डॉ राम मनोहर लोहिया का जीवन परिचय | Ram Manohar Lohia in hindi

Dr Ram Manohar lohia in hindi स्वतंत्रता आंदोलन में उनका क्या योगदान था उनका जन्म कहां हुआ था डॉ राम मनोहर लोहिया भारत के बहुत ही प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे.1947 से पहले जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तो भारत को आजाद कराने के लिए कई स्वतंत्रता आंदोलन हुए

जिसमें देश की कई स्वतंत्रता सेनानी ने अपने अपना योगदान दिया था और स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता सेनानी नेता हुए और उन्होंने राजनीति में अपना स्थान बनाया जिसमें सबसे प्रमुख नाम डॉ राम मनोहर लोहिया का आता है जिस तरह जयप्रकाश नारायण ने देश की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी

उसी तरह डॉ राम मनोहर लोहिया ने भी आजादी से पहले ही देश की राजनीति में एक अलग स्थान बना लिया था वह एक देशभक्त और समाजवादी विचार के नेता थे उनके समर्थकों के साथ साथ जो विरोधी थे वह भी उनका बहुत सम्मान करते थे राम मनोहर लो‍हिया के बारे में आइये विस्‍तार से जानते हैं.

Ram Manohar lohia in hindi 

Ram manohar lohia एक स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता थे उनको भारत के अजेय योद्धा और महान विचारक भी कहा गया है भारत को आजाद करवाने में राम मनोहर लोहिया का महत्वपूर्ण भूमिका था देश की राजनीति में भी राम मनोहर लोहिया एक प्रमुख नेता थे.

भारत स्वतंत्र होने के बाद बहुत नेता और राजनेता हुए लेकिन राम मनोहर लोहिया एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शासन का दिशा ही बदल दिया था.वह एक निडर और बहुत ही उत्तम व्यक्तित्व वाले राजनीतिज्ञ थे महात्मा गांधी के विचारों पर चलने वाले वह एक नेता थे वह सामाजिक कामों में ज्यादा रहते थे

Ram Manohar lohia in hindi language

समाज का कार्य ही उनका कार्यक्षेत्र था वह चाहते थे किसी भी व्यक्ति में या जाति में भेदभाव मत रहे सब लोग मिलकर रहे राम मनोहर लोहिया ऐसे व्यक्ति थे की उनके साथ रहने वाले व्‍यक्ति तो उनका सम्मान करते ही थे लेकिन उनके विरोधी भी उनका बहुत सम्मान करते थे.

डॉ राम मनोहर लोहिया का जन्म 

नामडॉ राम मनोहर लोहिया
जन्‍म23 मार्च 1910
जन्‍म स्‍थानउत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के अकबरपुर
पिता का नामहीरालाल लोहिया
माता का नामश्रीमती चंदा देवी
शिक्षाबर्लिन विश्वविद्यालय से स्नातक और पीएचडी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंटर की पढ़ाई
कार्यक्षेत्रस्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक और राजनेता
रचनाएंभारत विभाजन के गुनहगार,अंग्रेजी हटाओ,समाजवादी चिंतन,मार्क्सवाद और समाजवाद धर्म पर एक दृष्टि,इतिहास चक्र,संसदीय आचरण,भारतीय शिल्प
मृत्‍यु30 सितंबर 1967

भारत के स्वतंत्रता सेनानी डॉ राम मनोहर लोहिया उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के अकबरपुर के रहने वाले थे उनका जन्म 23 मार्च 1910 को हुआ था उनके पिता का नाम हीरालाल लोहिया था उनके पिताजी अध्यापक थे और एक राष्ट्रभक्त भी थे

उनके पिताजी महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयाई थे उनकी माता का नाम श्रीमती चंदा देवी था उनके पिताजी हमेशा महात्मा गांधी के यहां आते जाते रहते थे इन्हीं सब का प्रभाव राम मनोहर लोहिया पर भी पड़ा था.

डॉ राम मनोहर लोहिया का शिक्षा

Ram manohar lohia शुरू से ही पढ़ने में बहुत तेज थे वह अपने स्कूल में एक तेजस्वी छात्र के रूप में जाने जाते थे उन्होंने मुंबई के मारवाड़ी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की वहीं से उन्होंने मैट्रिक के परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास किया उसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए बनारस चले गए.

वहां पर उन्होने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अपनी आगे की पढ़ाई की वहीं से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की और स्नातक की पढ़ाई करने के लिए जर्मनी चले गए वहां पर उन्होंने बर्लिन विश्वविद्यालय से स्नातक और पीएचडी दोनों किया वहीं से पीएचडी करके उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

डॉ राम मनोहर लोहिया का व्यक्तित्व

राम मनोहर लोहिया समाजवादी विचारों वाले व्यक्ति थे जब वह जर्मनी से पढ़ाई पूरी करके भारत लौटे तो एकदम समाजवादी बनकर लौटे थे जब वह भारत लौटे उस समय महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन हुआ था उस समय वह स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए.

राम मनोहर लोहिया के पिताजी एक राष्ट्रभक्त थे हमेशा गांधी जी के यहां आते जाते रहते थे तो डॉक्टर लोहिया भी उनके साथ जाते थे उसी समय महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए थे और वह हमेशा गांधी जी के आदर्शों पर चलते थे और हमेशा चलते रहे.

डॉ राम मनोहर लोहिया को कई भाषा की जानकारी थी पीएचडी करने के लिए जब वह जर्मनी गए थे तो उन्हें जर्मन भाषा भी बहुत अच्छे से आता था डॉ राम मनोहर लोहिया हिंदी भाषा को अंग्रेजी भाषा से ज्यादा महत्व रखते थे उनका कहना था की अंग्रेजी भाषा ऐसी भाषा है

जो पढ़े लिखे लोगों के बीच मतभेद और दीवार खड़ी हो जाती है और हिंदी हर कोई को आता है इसलिए लोगों के बीच प्रेम बनी रहती है.

