Jayaprakash Narayan in hindi भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे में हम लोग इस लेख में बात करने वाले हैं जयप्रकाश नारायण एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे तो हम लोग इस लेख में लोकनायक Jayaprakash Narayan की जीवनी के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं
बिहार के प्रमुख नेता समाज सेवक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जयप्रकाश नारायण को जाना जाता है उन्होंने बिहार में संपूर्ण क्रांति जैसा आंदोलन चलाकर अपने आप को विश्व में प्रसिद्ध कर लिया आज भी जयप्रकाश नारायण को उनके आंदोलन की वजह से पहचाना जाता है
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ उनके सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने आंदोलन चलाया था इस लेख में बिहार के प्रमुख नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की बारे में पूरी जानकारी आइए प्राप्त करते हैं.
Jayaprakash Narayan biography in hindi
जयप्रकाश नारायण जेपी के नाम से लोगों को बिच मशहूर होने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी कहा जाता है जयप्रकाश नारायण एक स्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक और राजनेता थे लोकनायक जयप्रकाश नारायण को मरने के उपरांत भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
जयप्रकाश नारायण को त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति भी कहा जाता है Jayaprakash Narayan बहुत ही सुलझे हुए इंसान थे.जेपी जब पढ़ाई कर रहे थे उसी समय उन्होंने एक छात्र आंदोलन का अगुआई 14 अप्रैल 1974 में गया के ऐतिहासिक गांधी मैदान में किया था

जयप्रकाश नारायण का आंदोलन के संबंध में विचार था वह कहते थे कि मैं अपना नाम कमाने के लिए नेता नहीं बना हूं और मैं अपने किसी भी आंदोलन में किसी से भी सलाह नहीं लूंगा
बस सब की बात सुनूंगा सब से बात करूंगा बहुत करूंगा उस बात को अच्छे से समझ लूंगा क्योंकि जयप्रकाश नारायण का मानना था कि वह अपने जीवन और अमेरिका प्रवास का उनके पास अभ्यास था ज्ञान था.
जयप्रकाश नारायण का जन्म
बिहार राज्य के सारण जिले के सिताबदियारा गांव के रहने वाले थे उनका जन्म 11 अक्टूबर 1902 को हुआ था जयप्रकाश नारायण के पिताजी का नाम हरसुल दयाल श्रीवास्तव था और माता का नाम फुल रानी देवी था जयप्रकाश नारायण चार भाई बहन थे वह अपने माता पिता के चौथे संतान थे
नाम | लोकनायक जयप्रकाश नारायण |
असली नाम | जयप्रकाश नारायण |
जन्म | 11 अक्टूबर 1902 |
जन्म स्थान | सारण जिले के सिताबदियारा |
पिता का नाम | हरसुल दयाल श्रीवास्तव |
माता का नाम | फुल रानी देवी |
पत्नि का नाम | प्रभावती देवी |
शिक्षा | स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री |
कार्यक्षेत्र | स्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक और राजनेता |
पुरस्कार | भारत रत्न |
सम्मान | जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय,लोकनायक, जयप्रकाश विमानक्षेत्र,जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा |
मृत्यु | 8 अक्टूबर 1979 |
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के शिक्षा
जयप्रकाश नारायण का शुरुआती पढ़ाई कुछ दिनों छपरा के ही किसी गांव में हुआ था लेकिन जब वह 9 साल के हुए तब उन्होंने अपना गांव छोड़ दिया और पटना आकर कॉलेजिएट स्कूल में अपना एडमिशन करवा लिया.
स्कूल में पढ़ने के समय उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त और भारतेंदु हरिश्चंद्र के कविताओं को बहुत मन लगाकर और ध्यान से पढ़ते थे उन्होंने भारत भारती का भी बहुत अच्छे से अध्ययन किया इन सबके अलावा उनकी रूचि श्रीमद्भागवत गीता में भी थी वह बहुत मन लगाकर पढ़ते थे .
जब वह पटना में पढ़ाई कर रहे थे तभी मौलाना अबुल कलाम आजाद के भाषण से बहुत प्रभावित हुए उसी दौरान उन्होंने पटना छोड़ दिया और बिहार विद्यापीठ में अपना दाखिला करवा लिया.
Jayaprakash Narayan बिहार विद्यापीठ में पढ़ाई करने के बाद 1922 में और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए अमेरिका जाकर उन्होंने बर्कले विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया वहीं से उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की .
जब वह अमेरिका पढ़ने गए तो उनको पढ़ाई के लिए अपने खर्चा उठाने के लिए उन्होंने खेतों कंपनी रेस्टोरेंटे आदि जगहों पर काम किया और उस पैसे से अपनी पढ़ाई जारी रखें M.A. की डिग्री उन्होंने हासिल की और उसके बाद वह पीएचडी भी करना चाहते थे
लेकिन पूरा नहीं हो सका क्योंकि उसी समय उनके मां की तबीयत खराब हो गई इस वजह से उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर भारत वापस आ गए.
