Pen ka avishkar kisne kiya tha? सबसे पहले कब और किस तरह का बनाया गया पेन क्या हैं यह सारी जानकारी हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं.पेन हमारी जिंदगी का एक तरह का हिस्सा है.
हमें कोई भी चीज लिखना है किसी भी चीज के बारे में लिखना है तो हम पेन का उपयोग करते हैं किसी भी कॉपी पर या किसी कपड़ा पर कागज पर लिखना होता है तो हम लोग Pen का ही उपयोग से ही कुछ भी लिखना संभव हो पाया हैं।चाहे स्कूल लाइफ हो या कोई जॉब करने वाला हो जिस भी तरह का आदमी है उसे लिखने का जरूरत जरूर पड़ता हैं.
इसलिए अक्सर लोग कहीं भी बाहर जाते हैं अपने साथ पेेन लेकर जरूर जाते हैं कहीं कुछ भी लिखना होगा तो आराम से लिख सकते हैं इस लेख में हम लोग पेन का अविष्कार किसने किया था के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने वाले हैं आइए नीचे जानते हैं पेन का अविष्कार किसने किया था.
Pen Ka Avishkar kisne Kiya Tha
सबसे पहला जो पेन का अविष्कार हुआ था वह फाउंटेन पेन था इस Pen ka avishkar पेट्राचे पोएनरू ने किया था फाउंटेन पेन में स्याही भर के लिखा जाता था लेकिन उसको सूखने के लिए थोड़ी देर तक छोड़ना पड़ता था
इसलिए कुछ परेशानी होती थी पेन का अविष्कार जैसे-जैसे जरूरत पड़ा उस तरह से अलग-अलग डिजाइन में Pen का अविष्कार हुआ सबसे पहले बॉल पॉइंट पेन का अविष्कार हुआ इस Pen ka avishkar करने के लिए दो व्यक्ति को खास तरफ से जाना जाता हैं पहले इस पेन का अविष्कार जॉन जैकब लाउड ने किया था दूसरे वह व्यक्ति हैं जिन्होंने बॉल Pen ka avishkar किया उनका नाम हैंं Laszlo Biro.
जब जान जैकब लाउड ने यह पेन बनाया उस Pen में स्याही बहुत पतली होती थी इस वजह से लिखने में दिक्कत होता था तो उसके बाद Laszlo biro ने बॉल पेन का अविष्कार किया इस पेन से कुछ भी प्रिंट किया जाता था.
जब उस समय किसी भी दर्जी को सिलाई करना पड़ता था तो निशान लगाने के लिए Pen का इस्तेमाल किया जाता था तो उस निशान को काटने में परेशानी होती थी इस वजह से फाउंटेन पेन से दिक्कत होता था तो उसके बाद बॉल Pen ka avishkar किया गया.
पेन का अविष्कार कब हुआ
बहुत पहले राजा महाराजा जब थे कोई भी चीज लिखना होता था तो मोर पंख से स्याही के मदद से कागज पर कोई भी चीज को लिखा जाता था उसके बाद किसी भी नूकिला लकड़ी या कोई भी चीज को स्याही में डूबा कर लिखा जाता था और उसको कुछ देर सूखने के लिए छोड़ना पड़ता था.
इन्हीं सब परेशानियों के वजह से पेन का अविष्कार हुआ 25 मई 1827 में फाउंटेन Pen ka avishkar पेट्राचे पोएनरू ने किया था उसके बाद 1988 में जॉन जैकब लाउड ने बॉल पॉइंट पेन का अविष्कार किया.
पेन क्या हैं
Pen एक ऐसी चीज या वस्तु है जिसका इस्तेमाल हम लोग कागज पर कुछ भी लिखने के लिए करते हैं पेन के अंदर स्याही भरा रहता हैं जब हम लोग लिखते हैं वह कागज पर उतर जाता हैं और जो भी हम लिखते हैं
वह लिखा जाता हैं Pen हमारे जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं क्योंकि चाहे बच्चे जवान बूढे कोई भी हो उसे कुछ न कुछ जरूर लिखना हैं स्कूल में जब हम पढ़ते हैं
तब भी हमें लिखना होता हैं वर्क करना है कुछ भी करना है लिखना जरूर है जो नौकरी करता है जॉब करता है सबको कोई ना कोई चीज लिखना हैं वह भी पेन का इस्तेमाल जरूर करता हैं
इसलिए हम लोगों के लिए पेन बहुत ही जरूरी है यही सब देखते हुए समय के साथ-साथ कई तरह के पेन का अविष्कार हुआ.
पेन कितने तरह का मिलता है
सबसे पहले 1827 में में जब पेन बना तो फाउंटेन Pen बना उसके बाद बॉल पेन का अविष्कार हुआ जैसे जरूरत पड़ा 1888 में बॉल पेन का अविष्कार हुआ 1962 में मार्कर पेन का अविष्कार हुआ
फिर 1990 में उस Pen के ऊपर रबर का कवर लगाकर बनाया जाने लगा रबड़ का खबर लगाने से लिखने में आसानी हो जाता हैं उंगलियों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता हैं आज कल भी यहीं पेेन हम लोग इस्तेमाल करते हैं.
पेन का उपयोग क्या हैं
Pen का उपयोग हम लोग लिखने के लिए करते हैं या कोई भी दर्जी हो सिलाई करना होता हैं तो वह कपड़ा पर पेन से निशान लगाकर उसको अपने आकार के अनुसार काटकर सिलाई भी करता है
बच्चों को होमवर्क करना हो ऑफिस में कुछ भी हिसाब किताब लिखना हो किसी भी चीज के बारे में लिखना हो तो हम लोग पेन का उपयोग करते हैं इसलिए पेन हमारे लिए बहुत ही एक उपयोगी वस्तु हैं जो कि हमारे जीवन में हर रोज का एक अहम हिस्सा है.
सारांश
पेन का अविष्कार कब हुआ और पेन क्या हैंं पेन कितने तरह का बनाया गया सारी जानकारी हमने दी हैं
इस लेख में पेन के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की हैं अगर आप लोगों को यह जानकारी अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें.
प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।