Indira Gandhi biography in hindi हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं की Indira Gandhi कौन थी उनका जन्म कहां हुआ था
उनके राजनीतिक जीवन कैसा था उनका वैवाहिक जीवन कैसा था. भारत देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी और अब तक इंदिरा गांधी ही एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही.
उनके बाद अभी तक भारत की महिला प्रधानमंत्री कोई नहीं बन पाया है वह तीन बार लगातार प्रधानमंत्री बनी और चौथी बार भी जब वह प्रधानमंत्री बनी तो उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उनका हत्या हो गया था.
Indira Gandhi biography in hindi
इंदिरा गांधी 1966 से 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रही. स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान देने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गांधी थी उन्होंने बचपन से ही अपने घर में स्वतंत्रता आंदोलन के लिए कार्य करते हुए देखा था.
जब देश में स्वदेशी आंदोलन के तहत विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जा रहा था विदेशी सामान का होली जलाया जा रहा था जो सरकारी नौकरी में थे वह सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे रहे थे.

उस समय वह 5 वर्ष की थी तो वह भी अपनी एक गुड़िया को जलाने लगी क्योंकि वह गुड़िया इंग्लैंड से आया था. इंदिरा गांधी को 1959 में कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था
भारत की राजनीति में इंदिरा गांधी का एक महत्वपूर्ण स्थान है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक प्रमुख शख्सियत के रूप में इंदिरा गांधी को जाना जाता है.
इंदिरा गांधी का जन्म
नाम | इंदिरा गांधी |
घर का नाम | प्रियदर्शनी |
जन्म | 19 नवंबर 1917 |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद |
पिता का नाम | पंडित जवाहर लाल नेहरू |
माता का नाम | कमला नेहरू |
पति का नाम | फिरोज गांधी |
पुत्र | राजीव गांधी और संजय गांधी |
पुत्रवधु | सोनिया गांधी और मेनका गांधी |
पौत्र | राहुल गांधी और वरूण गांधी |
पौत्री | प्रियंका गांधी |
कार्यक्षेत्र | कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष, प्रधानमंत्री |
सम्मान और पुरस्कार | भारत रत्न |
मृत्यु | 31 अक्टूबर 1984 |
वह भारत देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और एक सफल प्रधानमंत्री हुई थी. उन को हम लोग आयरन लेडी के नाम से भी जानते हैं इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 में हुआ था
उन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था उनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू का और माता का नाम कमला नेहरू था इंदिरा गांधी के पिता जी एक बहुत बड़े राजनेता थे और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री भी थे.
उन के दादाजी का नाम मोतीलाल नेहरू था मोतीलाल नेहरू का भी स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान था उन के पिता और दादा दोनों ही बड़े वकील थे इंदिरा गांधी का रंग रूप दिखने में बहुत ही सुंदर था बहुत ही आकर्षक था इसीलिए उनके पिताजी ने उनका नाम प्रियदर्शनी रखा था और वह इसी नाम से उनको बुलाते थे.
शिक्षा
उन के पिताजी बहुत बड़े राजनेता थे प्रधानमंत्री थे इसलिए उनके घर का माहाैैल भी राजनीतिक हो गया था हमेशा लोगों का आना जाना लगा रहता था इस वजह से इंदिरा गांधी शिक्षा के लिए अच्छा समय नहीं मिल पाता था
इन्हीं सब कारणों के से पंडित जवाहरलाल नेहरु की पढ़ाई व्यवस्था घर पर ही कर दिया था इंदिरा गांधी अंग्रेजी विषय से ज्यादा पसंद था और इसी विषय में ज्यादा ध्यान देती था
इंदिरा गांधी को अंग्रेजी अच्छे से आता था कुछ दिनों बाद उन को रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन के विश्व भारती में पढ़ने के लिए भेजा गया उसके बाद इंदिरा गांधी लंदन जाकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की.
इंदिरा गांधी का विवाह
वह जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी उसी समय उनका मुलाकात फिरोज गांधी से हुआ और दोनों में प्यार हो गया इलाहाबाद वापस आने के बाद Indira Gandhi ने अपने पिता से यह बात बताई लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के विवाह के समर्थन में नहीं थे
लेकिन इंदिरा गांधी के आने के बाद जवाहरलाल नेहरु भी मान गए और Gandhi और फिरोज गांधी के विवाह 16 मार्च 1942 को आनंद भवन इलाहाबाद में हो गया इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के दो पुत्र हुए.
जिनका नाम राजीव गांधी और संजय गांधी था.राजीव गांधी का विवाह सोनिया गांधी से हुआ हैं उन्हें एक पुत्री प्रियंंका गांधी और एक पुत्र राहुल गांधी हैं. संजय गांधी का विवाह मेनका गांधी से हुआ हैं उन्हें एक पुत्र वरूण गांधी हैं.
