Radio ka Avishkar kisne kiya tha? रेडियो का अविष्कार कब हुआ रेडियो क्या हैं भारत में रेडियो स्टेशन कब शुरू हुआ रेडियो का अविष्कार के बारे मे सारी जानकारी हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं आप लोग इस लेख को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें.
वर्तमान समय में मोबाइल टीवी और स्मार्ट फोन का भी अविष्कार हुआ हैं जिसकी वजह रेडियो के बारे में लोग लगभग भूल ही गए हैं। जब मोबाइल नहीं था तब लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन रेडियो था।
हर घर में रेडियो जरूर रहता था देश दुनिया की खबरों के बारे में जानने के लिए रेडियो हर कोई के पास जरूर रहता था रेडियो पहले के जमाने में लोगों के जिंदगी जीने का एक हिस्सा था उनके मनोरंजन का एक प्रमुख साधन था
रेडियो लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था क्योंकि रेडियो में लोग संगीत सुना करते थे और कई तरह के प्रोग्राम भी सुना जाता था वर्तमान समय टीवी के आने की वजह से रेडियो का महत्व कम हो गया हैं
और वर्तमान समय में मोबाइल का अविष्कार होने से रेडियो को तो शायद लोग भूल ही गए हैं आजकल तो रेडियो का कोई इस्तेमाल ही नहीं करता है.रेडियो का अविष्कार किसने किया और Radio ka Avishkar कब हुआ आइए नीचे जानते हैं रेडियो का अविष्कार किसने किया.
Radio ka Avishkar kisne kiya
जब टीवी का अविष्कार नहीं हुआ था. मोबाइल का अविष्कार नहीं हुआ था. तब मनोरंजन का एक प्रमुख साधन रेडियो ही था. रेडियो में लोग अक्सर गाना सुनते थे न्यूज़ सुनते थे घर में बाजार में घर में या कहीं भी अपनी गाड़ी में लोग जाते थे तो रेडियो का इस्तेमाल करते थे. उस समय मनोरंजन का कोई दूसरा साधन कम ही था रेडियो का आविष्कार गुल्येल्मो मारकोनी ने किया था.
वैसे तो बहुत वैज्ञानिकों ने कोशिश किया लेकिन गुल्येल्मो मारकोनी ने ही रेडियो का मुख्य रूप से अविष्कार किया.रेडियो का अविष्कार करने में मुख्य रूप से तीन वैज्ञानिकों को जाना जाता हैं गुल्येल्मो मारकोनी Reginald Fessenden, William Dubilier

इन तीनों वैज्ञानिको के मेहनत के फल स्वरुप ही हम लोगों को रेडियो जैसा मनोरंजन का साधन मिला रेडियो का आविष्कार करने के कारण ही गुल्येल्मो मारकोनी को बेतार के तार का जन्मदाता भी कहा जाता हैं.
गुलिएल्मो मारकोनी को रेडियो के निर्माता के रूप में जाना जाता है तकनीकी के क्षेत्र में रेडियो का अविष्कार एक मुख्य अविष्कार है लेकिन 1880 में Heinrich Rudolf Hertz ने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों का खोज किया था
वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंग का खोज किया था और इनके बाद गुलिएल्मो मारकोनी ने लंबी दूरी के संचार के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया
जिसके द्वारा किसी भी तरह की न्यूज़ गाना सुना जा सकता था. गुलिएल्मो मारकोनी ने रेडियो टेलीग्राफ का अविष्कार किया था और इसका विकास भी उन्होंने किया.
रेडियो का अविष्कार कब हुआ
1880 में इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक तरंग का पहले खोज हुआ फिर 1890 में गुल्येल्मो मारकोनी ने रेडियो का आविष्कार किया लेकिन उन्हें इसका पेटेंट रिकॉर्ड 1896 में मिला और उसके बाद गुल्येल्मो मारकोनी को आधिकारिक रूप से रेडियो का आविष्कार माना गया.
1896 में रेडियो का अविष्कार हुआ तो शुरुआती समय में रेडियो का इस्तेमाल सेना के लोग ही करते थे लेकिन धीरे-धीरे रेडियो का इस्तेमाल लगभग हर कोई करने लगा
सरकार भी करने लगी और धीरे-धीरे आम जनता भी रेडियो का प्रयोग करके एक मनोरंजन का साधन बन गया. सबसे पहले रेडियो फ्रिकवेंसी का संचालन 1864 में हेनरिच हर्ट्ज ने किया था
1996 में जब गुलिएल्मो मारकोनी को रेडियो के निर्माता के रूप में जाना जाता है तकनीकी के क्षेत्र में रेडियो का अविष्कार एक मुख्य अविष्कार है लेकिन 1880 में Heinrich Rudolf Hertz ने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों का खोज किया था
वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंग का खोज किया था और इनके बाद गुलिएल्मो मारकोनी ने लंबी दूरी के संचार के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया
जिसके द्वारा किसी भी तरह की न्यूज़ गाना सुना जा सकता था. गुलिएल्मो मारकोनी ने रेडियो टेलीग्राफ का अविष्कार किया था और इसका विकास भी उन्होंने किया.
