भारत को प्रशासनिक सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए कई विभागों में बांटा गया है. इसी तरह हर राज्य में जिलों के अंदर कई अनुमंडल होता है. अनुमंडल (Sub Division) किसे कहते हैं यहां हम जानेंगे. अनुमंडल का गठन ग्रामीण इलाके या आसपास ग्रामीणों के पास विकास सुविधा या प्रशासनिक सुविधाओं को बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए किया जाता है. जिससे राज्य सरकार द्वारा जो भी सुविधा जनता के लिए शुरू किया गया है. उसे आसानी से और अधिक सुलभ तरीके से पहुंचाने में मदद किया जा सके.
अनुमंडल को इंग्लिश में सब डिवीजन(Sub Division) कहा जाता है. इसे एक प्रशासन का वह पार्ट माना जाएगा. जिसके द्वारा आसपास के क्षेत्र में प्रशासनिक सेवाओं का लाभ बहुत ही जल्द और तेजी से जनता के पास पहुंच जाए. अनुमंडल में कौन मुख्य अधिकारी होते हैं. उनका क्या-क्या मुख्य कार्य होगा. यह सभी जानकारी आपको इस लेख में बेहतर तरीके से मिलेगा.
अनुमंडल किसे कहा जाता हैं
एक जिले के अंदर कई अनुमंडल होते हैं. जो की एक कानून, विधि व्यवस्था और प्रशासन का एक मुख्य हिस्सा होता है. जिसके द्वारा एक सब डिवीजन के अंदर जितने भी क्षेत्र, गांव, कस्बे आते हैं. वहां ग्रामीण इलाकों में सभी घरों तक सरकारी योजनाएं और विभिन्न सेवाओं को बहुत जल्द देने में सक्षम हो सके. एक तरह से कहा जाए तो जनता और सरकार के बीच की वह कड़ी सब डिवीजन होता हैं. जिसके द्वारा जनता की समस्याएं वह सरकार तक पहुंचन पाएगी.
सरकार की जो भी योजनाएं, सेवाएं और लाभ होगी. उसको जनता तक जल्द सुलभ तरीके से दिया जाएगा. साथ ही जिला स्तर पर जितने भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा स्किम, लाभ या किसी भी तरह का कानून निर्णय लिया जाता हो. उसको लागू करना और उसका सही तरीके से क्रियान्वयन करने में मुख्य भूमिका होती है. अनुमंडल का प्रमुख अधिकारी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट होते हैं. जिनके अधीन उ क्षेत्र के सभी प्रशासनिक कार्य, विकास कार्य, शिक्षा संबंधित कार्य, कृषि संबंधित योजनाएं या कानून का अधिकार होता हैं.
अनुमंडल के मुख्य पदाधिकारी कौन होते हैं
जिस तरह एक जिला में जिला अधिकारी जिन्हें ( DM) होते हैं. वैसे ही सब डिवीजन में अनुमंडल अधिकारी नियुक्त किया जाता है. जिन्हें अंग्रेजी में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Magistrate) या एसडीएम (SDM) के नाम से जानते हैं. अनुमंडल का मुख्यालय उस क्षेत्र के सबसे बड़े शहर में होता है जहां पर अनुमंडल अधिकारी का भी ऑफिस होता है.
एक एसडीएम की नियुक्ति IAS भारतीय प्रशासनिक सेवा या पीसीएस PCS राज्य सिविल सेवा एग्जाम पास करके किया जाता है. एसडीएम के पास कई सारी शक्तियां होती है. जिसके द्वारा वह अपने अनुमंडल क्षेत्र के अंदर सभी प्रशासनिक सेवाओं को लागू कर सकते हैं. वहां कानूनी अधिकारों का देखरेख कर सकेंगे. किसी तरह की स्थानीय मुद्दे या समस्याएं होगी, तो उसका समाधान या कोई निर्णय ले पाएंगे.
एसडीएम, जिला अधिकारी के अंडर में कार्य करते हैं. एक एसडीओ के नीचे और भी कई छोटे कर्मचारी और विभाग होते हैं. जो की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के कार्यों में मदद करते हैं. जिससे जो भी योजनाएं या लाभ अनुमंडल में जनता के लिए आता है. वह सभी कर्मचारी और विभाग द्वारा जनता के पास पहुंचाया जाता है.
अनुमंडल का गठन कब हुआ
जब हमारे देश में अंग्रेजों का शासन था. उसी समय से हर जिले को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर अनुमंडल, प्रमंडल बनाया गया था. ब्रिटिश शासन का मुख्य उद्देश्य जनता तक उनके अधिकारों को और सेवाओं को पहुंचाने के लिए ही सब डिवीजन का शुरूआत किया गया. फिर जब देश आजाद हुआ तो स्वतंत्रता बाद भी यही नियम और कानून लागू रखा गया. इसी प्रणाली द्वारा भारत सरकार ने अपने प्रशासन और कानून को आगे बनाए रखा. पहले से जितने भी अनुमंडल थे और साथ ही और भी जरूरत के अनुसार नए अनुमंडल बनाए गए.
अनुमंडल का गठन कब किया जाता हैं
किसी भी जिला में सब डिवीजन बनाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है. इसके बाद एक अधिसूचना जारी किया जाएगा और उस पर सभी का सर्व सहमति होगा. तभी इस निर्णय को लिया जाता है. यह निर्णय कुछ मुख्य बातों के आधार पर ही लिया जाता है. वैसे तो अनुमंडल बनाने का निर्णय जनसंख्या के आधार पर भी लिया जाता है. लेकिन यही एक कारण नहीं हैं.
