LLM Full Form In Hindi एलएलएम के लिए क्या योग्यता आवश्यक है, एलएलएम से संबंधित सभी जानकारी इस लेख में प्राप्त करेंगे. आम नागरिक के लिए भी कानून से जुड़े हर तरह के नियम और एक्ट के बारे में जानकारी रखना आवश्यक होता है. वैसे तो कानून के बारे में समझना हर किसी के लिए पॉसिबल नहीं हो पाता है.
लेकिन कई लोग कानून की डिग्री प्राप्त करके कानून के हर एक नियमों के बारे में जानना चाहते हैं. वह वकालत की डिग्री प्राप्त करके वकील बनकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.
वकालत के लिए शुरुआती पढ़ाई ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी किया जाता है. लेकिन एलएलबी के बाद और भी बेहतर कानून की जानकारी रखने के लिए एलएलएम कोर्स किया जा सकता है.
वकालत के क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करने के लिए वकालत का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स किया जाता है, जैसे कि जज, सुप्रीम कोर्ट के वकील, डिस्ट्रिक्ट लेवल हाई कोर्ट के जज आदि. तो नीचे वकालत के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स एलएलएम के बारे में विस्तार से जानते हैं.
LLM Ka Full Form Kya Hota Hai
ग्रेजुएशन पास करने के बाद सबसे पहले एलएलबी किया जाता है. एलएलबी के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन एलएलएम होता है. एलएलएम का फुल फॉर्म Latin Legum magister होता है. यह एक लैटिन भाषा है. जिसका मतलब मास्टर डिग्री होता है.
एलएलएम का फुल फॉर्म इंग्लिश में Master of law या Master of Legislative Law होता है. यह एक कानून के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त डिग्री माना जाता है.

वकालत का कोर्स एक ऐसा ऑप्शन होता है जिसको करने के बाद कैरियर में बहुत ही आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है आज के समय में वकालत की का कोर्स एक प्रसिद्ध कोर्स हो गया है.
क्योंकि भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी इस कोर्स को किया जाता है. LLM करने के बाद कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा और पूरी अनुसंधान की जानकारी प्राप्त हो जाती है.
LLM फुल फॉर्म इन हिंदी
भारत में कानून की डिग्री एक्ट 1961 के द्वारा प्राप्त किया जाता है. यह कानून लीगल एजुकेशन और अधिनियम के पहलू पर संसद के द्वारा पारित किया गया है. LLM को इंग्लिश में मास्टर ऑफ लॉ कहा जाता है. जिसे हिंदी में वकालत में मास्टर के रूप में जाना जाता है.
जो व्यक्ति LLM की डिग्री प्राप्त कर लेता है उसे कानून का मास्टर माना जाता है. क्योंकि एलएलबी के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन एलएलएम करने के बाद कानून की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाती है.
LLM क्या होता हैं
कानून के क्षेत्र में यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होता है. इस कोर्स का समय अवधि 2 साल का होता है. लेकिन कई संस्थानों में इस कोर्स की समय अवधि अलग-अलग भी होती है.
जैसे कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इस कोर्स को 4 साल में पूरा कराया जाता है. 4 सेमेस्टर में इस कोर्स को पूरा किया जाता है. LLM डिग्री कॉरस्पॉडेंस और डिस्टेंस में भी पूरा किया जाता है.
मास्टर ऑफ लॉ की पढ़ाई वही व्यक्ति कर सकते हैं जो कि पहले एलएलबी कोर्स पूरा कर चुके हैं. कानून के क्षेत्र में सबसे उच्च डिग्री के रूप में जाना जाता है.
LLM कोर्स करने के बाद हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, जिला कोर्ट आदि में वकील या जज के तौर पर कार्य करने का मौका मिलता है. एलएलएम कोर्स में रूल रेगुलेशन से संबंधित हर प्रकार की शिक्षा दी जाती है.
वकालत की पढ़ाई करने के बाद अगर कहीं वकील के तौर पर कार्य करना चाहते हैं तो पहले एक्ट 1961 के अधीन बार काउंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्टर करवाना पड़ता है.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया एक ऐसा नियामक सर्वोच्च संस्था है जिसके द्वारा कानून के रखरखाव उसका अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाता है.
