे किसी भी वस्तु का उपयोग न करें जिससे हमारे शरीर में किसी प्रकार की भी कोई समस्या हो। इसलिए होली के दिन अबीर गुलाल एवं जो भी उपलब्ध बेहतर रंग है, उसको प्रेम से एक दूसरे के साथ लगा कर के होली के त्यौहार को मनाएं।
प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।