Lala Lajpat rai hindi की जीवनी के बारे में पूरी जानकारी हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं लाला लाजपत राय कौन थे कहां के रहने वाले थे उनका जीवन परिचय क्या था Lajpat Rai biography in hindi ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका कब और कैसे निभाई थी उन्होंने क्या-क्या सामाजिक कार्य किए थे
उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अपना बलिदान कैसे दिया था भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में लाल बाल पाल के नाम से तिकड़ी मशहूर नेता थे जिनमें लाला लाजपत राय एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे
जिन्होंने आजादी के लिए जो भी लड़ाई हुआ आंदोलन हुआ उसमें उन्होंने नेतृत्व किया लाजपत राय पंजाब केसरी शेर ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध थे वह एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे
और भारत देश के कई क्रांतिकारियों को प्रभावित करके आंदोलन में शामिल किया लाला लाजपत राय ने अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों को भारत देश से भगाने के लिए अपने प्राणों की आहुति तक उन्होंने दे दिया।
इस लेख में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं में एक माने जाने वाले लाला लाजपत राय के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं.
Lala Lajpat rai hindi
लाला लाजपत राय भारत के एक महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे लाजपत राय ने अपने जीवन का बलिदान भारत को आजाद कराने के लिए कर दिया उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ कई सारे आंदोलन किए कई सारे विरोध प्रदर्शन किए और लोगों को क्रांति के लिए और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जागृत किया.
उन्होंने भारत को पूर्ण स्वराज दिलाने के लिए बहुत सारे विशाल विरोध प्रदर्शन किया उनके लोकप्रियता पंजाब में इतनी बढ़ गई थी लोग उन्हें इतना आदर और सम्मान करते थे कि उनका नाम पंजाब केसरी शेर ए पंजाब रख दिया गया था.

उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन पंजाब में आग की तरफ फैला दिया था उनके इस आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के वजह से अंग्रेज भी बहुत डर गए थे कई बार जेल भी भेज चुके थे.
लाला लाजपत राय ने पंजाब नेशनल बैंक का स्थापना किया था और उन्होंने लक्ष्मी बीमा कंपनी को भी स्थापित किया था भारतीय राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में लाल बाल पाल के नाम से 3 स्वतंत्रता सेनानी मशहूर थे
जिसमें लाला लाजपत राय बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल नाम था यह तीनों गरम दल के नेता थे लाला लाजपत राय साइमन कमीशन के विरुद्ध आंदोलन में अंग्रेजों के लाठीचार्ज से बुरी तरह से घायल हो गए
तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और एक नारा दिया कि मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी लाला लाजपत राय के इस नारा से कई स्वतंत्रता सेनानियों ने उनके मौत का बदला लिया और अंग्रेजो के खिलाफ बहुत ही आंदोलन किए.
नाम | लाला लाजपत राय |
उपनाम | पंजाब केशरी,शेर ए पंजाब |
जन्म | 28 जनवरी 1865 |
जन्म स्थान | पंजाब के फिरोजपुर जिला के जगरांव गांव के |
पिता का नाम | राधा कृष्ण अग्रवाल |
माता का नाम | गुलाब देवी |
पत्नि का नाम | राधा |
शिक्षा | राजकीय कालेज लाहौर से मैट्रिक, कोलकाता और पंजाब यूनिवर्सिटी से एफए, वकालत की डिग्री |
कार्यक्षेत्र | स्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक और गरम दल के नेता,लेखक |
नारा | मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी |
रचनाएं | यंग इंडिया,अन हैप्पी इंडिया, इंग्लैंड डेप्ट टू इंडिया,द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडिया,द स्टोरी ऑफ माय लाइफ |
संस्थापक | दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय का स्थापना |
मृत्यु | 17 नवंबर 1928 |
लाला लाजपत राय का जन्म
Lala Lajpat Rai पंजाब के फिरोजपुर जिला के जगरांव गांव के रहने वाले थे उनका जन्म 28 जनवरी 1865 में हुआ था उनके पिताजी का नाम राधा कृष्ण अग्रवाल और माता का नाम गुलाब देवी था
उनके पिताजी उर्दू के बहुत विद्वान और अध्यापक थे. Lala Lajpat Rai जैन परिवार से थे उनके पिताजी उर्दू और फारसी के बहुत बड़े विद्वान थे उनके पिताजी वैश्य थे लेकिन उनकी माता सीक्ख परिवार से थी उनकी माता बहुत ही धार्मिक स्त्री थे.
