स्कूल का फुल फॉर्म क्या होता हैं school ka full form kya hai in hindi स्कूल का हिंदी में क्या मतलब होता हैं स्कूल क्या हैं यह सारी जानकारी हम लोग इस लेख में प्राप्त करने वाले हैं। School यानी की विद्या का मंदिर जिसे कहते हैं। School वह जगह है जहां पर हमें अनुशासन शिष्टाचार और किताबी ज्ञान जो भी होते हैं सिखाया जाता है इसीलिए हर मां बाप अपने बच्चों को किताबी ज्ञान देने के लिए बाहरी ज्ञान देने के लिए स्कूल भेजते हैं
क्योंकि बच्चों का जो जीवन का पहला पाठ होता है शुरुआती पढ़ाई होता है उसका शिक्षा तो माता-पिता अपने घर में ही दे देते हैं इसीलिए बच्चे का पहले गुरु उसके माता-पिता ही होते हैं पहले किसी भी बच्चे को पढ़ाई करने के लिए स्कूल जाने में परेशानी होता था क्योंकि हर गांव में School नहीं होता था लेकिन वर्तमान समय में हर ग्रामीण क्षेत्र में हर गांव में स्कूल बन गया है
इसलिए सभी माता-पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जरूर भेजते हैं स्कूल हम सभी गए हैं और सभी बच्चे जाते हैं लेकिन हिंदी में मतलब जानना बहुत जरूरी हैं लेकिन स्कूल का हर वर्ड का पूरा मतलब क्या होता है उसका फुल फॉर्म क्या होता है इसके बारे में अगर आप लोग जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें और आइए नीचे School के फुल फॉर्म के बारे में विस्तार से जानते हैं
Contents
school ka full form kya hai in hindi
School को विद्या का मंदिर कहा जाता हैं स्कूल में ही हमें विद्या प्राप्त होता हैं जिससे कि हमारा भविष्य उज्जवल होता हैं School के शुरू के पढ़ाई पर ही हर बच्चे का भविष्य निर्भर करता हैं
स्कूल में हमें अपने शिक्षक से शिक्षा प्राप्त होती हैं हमें समाज में कैसे रहना हैं क्या करना हैं यह सिखाया जाता हैं हर कोई अपने बच्चे को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाना चाहता है
हर माता-पिता चाहते हैं कि उसका बच्चा पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बने किसी अच्छे मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करें अपने मां-बाप का नाम रोशन करें बच्चे का फ्यूचर सुरक्षित हो जाए
इसीलिए हर कोई अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जरूर भेजते हैं क्योंकि आजकल हर किसी को शिक्षा का महत्व पता चल गया है हर व्यक्ति को अपना जीवन सफल बनाने के लिए एक उच्च समाज में रहने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है
ताकि आगे चलकर कोई भी कार्य बहुत ही आसानी से सोच समझकर समझदारी से कर सकें घर पर तो बच्चा अपने मां-बाप से संस्कार संस्कृति बड़ों का आदर सम्मान करना बड़ों का बात मानना सीखते ही हैं
लेकिन School एक ऐसी जगह है जहां पर किताबी ज्ञान प्राप्त होता है बच्चे अपने शिक्षक के निर्देशों के कहे अनुसार अपने फ्यूचर को सेटल करने के लिए कार्य करते हैं
पढ़ाई करते हैं ज्ञान बढ़ाते हैं School जाने से बच्चों में हर रोज एक नई कौशल का विकास होता है कई तरह के भाषाएं सीखते हैं अनुशासन में रहना सीखते हैं।
आजकल तो कई ऐसे School है जहां पर कोई भी बच्चा अगर पढ़ने में तेज है ज्यादा नंबर लाता है तो उसे छात्रवृत्ति भी दिया जाता है जिसके द्वारा वह बच्चा आगे का पढ़ाई आसानी से कर सकें।