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का विवाह
जयप्रकाश नारायण जब पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान जब वह 18 वर्ष के थे तो उनका विवाह प्रभावती देवी से हुआ था जयप्रकाश नारायण का विवाह बिहार के प्रसिद्ध गांधीवादी नेता बृज किशोर प्रसाद की पुत्री से हुआ था उनका विवाह 1920 में हुआ था.
विवाह के बाद भी Jayaprakash Narayan अपने पढ़ाई में व्यस्त रहते थे उनके पास इतना समय नहीं था वह अपनी पत्नी को अपने साथ रख सके तब उन्होंने अपनी पत्नी को कस्तूरबा गांधी के साथ गांधी आश्रम में ही रख दिया.
Jayaprakash Narayan का व्यक्तित्व
जयप्रकाश नारायण जब अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें अपने पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए खेतों रेस्टोरेंट कंपनी आदि जगहों पर काम करना पड़ा था उस समय उन्होंने वहां के श्रमिक वर्ग के साथ रहने का मौका मिला तो उन्हें उनके जीवन और परेशानियों के बारे में जानने का भी मौका मिला उसी समय से उन्हें सामाजिक सेवा करने का मन में ठान लिया था.
जब वह भारत वापस आए तो उस समय भारत को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम बहुत जोरों से चल रहा था लोकनायक जयप्रकाश व्यक्तित्व ऐसा था उनके अंदर स्वतंत्रता को लेकर एक अलग उत्साह था वह एक ऐसे आदमी थे उन्होंने अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी थी और उनके मन में रहता था कि मैं अपने दम पर अकेले ही कुछ भी कर सकता हूं
उन्होंने बहुत सारे क्रांतियां की उनमें एक अलग तरह का जोश था नौजवानों में हुंकार भर के उन्हें क्रांति के लिए जागृत कर देते थे.जयप्रकाश नारायण को बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री और वित्त सह मंत्री बनाया गया था लोकनायक जयप्रकाश नारायण मार्क्सवाद से और समाजवाद से बहुत प्रभावित है.
Jayaprakash Narayan का स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग
लोकनायक जयप्रकाश नारायण जब अमेरिका से भारत वापस लौटे तब स्वतंत्रता आंदोलन बहुत जोरों पर था वह भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए कुछ दिन बाद उन्हें जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी से मुलाकात हुई.
और उन्हीं लोगों के साथ वह स्वतंत्रता आंदोलन के हिस्सा बन गए 1932 में जब सविनय अवज्ञा आंदोलन चल रहा था उसी दौरान गांधी जी नेहरू और उनके साथ बहुत कांग्रेसी स्वतंत्रता सेनानी जो थे वह जेल चले गए थे .
तब जयप्रकाश नारायण ने उस क्रांति को हवा दी और उसका दिशा ही बदल दिया उन्होंने भारत के अलग-अलग कोनों में क्रांति फैला दी कुछ ही दिनों बाद ब्रिटिश सरकार ने लोक नायक Jayaprakash Narayan को भी गिरफ्तार कर लिया.
और उन्हें नासिक जेल भेज दिया नासिक जेल में ही उनकी मुलाकात अच्युत पटवर्धन, एमआर मसानी, अशोक मेहता, एम एच दांतवाला और सी के नारायणस्वामी जैसे नेताओं से भी हुई .
जब वह बाहर आए तो उन्होंने इन्हीं सब लोगों के साथ मिलकर कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी नाम का एक अपना पार्टी बनाया और जब 1934 के चुनाव में कांग्रेस हिस्सा ले रही थी
उस दौरान जयप्रकाश नारायण की पार्टी ने विरोध किया द्वितीय विश्वयुद्ध में भी Jayaprakash Narayan ने अपनी भूमिका बहुत अच्छे से निभाई और उस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महीने जेल की सजा काटनी पड़ी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय वह हजारीबाग जेल से भाग गए
जयप्रकाश नारायण की आजादी के बाद राजनीति में भूमिका
देश आजाद होने के बाद जयप्रकाश नारायण ने देश में चल रही सरकारी घोटालों के विरुद्ध भी कई क्रांतियां की जब देश में महंगाई भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की वजह से लोग त्रस्त हो रहे थे
तब Jayaprakash Narayan ने संपूर्ण क्रांति नाम से एक क्रांति चलाएं जिसमें बहुत लोगों ने उनका साथ दिया और यह क्रांति उन्होंने अहिंसा वादी के बल पर किया इस आंदोलन को देखकर कई लोग उन्हें आजाद भारत के गांधी जी कह कर भी बुलाया था.
इसे आंदोलन को जेपी आंदोलन भी कहा जाता है यह जेपी आंदोलन बिहार से तो शुरू हुआ लेकिन पूरे भारत में फैल गया उस समय इंदिरा गांधी भारत के प्रधानमंत्री थी उन्होंने आपातकाल लगा दिया था
जिससे कि बहुत नेता जेल भी चले गए थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही आपातकाल हटाना पड़ा था 1977 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल हटा दिया और इस तरह जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के चलते देश में पहली बार किसी गैर कांग्रेसी का सरकार बना था.
