My family essay in hindi परिवार कितने प्रकार के होते हैं परिवार का अर्थ क्या होता हैं परिवार यानी की फैमिली का परिभाषा क्या होता हैं यह सारी जानकारी इस लेख में प्राप्त करेगें। परिवार संस्कार, सभ्यता, प्यार, ममता, सम्मान और एक साथ रहने वाले कई लोगों को एकता में बांधकर रखने वाला एक नींव होता है।
परिवार में रहने वाले जितने भी सदस्य होते हैं, वह सभी एक दूसरे के साथ अच्छा समय हो या बुरा समय हो हंसी खुशी व्यतीत कर लेते हैं। किसी भी व्यक्ति के दुख सुख हंसी खुशी किसी भी तरह के भावना, व्यवहार, आशा, निराशा आदि का सहभागी पूरा परिवार होता है। इसीलिए किसी भी प्राणी के लिए फैमिली आवश्यक है।
अगर एक मकान है और उसमें कोई भी व्यक्ति नहीं है, तो मकान में किसी भी तरह का रौनक नहीं होता है। लेकिन एक झोपड़ी में भी एक साथ भरा पूरा परिवार रहता है, तो एक महल से भी बेहतर होता है। हर व्यक्ति को अपने फैमिली में माता-पिता, दादा-दादी,चाचा, चाची आदि हर एक सदस्य से कई तरह के अच्छे बुरे विचार संस्कार और प्यार प्राप्त होता है।
जो कि उस व्यक्ति को आगे चलकर जीवन में सही रास्ते पर चलकर एक बेहतर इंसान बनने में सहायता करता है।परिवार का इंग्लिश फैमिली होता हैं तो फैमिली लगभग हर कोई का होता हैं चाहे वह इंसान हो जानवर हो पशु पक्षी हो कीड़े मकोड़े हो सभी का परिवार जरूर होता हैं. क्योंकि बिना परिवार का कोई होता ही नहीं हैं जन्म लेता हैं तो माता पिता भाई बहन और अन्य जो सगे संबंधी सभी परिवार होते हैं
My Family Essay In Hindi
Family लगभग हर घर में एक या दो होते हैं हर किसी का एक फैमिली होता हैं के बारे में भी जानना बहुत आवश्यक हैं परिवार उसे कहते हैं जो कि किसी घर में या छत के नीचे एक साथ एक से अधिक आदमी एक समूह की तरह रहते हैं जिनमें की एक दूसरे से खून का रिश्ता होता हैं.
परिवार में माता-पिता भाई-बहन दादा दादी चाचा चाची अन्य सगे संबंधी एक साथ रहते हैं उन्हें परिवार कहा जाता हैं जो कि सारे व्यक्ति एक ही वंशज के एक ही कुल कुटुंब के होते हैं और उनमें कुछ विशिष्ट गुण जो होते हैं समान विचारों का होता हैं.

परिवार का परिभाषा क्या होता हैं
परिवार क्या हैं या परिवार का परिभाषा इसके संबंध में एक ही बात कहा जाएगा कि परिवार का मतलब यही होता हैं कि एक घर में पति पत्नी और उनके बच्चे एक साथ रहते हैं उन्हें ही परिवार कहा जाएगा या परिवार का परिभाषा कहा जाएगा.
पहले हर घर में संयुक्त परिवार निवास करता था तो उसमें माता पिता भाई बहन दादा दादी चाचा चाची परिवार के सदस्य रहते थे लेकिन वर्तमान समय में लगभग हर घर में एकल परिवार का जैसे कि चालन हो गया हैं तो उसमें पति पत्नी और उनके जो अविवाहित बच्चे होते हैं वहीं रहते हैं.
Family कितने प्रकार के होते हैं
पहले भारत देश में हमारे भारत के संस्कृति ऐसी थी कि लगभग हर घर में संयुक्त परिवार रहता था जिसमें के बहुत सारे सदस्य एक ही वंशज के एक ही खून के रिश्ते के रहते थे एक दूसरे का हर समय साथ देते थे लेकिन वर्तमान समय में एकल फैमिली यानी कि एकल परिवार हर घर में होने लगे हैं हर कोई अलग रहना चाहता हैं तो आइए जानते हैं कि परिवार कितने प्रकार के होते हैं.