इसमें प्रशासनिक सुविधाओं को जनता तक पहुंचाना सुलभ तरीके से होता है. जिले में हर तरह का विकास और आवश्यकताओं को देखते हुए भी एक अनुमंडल का गठन किया जाता है. किस क्षेत्र का कैसा भौगोलिक विशेषता है. इसको भी देखते हुए, जनसंख्या को देखते हुए सब डिवीजन िका निर्माण होता है. वैसे सामान्य तौर पर जिस ग्रामीण इलाकों में लगभग 5 लाख से 10 लाख की जनसंख्या होगी. वहां पर एक अनुमंडल बनाया जाता है.
अनुमंडल का मुख्य कार्य
ग्राम, कस्बे में स्थानीय लोगों के घरों तक सरकार की सभी योजनाएं पहुंचने का कार्य अनुमंडल द्वारा किया जाता हैं. जहां पर उपखंड अधिकारी के माध्यम से इस कार्यों को संपन्न किया जाता है.
1. कृषि संबंधित कार्य
बिहार सरकार द्वारा कृषि से संबंधित किसी भी तरह का कोई कानून, विकास, योजना अगर लागू किया जाएगा. तब उसको सही लोगों तक पहुंचाना एसडीएम का काम होता हैं. वहां सभी जमीन का रिकॉर्ड भी यहां रखा जाता है. अगर उस अधिकार क्षेत्र के अंदर भूमि संबंधित समस्या या विवाद होगा. तब उसका निपटारा करना उस समस्या का समाधान करना, एसडीएम या अन्य कर्मचारियों का होगा.
2. राहत कार्य का संचालन
अगर अधिकार क्षेत्र के अंदर ग्रामीण को किसी तरह का राहत कार्य की जरूरत होगी. उसको सही समय पर और बहुत जल्द उपलब्ध कराया जाता है. जैसे की सूखा, बाढ़, कहीं आग लग जाए,भूकंप आ जाए. उस समय पीड़ितों को सही सुविधा दी जाती है. साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर उनके पास राहत कार्य जल्द उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है.
3. कानून और व्यवस्था
एक अनुमंडल के अंदर कानून व्यवस्था का ध्यान रखना भी हैं. किसी भी व्यक्ति को अगर प्रशासन की आवश्यकता हो तो जल्द से जल्द उनके पास वह पहुंचा सके. अगर उस क्षेत्र में दुर्घटना, मारपीट, चोरी, डकैती, हत्या कुछ भी होता है. तब प्रशासन जितनी जल्दी हो सके वहां पहुंचे जाए.
क्षेत्र में शांति बनाए रखना और अपराधों को रोकना उनकी गतिविधियों को देखते हुए कानूनी व्यवस्थाएं सुदृढ़ बनाना अनुमंडल अधिकारी की जिम्मेदारी होती हैं. क्षेत्र में कोई भी लाइसेंस प्रमाण पत्र बनवाना हो, तो एक एसडीएम द्वारा ही परमिशन मिलता है. क्षेत्र में जनसंख्या का डाटा संग्रहित करना भी इनका कार्य हैं.
4. ग्रामीण क्षेत्र का विकास
एक सब डिवीजन के अंदर जितने भी ग्रामीण क्षेत्र आते हों, वहां पर हर प्रकार का विकास करना होता हैं. जैसे कोई कृषि विभाग में योजना वितरीत करना, सिंचाई की सुविधा देना. क्षेत्र में सड़क, पुल, हॉस्पिटल, स्कूल आदि बुनियादी आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता हैं. अगर इनमें से कोई भी एक व्यवस्था अधिकार क्षेत्र में नहीं हो, तो एसडीएम द्वारा इसका सूचना जिला अधिकारी या बिहार सरकार पास पहुंचया जाता हैं. जिससे उसे क्षेत्र में विकास कार्य किया जा सके.
5. सामाजिक कल्याण करना
आजकल वृद्धा, विधवा, विकलांग लोगों के लिए सरकार द्वारा पेंशन भी लागू किया गया है. क्षेत्र में वृद्धा, विधवा या विकलांगों को सभी लाभ मिल रहा हैं कि नहीं. इसका निरिक्षण किया किया जाता है. स्कूल में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना को भी लागू करना इन्हीं का ही काम होता है.
6. चुनाव प्रबंधन
जब राज्य में इलेक्शन होता हैं. उस समय अधिकार क्षेत्र में निर्वाचन प्रक्रियाओं को देखना, उसका ध्यान रखना, अनुमंडल के अंदर ही आता है. जिससे हर मतदान केन्द्रों पर शांति बनाकर वोटिंग को पूरा किया जा सके. मतदान केंद्र की सूची बनाना और चुनाव की हर एक प्रक्रिया का संचालन भी किया जाता हैं.
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सारांश
सब डिवीजन बनाने का निर्णय बिहार सरकार द्वारा तभी किया जाता हैं. जब किसी इलाके में आम जनता के पास सही सुविधा नहीं पहुंच पाती है. वैसे समय में एक अनुमंडल बनाकर सभी ग्रामीण इलाकों में हर एक लोगों के पास प्रशासनिक सुविधाओं, सरकारी योजनाओं को सही तरीके से पहुंचाया जाता हैं.
प्रियंका तिवारी इस ब्लॉग वेबसाइट के Owner एवं Author भी हैं। प्रियंका तिवारी पटना बिहार की रहने वाली हैं। प्रियंका तिवारी ने हिन्दी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री, वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा, भोजपुर, बिहार, भारत से प्राप्त की हैं। जो निरंतर इस ब्लॉग वेबसाइट पर पोस्ट पब्लिश करती हैं।