स्वास्थ्य क्या हैं, स्वास्थ्य के 5 प्रकार,उपाय और लाभ

(Health) Swasthya kya hai Swasthya हेल्‍थ किसी भी व्यक्ति के शरीर में किसी तरह का रोग दुर्बलता नहीं रहे सिर्फ उसी को नहीं कहा जा सकता हैं बल्कि उसका शारीरिक मानसिक सामाजिक बौद्धिक आध्यात्मिक हर तरह से खुशहाल रहे जो भी कार्य हैं पूरी तरह से सही ढंग से कर पाए उसके शरीर में सही विकास हो उसके कार्यप्रणाली रखरखाव सही हो तभी व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ कहलाता हैं.

हर व्यक्ति यही चाहता हैं कि उसका शरीर स्वस्थ रहें उसका दिमाग पूरी तरह से संतुलित और स्वस्थ रहें क्योंकि अगर शरीर स्वास्थ्य रहेगा तभी कोई व्यक्ति अपना कार्य सही ढंग से और पूरे तौर तरीके से कर सकता हैं.

अगर स्वास्थ्य सही नहीं रहेगा तो किसी भी काम में मन नहीं लगेगा किसी भी तरह का कार्य व्यक्ति करने जाएगा तो उसमें कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाएगा तो आइए हम लोग इस लेख में स्वास्थ्य क्या हैं और स्‍वास्‍थ्‍य से  क्या लाभ और हानि हैं स्वास्थ्य कितने प्रकार का होता हैं, में विस्तार से जानते हैं.

Swasthya Kya Hai

किसी भी व्यक्ति के अगर शरीर में किसी भी तरह का रोग या बीमारी नहीं हैं तो उसी को स्वास्थ कहते हैं. स्‍वास्‍थ्‍य को इंगलिश में Health कहते हैं. कोई भी व्यक्ति अगर मानसिक और शारीरिक रूप से किसी भी तरह के बीमारी से ग्रसित नहीं हैं सामाजिक रुप से वह एकदम भला चंगा हैं तो उस व्यक्ति को एक स्वस्थ व्यक्ति कहा जाएगा.

कोई भी व्यक्ति सिर्फ अपने शरीर से स्वस्थ रहने से ही स्वस्थ नहीं रहता हैं उसके आस-पड़ोस उसके समाज घर में अगर हर व्यक्ति स्वस्थ रहेगा तभी उस व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों सही रह पाएगा और कोई भी अपना कार्य करने में पूरी तरह से सक्षम रह पाएगा.

Swasthya kya hai 

स्वस्थ रहने पर ही कोई व्यक्ति खुश और सुखी रह सकता हैं इसीलिए एक कहावत कहा गया हैं कि सबसे सुखी निरोगी काया अगर किसी का शरीर स्वस्थ रहेगा तो ही वह व्यक्ति पूरी तरह से खुशी और सुख से रह पाएगा एक विद्वान ने कहा हैं कि उत्तम स्वास्थ्य एक अनमोल रत्न हैं इसका मूल्य किसी भी व्यक्ति को तभी पता चलता हैं जब उस व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाता हैं.

Swasthya कितने प्रकार का होता हैं

अगर किसी भी व्यक्ति से पूछा जाएगा तो वह यही कहेगा की अगर किसी भी तरह का रोग या बीमारी नहीं हैं तो कोई भी व्‍यक्ति स्वस्थ हैं.

लेकिन सिर्फ शरीर से स्वस्थ रहने से ही कोई भी व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह सकता हैं इसलिए स्वास्थ्य को कई वर्गों में भी बांटा गया हैं कि किस तरह कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ रह सकता हैं. स्वास्थ्य को पांच प्रकार से बताया गया हैं.

