RTI क्या है,आरटीआई का उद्देश्‍य,फायदे

RTI Kya Hai आरटीआई क्या है? आरटीआई भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक अधिनियम है। जिसको सरकार के द्वारा लागू किया गया है। आरटीआई के द्वारा कोई भी आम जनता अपने अधिकारों के बारे में सरकार से जानकारी ले सकता है।

अगर सरकारी डिपार्टमेंट के फंड में किसी भी तरह का विकास कार्य के लिए पैसा आता है, तो उस विकास कार्य का जानकारी सरकार से हासिल किया जा सकता है। इस अधिनियम के तहत ऑनलाइन या ऑफलाइन गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में अपने अधिकारों को जानने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

कई बार हमारे देश में राज्य में जिले में या हमारे आसपास विकास कार्यों के लिए सरकार के द्वारा फंड दिया जाता है। लेकिन उस विकास कार्य में देरी हो जाता है। लापरवाही होता है या उस कार्य को अच्छे तरीके से नहीं किया जाता है। ऐसे कार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार करप्शन को रोकने के लिए आम जनता सरकार से जानकारी पूछ सकती है।

इसी के लिए आरटीआई जैसे अधिनियम को लागू किया गया है। आरटीआई जिसे राइट टू इनफार्मेशन कहा जाता है। इसके तहत होने वाले लाभ आरटीआई के उद्देश्य और इसका शुरुआत कब हुआ के बारे में नीचे विस्तार रूप से जानेंगे।

आरटीआई क्या है

आरटीआई आम जनता के अधिकारों के लिए बनाया गया एक सरकारी कानून है। जिसे सूचना का अधिकार कहा जाता है। अगर हमारे आसपास, हमारे राज्य, ब्लॉक, पंचायत आदि में अगर स्कूल कॉलेज, हॉस्पिटल, रोड, बिजली से संबंधित सरकार के द्वारा विकास कार्य किए जाते हैं।

वह विकास कार्य अगर सही तरीके से नहीं हो पाता है। उसमें सरकारी कर्मचारियों के द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता है। जो भी विकास कार्य होता है उसमें दो नंबर के समान लगाए जाते हैं। वैसे समय में अगर चाहे तो आम जनता अपने अधिकारों को जानने के लिए सरकार से जानकारी ले सकती है।

RTI Kya Hai

इसी सवाल को पूछने के लिए जो नियम बनाए गए हैं उसको आरटीआई यानी कि राइट टू इनफार्मेशन एक्ट के नाम से जानते हैं। यह अपने अधिकारों को जानने का और भ्रष्टाचार को रोकने का एक राइट माना जाता है।

इस अधिनियम के द्वारा किसी भी सरकारी विभाग में किसी भी तरह का सूचना या जानकारी प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन वह जानकारी एक तथ्य पर आधारित होना चाहिए। हम सरकार से सवाल पूछ सकते हैं लेकिन उनका विचार नहीं जान सकते हैं।

जैसे कि हमारे आसपास कितने विकास कार्य हुए हैं। उन विकास कार्यों में कितना कार्य हुआ। कितना पैसा बचा, आम जनता के लिए आने वाला राशन के दुकान पर कितना राशन आया।

आम जनता को कितना राशन मिला, कितने हॉस्पिटल बने, कितने स्कूल बने आदि जैसे जानकारी आरटीआई के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। जो भी हमारे आसपास गवर्नमेंट हॉस्पिटल है। हॉस्पिटल में कितने दवाई आए कितने डिस्पेंसरी है, साफ सफाई कितना हो रहा है आदि जैसे सवाल भी इस नियम के तहत पूछ सकते हैं।

आईटीआई का फुल फॉर्म

आईटीआई का फुल फॉर्म राइट टू इनफार्मेशन (Right to Information) होता है। जिसे हिंदी में सूचना का अधिकार कहा जाता है। इस नाम से ही पता चलता है कि एक सूचना के अधिकार का अधिनियम है। जो कि हमारे सरकार के द्वारा आम जनता के भलाई के लिए उनके फायदे के लिए बनाया गया है। 

आम जनता अपने अधिकारों को इस अधिनियम के द्वारा बहुत ही आसानी से किसी भी सरकारी विभाग में एक एप्लीकेशन देकर जान सकती है। इस एप्लीकेशन को देने के लिए ज्यादा पैसों को खर्च भी नहीं करना पड़ता है।

बल्कि जो गरीबी रेखा से नीचे है वह बिल्कुल फ्री में एप्लीकेशन दे सकते हैं। लेकिन जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं, उनके लिए 10 रू का फीस लगता है। इस एप्लीकेशन को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से दे सकते हैं। जिससे अपने राइट को अपने अधिकारों को सरकारी कर्मचारियों के द्वारा जान सकते हैं।

आरटीआई का शुरुआत

आरटीआई का शुरुआत बहुत ही पहले से हो रहा था। इस अधिनियम को बनाने के लिए कई लोगों ने सरकार को सलाह मशवरा दिया। लेकिन इस अधिनियम पर पूर्ण तरीके से मुहर 2005 में लगाया गया। 15 जून 2005 को इस अधिनियम को अधिनियमित किया गया। इस पर विचार किया गया।

