ताजमहल किसने बनवाया और ताजमहल का इतिहास

Taj Mahal kisne banaya tha ताजमहल किसने बनवाया था ताजमहल कब बनाया गया था ताजमहल को बनाने में कितना समय लगा था यह सारी जानकारी अगर जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें.

ताजमहल दुनिया को सात अजूबों में से एक माना जाता हैं यह प्रेम का प्रतीक हैं.ताजमहल दुनिया में प्रेम और सौंदर्य का एक प्रतीक एक प्रकाष्ठा है जो कि कोई भी व्यक्ति एक बार चांदनी रात में ताजमहल को देख ले तो उसकी खूबसूरती को कभी भी भूल नहीं सकता है.

ताजमहल पूरे विश्व में प्रेम के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध हैं जो भी लोग ताजमहल को देखने जाते हैं वह आकर्षित हो जाते हैं और उनका वहां से आने का मन ही नहीं करता हैं ताजमहल एक ऐसा खूबसूरत और ऐतिहासिक स्मारक हैं जोकि पूरे विश्व में लगभग 200 स्मारक हैं

उसमें यह सबसे श्रेष्ठ स्मारक माना जाता हैं. 2000 से 2007 के बीच Taj Mahal को सात अजूबों में शामिल करने के लिए पूरे विश्‍व से 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने वोटिंग किया था और 7 जुलाई 2007 को ताजमहल को विजेता घोषित किया गया था.

Taj Mahal Kisne Banaya Tha

दुनिया में सात अजूबे ऐसे हैं जोकि एक ही हैं उनके जैसा दूसरा कोई नहीं हैं उन्ही सात अजूबों में आगरा का Taj Mahal भी एक अजूबा हैं.आगरा में यमुना नदी के किनारे ताजमहल स्थित हैं.

जितने भी भारत में ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं उसमें ऐतिहासिक स्मारक के रूप में Tajmahal को बहुत ही लोग पसंद करते हैं Taj mahal मुगल वंश के पांचवें बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी बेगम मुमताज महल के मृत्यु के बाद उनकी याद में बनवाया था. शाहजहां मुगल बादशाह अकबर के पोते और मुगल बादशाह जहांगीर के बेटे थे.

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शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज महल के याद में इस मजार को बनवाया था जिसको बनाने के लिए बगदाद और तुर्की से कारीगर बुलाए गए थे वह कारीगर पत्थरों पर घुमावदार अक्षरों को तराश कर कई तरह के चित्र बनाते थे.

ताजमहल के गुंबद को बनाने के लिए तुर्की से दक्ष कारीगरों को बुलाया गया था जिनका नाम इस्माइल खान था और इस्माइल खान को इस गुंबद को बनाने के लिए हर महीने 500 रू सैलरी दिया जाता था ताजमहल को भारत के इस्लामी कला का रत्‍न भी कहा जाता है.

ताजमहल क्यों बनवाया गया 

कहा जाता हैं कि मुगल बादशाह शाहजहां अपनी बेगम मुमताज महल से बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे इसीलिए जब मुमताज महल का मृत्यु हुआ तो उन्होंने उनकी याद में ताज महल जैसे ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण करवाया.

शाहजहां चाहते थे कि किसी ऐसी चीज का निर्माण कराएं जो कि दुनिया में दूसरा वैसा न ही पहले था न ही कभी भी आगे होगा जिससे कि उनके प्यार के प्रतिक को हमेशा लोग याद करते रहेंगे.

इसीलिए उन्होंने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में Taj Mahal जैसे स्मारक का निर्माण करवाया. ऐसा कहा जाता हैं कि जब मुमताज महल का मृत्यु हुआ तो उससे पहले उन्होंने मुगल बादशाह शाहजहां से एक मकबरा बनाने की इच्छा बताई थी इसीलिए शाहजहां ने Taj Mahal को बनावाया था. 

ताजमहल कब बनाया गया 

जब मुगल वंश के पांचवे बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज महल का मृत्यु हुआ था तो उनकी प्यार में और उनके याद में शाहजहां ने उनका स्मारक बनवाया जिसका नाम उन्होंने ताजमहल रखा. ताज महल मुमताज महल का मजार हैं. Tajmahal को बनाने में लगभग 22 साल का समय लगा था. इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और यह 1653 में बनकर तैयार हुआ था.

ताजमहल को बनवाने के लिए मुगल बादशाह शाहजहां ने कई जगह से कई अच्छे-अच्छे कारीगरों को बुलवाया था. इसको बनाने में लगभग 20 हजार मजदूरों ने अपना योगदान दिया था.

एक हजार हाथी की सहायता से Taj Mahal का निर्माण किया गया था. हाथियों का इस्तेमाल सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए किया गया था क्योंकि उस समय दूसरा कोई परिवहन नहीं था. कहा जाता हैं कि लगभग 70 बिलियन रुपए ताजमहल बनाने में खर्च हुआ था.

ताजमहल को किस पत्थर से बनवाया गया 

Taj Mahal बनाने के लिए सफेद संगमरमर का पत्थर का इस्तेमाल किया गया था और इस संगमरमर के पत्थर को भारत और एशिया से कई जगहों लाया गया था शाहजहां ने Taj Mahal का निर्माण करने के लिए कई तरह के कारीगरों का बुलाया था.

जैसे कि पत्थर बाज, राजमिस्त्री, बढ़ाई, गुंबद बनाने वाले कारीगर, चित्रकार, सुलेखा और जड़ने वाले कारीगर को पूरे भारत  मध्य एशिया और ईरान से चुन-चुन कर बुलाया था. शाहजहां ने संगमरमर पर फुल तराशने के लिए बुखारा से कारीगरों को बुलवाया था. गुंबद का निर्माण के लिए तुर्की से कई दक्ष कारीगरों को बुलाया था.