किसी भी व्यक्ति का भविष्य उसका फ्यूचर उसका आने वाला कल उसके स्कूली शिक्षा पर ही निर्भर करता है जहां कि अगर वह डिसिप्लिन में रह करके पढ़ाई करेगा शिक्षक के निर्देशानुसार विद्या अध्ययन करेगा तो
उसका भविष्य भी सही रहेगा। स्कूल का फुल फॉर्म हैं और उसके कई मतलब हैं जैसे कि
- S:-sincerity
- C:-capacity
- H:-honesty
- O:-orderliness
- O:-obedience
- L:-learning
और भी कई स्कूल का फुल फॉर्म होते हैं कई लोगों ने अपने विचार के अनुसार स्कूल का फुल फॉर्म बताया हैं।
- S:- student
- C:- culture
- H:- honesty
- O:-obedience
- O:-order
- L:-loyalty
- S:-study
- C:-communicational
- H:-hours
- O:-organisation
- O:- of
- L:-library
School full form in hindi
विद्यालय यानी कि विद्या का मंदिर होता हैं स्कूल का फुल फॉर्म हिंदी में विद्यालय पाठशाला शिक्षालय आदि कहा जाता हैं। स्कूल को विद्या का मंदिर कहा जाता हैं
क्योंकि स्कूल से ही हमें विद्या प्राप्त होता हैं। School सभी बच्चों के जीवन में एक अलग महत्व रखता हैं क्योंकि बच्चों का भविष्य और उनका सुनहरा जीवन स्कूल के पढ़ाई से ही शुरु होता हैं
School से अच्छी शिक्षा प्राप्त करके बच्चे आगे चलकर कॉलेज की पढ़ाई करते हैं और एक अच्छे भविष्य के लिए अच्छी से अच्छी नौकरी प्राप्त करते हैं स्कूल का सही में जो मतलब होता हैं
वह यह हैं की School एक ऐसी जगह हैं जहां पर सच्चाई और ईमानदारी से और सही ढंग के सुव्यवस्था से अपनी क्षमता से बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं
School में सही सही ज्ञान अपने शिक्षक से इमानदारी और सच्चाई से प्राप्त होता हैं। स्कूल का हिंदी में मतलब होता हैं
- S:-sincerity:-सच्चाई
- C:-capacity:-क्षमता
- H:-honesty:-ईमानदारी
- O:-orderliness:-सुव्यवस्था
- O:-obedience:-आज्ञाकारी
- L:-learning:-सीखना
स्कूल की शुरुआत सबसे पहले कब हुई
School की शुरुआत यानी कि विद्यालय पर प्रणाली की सबसे पहले शुरुआत 1837 में हुई थी और यह विद्या प्रणाली शुरू करने वाले होरेस मैन थे।
उन्होंने ही विद्या प्रणाली की संस्था बनाई जिसमें की बच्चे जाकर के शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं स्कूल को संस्था भी कहा जाता हैं जहां की हर वर्ग के बच्चे एक साथ बैठकर किसी भी बिना भेदभाव के एक समान शिक्षा प्राप्त करते हैं
स्कूल क्या हैं
School एक ऐसी संस्था हैं जिसके जरिए सभी बच्चों को सही शिक्षा प्राप्त होती हैं और वह बच्चा सही शिक्षा प्राप्त करके आगे चलकर एक सभ्य संस्कारी मेहनती इंसान बनता हैं
सही ढंग से और इमानदारी से शिक्षा प्राप्त करके आगे चलकर वह बच्चा अपना भविष्य उज्जवल बनाता हैं सही तरह से प्राप्त किया हुआ शिक्षा पर ही बच्चों का भविष्य निर्भर करता हैं
बच्चों की शिक्षा शुरू में घर पर प्राप्त हो जाती हैं लेकिन तीन-चार साल के बाद सही शिक्षा बच्चों अपने जीवन को सही बनाने के लिए स्कूल में ही प्रदान होता हैं
