पितृ दोष क्या होता है, कारण, लक्षण और 7 उपाय

Pitra Dosh Kya Hota Hai पितृ दोष क्या होता है। अगर किसी व्यक्ति का मृत्यु हो जाता है और उसके परिवार वाले विधि विधान से अगर अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, तो परिवार के हर व्यक्ति को पितृ दोष लगता है। पितृ दोष एक ऐसा दोष है जिसके द्वारा कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है। 

अक्सर हम अपने घर में शादी विवाह के समय अपने पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए पिंडदान करते हैं। पितरों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई पूजा पाठ भी करते हैं। ताकि हमारे पूर्वज पितर हमेशा प्रसन्न रहें। जिससे वह हमें हमेशा धन्य धान्य से संपन्न और सुखी रखें।

लेकिन वही अगर कोई अपने पूर्वजों का अपमान करता हैं तो वह क्रोधित हो जाते हैं। जिससे हमें पितृ दोष का दंश झेलना पड़ सकता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष लग जाता है वह कई परेशानियों से घिरा रहने लगता है। साथ ही उसका कई पीढ़ी भी इस दोष से परेशान रह सकता है।

इसलिए पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। जिससे हमारे परिवार पर हमारे पीढ़ी पर हमारे पितरों का हमेशा आशीर्वाद बना रहे। पितृ दोष खत्म करने के लिए क्या उपाय है, पितृ दोष का क्या लक्षण हो सकता है, के बारे में इस लेख में नीचे विस्तार से जानेंगे।

पितृ दोष क्या होता है

अगर किसी व्यक्ति के मरने के बाद अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से नहीं होता है, तो वही उसके परिवार वाले पर पितृ दोष लगता है। अगर किसी व्यक्ति का किसी दुर्घटना में या किसी भी तरह से अकाल मृत्यु हो जाता है, तो भी परिवार के साथ साथ कई पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को पितृ दोष लग सकता है। 

Pitra Dosh Kya Hota Hai

पितृ दोष किसी भी व्यक्ति की कुंडली में एक ऐसा दोष होता है जिससे कई तरह की समस्याएं घर में उत्पन्न होने लगती है। जिस तरह कुंडली में सूर्य, चंद्रमा, राहु, केतु आदि का एक अलग अलग घर होता है, उसी तरह एक पिता का भी घर माना जाता है।

जिसमें अगर किसी भी ग्रहों के द्वारा पिता का घर ग्रसित होता है, तो कुंडली में पितृ दोष होने का संभावना होता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की कोई इच्छा अधूरी रह गई है। पूर्वज का अंतिम संस्कार अच्छे से नहीं किया गया हैं तो पितृ दोष का दुष्प्रभाव पड़ने लगता है।

जिसकी वजह से परिवार में कई तरह के अशुभ प्रभाव होने लगते हैं। कई तरह के परेशानी उत्पन्न होने लगती है। घर में लोग अस्वस्थ रहने लगते हैं। घर में अशांति फैलने लगती है। इसलिए पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कई तरह के उपाय धार्मिक विद्वान बताते हैं।

पितृ दोष का कारण

  • ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति या उनके परिवार वाले अपने पूर्वजों का पितरों का अपमान करते हैं तो उन्हें पितृ दोष लगने की संभावना होती है।
  • अगर किसी व्यक्ति का मृत्यु हुआ है और उसका विधिवत पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार नहीं होता है, तो भी पितृदोष का जरूर झेलना पड़ सकता है।
  • हिंदू धर्म में यह भी मान्यता है कि पीपल के पेड़, नीम का पेड़ और बरगद का पेड़ नहीं कटवाना चाहिए। क्योंकि इन पेड़ों को काटने से भी ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष लग सकता है।
  • हर साल पितृ पक्ष में हिंदू धर्म में सभी पूर्वजों को पिंडदान किया जाता है। ताकि पूर्वज हमेशा खुश रहें। लेकिन जिस घर में पूर्वजों को हर साल पिंडदान नहीं होता है तो भी पूर्वज नाराज हो जाते हैं।
  • पितरों का सही तरीके से श्राद्ध नहीं करने पर भी इस दोष को झेलना पड़ता है।
  • हिंदू धर्म में सांप को भी भगवान का ही दर्जा दिया जाता है। नाग देवता का पूजा किया जाता है। लेकिन अगर कोई सांप मारता है तो भी ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष लग सकता है।