एलएलएम के लिए योग्यता
एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद कई तरह के विशेषज्ञता प्राप्त किया जाता है. जैसे कि इंटरनेशनल लॉ, कॉरपोरेट लॉ, टैक्सेशन लॉ, क्रिमिनल लॉ आदि. लेकिन इस कोर्स को करने के लिए पहले छात्र में कुछ एलिजिबिलिटी रहना आवश्यक है.
- LLM की डिग्री प्राप्त करने के लिए सबसे पहले 12वीं पास करना पड़ता है.
- 12वीं के बाद ग्रेजुएशन के की डिग्री प्राप्त करना जरूरी है.
- ग्रेजुएशन के बाद वकालत की डिग्री एलएलबी पास करना होता है.
- अगर कोई 12वीं के बाद ही वकालत की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं, तो वह 5 साल में एलएलबी का कोर्स करते हैं. लेकिन ग्रेजुएशन के बाद 2 साल में एलएलबी का कोर्स पूरा किया जाता है.
- एलएलबी में कम से कम 50 परसेंट अंक होना जरूरी है.
- इसके बाद LLM पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के लिए एडमिशन लिया जाता है.
LLM कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया
वकालत का मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद कानूनी के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं.
इस मास्टर डिग्री को प्राप्त करने के लिए एडमिशन प्रक्रिया दो तरह से है एक डायरेक्ट ऐडमिशन होता है और दूसरा प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद एडमिशन कराया जाता है.
1. डायरेक्ट एडमिशन
अगर किसी प्राइवेट कॉलेज से LLM की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं तो वहां पर अधिकतर डायरेक्ट ऐडमिशन हो जाता है. प्राइवेट कॉलेज से मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए ज्यादा फीस देना पड़ता है.
2. एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन
मास्टर ऑफ लॉ करने के लिए दूसरा ऑप्शन है एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन. अगर किसी सरकारी संस्थान से इस डिग्री को प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसके लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ता है.
एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन फॉर्म हर साल मई में निकलता है. इस एग्जाम में लगभग 150 प्रश्न होते हैं, जो कि सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं.
परीक्षा की समय अवधि 2 घंटे होती है. इस एग्जाम में नेगेटिव क्वेश्चन भी होता है. भारत में कई प्रसिद्ध कॉलेज है जहां पर LLM का प्रवेश परीक्षा आयोजित कराया जाता है.
2.1 LLM entrance exam
- CLAT
- AILET
- IPU CET
- LSAT
- DU LLM
- ILICAT
- MH CET law
- LSAT India
- MH CET law
- AP PGECET
- CUSAT CAT
- UPES DAT
- RUET
एलएलएम कोर्स कॉलेज
भारत में कई कॉलेज या यूनिवर्सिटी है जहां से मास्टर ऑफ लॉ की पढ़ाई कर सकते हैं. इन कॉलेजों में रैंकिंग के आधार पर एडमिशन होता है. कुछ कॉलेजों में डायरेक्ट एडमिशन या कुछ में एंट्रेंस एग्जाम पास करने के बाद एडमिशन होता है.
National law school of India university | Bangalore |
National law institute university | Bhopal |
Rajiv Gandhi National University of Law | Patiala |
Chanakya university | Patna |
ILS law college | Pune |
KK university | Nalanda |
Patna law college | Patna |
Gujarat National law university | Gandhinagar |
National law university | New Delhi |
Lovely professional university | Jalandhar |
West Bengal National University of Judicial science | Kolkata |
O.P. Jindal global university Jindal global law school | |
Faculty of law university of Delhi | New Delhi |
LLM स्पेशलाइजेशन
इस कोर्स को करने के बाद कानून के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त किया जाता है. लेकिन वकालत में कई स्पेशलाइजेशन भी है जो कि अपनी रूची के अनुसार सेलेक्ट कर सकते हैं. अपने मनपसंद स्पेशलाइजेशन का चुनाव करके कई तरह के वकील बन सकते हैं जैसे कि.
- बिजनेस लॉ
- कॉरपोरेट लॉ
- गवर्नेंस लॉ
- एनवायरमेंटल लॉ
- लेबर लॉ
- फैमिली लॉ
- इंटरनेशनल
- क्रिमिनल लॉ
- ह्यूमन राइट्स
- इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स कॉन्स्टिट्यूशन
LLM कोर्स सिलेबस
Master of Law कोर्स करने के लिए कई सब्जेक्ट का अध्ययन करना पड़ता है. लेकिन इसके दूसरे सेमेस्टर में स्टूडेंट अपनी इच्छा के अनुसार सब्जेक्ट सिलेक्ट कर सकते हैं. इसमें जो भी सब्जेक्ट होते हैं वह कानून का अनुभव और अभ्यास कराने में मदद करते हैं.
