Train ka Avishkar kisne kiya tha? ट्रेन का अविष्कार कब हुआ यह सारी जानकारी इस लेख में प्राप्त करेंगे. train में जाने आने में सफर करने में कोई परेशानी भी नहीं होती हैं आराम से कहीं भी कम समय में जा सकते हैं
यह तो सभी जानते हैं ट्रेन से कहीं आने जाने में खर्चा भी कम लगता हैं. ट्रेन का अविष्कार दुनिया का एक महत्वपूर्ण अविष्कार हैं जिससे कि सफर करने में बहुत ही आसानी हो गया हैं लोगों को कहीं भी सफर करने के लिए या कहीं भी एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने और ले आने में भी सुविधा और आसानी हो गया हैं
ट्रेन से जाने में खर्चा भी कम लगता हैं समय का भी बचत होता हैं और सुविधा पूर्वक जाया भी जा सकता हैं इस लेख में हम लोगों ने ट्रेन का अविष्कार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की हैं
कहीं भी जाने के लिए समान लेकर जाने के लिए कई साधन है लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल ज्यादा दूरी तय करने के लिए ट्रेन का ही किया जाता है क्योंकि ज्यादा दूरी तय करने के लिए ट्रेन आरामदायक होता है.
Train Ka Avishkar Kisne Kiya Tha
ट्रेन वर्तमान समय में दुनिया में सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट का साधन हैं ट्रेन से कहीं भी लंबी दूरी हो या छोटी दूरी हो जाने में आने में आराम और सुविधाजनक होता हैं दुनिया में जितनी भी रेल नेटवर्क है उसमें भारत का रेल नेटवर्क सबसे बड़ा माना जाता है.
रेल का राष्ट्रीयकरण 1951 में हुआ था ट्रेन में बैठने पर घर जैसा सुविधा होता है.जब 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली बार मुंबई से ठाणे के बीच रेल चलाया गया उस समय 14 डिब्बों का यह गाड़ी था और उस दिन सार्वजनिक अवकाश था इस ट्रेन का इंजन ब्रिटेन से मंगवाया गया था.

ट्रेन बनाने का कल्पना सबसे पहली बार 1604 में वोलाटॉन नाम के इंग्लैंड के एक व्यक्ति ने किया था उन्होंने एक लकड़ी के पटरी बनाकर उस पर काठ के डब्बा से एक दूसरे में जॉइंट करके ट्रेन बनाया था जिसको घोड़ों के द्वारा खींचा जाता था.
इसके लगभग 2 शताब्दी के बाद 1824 में रिचार्ज ट्रेवीथिक इंजीनियर ने पहली बार भाप के इंजन बनाने में सफल हुए और उसको चलाने में भी उन्होंने सफलता पाई.
1698 में थॉमस सेवरी ने पानी से चलने वाले भाप इंजन का इस्तेमाल करके ट्रेन बनाया था . ट्रेन सबसे पहले बनाने का श्रेय यूनाइटेड किंगडम के एक इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक को दिया जाएगा
क्योंकि सबसे पहले उन्होंने ही ट्रेन बनाने के बारे में सोचा और उस पर काम भी किया रिचर्ड ट्रेविथिक ने सबसे पहले भाप इंजन से चलने वाला ट्रेन का अविष्कार किया उन्होंने उस ट्रेन तो बना लिया था
बनाने के बाद उसका प्रयोग भी उन्होंने किया लेकिन कुछ परेशानी होने के कारण कुछ कारणवश वह ट्रेन सफल नहीं हो पाया.
लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर कई इंजीनियर के मन में भी ट्रेन बनाने का बात आया और कई इंजीनियर ने इस पर काम भी शुरू कर दिया
रिचर्ड ट्रेविथिक के बाद ब्रिटेन के एक इंजीनियर जॉर्ज स्टीफेंस ने एक ट्रेन का अविष्कार किया जॉर्ज स्टीफेंस ट्रेन बनाने के बाद उसका परीक्षण भी किया पहली बार जब ट्रेन चला तो उसमें 450 आदमी बैठकर सफर कर रहे थे
वह ट्रेन 24 किलोमीटर एक घंटा में दूरी तय करती थी वैसे तो आधुनिक युग में बहुत तेज चलने वाला ट्रेन का भी अविष्कार हो चुका हैं जब जॉर्ज स्टीफेंस ने इस ट्रेन को बनाया तो उसका नाम उन्होंने लोकोमोशन रखा था जॉर्ज स्टीफेंस को ट्रेन का जन्मदाता कहा जाता है.
ट्रेन का अविष्कार कब हुआ
ट्रेन का अविष्कार सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम के एक इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था.उन्होंने 21 फरवरी 1804 में ट्रेन का अविष्कार किया था लेकिन उनका बनाया हुआ ट्रेन कुछ कारणवश सफल नहीं हो पाया
उनसे प्रेरणा लेकर कई इंजीनियर इस काम में लग गए ब्रिटेन के एक इंजीनियर जॉर्ज स्टीफेंस ने 27 सितंबर 1825 में ट्रेन का अविष्कार किया यह ट्रेन सफल भी हुआ और इसका सफल परीक्षण करने के बाद इस को चलाया भी जाने लगा.
Rail engine ka avishkar kisne kiya tha
पहले जो ट्रेन बना था वह भाप के द्वारा चलता था भाप से चलने वाले इंजन के बाद बिजली से चलने वाला इंजन और डीजल से चलने वाला इंजन का अविष्कार हुआ
सबसे पहले जो ट्रेन डीजल से चलता था उसका अविष्कार 1912 में स्विट्जरलैंड के एक इंजीनियर ने किया था लेकिन उससे पहले ही बिजली से चलने वाला इंजन का भी अविष्कार हो गया था
बिजली से चलने वाले इंजन का अविष्कार 1837 में स्कॉटलैंड के एक रसायनज्ञ Robert Davidson ने किया था इन्होंने जो यह इंजन बनाया था उसको बैटरी से चलाया जाता था.