  • शारीरिक स्वास्थ्य
  • मानसिक स्वास्थ्य
  • सामाजिक स्वास्थ्य
  • बौद्धिक स्वास्थ्य
  • अध्यात्मिक स्वास्थ्य

1. शारीरिक स्वास्थ्य क्या हैं

शारीरिक Swasthya यानी कि व्यक्ति के शरीर में किसी भी तरह का कोई बीमारी न हो जैसे कि उस व्यक्ति को सही तरह से हर बात सुनाई देना चलने फिरने में कोई परेशानी न हो कोई भी चीज देखने में उसकी आंखों से कोई परेशानी न हो उसके शरीर का हर एक अंग सही तरह से काम कर रहे हो वह व्यक्ति अपना काम पूरी तरह से करने में खुद सक्षम हो तो वह व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ कहलायेगा. 

2. मानसिक स्वास्थ्य क्या हैं  

मानसिक स्वास्थ्य यहीं हैं कि किसी भी व्यक्ति के दिमाग में किसी भी तरह का कोई टेंशन या किसी भी बात को लेकर परेशानी नहीं हो. वह व्यक्ति किसी भी तरह का फैसला लेने में मानसिक रुप से हमेशा तैयार रहें अगर किसी भी तरह का कोई परेशानी आ जाए तो तनाव में न पड़ जाए.

किसी भी व्यक्ति से मिलने जुड़ने पर दूसरे व्यक्ति का दिल जीत लें या अपना छाप उसके ऊपर छोड़ देना इस तरह का अगर किसी व्यक्ति में कोई खूबी हो तो व्यक्ति मानसिक रूप से एकदम सही व्यक्ति कहा जाएगा.

3. सामाजिक स्वास्थ्य क्या हैं

सामाजिक Swasthya का मतलब क्या होता हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने समाज में आस-पड़ोस अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ किस तरह से पेश आता हैं अपने समाज के लोगों के साथ किस तरह का उसका बिहेवियर हैं. अगर अपना सामाजिक स्वास्थ्य बनाए रखना हैं तो उसके लिए अपने आस-पड़ोस समाज के लोगों के साथ हमेशा खुशहाली से जीवन जीना चाहिए.

रिश्तेदारों से आस-पड़ोस के लोगों के साथ मिलजुल कर उससे जान पहचान बनाना चाहिए समाज में अगर किसी भी तरह का लोगों का मदद करना हैं कल्याण करना हैं वह कार्य भी करना जरूरी हैं तभी किसी व्यक्ति का सामाजिक स्वास्थ्य सही रहेगा और वह व्यक्ति भी अंदर से हमेशा खुशी महसूस करता रहेगा. 

4. बौद्धिक स्वास्थ्य क्या हैं 

बौद्धिक Swasthya का मतलब कि किसी व्यक्ति में किसी भी तरह का भय क्रोध किसी से भी जलन चिंता अपराध बोध का प्रतिक्रिया नहीं हो यह नहीं की कोई व्यक्ति अगर आगे बढ़ रहा हैं खुश हैं उसके पास पैसा ज्यादा आ गया तो दूसरा व्यक्ति उसको देखकर जलने लगे.

तो इससे उस व्यक्ति का बौद्धिक स्वास्थ्य सही नहीं रह पाएगा. किसी भी तरह का कोई निर्णय लेना हो तो खुले दिमाग से खुले विचारों से लेना चाहिए किसी का भी आलोचना नहीं करना चाहिए किसी भी परिस्थिति में अगर किसी काम के लिए समझौता करना पड़े तो उसके लिए भी व्यक्ति हमेशा तैयार रहें.

5. अध्यात्मिक स्वास्थ्य क्या हैं

अगर किसी व्यक्ति के पास शारीरिक Swasthya मानसिक स्वास्थ्य सामाजिक स्वास्थ्य बौद्धिक Swasthya रहेगा तब भी वह व्यक्ति पूरी तरह से खुश नहीं रह सकता क्योंकि उसके पास अध्यात्मिक शांति और अध्यात्मिक स्वास्थ्य रहने से भी ही पूरी तरह से स्वास्थ्य कहलाएगा. अध्यात्मिक स्वास्थ्य को अगर परिभाषित किया जाए तो यही कहा जाएगा.

किसी भी व्यक्ति को दूसरे के वस्तुओं से मोह माया नहीं रहना चाहिए जो चीज हमारे पास नहीं हैं और वह दूसरे व्यक्ति के सुख और उसके सौंदर्य को देखकर मोह में पड़ जाता हैं.