Semester 1 | Semester 3 |
Comparative Jurisprudence | Specialization area paper 4 |
Public international law | Specialization area paper 5 |
Comparative constitutional law | Specialization area paper 6 (optional) |
Teaching method and research methodology | Semester 4 |
Semester 2 | Specialization area paper 7 |
Specialization area paper 1 | Dissertation |
Specialization area paper 2 | Viva Voce |
Specialization area paper 3 (optional) | Teaching assignment |
LLM कोर्स करने के फायदें
इस कोर्स को करने के बाद कानून के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए कई अवसर मिल जाते हैं. LLM कोर्स भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में बहुत ही ज्यादा चर्चित है.
इसलिए अगर अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भी कैरियर बनाने के लिए कोई इच्छुक है, तो उसके लिए वह पूरी तरह से तैयार हो जाते है. LLM कोर्स करने के कई फायदे हैं

- भारत के हर एक कानून के रूल रेगुलेशन के बारे में जानकारी हो जाता है.
- वकालत के क्षेत्र में कई स्पेशलाइजेशन है तो अपने रूचि के अनुसार किसी भी एक क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं
- कैरियर में बेहतर नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
- ग्रेजुएशन करने के बाद जो नौकरी करते हैं उसके मुकाबले वकालत का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद कैरियर में आगे बढ़ने के लिए ज्यादा ऑप्शन प्राप्त होते हैं.
- बेहतर जॉब के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा कमाई करने का अवसर प्राप्त होता हैं.
- एलएलबी कोर्स करने के बाद छोटे स्तर पर वकालत कर सकते हैं लेकिन LLM करने के बाद डिस्टिक लेवल कोर्ट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में जज की नौकरी कर सकते हैं.
- समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में देखे जाते हैं.
- कानून के क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार के द्वारा भी हमेशा अलग-अलग भर्ती निकलता है, तो ऐसे में आवेदन करके गवर्नमेंट जॉब भी प्राप्त कर सकते हैं.
- इस कोर्स को करने के बाद आगे भी अगर पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो M. Phil या पीएचडी इन लॉ की भी कोर्स कर सकते हैं.
- किसी भी तरह के केस को हैंडल करने के लिए पूरी तरह से जानकारी हो जाता है.
- इस कोर्स को करने के बाद कानून के विशेषज्ञ बन जाते हैं, जिससे कानूनी प्रक्रिया को हैंडल करने की क्षमता भी बढ़ जाती है.
एलएलएम कोर्स के बाद जॉब प्रोफाइल
कानून की पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद कई तरह के जॉब के अवसर मिलने लगते हैं.
1. पॉपुलर जॉब क्षेत्र
- Law Firms
- NGO
- Real estate
- Media and publishing houses
- finance
- corporate
- UN and UNICEF international organization
- consulting bodies
- courthouses
- Banking
- Multinational company
- Defense services
- Education sector
- Government sector
- Judiciary
- Court
- Insurance company
- Human rights
- information technology
- commercial and corporate
- environment issues
- College and university
- Research Department
2. जॉब प्रोफाइल
- Legal advisor
- Judge professor
- literature
- law teacher
- Advocate
- Magistrate
- Notary
- Professor of law
- legal document receiver
- legal consultant
- trusty
- Judge
- Legal advisor
- Public prosecutor
- attorney
- general legal export solicitor
- District and session judge
3. गवर्नमेंट जॉब
- पब्लिक प्रॉसिक्यूटर
- लीगल रिसर्चर
- सिविल जज
- Law clerk
- Legal officer
- law assistant
- Guest Faculty
- High court judge
- Supreme court judge
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- बीए का फुल फॉर्म क्या होता हैं
सारांश
LLM full form in hindi कानून की पढ़ाई में सबसे उच्च स्तर का पोस्ट ग्रेजुएशन एलएलएम कोर्स होता है. जिसको करने के बाद कानून के हर एक नियम हर एक कानून के बारे में पूरी तरह से जानकारी हो जाता है.
LLM के बारे में इस लेख में पूरी जानकारी दी गई है. अगर इस लेख से संबंधित किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कृपया कमेंट करके जरूर बताएं.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।