इसीलिए स्कूल को विद्या का मंदिर भी कहा जाता हैं। School एक ऐसी जगह हैं जहां पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता हैं हर वर्ग के बच्चे चाहे वह गरीब हो धनी हो वह सभी एक साथ बैठकर एक समान शिक्षा प्राप्त करते हैं
आजकल तो सरकारी स्कूल में भी कई तरह के सुविधाएं दिए जा रहे हैं ताकि जो बच्चे गरीब हैं वह आसानी से पढ़ लिख कर आगे की जिंदगी उज्जवल बना सकें
स्कूल ही ऐसा एक जगह है जहां पर बच्चे पढ़ाई करके दुनिया को अच्छे तरीके से समझने दुनिया में अच्छे तरीके से रहने के बारे में सीखते हैं हर किसी को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार होता है
School से पढ़ाई करके शिक्षा प्राप्त करके आगे चलकर वह बच्चा आईएएस आईपीएस बन करके अपने स्कूल का भी नाम रोशन करते हैं अपने माता-पिता का नाम रोशन करते हैं
इसीलिए हर माता-पिता अपने बच्चे को महंगे से महंगे स्कूल में एडमिशन करा कर उन्हें पढ़ाई करवाते हैं स्कूल में हिंदी संस्कृत गणित भूगोल विज्ञान आदि कई विषयों का ज्ञान दिया जाता है
तो बच्चा सभ्य और संस्कारी और एक अच्छी नौकरी के योग्य बन जाते है इसके साथ ही जब बच्चे School से निकलते हैं तो उन्हें स्कूल की हर बातें एक यादगार पल हमेशा याद रहता है
स्कूल में क्या होता हैं
School में शिक्षा प्राप्त होती हैं इसीलिए तो विद्या का मंदिर होता हैं स्कूल में आगे का भविष्य सही बनाने के लिए सही ज्ञान मिलता हैं वर्तमान समय में बहुत सारे प्राइवेट स्कूल और गवर्नमेंट स्कूल हैं
जिसमें कि अपनी क्षमता के अनुसार हर मां बाप अपने बच्चे को पढ़ा सकते हैं गवर्नमेंट स्कूल में भी कई तरह की सुविधाएं मुफ्त में प्राप्त होती हैं जिससे कि गरीब बच्चे भी अच्छे से पढ़ सकें
जिसके पास पैसा हैं वह प्राइवेट स्कूल में भी अपने बच्चों का भविष्य अच्छा बनाने के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजते हैं। स्कूल एक ऐसा शिक्षण संस्थान है
जहां पर छात्रों के पढ़ाई के लिए शिक्षा ग्रहण करने के लिए सीखने के लिए एक वातावरण तैयार किया रहता है डिजाइन किया गया रहता है जहां बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सके जहां पर शिष्टाचार अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है
स्कूल में किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान का भी शिक्षा दिया जाता है जीवन को किस तरह से जीना है उसके जीवन का गुण क्या होता है उसके बारे में बताया जाता है
ईमानदारी से सच्चाई से रहने का शिक्षा दिया जाता है स्कूल मुख्य रूप से 2 तरह के होते हैं एक सरकारी स्कूल या गवर्नमेंट स्कूल होते हैं और दूसरा प्राइवेट स्कूल होते हैं।
गवर्नमेंट स्कूल
सरकारी स्कूल यानी के गवर्नमेंट स्कूल में जब बच्चे पढ़ते हैं तो उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है बच्चों को किसी भी तरह का फीस नहीं भरना पड़ता है
आजकल के तो सरकारी स्कूल में सरकार की तरफ से बच्चों को कई तरह के लाभ में मिल रहे हैं सुविधाएं मिल रही है जैसे कि बच्चों को स्कूल से ही किताब दिया जा रहा है
रोज का खाना मिड डे मील योजना के तहत दिया जाता है जिसमें बच्चों को रोज अलग-अलग प्रकार का खाना दिया जाता है साथ ही 1 दिन कोई भी सीजनी फल दिया जाता है