जयप्रकाश नारायण ने जब 1970 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी उस समय जयप्रकाश नारायण विपक्ष के नेता के रूप में प्रसिद्ध थे उस समय उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ संपूर्ण क्रांति नामक आंदोलन चलाया था और यह आंदोलन बहुत ही प्रसिद्ध हुआ उन्होंने यह आंदोलन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए चलाया था
संपूर्ण क्रांति में आंदोलन में सात क्रांति शामिल था जिसमें संस्कृति राजनीति सामाजिक आर्थिक बौद्धिक शैक्षणिक और अध्यात्मिक क्रांति शामिल है इस क्रांति का मुख्य कारण बेरोजगारी और खाद्य पदार्थों का कीमत बिहार में ज्यादा बढ़ गया था. इसके साथ ही जयप्रकाश नारायण ने कई समाज सेवा किया जिसके लिए उन्हें मैगससे पुरस्कार दिया गया.
जयप्रकाश नारायण को मिले सम्मान
जयप्रकाश नारायण ने जब 1975 को पटना के गांधी मैदान में क्रांति चलाया था उस समय उन्होंने बहुत विशाल जनसमूह को वहां पर जो आए थे उन्हें संबोधित किया था उसी समय उन्हें लोकनायक के नाम से उपाधि मिली थी लोकनायक के नाम से भी सम्मानित किया गया था और उन्हें मरने के बाद भारत रत्न से नवाजा गया था राष्ट्रभूषण सम्मान से भी उन्हें सम्मानित किया गया था.
Jayaprakash Narayan के सम्मान में पटना के हवाई अड्डे को भी उनके नाम से पे रखा गया पटना का हवाई अड्डा को लोकनायक जयप्रकाश हवाई अड्डा कहा जाता है दिल्ली सरकार ने वहां के सबसे बड़ा हॉस्पिटल को लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के नाम दिया.
जयप्रकाश नारायण के नाम पर कुछ संस्थानों के नाम
लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने हमेशा बिहार को विकास करने के बारे में सोचा बिहार को आगे बढ़ाने के बारे में कार्य करते रहे उन्होंने अपने देश को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का प्रयास किया आज वर्तमान में भी जो हर एक पार्टी के नेता है वह जयप्रकाश नारायण को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं
जयप्रकाश नारायण के पद चिन्हों पर चलना चाहते हैं वह एक त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति माने जाते हैं सिद्धांत वादी नेता के रूप में लोकनायक जयप्रकाश नारायण को पहचाना जाता है हमेशा खादी का कपड़ा पहनते थे और राष्ट्रवादी में विश्वास रखते थे उनके नाम पर कई संस्थान का नाम रखा गया.
- जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय
- लोकनायक जयप्रकाश विमानक्षेत्र
- जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
जयप्रकाश नारायण की मृत्यु
जयप्रकाश नारायण एक स्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक भी थे जयप्रकाश नारायण जब संपूर्ण क्रांति चला रहे थे उसके बाद जब आपातकाल लगा हुआ था और लोगों के साथ वह भी जेल चले गए थे उसी आंदोलन के दौरान ही Jayaprakash Narayan का तबीयत खराब रहने लगा जेल में जब बंद थे.
उस समय उनकी तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी थी वह 1976 में जब जेल से निकले उसके बाद वह मुंबई के जसलोक अस्पताल में अपना जांच करवाने गए तो जांच में निकला कि किडनी खराब हो गया है और वह कुछ दिनों तक डायलिसिस पर भी रहे इस तरह उनकी तबीयत दिनोंदिन खराब होती गई.
और 8 अक्टूबर 1979 को उनकी मृत्यु हो गयी उनकी मृत्यु का कारण मधुमेह और हृदय रोग था इस तरह भारत से एक ऐसे व्यक्ति का मृत्यु हुआ जिन्होंने भारत आजाद करवाने से लेकर आजाद होने के बाद समाज में अपनी एक अलग छाप छोड़ गए.
सारांश
जयप्रकाश नारायण जब तक जीवित रहे हमेशा राजनीति में सक्रिय रहे उनकी स्वास्थ्य खराब होने की वजह से बावजूद भी 1970 में इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष के नेता को एकजुट करके चुनाव में हरा दिया था
बिहार प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी राजनेता और बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे में इस लेख में पूरी जानकारी दी गई है इस लेख से संबंधित अगर कोई सवाल आपके मन में कृपया कमेंट करके जरूर पूछें.
इस लेख में हमने भारत रत्न लोक नायक जयप्रकाश नारायण Jayaprakash Narayan biography in hindi language के जीवनी के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है आप लोगों को यह जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताएं और जितना हो सके शेयर भी जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।