व्यक्तित्व
भारत की राजनीति में वह एक ऐसी महिला प्रधानमंत्री थी कि जब वह कहीं भाषण देने लगती थी तो लोग उनका भाषण बहुत ही मग्न होकर सुनने लगते थे
जितने दिन वह प्रधानमंत्री रही भारत में विकास के लिए अर्थव्यवस्था को सही बनाने के लिए वह हमेशा कार्यरत रही गरीबी हटाओ के नारे इंदिरा गांधी ने लगाए थे जब वह प्रधानमंत्री थी तो आम लोगों के बहुत ही लोकप्रिय प्रधानमंत्री थे
1971 की भारत पाकिस्तान युद्ध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा है उन्होंने भारत के सेना को समर्थन किया था संकट से लड़ने के लिए उन्हें संसाधन उपलब्ध कराए थे भारत में तेल संकट जब हुआ था
उस समय Gandhi ने हिंदुस्तान पैट्रोलियम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन तेल कंपनी का गठन किया था उन्होंने कृषि को आगे बढ़ाने के लिए हरित क्रांति देश में लाया था महिला सशक्तिकरण उनका एक प्रमुख कार्य था.
स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग
वह बचपन से ही स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपने पिता अपने पितामह को लड़ते हुए देखा था इसलिए जब वह छोटी थी तभी उन्होंने 1930 में एक वानर सेना बनाई थी जिसमें छोटे छोटे लड़के और लड़कियां शामिल थे
और उन लड़के और लड़कियों के साथ इंदिरा गांधी झंडा जुलूस विरोध प्रदर्शन कांग्रेस के नेताओं के साथ करती थी. 1947 में इंदिरा गांधी ने दिल्ली में जब दंगा फैला हुआ था तो महात्मा गांधी के साथ मिलकर उनके मार्गदर्शन में जहां दंगा हुआ था उन क्षेत्रों में भी उन्होंने कार्य किया अपना योगदान दिया.
इंदिरा गांधी के राजनीतिक जीवन
उन्होंने बचपन से ही अपने घर में राजनीतिक माहौल देखा था इसलिए राजनीति उनकी रूचि थी उनके पिता और दादा जी दोनों का ही स्वतंत्रता संग्राम में योगदान महत्वपूर्ण था भारत लौटने के बाद स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गई थी
अपने पिता की राजनीति में मदद करती थी Gandhi को भी राजनीति के बारे में बहुत कुछ समझ आ गई थी और 1955 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई 1959 में इंदिरा गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया
1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी को सूचना प्रसारण मंत्री बनाया गया 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी उन्होंने बहुत ही मजबूती से अपना योगदान दिया.और वह सीमाओं पर जाकर जवानों का मनोबल भी बहुत बढ़ाया.
1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद उन को प्रधानमंत्री चुना गया उसके बाद लगातार चार बार भारत के प्रधानमंत्री चुनी गई 1967 में बहुत ही कम बहुमत से प्रधानमंत्री बनी थी 1971 में ज्यादा बहुमत से प्रधानमंत्री चुनी गई और 1977 तक वह इसी पद पर बनी रही 1980 में फिर से प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गई.
और 1984 तक प्रधानमंत्री के पद पर बनी रही 1971 में मध्यावधि चुनाव हुआ और इस चुनाव में उन्होने गरीबी हटाओ के नारे लगाए और इसके बाद इनके पक्ष में बहुत सारे लोग आ गए और बहुत ज्यादा बहुमत से चुनाव जीता था 1971 में भारत पाकिस्तान में युद्ध हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री ने बहुत अच्छे से सेनाओं का मनोबल बढ़ाया था
मृत्यु
वह हमारे देश के बहुत ही सशक्त प्रधानमंत्री थी और उन्होंने अपने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बहुत सारे कार्य भी किए हैं और बहुत ही दृढ़ संकल्प वाली महिला थी और प्रधानमंत्री थी इसी वजह से लोग उन्हें आयरन लेडी के नाम से पुकारते थे
उन की मृत्यु 31 अक्टूबर 1984 में हुई थी इंदिरा गांधी की हत्या उनके दो अंगरक्षक सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने किया था.
वह अपने आवास के बगीचे में घूम रही थी उसी दौरान दोनों अंंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी उन की मृत्यु से पूरा देश सदमे में आ गया था इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार जब हो रहा था तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्टेशनों पर लाइव प्रसारित किया गया था ताकि सारे देश के लोग देख सके
हम सब के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी हमारे देश के विकास में उनका जो योगदान रहा उसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे इंदिरा गांधी का जब मृत्यु हुआ उनकी उम्र 66 साल थी इंदिरा गांधी ने हमारे देश के विकास के लिए बहुत ही कार्य किए.
सम्मान
उन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए या कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए भी बहुत ही कार्य किया और अपना सभी कार्यअच्छे से निभाया था उनके अच्छे कार्य के वजह से ही गांधी को बहुत सारे सम्मान भी मिले जिनमें कुछ प्रमुख है
- दिल्ली के हवाई अड्डे को Indira गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कहा जाता है
- दुनिया का सबसे बड़े विश्वविद्यालय को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नाम से जाना जाता है
- लंदन के मैडम तुसाद में इंदिरा गांधी की मोम की प्रतिमा बनाई गई है
- 1984 में एस एस आर स्मारक डाक टिकट पर इंदिरा गांधी का फोटो
- भारत रत्न अवार्ड से नवाजा गया.
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सरांश
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प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।