जिससे कि बच्चों का दिमाग तेज हो और पढ़ाई में आगे बढ़ सके सरकारी School में जो बच्चे गरीबी रेखा के नीचे हैं उन्हें छात्रवृत्ति भी दिया जाता है हर साल यूनिफॉर्म के पैसे दिए जाते हैं।
बच्चों को कई तरह के खेल के समान दिए जाते हैं ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी आगे बढ़ सके और सरकारी स्कूल हर ग्रामीण क्षेत्र में हर गांव में शहर में स्थित है।
प्राइवेट स्कूल
प्राइवेट स्कूल में बच्चों के पढ़ाई का पूरा खर्चा उसके माता-पिता को देना पड़ता है और अगर स्कूल में किसी भी तरह का सुविधा का लाभ लेना है यूनिफॉर्म लेना है
किताब लेना है तो उसके लिए उस स्टूडेंट के माता-पिता को अलग से पैसा देना पड़ता है और सरकारी स्कूल से प्राइवेट स्कूल में नियम कानून भी एकदम अलग होते हैं हर प्राइवेट स्कूल के अलग-अलग यूनिफार्म अलग अलग-अलग किताब होते हैं
बच्चों को यूनिफॉर्म दिया जाता है टाई दिया जाता है उस स्कूल का बेल्ट दिया जाता है उसके लिए अलग से माता-पिता को पैसे देना पड़ता है बच्चों के पढ़ाई पर या बच्चों पर प्राइवेट स्कूल में ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
प्राइवेट स्कूल और गवर्नमेंट स्कूल में अंतर
- सरकारी स्कूल में एडमिशन कराने पर किसी भी तरह का फीस नहीं लगता है लेकिन प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराने पर फीस लगता है और हर महीने छात्रों के माता-पिता को फीस भरना पड़ता है।
- गवर्नमेंट स्कूल में रोज का खाना किताब यूनिफार्म साथ ही छात्रवृत्ति बिल्कुल मुफ्त में मिलता है लेकिन प्राइवेट स्कूल में यूनिफार्म किताब लेने के लिए माता-पिता को अलग से पैसे देना पड़ता है।
- सरकारी स्कूल में बच्चों पर ध्यान दिया जाता है लेकिन प्राइवेट स्कूल में उससे भी ज्यादा बच्चों पर ध्यान दिया जाता है उनके पढ़ाई पर ध्यान दिया जाता है उन्हें अनुशासन में रहने को बाध्य किया जाता है।
- हर सरकारी स्कूल का किताब यूनिफॉर्म एक ही होता हैं लेकिन प्राइवेट स्कूल में हर स्कूल का अलग अलग किताब और यूनिफॉर्म होता हैं।
सारांश
School यानी कि विद्यालय इसका मतलब विद्या का मंदिर होता हैं सभी बच्चे अपने शुरू का पढ़ाई स्कूल से में पूरा करते हैं उसके बाद कॉलेज में जाते हैं और अच्छी पढ़ाई करके अच्छा जॉब प्राप्त करके अपना भविष्य अच्छा बनाते हैं
इस लेख में हम लोग School का फुल फॉर्म क्या होता हैं स्कूल क्या हैं स्कूल का शुरुआत कब हुआ यह सारी जानकारी प्रदान की हैं इस लेख से जुड़े सवाल अगर आपके मन में हैं हमें तो कमेंट करके जरूर पूछें।
इस लेख में स्कूल का फुल फॉर्म क्या होता हैं के बारे में जाना हैं।आप लोगों को यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्त मित्रों और रिश्तेदारों को शेयर जरूर करें
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मैं प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ का Co-Founder हूँ। मेरी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, मुझे हिंदी में तरह-तरह के जानकारियों को साझा करने में बहुत ही सुखद अनुभूति होता हैं।
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