आरएसएस का फुल फॉर्म,कार्य,उद्देश्‍य और फायदा

आरएसएस का फुल फॉर्म RSS ka full form क्या होता हैं आरएसएस क्या हैं आरएसएस का स्थापना किसने किया इसका मुख्यालय कहां पर स्थित हैं यह सारी जानकारी अगर प्राप्त करना चाहते हैं आरएसएस के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें.

आरएसएस से जो भी सदस्य जुड़े रहते हैं वह कई तरह के समाज सुधारक कार्य करते हैं जैसे कि अगर किसी भी तरह का कोई आपदा आ जाए तो उसमें लोगों की मदद करते हैं इसीलिए RSS को विश्व का सबसे बड़ा संगठन माना जाता हैं.

हमारे भारत में कई समाज सेवा करने वाले संगठन हैं जो कि समाज में लोगों की मदद करते हैं लेकिन सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय संगठन आरएसएस हैं तो आरएसएस को सबसे पहले किसने स्थापित किया इसकी कितनी शाखाएं हैं के बारे में आइए नीचे विस्तार से जानते हैं.  

आरएसएस क्‍या हैं

आरएसएस भारत ही नहीं बल्कि विश्व में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और लोकप्रिय एक संगठन हैं जो कि समाज में सुधार के लिए कार्य करते हैं आरएसएस एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन हैं जो कि भारत की संस्कृति संस्कार धरोहर आदि को बनाए रखने के लिए कार्य करते हैं RSS एक अर्ध सैनिक स्वयंसेवक संगठन माना जाता हैं.

और इसे भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन भी लोग मानने लगे हैं क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री आरएसएस से ही जुड़े हुए हैं आरएसएस का मुख्य सिद्धांत मुख्य उद्देश्य भारत में हिंदू समुदाय को सुदृढ़ करना मजबूत करना और हिंदू विचारधारा को भारत देश में प्रचार प्रसार करना हैं.

RSS ka full form

आरएसएस चाहती हैं कि भारत को विश्व में एक मजबूत देश के रूप में लोग जाने भारत के जो भी संस्कार और संस्कृति को लोग भूल कर के दूसरे देशों का संस्कार और संस्कृति अपना रहे हैं वह याद रखें बच्चों में अपने देश की संस्कृति और संस्कार को हिंदू संस्कार को बनाए रखने के लिए आरएसएस लोगों को प्रोत्साहित करता हैं.

RSS  Ka Full Form

आरएसएस का पूरा नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ होता हैं  RSS ka full form- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैंविश्व का सबसे बड़ा सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा प्रसिद्ध स्वयंसेवी संगठन आरएसएस हैं यह भारत के साथ-साथ और भी कई अन्य देशों में प्रसारित हो रहा हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मतलब की जो अपनी इच्छा से स्वेच्छा से जो कार्य करें.

उसको स्‍वयंसेवक संघ कहा जाता हैं जो लोग नियमित और अनुशासन में रहकर कार्य करते हैं संघ के विचारों को मानकर संघ के विचारों के अनुसार कार्य करते हैं वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़ सकते हैं और रह सकते हैं.

आरएसएस के द्वारा कई समाज सुधारक कार्य भी किया जाता हैं जिनमें प्रचारक विस्तारक सरसंघचालक सर कार्यवाहक कई लोग होते हैं.

प्रचारक वह होते हैं जो कि अविवाहित रहकर किसी भी तरह के परिवारिक जिम्मेदारियों से दूर रहकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर के पूर्ण रूप से समाज सेवा करते हैं विस्तारक वह व्यक्ति होते हैं जो कि गृहस्थ जीवन में रह करके संघ के द्वारा जुड़ कर के समाज सेवा करते हैं.

सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सबसे बड़ा पदाधिकारी होते हैं उन्हीं के द्वारा निर्णय लेने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई भी कार्य सदस्य करते हैं वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जो भी सदस्य होते हैं वह देश में आर्थिक सामाजिक पर्यावरण नागरिक कार्यों को किसी भी तरह के परेशानियों का समाधान करने के लिए कार्य करते हैं.

