भारत में जितने भी बड़े-बड़े उद्योगपति हैं उनमें रतन टाटा का नाम एक सफल व्यक्ति के रूप में लिया जाता है. Ratan Tata biography in hindi जिस समय टाटा ग्रुप बहुत ही घाटे में चल रहा था उसी समय रतन टाटा ने कमान संभाली थी.
टाटा कंपनी को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए रतन टाटा ने बहुत ही ज्यादा मेहनत किया. घाटे की तरफ से मुनाफे की तरफ कंपनी को ले जाने में रतन टाटा ने बहुत ही दूरदर्शिता दिखाई थी.
Ratan Tata का सपना भारत में नैनो कार लाने का था जो कि उन्होंने अपने मेहनत और लगन के द्वारा टाटा नैनो कार का निर्माण किया.भारत वासियों का बहुत ही कम दाम में कार खरीदने का सपना उन्हीं के फलस्वरूप पूरा हुआ.
रतन टाटा टाटा ग्रुप ऑफ कंपनी के अध्यक्ष हैं. वह 1990 से 2012 तक टाटा कंपनी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे. उनकी अध्यक्षता में कई कंपनीयों को घाटा होने की वजह से बंद भी करना पड़ा था.
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और हमेशा अपने कार्य में लगे रहे. जिसके वजह से आज टाटा कंपनी भारत के नंबर वन कंपनी के रूप में जाना जाता है रतन टाटा के बारे में और विस्तार से नीचे जानते हैं. छत्रपति शिवाजी की जीवनी
Ratan Tata Biography In Hindi
टाटा ग्रुप ऑफ कंपनी की स्थापना जमशेदजी टाटा ने किया था. यह कंपनी भारत की बहुत ही बड़ी व्यापारिक समूह मानी जाती है. जमशेदजी टाटा के द्वारा स्थापित किया गया टाटा कंपनी का विस्तार उनकी पीढ़ियों ने किया.
लेकिन आज के समय में जितना विस्तार टाटा कंपनी का हुआ है, उसका सबसे ज्यादा श्रेय Ratan Tata को दिया जाता है. Ratan Tata जब पढ़ाई करके भारत लौटे तो उन्होंने जिस कंपनी का कमाल संभाली उसकी आर्थिक स्थिति गिरती गई. जिससे उस कंपनी को बेचना पड़ा.

लेकिन फिर भी उन्होंने अपने कार्य से मुंह नहीं मोड़ा. बल्कि अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और सकारात्मक रूप से कार्य करते हुए कंपनी का बहुत ही ज्यादा विस्तार किया.
रतन टाटा अपना जीवन बहुत ही सादे तरीके से जीते हैं. ऐसा कहा जाता है कि उनका काम करने का तौर तरीका भी बिल्कुल अलग है. कंपनी में जो लोग उनके साथ कार्य करते हैं वह उनके साथ कार्य करना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं.
रतन टाटा टाटा कंपनी के साथ-साथ और भी कई संगठनों में अपनी भूमिका महत्वपूर्ण तरीके से निभाई है.
प्रधानमंत्री के व्यापार उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के वह सदस्य भी हैं तथा उनकी काबिलियत की वजह से कई कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी बनाए गए हैं.टाटा कंपनी की वर्तमान में सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर नटराज चंद्रशेखरन है.
Ratan Tata का जन्म
भारत के गुजरात राज्य के सूरत शहर में उद्योगपति रतन टाटा का जन्म हुआ था. उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 में हुआ था. उनके पिता का नाम नवल टाटा था और उनकी माता सोनू टाटा थी. रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है. नवल टाटा को नवजबाई टाटा ने गोद लिया था. नवजबाई टाटा को कोई संतान नहीं थी.
जब उनके पति रतन जी टाटा का मृत्यु हो गया तब उन्होंने नवल टाटा को गोद लिया. Ratan Tata जब 7 साल के थे तभी उनके पिता नवल टाटा और उनकी माता सोनू एक दूसरे से अलग हो गए थे.
इसलिए Ratan Tata और उनके भाई जिमी टाटा दोनों की उनकी दादी नवजबाई टाटा ने पालन पोषण की थी. नवल टाटा ने दूसरा विवाह सिमोन टाटा से किया जिससे उन्हें एक पुत्र भी है जिसका नाम नोएल टाटा है.