1. संयुक्त परिवार
Sanyukt परिवार यानी कि इंग्लिश में से जॉइंट Family कहा जाता हैं संयुक्त परिवार में पति पत्नी उनके बच्चे दादा दादी या यूं कहें कि 2 पीढ़ियों के लोग एक साथ एक ही घर में रहते हैं उन्हें संयुक्त परिवार कहा जाता हैं. संयुक्त परिवार में सभी का खाना एक जगह ही बनता हैं सभी फैमिली एक साथ मिलकर रहते हैं.
2. संयुक्त परिवार के विशेषताएं
वर्तमान समय में हर घर में एकल परिवार हो गया हैं लेकिन संयुक्त परिवार के एक अलग ही विशेषताएं होती हैं इसमें फैमिली के सभी सदस्य एक साथ मिलकर किसी भी त्यौहार में धार्मिक उत्सव को मिलकर मनाते हैं किसी भी व्यक्ति को अगर कोई परेशानी हो जाती हैं.
या किसी तरह का बीमारी हो जाता हैं तो संयुक्त परिवार में सभी सदस्य मिलकर के उस परेशानी का सामना करते हैं कितना भी बड़ा काम हो संयुक्त परिवार में सभी लोग मिलकर कुछ ही समय में आसानी से कर लेते हैं.
छोटे-छोटे बच्चों का पालन पोषण बहुत ही आसानी से हो जाता हैं. संयुक्त फैमिली में किसी भी तरह का कोई निर्णय लेना होता हैं तो अपने बड़े बूढ़े बुजुर्ग से सलाह लेकर ही किया जाता हैं.
3. एकल परिवार
आजकल गांव हो या शहर हो हर जगह ज्यादातर एकल परिवार यानि कि nuclear family ही दिखाई पड़ते हैं जिस परिवार में पति पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे एक साथ रहते हैं उनके अलावा और कोई दूसरा व्यक्ति उस घर में नहीं रहता हैं तो उन्हें एकल परिवार कहा जाता हैं.
4. एकल परिवार की विशेषताएं
एकल परिवार में जो भी बच्चे होते हैं उनको अपने हर काम का निर्णय खुद लेने के लिए माता पिता उत्साहित करते हैं. एकल परिवार में Family के कम सदस्य होने की वजह से हर व्यक्ति अपने आप पर आत्मनिर्भर होता हैं.
एकल परिवार में फैमिली के सदस्य अगर छोटा सा भी घर रहता हैं तो उसमें बहुत ही आसानी से एडजस्ट हो जाते हैं और लोगों का काम भी कम रहता हैं.एकल परिवार में कम व्यक्ति होने की वजह से सभी लोग एक दूसरे से मिलजुल कर हर काम को सामंजस्य बैठा करके कर लेते हैं.
एकल परिवार में यह समस्या होती हैं कि किसी भी बड़े बुजुर्गों का सहारा अपने ऊपर नहीं रहता हैं आजकल तो हर पति पत्नी दोनों बाहर जाकर काम करते हैं तो उनके बच्चों का देखभाल करने वाला कोई नहीं रहता हैं.
Family का महत्व क्या हैं
परिवार का महत्व तो वही समझ सकता हैं जिसके पास परिवार नहीं हैं फैमिली नहीं हैं जैसे कि अनाथालय के बच्चे जिनके कि माता-पिता नहीं होते हैं उन्हें परिवार की ज्यादा कदर और महत्व होता हैं कहा जाता हैं की जिस के साथ उसका परिवार रहता हैं तो उसका हर सपना साकार हो जाता हैं.
हर व्यक्ति हंसी खुशी अपने घर में रहता हैं कोई भी अगर परेशानी या किसी तरह की समस्या जाए तो परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ साहस बनकर उस परेशानी का सामना बहुत ही आसानी से कर लेते हैं.
अगर किसी भी तरह के कामयाबी नाकामयाबी बन गई हैं तो परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ मिलकर उसे कामयाबी बना देते हैं किसी भी बच्चा का सबसे पहला स्कूल या सबसे पहला पाठशाला उसका परिवार ही होता हैं अपने परिवार से ही कोई बच्चा सही या खराब जो भी संस्कृति और संस्कार होता हैं वह ग्रहण करता .