राष्ट्रीय संघ सेवक संघ का स्थापना किसने किया

वर्तमान में जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में कार्य कर रही हैं उसका स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयदशमी के दिन किया था उन्होंने आरएसएस का स्थापना किया उस समय उनके साथ सिर्फ 5 लोग शामिल थे

और वह भी सभी छोटे-छोटे बच्चे थे जब डॉक्टर बलिराम हेडगेवार ने 5 बच्चों के साथ मिलकर एक संगठन बनाया तो कई लोगों ने उनका बहुत ही मजाक उड़ाया हंसी उड़ाया लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपना कार्य करना शुरू किया और यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा समाज सेवी संगठन और हिंदू संगठन बन गया.

वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 50,000 से अधिक शाखाएं हैं और इसमें लाखों से भी अधिक लोग जुड़े हुए हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा कई पत्रिकाएं भी निकाली जाती हैं जो कि लाखों लोग पढ़ते हैं जिसमें सबसे ज्यादा प्रचलित हिंदी में पांचजन्‍य और अंग्रेजी में ऑर्गेनाइजर नाम से पत्रिका प्रकाशित होती हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई संगठन देश भर में फैले हुए हैं जैसे की सेवा भारती संस्कार भारती विद्या भारती मजदूर संघ राष्ट्रीय सिख संगत बजरंग दल आदि नाम से संगठन कार्य करते हैं.

आरएसएस के जो भी संगठन हैं वह भारत में गरीब मजदूरों और लाचार लोगों का मदद करते हैं उनकी सहायता करते हैं.अगर किसी भी तरह की आपदा आती हैं तो उस समय वह गरीब मजदूरों की सेवा और उनकी सहायता अपनी इच्छा अनुसार करते हैं.

कहा जाता हैं कि जब महात्मा गांधी एक बार 1934 में एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर में गए थे उस समय उन्होंने वहां के सदस्यों को अनुशासन में रहते हुए जब देखा तो बहुत ही प्रभावित हुए थे.

आरएसएस का कार्य क्या हैं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा कई संगठन बनाकर के देशभर में लोगों का मदद किया जाता हैं शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक कार्य आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्य करती हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सेवा प्रकल्प 30 प्रांतों में 11498 स्थानों पर चला कर के लोगों का मदद किया जा रहा हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में वनवासी क्षेत्रों में या और भी कई बस्तियों में आरएसएस के सदस्य जाकर के गरीब मजबूर लोगों का मदद करते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय वर्तमान समय में महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित हैं आरएसएस को बहुत ही बड़े कर्म आंदोलन के रूप में भी जाना जाता हैं यह कए ऐसी शाखा हैं जिसे देश भर में गांव से लेकर शहर से लेकर छोटे-छोटे बस्तियों से लेकर के हर जगह लोग जानते हैं आरएसएस में ज्वाइन करने के लिए कई युवाएं उत्साहित रहते हैं. आरएसएस का अपना ध्वज होता हैं जो कि भगवा ध्वज होता हैं.

RSS का अपना पत्रिका आता हैं जो कि भारत के साथ-साथ विश्व में बहुत सारे लोग पढ़ते हैं और इसमें जो भी सदस्य होते हैं उनमें बहुत ही अनुशासन होता हैं हर काम को करने के लिए समय का पाबंदी होता हैं अनुशासित रहने की बारे में सिखाया जाता हैं.

आरएसएस का उद्देश्य क्या हैं

जब 1925 में विजयदशमी के दिन डॉक्टर बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस जैसे संगठन का स्थापना किया था तो उनका मुख्य उद्देश्य भारत को अंग्रेजों से आजाद कराना था राष्ट्रीय स्वाधीनता प्राप्त करना था.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जो भी सदस्य जोड़ते हैं उन्हें यही प्रतिज्ञा दिलाई जाती हैं कि अपने राष्ट्र की रक्षा करना राष्ट्र की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए तन मन और धन से हमेशा जुड़े रहे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हमेशा कार्यरत रहते हैं.

RSS में देशभक्ति की भावना राष्ट्रवादी की भावना कूट-कूट कर भरी रहती हैं आरएसएस का रोज खुले मैदान में शाखा लगता हैं जिसमें की संस्कृत में प्रार्थना होता हैं श्‍लोक बोला जाता हैं उसमें प्रतिदिन व्यायाम किया जाता हैं ताकि शारीरिक स्वास्थ्य सही रहे. श्री राम जन्म भूमि के आंदोलन के समय आरएसएस के सदस्य बहुत ही उत्साहित और जागृत थे.