लेकिन 12 अक्टूबर 2005 को पूरी तरह से इस कानून को इस अधिनियम को आम जनता के लिए लागू कर दिया गया। उसके बाद से सभी आम जनता को अपने अधिकारों के बारे में सरकार से किसी भी सरकारी विभाग में जानकारी लेने का अधिकार प्राप्त हो गया।

आरटीआई का लाभ

  • राइट टू इनफार्मेशन एक्ट के द्वारा करप्शन को रोका जा सकता है।
  • देश में होने वाले भ्रष्टाचार को पर्दाफाश करने के लिए आम जनता को अधिकार मिल गया है।
  • इसके तहत सभी आम नागरिक अपने अधिकारों को सरकारी विभागों में आसानी से पूछ सकते हैं।
  • यह एक आम नागरिक का अधिकार है। जिससे आम जनता और सरकार के बीच में पारदर्शिता लाने का कार्य किया जाता है।
  • बैंक, स्कूल, हॉस्पिटल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति, बिजली विभाग, पुलिस, बिजली कंपनी आदि सभी आरटीआई अधिनियम के तहत आते हैं। इन सभी विभागों में आम नागरिक अपने अधिकारों के बारे में सवाल या जानकारी पूछ सकते हैं।
  • इस अधिनियम के तहत कई ऐसे मसले हैं जो कि आम नागरिक के लिए सॉल्व हो गए हैं।
  • इस अधिनियम के तहत कोई भी आम नागरिक हिंदी इंग्लिश किसी भी भाषा में एप्लीकेशन देकर अपने अधिकारों के बारे में पूछ सकता है।
  • किसी भी विभाग के बारे में जानकारी लेने के लिए आरटीआई के तहत उस विभाग के लोक सूचना अधिकारी या सहायक सूचना अधिकारी के द्वारा अपने अधिकारों की जानकारी ले सकते हैं।

आरटीआई का उद्देश्य

  • आम नागरिक और सरकार के बीच में पारदर्शिता लाना।
  • आम नागरिकों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।
  • अपने अधिकारों को आम नागरिक एक आवेदन के द्वारा सरकारी विभागों में जान सकते हैं।
  • करप्शन को खत्म करना।
  • लोकतंत्र को एक ऐसे तरीके का बनाना जो कि आम जनता के विकास के लिए पूर्ण रूप से कार्य करें।
  • सरकार के हर एक कार्यों में उत्तरदायित्व को बढ़ाना है।

आरटीआई कैसे करें

  • आरटीआई के तहत अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी अपने नजदीकी सरकारी विभाग में जा सकते हैं। उस सरकारी विभाग में सहायक सूचना अधिकारी या लोक सूचना अधिकारी को ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • ऑफलाइन आवेदन करने के लिए एक कागज पर आप अपने अधिकारों को जानने के बारे में एप्लीकेशन लिख सकते हैं। जिसमें जन सूचना अधिकारी के द्वारा मदद भी किया जा सकता है।
  • इस आवेदन को लिखने के लिए आप किसी भी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपका स्थानीय भाषा है।
  • फिर उस कागज का फोटो कॉपी करा कर जन सूचना अधिकारी को जमा कर सकते हैं और उनके द्वारा एक रिसीविंग दिया जाता है जिसको आप लेकर रख लेंगे।
  • आपके आवेदन करने के बाद लगभग 30 दिनों के अंदर में आपके जवाब का सवाल मिल जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप कोर्ट में भी एप्लीकेशन दे सकते हैं।
  • ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है। जिसमें उस विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऑफिशियल वेबसाइट पर एक फॉर्म मिल जाएगा जिसको अच्‍छे तरीके से भर करके उसका रिसिप्ट प्राप्त करेंगे।
  • रिसिप्ट को सुरक्षित रख सकते हैं।
  • इस आवेदन को करने के लिए 10 रू फीस लगता है। जो गरीबी रेखा से नीचे हैं उनके लिए बिल्कुल फ्री प्रक्रिया है।

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सारांश

आरटीआई अधिनियम आम जनता को सशक्त बनाने के लिए उन्हें स्वतंत्रता रूप से सरकार से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है। सरकार के द्वारा लागू किया गया यह एक ऐसा अधिनियम है जिसके द्वारा आम जनता अपने अधिकारों के बारे में जान सकता है।

हमारे क्षेत्र में कितने विकास कार्य हुए, कितने हॉस्पिटल खुले, कितने स्कूल बने, हॉस्पिटल में कितने डिस्पेंसरी खुले, कितने दवाई है, साथ ही हर तरह की जानकारी सरकारी विभाग में आवेदन देकर 30 दिनों के अंदर में जान सकते हैं।

इससे सरकार और आम नागरिक के बीच में पारदर्शिता और कार्यों को करने के लिए उत्तरदायित्व को बढ़ावा दिया जाता है। इस लेख में आरटीआई क्या है और उसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है। अगर इस जानकारी से संबंधित किसी भी तरह का सुझाव है तो कमेंट के द्वारा जरूर बताएं।

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