बच्चे अपने दादा दादी से धार्मिक कथाएं कहानियां सीखते हैं अच्छी-अच्छी बातें सीखते हैं माता-पिता से अच्छे संस्कार सीखते हैं तो किसी भी व्यक्ति का अच्छे से देखभाल उनकी जरूरतों को पूरा उसका परिवार ही कर सकता हैं.
परिवार से क्या लाभ हैं
जो बच्चे अपने परिवार में फैमिली में बड़े होते हैं वह किसी भी बड़े बुजुर्ग का आदर करना सम्मान करना अपने घर में देखते हैं तो वह भी करना सीख जाते हैं परिवार में बच्चों का अच्छे से देखभाल होता हैं.
उन्हें अपने माता-पिता अपने दादा दादी से पूरा स्नेह मिलता हैं अच्छी-अच्छी बातें अच्छे संस्कार मिलते हैं. कहा जाता हैं कि अगर कोई व्यक्ति विकास करता हैं तो उसका निर्माण में उसके Family की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं.
कोई भी बच्चा जब बड़ा होने लगता हैं तो उसको आगे चलकर क्या बनना हैं क्या करना हैं वह अपने फैमिली में सब से सलाह लेकर ही करता हैं. किसी भी व्यक्ति के लिए उसका परिवार पूरा संसार के बराबर होता हैं.किसी भी अगर परिवार का विकास होता हैं.
उनके बच्चों का विकास होता हैं तो पूरे देश का विकास होता हैं जो व्यक्ति अपने परिवार से दूर रहता हैं अकेले कहीं जॉब करता हैं या पढ़ाई करता हैं उसे ही अपने परिवार का महत्व या Family से क्या लाभ हैं उसके बारे में भली-भांति पता रहता हैं.
Family की विशेषताएं
जिस बच्चे का पालन पोषण Family में होता हैं उस बच्चे में समाज में कैसे रहना हैं समाज के लोगों के साथ कैसे आचार व्यवहार करना हैं कैसे किसी से बात करना हैं यह संस्कार पूर्ण रूप से रहता हैं कई परिवार ऐसे होते हैं जिनमें कि भक्ति भावना ज्यादा रहती हैं भगवान का पूजा होता हैं.
उस घर के बच्चों में भगवान में या पूजा पाठ में विश्वास रहता हैं या वह किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों में अपना रूचि ज्यादा दिखाते हैं. किसी भी व्यक्ति को मर्यादा में कैसे रहना हैं उसके माता-पिता या परिवार के सदस्य सिखाते हैं.
सारांश
Family क्या हैं इसके बारे में अगर बात किया जाए तो या पोस्ट इतना लंबा हो जाएगा कि पढ़ते-पढ़ते कोई भी व्यक्ति थक जाएगा परिवार की परिभाषा परिवार का अर्थ अनेकों हैं.
जो व्यक्ति अपने परिवार से दूर रहता हैं या जिसका कोई Family नहीं हैं अनाथ हैं उसी व्यक्ति को परिवार यानी की फैमिली का महत्व क्या होता हैं Family किसे कहते हैं फैमिली से क्या लाभ होता हैं यह सारी बातें समझ में जरूर आती होगी इसलिए जिसके पास Family नहीं हैं.
वह व्यक्ति दुनिया का सबसे गरीब और सबसे अभागा व्यक्ति हैं लेकिन जिसके पास Family हैं माता पिता पति पत्नी भाई बहन बच्चे हैं वही व्यक्ति नसीब वाला हैं.
इस लेख में परिवार क्या हैं Family क्या हैं परिवार का क्या महत्व होता हैं परिवार से क्या लाभ होता हैं Family की क्या विशेषताएं हैं परिवार कितने प्रकार की होती हैं यह सारी जानकारी दी गई हैं यह लेख आप लोगों को कैसा लगा कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
अगर इस लेख से जुड़े कोई सवाल आपके मन में हैं तो कमेंट करके जरूर पूछें और अपने दोस्त मित्रों रिश्तेदारों को परिवार के लोगों को शेयर जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।