भाषा क्‍या होता हैं, भाषा की उत्‍पति एवं 5+प्रकार

Language kya hai भाषा क्‍या हैं? विश्व में जितने भी देश है देश में जितने भी राज्य हैं हर जगह का अपना एक अलग भाषा होता है भाषा को इंग्लिश में Language कहा जाता हैं पूरी दुनिया में कई प्रकार की भाषा है बल्कि हमारे भारत देश में कई भाषाएं बोली जाती है जितने भी राज्य हैं उन राज्यों में एक राज्य में कई तरह के भाषा बोले जाते हैं.

लेकिन भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित हिंदी भाषा है कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पर हिंदी ज्यादा बोली जाती है कहीं पर इंग्लिश ज्यादा बोला जाता है या कहीं पर और भी कई भाषाएं बोली जाती है कोई भी भाषा किसी एक व्यक्ति का नहीं होता है। बल्कि हर राज्य का अपना एक अलग अलग भाषा होता है

उसी Language में हर कोई बोलता है एक दूसरे को अपनी बातें समझाता है कई लोग ऐसे होते हैं कि उन्हें अपनी भाषा छोड़कर दूसरी भाषा समझ में नहीं आती है तो भाषा क्या है भाषा कितने प्रकार के होती है के बारे में आइए नीचे विस्तार से जानते हैं.

भाषा क्‍या हैं Language Kya Hai

भाषा का इंग्लिश Language होता है भाषा अपनी वाणी के द्वारा अपने मन की बात दूसरे व्यक्ति को पूर्ण रूप से समझाने का एक साधन है पहले के लोग अपने मन का भाव अपने मन का विचार एक दूसरे को इशारे के द्वारा समझाते थे क्योंकि उनके पास किसी भी तरह का भाषा नहीं था.

जिससे कि बहुत परेशानी होती थी लेकिन जब हर जगह का Language होता है तो उस Language के द्वारा हम अपने मन के भाव को एक दूसरे को बहुत ही आसानी से समझा पाते हैं.

Language kya hai

अपने विचार अपने ध्वनि के द्वारा व्यक्त कर सकते हैं एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने मन के भाव अपने मन के विचार आदान प्रदान करने का एक जरिया है एक माध्यम भाषा होता है अगर भाषा नहीं है तो मनुष्य अपनी बातें एक दूसरे को बताने में असमर्थ रहेगा.

Language का अर्थ क्या होता है

अपने मन की भाव विचार आदि किसी दूसरे व्यक्ति से व्यक्त करने का जो वाणी होता है उसे ही भाषा कहा जाता है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति पढ़कर बोल कर लिख कर सुनकर दूसरे व्यक्ति को अपने विचार आदान-प्रदान करने में समर्थ रहता है

कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के मन के भाव को या दूसरे व्यक्ति के लिखे हुए चीज को आसानी से समझ सके उसी को भाषा कहा जाता है.

अपने शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से जैसे कि कान आंख नाक पर आदि के द्वारा भी अपने भाव दूसरे व्यक्ति को मनुष्य वाणी से बोल करके व्यक्त करता है जिस तरह मनुष्य का अपना भाषा होता है उसी तरह पशु पक्षियों का भी अपना एक संकेत होता है एक बोली होता है कोई भाषा होता है.

भाषा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई

दुनिया में सबसे पहले देवी देवताओं और ऋषि मुनियों का जो सबसे प्रमुख प्राचीन भाषा है वह है संस्कृत. संस्कृत शब्द के भाष धातु से भाषा शब्द की उत्पत्ति हुई है

भाष शब्द का अर्थ बोलना होता है जिस तरह स्कूल में अगर कोई टीचर अपने स्टूडेंट को पढ़ा रहे हैं तो छात्रों को किसी भी तरह की बात समझाने के लिए उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर लिखकर बोलकर उन्हें समझाते हैं.

और छात्र उसी भाषा को समझ कर पढ़ते हैं लिखते हैं तो किसी भी मनुष्य के मन के भावों को दूसरे के सामने प्रकट करने का जो वाणी होता है माध्यम होता है उसे ही भाषा शब्द कहा गया है.

Language का परिभाषा क्‍या हैं 

पूरे विश्व में लगभग 7000 भाषा बोली जाती है Language एक ऐसा साधन होता है जिससे कि लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया जाता है संगठित किया जाता है समूह के रूप में जोड़ा जाता है

भाषा के द्वारा ही कोई भी व्यक्ति अपना सामाजिक संस्कृति अर्थिक राजनीति आदि का विकास भी कर सकता है विश्व की क्रियाशीलता का सबसे जरूरी माध्यम भाषा है.

अगर किसी को किसी का भाषा समझ में नहीं आएगा तो व्यक्ति एक दूसरे के मनोभाव को नहीं समझ पाएगा भारत के कुछ वैज्ञानिकों ने भाषा शब्द को परिभाषित किया है उनके अनुसार विचारों की अभिव्यक्ति के द्वारा समाज को ध्वनि संकेत से स्वीकृति मिलती है.

भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित हिंदी और अंग्रेजी भाषा है यह दो भाषा ऐसा है जो कि हर जगह लगभग बोला जाता है.

रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने अपने रामचरितमानस में एक दोहा लिखा है कि समुझई खग खग ही के भाषा इसका मतलब यह है कि जिस तरह एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का भाषा समझता है उसी तरह पशु-पक्षी भी एक दूसरे का भाषा समझते हैं किसी भी पशु पक्षी या जानवर की Language व्यक्ति नहीं समझ सकता है.

भाषा कितने प्रकार का होता है

विश्व में हर देश का हर राज्य का राज्य में भी हर क्षेत्र का लगभग अपना अपना एक अलग भाषा होता है कुछ राज्य का भाषा होते कुछ क्षेत्रीय भाषा होता है तो भाषा को भी कई वर्गों में बांटा गया है Language का कई प्रकार होता है जैसे कि मातृभाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा,प्रादेशिक भाषा, अंतर्राष्ट्रीय भाषा आदि.

1. राजभाषा

भारत में जब संविधान बना तो भारत के जितने भी राज्य हैं और केंद्र शासित प्रदेश हैं उनमें हिंदी के अलावा और भी कई भाषाओं को राजभाषा चुना गया तो राजभाषा उसे कहते हैं जिसके द्वारा राज कार्यों को किया जाता है हिंदी को पहले से ही राजभाषा के रूप में चुना गया है हिंदी के अलावा भारत की अंग्रेजी भाषा भी राजभाषा है.

2. मातृभाषा

कोई भी बच्चा जब बड़ा होता है बोलने लायक होता है जो भाषा अपने घर में अपने समाज में सुनता है उसी को आगे चलकर वह भी प्रयोग करता है तो ऐसी भाषा को मातृभाषा कहा जाता है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भाषा के संबंध में कहा है कि हर व्यक्ति के विकास के लिए मातृभाषा आवश्यक है जिस तरह मां का दूध एक बच्चे के लिए बहुत ही जरूरी होता है बच्चे के शारीरिक विकास मानसिक विकास के लिए मां के दूध से बेहतर कोई दूसरा दूध नहीं होता है उसी तरह हर व्यक्ति के विकास के लिए मातृभाषा होना आवश्यक है.

3. प्रादेशिक भाषा

जिस तरह हर देश का अपना एक भाषा होता है उसी तरह हर राज्य का भी अपना भाषा होता है भारत देश में जितने भी राज्य हैं उनमें हर जगह के अलग-अलग भाषा है तो एक राज्य में प्रदेश में जिस भाषा को ज्यादा बोला जाता है वहां के व्यक्ति उसी भाषा में हर बात समझ सकते हैं उस भाषा को प्रादेशिक भाषा कहा जाता है.

4. राष्ट्रभाषा

भारत में जिस तरह इंग्लिश और हिंदी भाषा है जिसे भारत देश में कहीं भी अगर हम जाते हैं तो इस भाषा को अधिकतर व्यक्ति समझ सकते हैं तो राष्ट्रभाषा उसी भाषा को कहते हैं जो कि पूरे देश में आधा से अधिक लोग समझ सके उस भाषा को समझने का शक्ति ज्यादातर व्यक्तियों में हो और वही भाषा अधिकतर लोग बोलते हैं.

उसको राष्‍ट्रभाषा कहते हैं भारत देश की एकमात्र मातृभाषा हिंदी है जो कि भारत में किसी भी राज्य में किसी भी क्षेत्र में जाते हैं तो वहां ज्यादा से ज्यादा लोग हिंदी बोलने वाले मिल जाते हैं.

5. अंतर्राष्ट्रीय भाषा

विश्व में जब कोई Language दो देशों में या उससे भी कहीं ज्यादा देशों में बोली जाती है समझी जाती है उस भाषा का प्रयोग किया जाता है तो उस भाषा को अंतर्राष्ट्रीय भाषा कहा जाता है जैसे कि अंग्रेजी एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय भाषा है जो कि विश्व में कई देशों में बोला जाता है.

भाषा का महत्व

कोई भी Language बिना सीखे बिना समझे किसी को नहीं आता है भारत में कई तरह के भाषाएं बोली जाती है जैसे कि हिंदी अंग्रेजी, अवधी, ब्रज भाषा, खड़ी बोली, बुंदेलखंडी, संस्कृत, मराठी, उर्दू, तेलुगु, पंजाबी, गुजराती, भोजपुरी आदि तो किसी भी भाषा का महत्व यह है कि किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए भाषा जरूरी है पहले के लोग संस्कृत भाषा समझते थे बोलते थे.

लेकिन इसमें विकास करके आधुनिक भारत का विकास हुआ तो कई भाषाओं का उत्पत्ति हुआ Languageके द्वारा ही कोई भी व्यक्ति अपनी बात दूसरे व्यक्ति को समझा सकता है जिससे उस व्यक्ति का विकास हो सकता है उन्नति हो सकता है.

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सारांश

Language kya hai समाज में एक दूसरे को बांधे रखने के लिए संगठित करने के लिए भाषा एक माध्यम है समाज का एक शक्ति Language है जो व्यक्ति अपने माता-पिता से अपने पूर्वज से सीखता है और इसमें विकास करता है.

इस लेख में भाषा यानी की Language क्या होता है Language कितने प्रकार का होता है भाषा का महत्व क्या है भाषा का उत्पत्ति कैसे हुआ के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.

अगर इस लेख से संबंधित कोई सवाल आपके मन में कृपया कमेंट करके जरूर पूछें और इस जानकारी को अपने दोस्त मित्रों को सोशल साइट्स के माध्यम से शेयर जरूर करें.

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