Tajmahal के मीनारों का निर्माण करने के लिए समरकंद से कारीगरों को बुलाया गया था. इसी तरह Taj Mahal में हर एक चीज का निर्माण करने के लिए उसे दुनिया में अनोखा बनाने के लिए अलौकिक सुंदरता तैयार करने के लिए कई जगहों से कई कारीगरों को बुलाया गया था.

इसीलिए आज भी Taj Mahal दुनिया के सात अजूबों में एक माना जाता हैं हर साल हजारों सैलानी Taj Mahal देखने के लिए जाते हैं सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग आगरा के Taj Mahal को देखने के लिए आते हैं.

ताजमहल का इतिहास 

Taj Mahal को बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ था और 1653 में बनकर तैयार हुआ था यह सफेद संगमरमर से बनवाया गया हैं.Taj Mahal पर पत्थरों पर अक्षरों को तराशा गया हैं और संगमरमर के पत्थरों पर कई तरह तरह के फूल तराशे गए हैं.

ऐसा कहा जाता हैं कि जब Tajmahal बनकर तैयार हुआ हैं तो मुगल बादशाह शाहजहां ने उन सारे कारीगरों का हाथ कटवा दिया था या उन्हें मरवा दिया था. कुछ लोगों का कहना हैं कि शाहजहां ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि Tajmahal के जैसा दूसरा कोई भी चीज विश्व में नहीं रहे.

Tajmahal को बनाने में कई पत्थरों का इस्तेमाल किया गया हैं जैसे कि जैस्पर क्रिस्टल, फिरोजा, लैपिज लजूली, नीलम और कई बहुमूल्य पत्थर और रत्न इसमें इस्तेमाल किए गए हैं इसीलिए Taj Mahal की खूबसूरती जैसा दूसरा कोई भी स्मारक नहीं हैं चांदनी रात में Taj Mahal का खूबसूरती और भी बढ़ जाता हैं.

ताजमहल का असली नाम कहा जाता है कि कुछ और था जोकि पदशाहनामा नाम की किताब में एक घुमक्कड़ इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने लिखा है उन्होंने ताजमहल का असली नाम रौजा-ए-मुनावर बताया हैं इसका मतलब जगमगाता हुआ मकबरा होता है.

बाद में शाहजहां का पोता आजम शाह ने ताजमहल से प्रेरित होकर बीवी का मकबरा नाम का एक मकबरा बनवाया उन्होंने अपने मां दिलराज बानो बेगम की याद में बनवाया था जिसे दूसरा ताजमहल के रूप में जाना जाता है.

मुगल बादशाह शाहजहां के बारे में

शाहजहां मुगल वंश के पांचवे बादशाह थे वह मुगल बादशाह अकबर के पुत्र जहांगीर के पुत्र थे. शाहजहां अपने पिता जहांगीर के मौत के बाद 1627 में गद्दी पर बैठे थे. शाहजहां अपने वैभव विलास और न्याय प्रियता के कारण बहुत ही लोकप्रिय थे

लेकिन उन्हें लोग एक प्रेमी के तौर पर बहुत ही ज्यादा जानते हैं. शाहजहां ने विश्व का सबसे खूबसूरत स्मारक Taj Mahal का निर्माण अपनी पत्नी के प्यार में और उनकी याद में करवाया था. शाहजहां के शासन काल को मुगल वंश के स्वर्ण युग और समृद्ध काल माना जाता हैं.

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दुनिया में ताजमहल सात अजूबों में एक माना जाता है जिसे शाहजहां ने बनवाया था लेकिन शाहजहां को सिर्फ ताजमहल बनवाने के लिए ही नहीं पहचाना जाता है बल्कि भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल शाहजहां का शासन काल माना जाता है

अपने पिता के मृत्यु के बाद शाहजहां जब गद्दी पर बैठे तो उन्होंने अपने जनता के लिए अपने प्रजा के लिए बहुत कार्य किए वह अपने शासनकाल में अपने प्रजा के लिए बहुत लोकप्रिय शासक रहे हैं शाहजहां को एक आशिक के तौर पर पहचाना जाता है

क्योंकि वह अपनी बेगम मुमताज महल से बहुत प्यार करते हैं और उन्हीं की याद में अपने मोहब्बत को दर्शाने के लिए उन्होंने ताजमहल का निर्माण करवाया शाहजहां ने ताजमहल इसीलिए बनवाया था ताकि मुमताज महल की लाश को वहां दफनाया जा सके 

वर्तमान समय में ताजमहल में ही मुमताज महल का कब्र मौजूद है उन्होंने ताजमहल बनवाने के लिए उस समय के सबसे बेशकीमती सफेद पत्थर मंगवाया था और कई जगहों से नीलम स्फटिक और क्रिस्टल लैपिज लजूली कई तरह के बहुमूल्य पत्थर एवं रत्‍न मिलाकर के ताजमहल को बनवाया गया .

सारांश

Taj Mahal kisne banaya tha इस लेख में ताजमहल कब और किसने बनाया गया था, ताजमहल बनाने में कितना समय लगा था और कितने लोगों के सहयोग से यह बनाया गया था के बारे में पूरी जानकारी दी गई हैं

फिर भी अगर ताजमहल से जुड़े कोई सवाल आपके मन में हैं तो हमें कमेंट करके जरूर पूछें और ताजमहल किसने बनवाया था कैसा लगा कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं और इस जानकारी को अपने दोस्‍त मित्रों को शेयर जरूर करें.

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