लाला लाजपत राय शिक्षा
Lala Lajpat Rai गरम दल के प्रमुख नेता थे वह बचपन से ही बहुत तेज तरार छात्र थे उन्हें पढ़ाई में ज्यादा रुचि रहती थी लाजपत राय के पिता जी खुद एक अध्यापक थे
तो वह भी उन्हें घर पर शिक्षा देते थे जो कि उनके स्कूल में बहुत सहायक होता था वह अपने स्कूल में हमेशा फर्स्ट डिवीजन रहते थे और अपने अध्यापक के एक प्रिय छात्र भी थे
उनके पिताजी से उन्हें गणित भौतिक विज्ञान और इतिहास की बहुत अच्छे से शिक्षा मिली थी. Lala Lajpat Rai ने मैट्रिक राजकीय कालेज लाहौर से किया था
मैट्रिक करने के बाद लाजपत राय ने कोलकाता और पंजाब यूनिवर्सिटी से एफए का एंट्रेंस परीक्षा दिया और वह दोनों जगह से पास हो गए एफए पास करने के बाद उन्होंने वकालत किया और वकालत की डिग्री प्राप्त करने के बाद प्रैक्टिस करने लगे थे.
लाला लाजपत राय का विवाह
लाजपत राय का विवाह राधा नाम की लड़की से हुआ था जब उनका विवाह हुआ था वह सिर्फ 13 साल के थे उन्होंने अपनी पत्नी से आज्ञा लिया कि वह भारत माता के लिए कुछ करना चाहते थे
आजादी दिलाने के लिए Lala Lajpat Rai अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे लेकिन देश प्रेम की भावना भी इनमें बहुत भरी थी वह कैसे भी करके अंग्रेजों को भारत से निकालना चाहते थे.
लाला लाजपत राय का व्यक्तित्व
वे देशभक्त और वीर क्रांतिकारी थे उन्होंने अपने भारत माता को आजाद करवाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया और अपने खून का एक-एक बूंद उन्होंने आजादी के लिए आवाज उठाने में लगा दिया
उन्होंने अंग्रेजों के नाक में दम कर के रख दिया था अंग्रेज उन से डरने लगे थे.गरम दल के गठन Lala Lajpat Rai बिपिन चंद्र पाल और बाल गंगाधर तिलक ने मिलकर किया था लोगों में लाल बाल पाल के नाम से यह तीनों प्रसिद्ध हो गए थे
सबसे पहले भारत को स्वराज दिलाने के लिए आवाज उठाने वाले यह तीनों नेता और क्रांतिकारी थे उन्होंने लोगों के बहुत सेवा और सहायता की थी
जब देश में अकाल पड़ा था लोग एक-एक दाना के लिए तरसने लगे थे और अंग्रेज किसी की मदद नहीं कर रहे थे तब लाला लाजपत राय ने बहुत जगह पर अपने साथ बहुत लोगों को लेकर शिविर लगाकर जनता की सेवा और सहायता करने लगे थे
ताकि कोई भी भूखे नहीं रहे.वह सभी धर्मों के मानने वाले थे वह अपने पिताजी की तरह ही सभी धर्मों का बहुत आदर और सम्मान करते थे वह मुस्लिमों के साथ रह कर इस्लामी धर्म को भी निभाया करते थे
मुस्लिम के साथ नमाज पढ़ते थे रमजान के महीना में रोजा रखते थे उनकी यही कोशिश थी कि सारे जाति धर्म एक साथ रहे और जातिवाद लोगों में मत रहें. सब लोग मिलकर ही रहे और भारत को आजाद कराने के लिए एक साथ आवाज उठाएं और अंग्रेजों का विरोध करें.
लाला लाजपत राय के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
वे लोगों में पंजाब केसरी के नाम से मशहूर थे वह स्वामी दयानंद सरस्वती को अपने गुरु के रूप में मानते थे उन्होंने दयानंद सरस्वती से मिलकर ही आर्य समाज का पंजाब में बहुत ही प्रचार प्रसार किया था
इसी वजह से पंजाब में वह लोकप्रिय भी हो गए थे वह अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले क्रांतिकारी थे.उनमें देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी
लाला लाजपत राय 1888 में कांग्रेस से जुड़े और कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने पंजाब में अपना आंदोलन बहुत फैला दिया 1960 में लाला लाजपत राय ने किसानों के साथ मिलकर अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया
इस आंदोलन से अंग्रेज उनसे इतने नाराज हुए कि उन्हें पकड़कर मांडले जेल भेज दिया इसके बाद भारत में आंदोलन और बढ़ गया लोग अंग्रेजों के खिलाफ सड़कों पर उतर गए और जगह-जगह आंदोलन करने लगे.