मारकोनी ने रेडियो का अविष्कार किया तो सबसे पहली बार अटलांटिक महासागर में जहाज के जो ऑफिसर थे उनको सुनाया गया था न्यूयार्क शहर में 1918 में रेडियो स्टेशन सबसे पहली बार बनाया गया
लेकिन इसे इनलीगल बनाया गया था इसलिए सरकार ने इसे बंद कर दिया फिर कानूनी तौर पर 1920 में रेडियो स्टेशन को फिर से स्थापित किया गया 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है.
रेडियो क्या हैं
Radio एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रमुख मनोरंजन का साधन हैं जब टीवी और मोबाइल नहीं था तो लोगों के मनोरंजन का साधन प्रमुख रूप से रेडियो ही था रेडियो पर लोग गाना सुनते थे
न्यूज़ सुनते थे क्रिकेट सुनते थे और छोटे मोटे बहुत सारे प्रोग्राम सुना करते थे रेडियो एक ऐसा टेक्नोलॉजी हैं जिसमें रेडियो तरंग का इस्तेमाल करके सिग्नल दिया जाता हैं
जिससे कि उसमें जो भी प्रोग्राम या म्यूजिक का प्रोग्राम कोई प्रोग्राम होता था तो सुन पाते हैं. रेडियो का अविष्कार के लिए सबसे पहले जेम्स क्लर्क मैक्सवेल ने कोशिश करना शुरू किया था.
वर्तमान समय में स्मार्टफोन का अविष्कार होने की वजह से रेडियो का इस्तेमाल बहुत ही कम ही लोग करते हैं लेकिन पहले अगर किसी सूचना का आदान प्रदान दूर-दूर तक करना होता था तो पहला ऑप्शन रेडियो ही होता था
पहले के लोग रेडियो के बहुत शौकीन होते थे रेडियो का प्रयोग करने के के लिए रेडियो तरंग को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए चुंबकीय ऊर्जा तरंग का प्रयोग किया जाता है
जब भी किसी सूचना का आदान प्रदान करना होता है रेडियो का प्रसारण करना होता है तो चुंबकीय ऊर्जा तरंगों की सहायता से ही यह सारे कार्य पॉसिबल हो पाते हैं जब रेडियो का इस्तेमाल कारगर साबित होने लगा
तब बीबीसी और उसके जैसे और भी कई कंपनी थी जिन्होंने पॉडकास्टिंग के लिए रेडियो का प्रयोग करने का कार्य शुरू किया विश्व में सबसे पहले रेडियो स्टेशन न्यूयॉर्क में 1918 में बनाया गया था.
रेडियो भारत में कब आया
दुनिया में रेडियो स्टेशन सबसे पहले न्यूयॉर्क में 1918 में बनाया गया था न्यूयॉर्क में सबसे पहला रेडियो स्टेशन द फॉरेस्ट नाम से शुरू किया गया था लेकिन जब पुलिस को पता चला तो उन्होंने या रेडियो स्टेशन बंद करवा दिया
फिर 1920 में कानूनी तौर पर फिर से रेडियो स्टेशन शुरू किया गया और भारत में 1927 में रेडियो का प्रसारण शुरू किया गया था सबसे पहले रेडियो का प्रसारण मुंबई और कोलकाता के बीच में शुरू किया गया था
उसके बाद 8 जून 1936 के बाद रेडियो का प्रसारण पूरे भारत में होने लगा था. भारत में 1936 में सरकारी रेडियो स्टेशन का शुरू किया गया यही रेडियो स्टेशन जब भारत आजाद हुआ
तब ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा. भारत में रेडियो स्टेशन 223 हैं और सारे रेडियो स्टेशन ऑल इंडिया या आकाशवाणी के हैं. भारत में रेडियो स्टेशन जब शुरू किया गया था
तो उसमें संगीत का कार्यक्रम विशेष रूप से शुरू किया गया यह कार्यक्रम मुंबई से पुणे तक किया गया था.
रेडियो के अविष्कारक
रेडियो के अविष्कारक गुल्येल्मो मारकोनी का जन्म इटली में हुआ था उनके पिता का नाम गुसेप मारकोनी था और इनकी मां का नाम सीनोरा मारकोनी था
मारकोनी को बचपन से ही वैज्ञानिक प्रयोगों में रुचि था वह अक्सर अपने घर में एक प्रयोगशाला बनाए हुए थे उसी में रहते थे उनका खाना पीना भी उसी में चला जाता था गुल्येल्मो मारकोनी जब 20 साल के थे
तभी से उन्होंने रेडियो के तरंगों के विषय में जानकारी प्राप्त करने लगे थे मारकोनी का मृत्यु 63 साल के उम्र में हुआ उनका मृत्यु 20 जुलाई 1937 में हुआ था जो कि दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुआ था मारकोनी को उनके महान अविष्कार के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिला था.
सारांश
इस लेख में हमने रेडियो का अविष्कार किसने किया Radio ka Avishkar कब हुआ रेडियो का भारत में कब आया रेडियो क्या हैं रेडियो का अविष्कार कैसे हुआ और रेडियो का अविष्कारक के बारे में हमने पूरी जानकारी प्राप्त की हैं
रेडियो का अविष्कार के बारे में पूरी जानकारी दी हैं आप लोगों के जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।