वह  एक ऐसे देश के निर्माण करना चाहते थे कि लोग मिलजुलकर रहे है कोई किसी से भेदभाव मत करे वह चाहते थे कि हर कोई एक साथ मिलजुल कर और एक साथ खाना खाए एक साथ रहे एक दूसरे के सुख दुख में हाथ बटाए.

डॉ राम मनोहर लोहिया का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

राम मनोहर लोहिया 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी के साथ बहुत अच्छे से योगदान दिया था उसी समय उन्होंने एक किताब भी लिखा जिसका नाम था जंग जो आगे बढ़ो क्रांति की तैयारी करो आजाद राज्य कैसे बने उसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया और कई दिनों तक वह जेल में रहे है और जेल में उन्हें बहुत यातनाएं भी दी जाती थी.

डॉ राम मनोहर लोहिया कर्मवीर थे  डॉ लोहिया ने सामाजिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक आंदोलन भी चलाए और उसका नेतृत्व भी किया उन्होंने गुप्त रेडियो स्टेशन भी चलाया था उन्होंने  अंग्रेजों को भारत से हटाने के लिए अंग्रेजी हटाओ आंदोलन भी चलाया था

डॉक्टर लोहिया के मन में भारत को स्वतंत्र कराने के लिए  हठ सा हो गया था वह चाहते थे कि कैसे भी हमारा देश आजाद हो.

राम मनोहर लोहिया का राजनीतिक जीवन

जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1930 में दांडी यात्रा आरंभ किया था उसमें डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने अपना योगदान बहुत ही बढ़ चढ़कर दिया था और नमक कानून तोड़ने के लिए उन्हें जेल की सजा भी काटनी पड़ी थी

सबसे पहले 1918 में अहमदाबाद में कांग्रेसी अधिवेशन में अपने पिताजी के साथ राम मनोहर लोहिया शामिल हुए थे कांग्रेसी सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक और संपादक राम मनोहर लोहिया थे राम मनोहर लोहिया जब पढ़ाई कर रहे थे

उसी समय उन्होंने खद्दर पहनना शुरू कर दिया था और अपने पिताजी के साथ कांग्रेश की अधिवेशन में हमेशा जाया करते थे वह कैसे शुद्ध आचरण वाले नेता थे कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के सरकार के खिलाफ खुलेआम विरोध किया और त्याग पत्र मांगा था क्योंकि जिस पार्टी में वह थे उसी का सरकार था और आंदोलनकारियों पर गोली चलाई गई थी

इसका उन्होंने बहुत विरोध किया उनका मानना था कि भारत की राजनीति सब कुछ तभी अच्छा माना जाएगा जब किसी पार्टी के खराब काम के लिए उसी के नेता विरोध करेंगे स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने इंदिरा गांधी कि सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांति किया था उन्होंने इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया का के संबोधन किया था.

राम मनोहर लोहिया की रचनाएं

स्वतंत्र भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी भारत के एक प्रसिद्ध समाजवादी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले डॉक्टर राम मनोहर लोहिया एक राजनेता होने के साथ-साथ एक लेखक भी थे उन्होंने कई रचनाएं की है. जिसमें भारत के विभाजन के बारे में मार्क्सवाद और समाजवाद के बारे में अंग्रेजी शासन हटाने के संबंध में आदि कई तरह के उन्होंने रचनाएं की है.

  • भारत विभाजन के गुनहगार
  • अंग्रेजी हटाओ
  • समाजवादी चिंतन
  • मार्क्सवाद और समाजवाद धर्म पर एक दृष्टि
  • इतिहास चक्र
  • संसदीय आचरण
  • भारतीय शिल्प
  • देश विदेश नीति कुछ पहलू हिंदू बनाम हिंदू
  • सच कर्म प्रतिकार और चरित्र निर्माण आवाहन
  • सम लक्ष्य
  • समबोध आदि.

डॉ राम मनोहर लोहिया का मृत्यु 

राम मनोहर लोहिया अंत तक महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते रहे बहुत लोग राम मनोहर लोहिया को राजनीति के धर्मगुरु दार्शनिक राजनीतिक कार्यकर्ता भी कह कर बुलाते थे डॉ राम मनोहर लोहिया का मृत्यु 30 सितंबर 1967 को हुआ था

जब उनकी मृत्‍यु हुई तो वह 57 वर्ष के थे डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों पर आज भी बहुत लोग चलते हैं उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था.

सारांश 

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के एक स्वतंत्रता सेनानी प्रमुख चिंता एवं समाजवादी नेता डॉ राम मनोहर लोहिया थे उन्होंने महात्मा गांधी के साथ कई आंदोलनों में योगदान दिया इस साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए उन्होंने छात्र जीवन में आंदोलन किया था

दांडी यात्रा असहयोग आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन गोवा मुक्ति आंदोलन आदि स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने अपना प्रमुख भूमिका निभाया था स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत और बिहार के एक प्रसिद्ध नेता के रूप में जाने जाते हैं इस लेख में डॉ राम मनोहर लोहिया इन हिंदी Dr Ram Manohar lohia in hindi डॉ राम मनोहर लोहिया की जीवन चरित्र के बारे में पूरी जानकारी दी गई है

फिर भी अगर डॉ राम मनोहर लोहिया इन हिंदी  से संबंधित कोई सवाल आपके मन में हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें हमने इस लेख में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया  के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है और  आप लोगों को यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं और जितना हो सके शेयर भी जरूर करें.

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