लाला लाजपत राय के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
जब वह भारत वापस आए तब उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर असहयोग आंदोलन में भी अपनी भूमिका बहुत अच्छे से निभाई. 1960 ईस्वी में होमरूल लीग की स्थापना हुआ
जिसमें Lala Lajpat Rai बाल गंगाधर तिलक और बहुत सारे नेता उनके साथ थे इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत को पूर्ण स्वराज्य दिलाना था 1928 ईस्वी में अंग्रेजों ने जॉन साइमन अंग्रेज अफसर जो था
उसने साइमन कमीशन के नाम पर 7 सदस्य एक कानून लाया इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था सिर्फ अंग्रेज इसमें थे इसके विरोध में लोगों ने बहुत आंदोलन किया क्रांति किया जिसके नेता लाला लाजपत राय थे.
लाला लाजपत राय के साथ मिलकर लोग सड़कों पर उतर के साइमन गो बैक का नारा लगाने लगे 1928 में साइमन कमीशन के विरुद्ध लाहौर में बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा था यह प्रदर्शन बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा था
लेकिन यह अंग्रेजो के खिलाफ था इसलिए अंग्रेज बहुत क्रोधित हुए और इसे देश विरोधी आंदोलन बताया था जिस पर अंग्रेज लाठियां बरसाने लगे इसी समय उनको लाठी से चोट लग गया
वह बुरी तरह से घायल हो गए लेकिन उन्होंने घायल होने के बाद भी एक नारा देते रहे उनका कहना था कि मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में कील का काम करेगी.
बात सही भी हुआ उनके मौत का बदला बहुत जल्दी भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव ने मिलकर अंग्रेज अधिकारी सैंडर्स की हत्या से ली.
लाला लाजपत राय के सामाजिक कार्य
Lala Lajpat Rai ने बहुत सारे सामाजिक कार्य भी किया हैं उस समय बैंक की हालत बहुत खराब था इसलिए उन्होंने स्वदेशी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की और लक्ष्मी बीमा कंपनी की स्थापना की
उन्होंने दयानंद सरस्वती के साथ मिलकर दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय का स्थापना किया और इसका बहुत प्रचार-प्रसार भी गया जिसे आजकल हम लोग डीएवी स्कूल या कॉलेज के नाम से जानते हैं और डीएवी स्कूल कालेज में हम अपने बच्चों को पढ़ाते भी हैं.
लाला लाजपत राय ने पंजाब में आर्य समाज का प्रचार प्रसार किया जिसके द्वारा हिंदू समाज में जो भी अंधविश्वास कुप्रथा कुरीतियां थी उसे दूर करने का प्रयास किया और दयानंद सरस्वती के द्वारा दिए गए नारा वेदों की ओर लौटने का प्रचार-प्रसार भी उन्होंने किया
लाजपत राय ने भारतीय शिक्षा के में सुधार करने का भी प्रयास किया जो पहले संस्कृत और उर्दू ही ज्यादातर पढ़ाया जाता था तो उसमें उन्होंने यूरोपीय शैली और अंग्रेजी व्यवस्था को भी जोड़ने का प्रयास किया
दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय का स्थापना करके भारत देश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था शुरू किया. लाला लाजपत राय ने लाहौर में डीएवी कॉलेज का स्थापना किया उस समय भारत में एक बेहतर शिक्षा का केंद्र या कॉलेज हो गया था
युवाओं के लिए भी बेहतर शिक्षा प्राप्त होने लगा जो कि आगे चलकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उन युवाओं ने अपना बेहतर योगदान दिया.जब 1897 और 1899 में भारत में बहुत ही ज्यादा अकाल हुआ था
उस समय ब्रिटिश सरकार ने गरीबों के लिए या पीड़ितों के लिए कोई सहायता नहीं किया तब लाला लाजपत राय ने तन मन और धन से अपने देशवासियों का सहायता किया उनका सेवा किया उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर अकाल शिविर लगाकर लोगों की सहायता किया था.