तो इससे वह व्यक्ति कभी खुश नहीं रह सकता जितना हमारे पास हैं उसी में खुश रहना सीखना चाहिए और अपने आपको हमेशा शांत और पवित्र रखना चाहिए किसी से भी मिलजुल कर सकारात्मक ऊर्जा के साथ रहना चाहिए और दूसरों में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना चाहिए.

Swasthya का लाभ

अगर किसी भी व्यक्ति का Swasthya सही रहेगा उसका दिनचर्या सही रहेगा तो वह व्यक्ति पूरी तरह से शरीर से मन से समाज से हर चीज से सुखी रह सकता हैं उसका रोज का जो कार्य हैं वह सही ढंग से कर पाएगा किसी से भी मिलजुल कर बातें कर पाएगा खुश रह पाएगा.

किसी तरह का तनाव नहीं लेगा घर का ऑफिस का काम अपने सगे संबंधियों के साथ किसी भी काम में मिलजुल कर करने में वह व्यक्ति सक्षम रह पाएगा इसलिए हर व्यक्ति को यही कोशिश करना चाहिए कि वह सुखी स्वस्थ रहे. ज्यादा बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए घर में जो भी उपलब्ध हैं उसको बना कर खाना चाहिए इससे कोई भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता हैं.

Swasthya का हानि

अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा तो उससे बहुत ही नुकसान या हानि हो सकता हैं और व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगेगा किसी तरह का किसी से भी कोई बात करने का मन नहीं करेगा और उसके शरीर पर इसका और भी बुरा प्रभाव पड़ने लगता हैं. कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से तन से मन से समाज से हर तरह से अगर पूरी तरह से स्वस्थ रहेगा.

तभी वह व्यक्ति अपने काम के प्रति पूरी तरह से सजग रहेगा और क्रियाशील रह पाएगा. अगर कोई व्‍यक्ति स्‍वस्‍थ नहीं रहेगा तो उसके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं और वह व्यक्ति पूरी तरह से कई रोगों के प्रभाव में आ जाता हैं. इसलिए हर व्यक्ति को अपने Swasthya पर ध्यान देना और उसको सही रखने के लिए जो भी उपाय करना पड़े वह करना जरूरी हैं.

स्वस्थ कैसे रहें 

स्वस्थ रहने के लिए अपने दिनचर्या को सही रखना चाहिए सही समय से सोना चाहिए सुबह सही समय से जगने से ही किसी व्यक्ति का Swasthya सही रहेगा अगर कोई व्यक्ति रात में लेट से सोता हैं सुबह देर से जगता हैं तो उसके शरीर में कई तरह का बीमारी घर करने लगता हैं.

इसलिए यही कोशिश करना चाहिए कि सुबह जल्दी जगें और जो भी काम हैं उसको अपने दिन में ही पूरा करें रात में समय से सोए ताकि नींद पूरी हो पाए अगर नींद पूरा नहीं होगा तो उस व्यक्ति का दिनचर्या दिन भर खराब रहेगा.

रोज समय निकाल कर कुछ  देर व्‍यायाम जरूर करना चाहिए जितना हो सके घर का खाना की खाने का कोशिश हर व्यक्ति को करना चाहिए बाहर का खाना कभी-कभी बहुत दिन हो जाए तो खा लेने से कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन रोज रोज खाने से उससे कई तरह के पेट संबंधित बीमारी हो जाता हैं.

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सारांश

इस लेख में  Swasthya kya hai के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं आजकल हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता हैं लेकिन उसको Swasthya क्या हैं के बारे में पूरी तरह से पता नहीं रहता हैं Swasthya से क्या लाभ हानि हैं Swasthya कितने प्रकार का होता हैं यह जानना भी जरूरी हैं.

इसलिए इस लेख में यह सारी जानकारी दी गई हैं आप लोगों को यह लेख कैसा लगा कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्त मित्रों को और अन्य लोगों को भी शेयर जरूर करें.

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