पितृ दोष का लक्षण

  • अक्सर किसी के घर में कोई एक व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है या परिवार में कोई न कोई हमेशा बीमार ही रहता है, तो उसका मतलब नहीं समझ पाते हैं कि परिवार में हमेशा क्यों अशांति रहता है। किसी व्यक्ति का हमेशा स्वास्थ्य क्यों खराब रहता है। ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष लगने से भी घर में हमेशा किसी न किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब रहता है।
  • कहा जाता है कि अगर पितृ दोष किसी के परिवार पर लग जाता है, तो उस घर में संतान की उत्पत्ति नहीं हो सकती है। अगर संतान उत्पन्न भी हो गया तो विकलांग, मंदबुद्धि, चरित्रहीन आदि भी हो सकता है।
  • घर में किसी न किसी व्यक्ति को आर्थिक समस्या जरूर रहती हैं। उसे बिजनेस में नौकरी में हमेशा किसी न किसी तरह का नुकसान होते रहता है। अगर वह जगह बदलकर रहे तो भी पितृ दोष का प्रभाव पड़ता हैं। 
  • परिवार में लड़के या लड़की किसी के भी शादी विवाह में भी परेशानी होती है। अगर किसी का शादी विवाह हुआ भी है तो पति पत्नी में हमेशा मतभेद रहता है।
  • परिवार में हमेशा एक दूसरे से झगड़ा होता रहता है। हमेशा अशांति फैला रहता है।

पितृ दोष का उपाय

कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार या धार्मिक विद्वानों के अनुसार पितृ दोष से निपटने का सबसे अच्छा अवसर पितृपक्ष का महीना होता है। हर साल भाद्र महीने में पूर्णिमा के दिन से लेकर 15 या 16 दिनों तक पितृपक्ष रहता है।

यह आश्विन महीने के अमावस्या तिथि को खत्म होता है। इस पितृ पक्ष महीने में अगर कोई व्यक्ति पितृ दोष से ग्रसित है तो वह अपने पितरों को पिंड दान करके उनका श्राद्ध तर्पण करके पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। 

ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के महीने के समय सभी पितर पूर्वज पृथ्वी पर आ जाते हैं। अगर उस समय उनका पूरे विधि-विधान से श्राद्ध कर्म कर दिया जाए, तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती हैं। हर साल बिहार के गया में पितृपक्ष मेला लगता हैं।

जोकि विश्‍व प्रसिद्ध मेला होता हैं। पूरे विश्‍व से लोग यहां पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए आते हैं। पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंड दान करते हैं। इसके अलावा भी पितृ दोष खत्म करने के लिए और भी कई तरह के उपाय हैं।

  • गरीब लोगों को अन्य वस्त्र दान करना।
  • किसी भी गरीब व्‍यक्ति की लड़की की शादी में मदद करें या अगर आप सक्षम हैं, तो गरीब के लड़की के शादी का सारा खर्चा खुद ही उठाएं।
  • हर रोज सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और सूर्य भगवान से पितरों को प्रसन्न और शांत होने के लिए प्रार्थना करें।
  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृ दोष को कम करने के लिए किसी भी महीने की अमावस्या के दिन भगवान को पितरों के नाम से अन्य वस्त्र चढ़ाएं और भगवान को भोग लगाएं।
  • हमारे देश में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। इसलिए गंगा नदी के किनारे या किसी भी पवित्र नदी के किनारे साल में 1 दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूजा करे और गरीबों को भोजन कराएं।
  • ऐसी मान्यता है की हर रोज दक्षिण दिशा में पितरों का फोटो रखकर उस पर माला चढ़ाकर पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
  • पूर्वजो के मृत्‍यू के तिथि के दिन पूजा करें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर जितना सक्षम हैं उसी अनुसार दान करें।

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सारांश

हमारे हिंदू धर्म में अधिकतर शादी विवाह में या किसी भी तरह के पूजा होता है, तो उसमें हम भगवान के साथ-साथ अपने पूर्वजों को भी शांति प्रदान करने के लिए और प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ करते हैं। पिंडदान किया जाता है।

हर साल पितृ पक्ष के समय हिंदू धर्म में हर व्यक्ति अपने पितरों को पिंडदान करते हैं, श्राद्ध करते हैं, तर्पण करते हैं। ताकि उनके पूर्वज खुश रहें और हमेशा अपना आशीर्वाद पीढ़ी दर पीढ़ी हम लोगों पर बनाए रखें 

अगर यही पितरों को प्रसन्न नहीं कर पाए उनका अपमान करने लगे तो पितृदोष लग सकता है। जिससे कई तरह के परेशानियों को झेलना पड़ता है। जीवन से सुख शांति सब खत्म हो जाता है। इस लेख में पितृ दोष क्या होता है पितृ दोष का उपाय, लक्षण, कारण आदि के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।

इस लेख में दी गई जानकारी एक धार्मिक मान्यता धार्मिक विद्वानों के कहे अनुसार दी गई। फिर भी अगर इस लेख से संबंधित किसी भी तरह का सवाल है या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में टाइप करके जरूर बताएं।

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