Ratan Tata की शिक्षा
उनका शुरुआती पढ़ाई कैंपियन स्कूल मुंबई से हुआ था. माध्यमिक पढ़ाई के लिए उन्होंने कैथेड्रल में दाखिला करवाया. जॉन केनन स्कूल से उन्होंने वास्तु कला में बीएससी की पढ़ाई पूरी की.
आगे की पढ़ाई करने के लिए वह लंदन चले गए. वहां से 1962 में संरचनात्मक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कार्निल यूनिवर्सिटी लंदन से पुरी की. आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन लिया.
जहां पर एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स 1975 में पूरा किया. पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद दुनिया के प्रतिष्ठित कंपनी आईबीएम कंपनी में उन्हें नौकरी का ऑफर मिला. लेकिन उन्होंने उस ऑफर को मना करके अपने परिवारिक बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए भारत लौट आए.
Ratan Tata के कैरियर का शुरुआत
लंदन में पढ़ाई पूरा करने के बाद Ratan Tata जब भारत आए तो उन्होंने टाटा ग्रुप ऑफ कंपनी में काम करना शुरू किया. शुरू में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम करना शुरू किया.
इसके बाद कई कंपनियों में भी साथ-साथ जुड़ते गए. उनके कार्य को देखते कुछ दिनों में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी नेल्को में एक प्रभारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया.
आगे उनके बेहतर कार्य को देखते हुए टाटा इंडस्ट्री का अध्यक्ष 1981 में बनाया गया. जिस समय Ratan Tata टाटा कंपनी में कार्य करना शुरू किए उस समय वह कंपनी बहुत ही घाटे में चल रही थी. बाजारों में उस कंपनी का हिस्सेदारी सिर्फ दो परसेंट ही था, बाकी परसेंट सब घाटा में चल रहा था.
लेकिन रतन टाटा ने उस कंपनी को आगे बढ़ाने में ऊंचाई पर ले जाने के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत की. 1991 में टाटा ग्रुप का अध्यक्ष उन्हें बनाया गया. उनसे पहले टाटा इंडस्ट्री का अध्यक्ष जेआरडी टाटा थे.
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा कंपनी ने बहुत ही ज्यादा विस्तार किया. कई अन्य कंपनी का भी शुरुआत हुआ जैसे कि टाटा कंसलटेंसी, टाटा मोटर्स आदि. टाटा मोटर्स कंपनी में सबसे पहला इंडियन पैसेंजर कार टाटा इंडिका का निर्माण किया गया.
इस कार का डिजाइन से लेकर बनाने तक हर कार्य भारत के ही कंपनी में ही किया गया. इसके बाद उन्होंने टाटा टी कंपनी ने टेटली, टाटा मोटर्स कंपनी ने जैगवार लैंड रोवर और टाटा स्टील कंपनी ने कोरस कंपनी का अधिग्रहण प्राप्त किया.
2008 में टाटा कंपनी के द्वारा सबसे छोटी कार टाटा नैनो का निर्माण किया गया. जिसे लखटकिया कार भी कहते हैं.
2012 में जब Ratan Tata टाटा कंपनी के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए तब टाटा कंपनी के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री को बनाया गया साइरस मिस्त्री 1 साल तक रतन टाटा के साथ कार्य किए थे.
Ratan Tata के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
कंपनी से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह अपने कार्य को करना समाप्त नहीं किए हैं. कुछ दिन पहले ही भारत के ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में उन्होंने व्यक्तिगत निवेश किया हैं.
उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीस मोबाइल कंपनी जिओनी कंपनी में भी निवेश किया है. इसके साथ ही कई कंपनियों के साथ कार्य करते रहे हैं जैसे कि प्रधानमंत्री के व्यापार और उद्योग परिषद राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के सदस्य भी हैं.
अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप जेपी मॉर्गन चेज एंड बुल एलेन हैमिल्टो में भी रतन टाटा शामिल हुए है. मित्सुबिसी को ऑपरेशन के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं. भारतीय एड्स कार्यक्रम समिति के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में भी रतन टाटा को जाना जाता है.
