नगर निगम किसे कहते है, और इनके कार्य 2024

नगर निगम किसे कहते है जलानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े़े। नगर निगम राज्‍य सरकार द्वारा बनाया गया एक स्‍थानीय सरकार है. जिसको शहरी इलाकों में विकास प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए बनाया जाता हैं. जिससे शहरी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को हर तरह के सुविधा सही तरीके से उपलब्ध कराया जा सके. सरकार द्वारा कई नए-नए नगर निगम, नगर परिषद का स्थापना किया जा रहा है.

जिससे हर राज्य के जो बड़े-बड़े शहर है. उसमें अलग-अलग नगर निगम का गठन करके जो भी परेशानी या विकास की जरूरत है. उनको सुचारू रूप से पूर्ण किया जा सके. इस लेख में हम नगर निगम की विस्तृत रूप से जानकारी देंगे. जिसमें नगर निगम का क्या कार्य होता है. इसके प्रमुख कौन होते हैं और इसका चुनाव कैसे किया जाता है.

नगर निगम किसे कहा जाता है 

वैसे तो हमारे राज्य या देश में कई शहरी इलाके हैं. लेकिन जिस शहरी इलाके का जनसंख्या कम से कम पांच लाख होगी. वही पर राज्‍य सरकार द्वारा नगर निगम का गठन किया जाता है. जो वहां स्‍थानीय सरकार के तौर पर प्रशासन और सभी प्रकार के प्रबंधन का देख रेख करती हैं.

nagar nigam kya hai - नगर निगम

वैसे यह हर राज्‍य में अलग अलग नियम हैं. जैसे कहीं 5 लाख से 10 लाख तक की आबादी वाले क्षेत्र को भी बनाया जाता हैं. जिसे इंग्लिश में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (Municipal Corporation) कहते हैं. एक नगर निगम का हेड मेयर होता है. जिसे महापौर हिंदी में कहते हैं. मेयर के साथ-साथ इस संगठन में हर तरह की विकास प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए और भी कई पद होते हैं. जैसे की डिप्टी मेयर और अन्‍य सदस्‍य.

नगर निगम का चुनाव कैसे होता है 

स्थानीय निवासी द्वारा नियुक्त किए गए व्यक्ति को ही नगर निगम का मेयर डिप्टी मेयर या सदस्य चुना जाता है. इसमें कई अलग-अलग वार्ड नगापालिका में बनाए गए हैं. हर वार्ड से एक प्रतिनिधि खड़े होते हैं. जिन्‍हें पार्षद कहा जाता हैं. यहां के सदस्यों का चुनाव प्रत्‍यक्ष रूप से होता हैं. जो पार्षद वार्ड से चुने जाएंगे. वही सदस्य मिलकर नगरपालिका के हर वार्ड से मिलकर सर्वसहमति से एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं. जिन्हें मेयर और डिप्टी मेयर बनाया जाता है.

इसके बाद नगर निगम में हर तरह के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए एक समिति बनाया जाता है. उसे स्थाई समिति कहा जाता है. इस स्थाई समिति में किसी भी विषय पर चर्चा होगी या कोई निर्णय लेना होगा तो बैठक होगा. जिसमें महापौर, उप महापौर और हर वार्ड के पार्षद भी भाग लेंगे, और सभी तरह के समस्याओं पर चर्चा करते हैं. इन्हीं समिति द्वारा नगर निगम में स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा या हर तरह के विकास कार्य को पूरा किया जाता है.

नगर निगम का कार्य 

हर नगर निगम में प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करने के लिए एक महापौर नियुक्त किए जाते हैं. जो वहां का प्रमुख पदाधिकारी होते हैं. जो हर नगर निगम के बैठक के प्रमुख होते हैं. नका प्रमुख कार्य हैं. 

साफ सफाई 

शहर में अधिक से अधिक लोगों की संख्या होती है. जहां पर कूड़ा कचरा भी अधिक से अधिक मात्रा में होगा, तो शहर को साफ और क्लीन रखने की जिम्मेदारी नगर निगम के सदस्यों और प्रतिनिधियों की होती हैं. जिससे वहां का वातावरण साफ रहे और लोगों को सुरक्षित वातावरण मिल सके. जिसमें उन्हें किसी भी तरह का बीमारी या खतरा उत्पन्न न हो. 

सड़क का निर्माण और मेंटेनेंस 

कहां पर सड़क बनाने की जरूरत हैं या जो सड़क टूट गई होगी. उसका मेंटेनेंस करने की जिम्मेदारी भी मेयर और अन्य सदस्यों पर होती हैं. 

बिजली की व्यवस्था 

वहां रहने वाले लोगों को बिजली का बेहतर व्यवस्था देना भी इनकी जिम्मेदारी होती है. किस इलाके में किस तरह से बिजली दिया जाता है. लोगों को स्ट्रीट लाइटिंग की सुविधा बेहतर तरीके से मिल सके. साथ ही शहर के हर सड़क, गली, चौराहे पर लाइटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि स्थानीय लोगों को कहीं भी आने-जाने में किसी तरह की परेशानी न हो. 