ट्रेन का इतिहास
ट्रेन का इतिहास बहुत ही पुराना हैं Train ka Avishkar 1804 में यूनाइटेड किंगडम के एक इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था उन्होंने भाप से चलने वाला ट्रेन का अविष्कार किया लेकिन वह ट्रेन सफल नहीं हो पाया
इसके बाद ब्रिटेन के एक इंजीनियर जॉर्ज स्टीफेंस ने 1825 में भाप से चलने वाला ट्रेन का अविष्कार किया और वह ट्रेन सफल भी हुआ. उस ट्रेन का सफल परीक्षण किया गया जिसमें पहली बार 450 व्यक्तियों को बैठाकर सफर कराया गया
वह ट्रेन 24 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला था वैसे आधुनिक युग में कई ट्रेन का अविष्कार हुआ जो कि 500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं इसको बुलेट ट्रेन कहा जाता हैं.इस ट्रन से लोग कम समय में अपना सफर तय कर पाते हैं.
पहली बार ट्रेन कहां से कहां तक चलाया गया था
जब ट्रेन का अविष्कार जॉर्ज स्टीफेंस ने सफलतापूर्वक कर लिया उसके बाद उन्होंने उस ट्रेन का सफल परीक्षण किया उन्होंने सबसे पहले ट्रेन ब्रिटेन के डार्लिंगटन से स्टॉकटन के बीच चलाया गया.
भारत में ट्रेन का शुरुआत कब हुआ
भारत में ट्रेन का शुरुआत अंग्रेजों के द्वारा ही हुआ क्योंकि उस समय भारत पर अंग्रेजों का अधिकार था उन्होंने ही सबसे पहले ट्रेन मुंबई में शुरू किया अंग्रेजों ने सबसे पहले भारत में ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में मुंबई से ठाणे के बीच चलाया गया
उसके बाद भारत में भी ट्रेन से सफर किया जाने लगे वर्तमान समय में भारत में रेलवे नेटवर्क सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया हैं सुपर फास्ट चलने वाला बुलेट ट्रेन का भी अविष्कार हो गया हैं बुलेट ट्रेन 500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है.
जब पहली बार मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चलाया गया था तो उस समय किसी भी व्यक्ति को सफर करने के लिए 2 किराया देना पड़ता था लेकिन 1853 में सबसे पहला पूर्व रेल ट्रांसपोर्ट खुला गया
यहां पर रेल ट्रांसपोर्ट को प्रसारित प्रसारित करने के लिए भारतीय रेल औपचारिक समारोह का उद्घाटन भी हुआ था इसके बाद रेल लाइन और रेल नेटवर्क बहुत ही तेजी से बढ़ने लगा लोगों को इससे फायदा मिलने लगा
कहीं आने जाने में ट्रेन की वजह से समय कम लगता था जाने में भी आराम रहता था. जब विद्युत रेल का आविष्कार हुआ तो इसका इस्तेमाल भारत में सबसे पहली बार 3 फरवरी 1925 में किया गया
विद्युत रेल का इस्तेमाल सबसे पहले मुंबई स्टेशन और कुर्ला स्टेशन के बीच एक बिजनेस रेलगाड़ी के रूप में चलाया गया.
ट्रेन का उपयोग
दुनिया में कहीं भी जाने के लिए साल में लगभग अरबों लोग ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ट्रेन से कहीं भी जाने में समय का बचत होता है और छोटा यात्रा पर जाने के लिए इससे किराया भी कम लगता है
ट्रांसपोर्ट के जितने भी साधन वर्तमान में उपलब्ध है उसमें सबसे बड़ा साधन ट्रेन को माना जाता है क्योंकि ट्रेन से सफर करने पर खर्चा कम लगता है आरामदायक होता है.
भारत में भी ट्रेन का शुरुआत हो जाने से ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक अद्भुत बदलाव आया है आदमी के साथ साथ किसी भी तरह के सामान को ले जाने लेकर आने में एक जगह से दूसरी जगह के लिए बहुत ही आरामदायक होता है.
लेकिन ट्रेन में भी समय के अनुसार कई तरह के बदलाव किए गए पहले ट्रेन को कोयले से चलाया जाता था लेकिन अब बिजली के प्रयोग से ट्रेन को चलाया जाता है अब तो बुलेट ट्रेन भी आ गया है.
किसी को अगर कम दूरी तय करने के लिए ट्रेन का सफर करना होता है तो वह टिकट लेकर जा सकता है लेकिन जिसको ज्यादा दूर जाना है 1 दिन का 2 दिन का समय लगता है
वह व्यक्ति रिजर्वेशन करा कर ट्रेन में जाता है रिजर्वेशन कराने की वजह से उस व्यक्ति को जितना देर ट्रेन का सफर रहता हैं तो एक सीट मिलता है
जिसमें आसानी से बैठ कर के सो करके अपना सामान रखकर जा सकते है आजकल तो बुलेट ट्रेन भी आ चुकी है जो कि 500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है.
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सारांश
Train ka Avishkar kisne kiya इस लेख से ट्रेन जुड़े कोई सवाल अगर आपके मन में हैं तो हमें कमेंट करके जरूर पूछें. इस लेख में हमने ट्रेन का अविष्कार के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की हैं आप लोगों को यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।