आरएसएस का सबसे मुख्य और उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना राष्ट्रवादी व्यक्तित्व का निर्माण करने के लिए हैं उनका यही उद्देश्य हैं कि भारत को विश्व में सबसे बड़े देश के रूप में शिखर पर ले जाना हैं अपने राष्ट्र को प्रगति के क्षेत्र में आगे की ओर बढ़ाना हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन कैसे करें

अगर किसी व्यक्ति को r.s.s. से लगाव हैं आरएसएस से जुड़कर अपने देश के हित के लिए देश की रक्षा के लिए कुछ करना चाहता हैं तो वह r.s.s. से आसानी से जुड़ सकता हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें छोटे छोटे बालकों को जोड़ने का कार्य किया जाता हैं.

तो अगर किसी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ना हैं आरएसएस ज्वाइन करना हैं तो वह उन कार्यक्रमों में जाकर के उस के माध्यम से ज्वाइन कर सकते हैं इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी कार्यक्रम होता हैं अगर उन्हें इससे लगाव हैं तो जुड़ सकते हैं.

आरएसएस से फायदा 

आजकल ज्यादातर लोग वही कार्य करते हैं जिसमें उन्हें पैसा मिलता हैं उन्हें फायदा होता हैं लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक ऐसा संगठन हैं जोकि भारत की सुरक्षा के लिए अपने राष्ट्र के हित के लिए भारत माता की रक्षा के लिए कार्य करती हैं जो व्यक्ति को समाज सेवा राष्ट्र सेवा करना चाहते हैं वह r.s.s. में शामिल होकर के कर सकते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत देश में हिंदू समाज के लिए कई तरह के कार्य करती हैं अपने देश की संस्कृति को धरोहर को बचाए रखने के लिए कार्यरत रहती हैं इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने में कई फायदे भी हैं

  • इसमें अपने भारत के संस्कृति भारत की इतिहास को बचाए रखने में मदद किया जा सकता हैं
  • प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों की मदद कर सकते हैं आरएसएस के सदस्य प्रतिदिन सुबह में व्यायाम करते हैं जिससे कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बना रहेगा
  • आरएसएस से जो जुड़ते हैं उनमें अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना राष्ट्र भावना जागृत हो जाती हैं
  • भारत की खोई हुई संस्कृति को संस्कार को आरएसएस के द्वारा बहुत ही अच्छे से जान सकते हैं क्योंकि आरएसएस में सुबह में जो प्रार्थना करते हैं वह सभी संस्कृत में ही किया जाता हैं सूर्य नमस्कार परेड व्यायाम आदि किया जाता हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक

आरएसएस एक विकासशील संगठन हैं जो कि अपने देश के विकास के लिए हमेशा कार्यरत रहता हैं आरएसएस का स्थापना 1925 में डॉक्टर केशव राम बलिराम हेडगेवार ने किया था.

जब डॉक्टर केशव राम बलिराम हेडगेवार ने इस संगठन का स्थापना किया तो उस समय उन्होंने कोई नाम नहीं रखा था तब अपने संघ के सदस्यों से विचार करके वोटिंग के द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम रखा गया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सबसे प्रमुख प्रार्थना हैं नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे जिसका अर्थ यही होता हैं कि मैं हमेशा अपने मातृभूमि के सामने शीश झुकाता हूं.1925 से 1940 तक डॉक्टर केशव राम बलिराम हेडगेवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक रहे. इनके बाद आरएसएस के और भी कई सरसंघचालक बनाए गए.

  • माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर (1940 से 1973)
  • मधुकर दत्तात्रेय देवरस (1973 से 1993)
  • प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया (1993 से 2000 तक)
  • कृपा हल्ली सीतारमैया सुदर्शन (2000 से 2009 तक)
  • डॉ मोहन राव मधुकर राव भागवत (2009 से वर्तमान समय तक)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कई बड़े बड़े ख्याति प्राप्त नेता भी जुड़े हैं

  • भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • रामनाथ कोविंद
  • मुरली मनोहर जोशी
  • पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई
  • मनोहर पर्रिकर
  • नितिन गडकरी
  • देवेंद्र फडणवीस
  • वेंकैया नायडू
  • विजय रुपाणी
  • अमित शाह

इसे भी पढ़ें

सारांश

भारत के साथ-साथ विश्व की सबसे बड़ी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैं जो कि भारत में कई तरह के समाज सुधारक कार्य करते हैं अपने राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए विश्व में सबसे बड़े देश के रूप में शिखर पर ले जाने के लिए कार्यरत रहती हैं इस लेख में आरएसएस यानी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं.

Leave a Comment