पानी कीसप्लाई 

नगर निगम द्वारा ही शहरों में पानी का सप्लाई भी किया जाएगा. जिससे शहर में रहने वाले सभी लोगों को साफ और सुरक्षित पानी आसानी से पहुंच सके. जिससे उन लोगों को पानी की किसी भी तरह की परेशानी न उठानी पड़े. जहां से पानी का सप्लाई होता हैं. वहां पर किस तरह का व्यवस्था है. पानी को एकदम साफ सुरक्षित लोगों के पीने लायक बनाया जाए. इसका भी देख रेख नगर निगम का ही होगा. 

पार्क और प्लेग्राउंड का मेंटेनेंस 

अक्‍सर शहरों में कई अलग-अलग पार्क प्लेग्राउंड आदि होता हैं. जिसका विकास और मेंटेनेंस का रिस्पांसिबिलिटी भी नगर निगम का ही हैं. साथ ही अगर कहीं पार्क या प्लेग्राउंड बच्चों को खेलने के लिए नहीं है, तो वहां पर नए पार्क बनवाया जाता हैं. 

ट्रांसपोर्टेशन की देखरेख 

शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार करना और विकास करना भी आवश्यक होता है. क्योंकि यहां पर अधिक से अधिक लोगों का आना-जाना होता हैं. इसलिए ट्रैफिक में कई तरह की परेशानी होगी. साथ ही दुर्घटना होने की भी संभावना होती है. इसलिए नगर निगम का ट्रैफिक मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सही तरीके से प्रबंध करना भी कार्य है.

टैक्स कलेक्शन 

शहरों में प्रॉपर्टी, पानी, बिजली और अन्य लोकल कई तरह के टैक्स भी देने पड़ते हैं. इन सभी तरह के टैक्सों को कलेक्ट करने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती हैं.

शिक्षा 

आज शिक्षा में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा कई नियम और कानून को बनाया जा रहा है. साथ ही कई अलग-अलग स्कीम भी लाए जा रहे हैं. इसलिए नगर निगम द्वारा शिक्षा पर भी अलग-अलग प्रबंधन को करने की जिम्मेदारी दी गई हैं. शहर में प्राइमरी और सेकेंडरी जितने भी स्कूल होंगे. वहां पर सही तरह से शिक्षा दी जाए. शिक्षा संबंधित किसी तरह का विकास भी करना हो तो वह सही तरीके से किया जा सके. शहरों में कहाँ-कहाँ पर पुस्तकालय और वाचनालय है तो उनके मेंटेनेंस करना और जहां पर नहीं हैं. वहां पर नई लाइब्रेरी भी खुलवाया जाए.

स्वास्थ्य 

नगर निगम में रहने वाले सभी जनता के हेल्थ की जानकारी रखना इनका एक कार्य होता है. जिसमें हॉस्पिटल, डिस्पेंसरी और अलग-अलग तरह का वैक्सीनेशन का प्रबंध करना होता है. पशुओं और मनुष्य के लिए नए-नए अस्पताल खोलने का भी प्रबंध कराया जाता है.

आजकल कई तरह की अलग-अलग महामारी भी फैलने लगी हैं, जिसका टीका भी बनाया जा रहा है, तो महामारी रोकने के लिए उन टिकों को स्थानीय लोगों तक सही तरीके से देने की व्यवस्था करना नगर निगम का प्रमुख कार्य होना चाहिए . लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए. 

नालियों कीसफाई 

सिटी में अधिक से अधिक कूड़ा कचरा होने की वजह से नाला और नालियां भर जाती है. जिससे सड़कों पर गंदगी फैल जाएगा. इसलिए नगर निगम द्वारा नालियों का साफ सफाई भी कराया जाता है.

जन्म और मृत्यु का निबंध करना 

शहर में जितनी भी जनसंख्या हैं. उस जनसंख्या से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने नए जन्म ले रहे हैं. इसका भी लेखा-जोखा नगर निगम द्वारा ही किया जाएगा. साथ ही श्मशान घाट बनवाना और उसका मरम्मत और मेंटेनेंस भी देखना होगा. 

आग से सुरक्षा 

अगर शहर में कहीं आग लग जाए तो वहां पर जितनी जल्दी हो सके सुरक्षा व्यवस्था को पहुंचाना भी होता है. 

सारांश 

नगर निगम एक ऐसी स्‍थानीय सरकार हैं. जिसके द्वारा लोगों को सुव्‍यवस्थित और सुचारू रूप से जीवन चलाने के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराती है. इनका उद्देश्य ही शहरी इलाकों में रहने वाले स्थानीय निवासियों को एक सुरक्षित और बेहतर सेवाएं प्रदान करना होता है. जहां पर उनके बेहतर जीवन के लिए जो भी सुविधाएं जरूरी है. उसको व्यवस्थित करना उसका विकास करना और इसका मेंटेनेंस करने का पूरा ध्यान रखना होता है.

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