लाला लाजपत राय के द्वारा लिखी गई पुस्तकें
जब प्रथम विश्व युद्ध रहा था उस समय लाला लाजपत राय संयुक्त अमेरिका में थे और भारत का समर्थन प्राप्त करने के लिए वहां उन्होंने होम रूल लीग ऑफ़ अमेरिका की स्थापना किया
लाला लाजपत राय को पुस्तक लिखने का भी शौक था उसी समय उन्होंने यंग इंडिया नाम का पुस्तक लिखा जिसमें उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आरोप लिखे थे इसलिए ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय का पुस्तक भारत में प्रकाशित होने नहीं होने दिया
इसके अलावा लाला लाजपत राय ने कई किताबें लिखा है.उन्होंने बहुत सारे पुस्तकें भी लिखी हैं जिसमें उन्होंने शिवाजी श्री कृष्णा और बहुत सारे महापुरुषों की जीवनी लिखी हैं उनके द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकों का नाम हैं.
- यंग इंडिया
- अनहैप्पी इंडिया
- इंग्लैंड डेप्ट टू इंडिया
- द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडिया
- द स्टोरी ऑफ माय लाइफ
लाला लाजपत राय का नाम पंजाब केसरी क्यों पड़ा
पंजाब राज्य से लाला लाजपत राय संबंध रखते थे उनका जन्म पंजाब में ही हुआ था जब भी वह स्वतंत्रता सेनानियों को संबोधित करते थे उन्हें किसी भी तरह की बातें समझाते थे भाषण देते थे या किसी आंदोलन का हिस्सा होते थे उस समय जब वह बोलते थे
तो उनकी आवाज केसरी की तरह गुंजता था केसरी यानी कि शेर की दहाड़ से पूरा जंगल गूंज उठता है और जितने भी जानवर जंगल में होते हैं वह डर जाते हैं उसी तरह जब लाला लाजपत राय जब बोलने लगते थे
तो अंग्रेज सरकार भी उनसे डरने लगते थे कांप उठते थे इसीलिए लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी के नाम से लोग पुकारते थे. लाला लाजपत राय ने इंडियन होम रूल लीग आफ अमेरिका की स्थापना की थी
बिपिन चंद्र पाल और बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का बहुत प्रचार किया था और उसको बढ़ावा भी दिया था.लाला लाजपत राय का विचार था की पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की जरूरी कदम होते हैं वह भी महात्मा गांधी की तरह अहिंसा से आंदोलन करने के पक्ष में थे.
लाला लाजपत राय की मृत्यु
जब साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन हो रहा था और लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे इस वजह से अंग्रेज अधिकारी नाराज हो गए थे उनका मानना था कि अब देश विरोधी आंदोलन हैं
इस वजह से उन्होंने भारतीय आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करवाया उसी समय Lala Lajpat Rai को अंग्रेजों ने लाठी से मार कर घायल कर दिया और 17 नवंबर 1928 को इन्हीं चोटों से घायल होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई
लेकिन उन्होंने जाते-जाते लास्ट समय में यह नारा लगाया कि मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी. लाला लाजपत राय अपने भारत देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया
यह बलिदान हम लोग सारी जिंदगी कभी नहीं भूलेंगे आज भी हम लोग एक आजाद भारत में रह रहे हैं आजादी से जो मन करता हैं वह करते हैं वह इन्हीं क्रांतिकारियों के वजह से मिला हैं.ऐसे क्रांतिकारियों को सत सत नमन.
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सारांश
लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल के प्रमुख नेता थे और वह गरम दल के प्रसिद्ध नेता के रूप में जाने जाते थे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में त्रिमूर्ति के नाम से बाल गंगाधर तिलक लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल को पहचाना जाता था.
यह तीनों नेताओं ने मिलकर भारत में पूर्ण स्वतंत्रता यानी पूर्ण स्वराज की मांग की थी इसके साथ ही लाला लाजपत राय ने कई समाज सुधार कार्य किए साइमन कमीशन के विरुद्ध आंदोलन करते समय अंग्रेजों के द्वारा लाठीचार्ज में उन्होंने अपनी जान गवा दी.
लेकिन लाला लाजपत राय की मृत्यु व्यर्थ नहीं हुआ उनकी मौत के लगभग 20 साल बाद भारत आजाद हुआ. इस लेख में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के बारे में पूरी जानकारी दी गई है अगर इस लेख से संबंधित कोई सवाल मन में है तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें.
इस लेख में हमने पंजाब केसरी शेर ए पंजाब के नाम से मशहूर महान क्रांतिकारी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय Lala Lajpat rai hindi language के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की हैं.
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