Ratan Tata ने सबसे महंगी गाड़ियों की कंपनी जैगवार लैंड रोवर का अधिग्रहण स्वीकार करके कई कार का भी निर्माण किया. दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो का निर्माण किया.
टाटा कंपनी में उन्होंने 21 साल का तक कार्यभार संभाला 21 सालों में कंपनी को ऊंचाई के शिखर पर पहुंचा दिया. उस कंपनी का वैल्यू लगभग 50 गुना उन्होंने बढ़ाया हैं. टाटा कंपनी का स्थान विश्व में 100 कंपनीयों में 5वें स्थान हैं.
Ratan Tata का व्यक्तित्व
भारत के सबसे बड़े उद्योगपति Ratan Tata एक बहुत ही नेक दिल इंसान है. वह अविवाहित हैं. समाज में जो चमक-दमक के बल पर लोग चलते हैं उसका पर वह विश्वास नहीं करते हैं. वह बहुत ही सादा जीवन जीते हैं.
कहा जाता है कि 2008 में जब 26/11 का हमला मुंबई के ताज होटल में हुआ था तो उस में जितने भी लोग घायल हुए थे उनके इलाज का जिम्मा उन्होंने लिया था.
कितने दिनों तक ताज होटल जब बंद था तो उसमें कार्य करने वाले कर्मचारियों को मासिक वेतन टाटा कंपनी के तरफ से दिया गया था. ताज होटल के बाहर जितने भी ठेला लगाकर समान बेचने वाले व्यक्ति थे उन्हें भी मुआवजे के रूप में पैसे देकर उनका जीवन बसर करने में मदद किए थे.
मुंबई में Ratan Tata का एक बैचलर फ्लैट है जहां पर पालतू कुत्तों का देखरेख किया जाता है. वह हवाई जहाज उड़ाने के भी शौकिन हैं उनके पास प्लेन उड़ाने का लाइसेंस भी हैं.
रतन टाटा को मिले सम्मान और पुरस्कार
उनके बेहतर कार्य के लिए भारत सरकार के तरफ से कई नागरिक सर्वोच्च सम्मान से भी सम्मानित किया गया है.
सम्मान व पुरस्कार | वर्ष |
पद्मभूषण | 2000 |
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मादक डॉक्टर | 2001 |
उरूग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | 2004 |
साइंस की मादक डॉक्टर वारविक विश्वविद्यालय | 2005 |
अंतरराष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड | 2005 |
साइंस की मादक डॉ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास | 2006 |
परोपकार की कार्नेगी पदक | 2007 |
पद्म विभूषण | 2008 |
नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार | 2008 |
लीडरशिप अवार्ड | 2008 |
मादक नागरिक पुरस्कार | 2008 |
2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफटाइम योगदान पुरस्कार | 2009 |
ग्रैंड अधिकारी का पुरस्कार | 2009 |
हैड्रियन पुरस्कार | 2010 |
लीडरशिप अवार्ड में लिजेंड | 2010 |
मानद फेलो | 2012 |
डॉक्टरेट की मानद उपाधि | 2013 |
विदेश एसोसिएट | 2013 |
सयाजी रत्न पुरस्कार | 2014 |
आटोमोटिव इंजीनियरिंग के मानद डाक्टर | 2015 |
कमांडर ऑफ ऑनर | 2016 |
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सारांश
रतन टाटा ने भारत के लोगों के बीच कई तरह से मदद की है. कोरोना काल में जब कोविड-19 बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था उस समय उन्होंने भारत सरकार को 1500 करोड़ रुपए की मदद की थी.
जिस समय हर कंपनी से एंप्लॉय को हटाया जाने लगा था उस समय उन्होंने टाटा समूह में जितने भी फ्रेशर आए थे एंप्लोई को ना निकालने का फैसला किया था और साथ ही उनकी मदद भी की थी.
Ratan Tata biography in hindi इस लेख में रतन टाटा के जीवनी के बारे में पूरी जानकारी दी गई है अगर इस लेख से संबंधित किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कृपया कमेंट करके जरूर बताएं.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।