श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज का जीवन परिचय

श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज कौन है? श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज का जीवनी? Shree Lakshmi Prapanna Jeeyar Swami ji Maharaj Biography in hindi? जीयर स्वामी जी महाराज बक्‍सर, बिहार, भारत के महान मनीषी संत है जिन्होंने भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में वैष्णव संप्रदाय के ध्वज पताका को एक नई ऊंचाई प्रदान किये है। पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज, पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य हैं।

इस भारत भूमि पर कई महान तपस्वी हुए उन्हीं में से एक भारत के महान संत तपस्वी श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज थे। श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य के रूप श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने दीक्षा ग्रहण किया। उसके बाद से ही श्री जीयर स्वामी जी, श्री त्रिदंडी स्वामी जी के सानिध्य में तपस्या करने लगे।

श्री त्रिदंडी स्वामी जी के बहुत लोग शिष्‍य हुए उनमें से श्री जीयर स्वामी जी भी एक हैं। लेकिन उन सभी शिष्यों में से सबसे उत्तम, बेहतर, तेजस्वी, ओजस्वी, सन्यासी के रूप में पहचान श्री स्‍वामी जी को मिला।

श्री त्रिदंडी स्वामी जी एक दिव्य संत थे जिन्हें भूत भविष्य वर्तमान के बारे में बेहतर अनुभव प्राप्त था। श्री त्रिदंडी स्वामी जी ने श्री जीयर स्वामी जी को एक बेहतर सन्यासी के रूप में देखा, परखा, जिसके बाद उन्होंने अपना उत्तराधिकारी श्री जीयर स्वामी जी को बनाया। 

Shree Lakshmi Prapanna Jeeyar Swami ji Maharaj

जब श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज इस धरा धाम को छोड़ने लगे उसके पहले अपना त्रिदण्‍ड उन्होंने श्री जीयर स्वामी जी को देखकर वैष्णव संप्रदाय के इस कार्य को आगे बढ़ाने का उत्तराधिकारी भी बना दिया। जिसके बाद से निरंतर पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज एक सन्यासी के रूप में अपने दिनचर्या को समर्पित कर दिए।

Lakshmi Prapanna Jeeyar Swami

पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने अपने यज्ञ में ग्राम ओझा के सेमरिया, शाहपुर, बिहार में यज्ञोपवित कराकर ब्रह्मचारी के रूप में पूज्य श्री जीयर स्वामी जी को अपने साथ शामिल किए।

ऐसा कहा जाता है कि पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज का 90 के दशक में ग्राम अगरेड़ में जब यज्ञ हो रहा था उसी समय श्री स्वामी जी को श्री त्रिदंडी स्वामी जी के प्रति बहुत ही ज्यादा लगाव हो गया। पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज का गांव अगरेड़ के नजदीक शिशिरित में है। जहां से वे नियमित रूप से यज्ञ में शामिल होते थे। जिसके बाद लगातार जीयर स्‍वामी जी पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी के शिष्य बनने का प्रयास करने लगे। 

उसके बाद ग्राम सेमरिया में श्री स्वामी जी के शिष्‍य बन गए। लगातार कई वर्षों तक श्री त्रिदंडी स्वामी जी के शिष्य के रूप में साधना करते रहे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला के कावर गांव में पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी ने सबसे प्रिय शिष्य ब्रह्मचारी श्री जीयर स्वामी जी को सन्यास का दीक्षा देखकर श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी के नाम से अलंकृत किये। जिसके बाद श्री जीयर स्वामी जी जो ललन मिश्र के नाम से जाने जाते थे। उनका नाम आज हम लोग श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज के नाम से जानते हैं।

श्री जीयर स्वामी जी का जीवन

पूज्य श्री जीयर स्वामी जी संन्यास के बाद अपने जीवन में कठिन तपस्या को और आगे बढ़ाते हुए निरंतर जप, तप, स्वाध्याय, साधना के कठिन मार्ग पर चलना शुरू कर दिए। सन्यास लेने के बाद पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज फूस की बनी झोपड़ी में वास करने लगे। 

पूज्य श्री स्वामी जी का आहार केवल एक बार कुछ फल का आहार मात्र है सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले केवल एक बार गंगाजल का पान करते हैं।

पूज्य स्वामी जी का जीवन बहुत ही कठिन एवं तपस्या से भरा हुआ है। क्योंकि वह अपने जीवन में कभी पैसा को हाथ से नहीं छूते हैं वह अपने पास मोबाइल भी नहीं रखते तथा उनका शयनकक्ष भी बहुत ही साधारण होता है। जिनमें केवल एक कंबल के आसन पर ही विश्राम करते हैं।

श्री जीयर स्वामी जी का दिनचर्या

स्वामी जी का 1 वर्ष में 8 महीना भ्रमण काल होता है। जिसमें वे अनेक गांव में जाकर के वास करते हैं और लोगों को कथा प्रवचन सुनाते हैं। बरसात के दिनों में 4 महीना एक ही स्थान पर चातुर्मास्‍य व्रत करते हैं। जहां पर रहकर वह भगवान का स्मरण एवं तपस्या करते हैं तथा सुबह शाम आरती प्रवचन कर लोगों का कल्याण करते हैं।

वर्तमान समय में पूज्य श्री जियर स्वामी जी महाराज मानव रूप में एक दिव्य परमात्मा के अंश के रूप हैं। जिनके द्वारा समाज संस्कृति मानवता ईमानदारी भगवत भक्ति की निरंतर धारा बहाया जा रहा है। जिस भक्ति रूपी धारा से संपूर्ण मानव समाज का कल्याण हो रहा है। ऐसे महान संत के दर्शन करने से ही मानव जीवन कृतार्थ हो जाता है।

सामान्य तौर पर एक संत का परिचय उनके गुरु से ही होता है। इसीलिए इस लेख में पूज्य श्री स्वामी जी महाराज के गुरु परंपरा के बारे में ही बताया गया है जो कि पूर्ण है। हम सामान्य मनुष्य से अलग एक संत का परिचय उनके उनके गुरु से होता हैं इसीलिए इस लेख में पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के बारे में बताया गया है जो कि पूज्य श्री स्वामी जी महाराज के गुरु हैं।

श्री जीयर स्वामी जी

पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज का पूरा जीवन वैष्णव संप्रदाय मानव संस्कृति का कल्याण एवं पूज्य गुरुदेव के बताए गए मार्ग, उनके द्वारा दी गई शिक्षा एवं उद्देश्य को निरंतर लोगों के बेहतर जीवन, दिनचर्या को बनाने के लिए ही समर्पित है।

पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्‍यों की संख्या बहुत है लेकिन उन सभी शिष्यों में सबसे सर्वश्रेष्ठ श्री जीयर स्वामी जी महाराज हुए क्योंकि श्री स्वामी जी महाराज के तेज, समर्पण, सदमार्ग के कारण ही उनको पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने वैष्णव समाज के इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर महसूस किया। जिसके बाद से लगातार वैष्णव परंपरा को आगे बढ़ाने वाले दुनिया के महान संत सन्यासी पूज्य श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज हम सभी भक्तों को भक्ति का ज्ञान देकर कृतार्थ कर रहे हैं।

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