जब भी किसी धर्म संस्कृति रिवाज इतिहास के बारे में बात करते हैं तो यही सुनते हैं कि वेदों पुराणों में यह सारी धर्म संस्कृति लिखा हैं लेकिन वेद क्या हैं Ved kya hai इसको कैसे परिभाषित किया जा सकता हैं.
वेद के बारे में जब जानेंगे तभी हमारे धर्म औषधि रसायन धार्मिक नियम रिती रिवाज को समझ पाएंगे.दुनिया का सबसे पहला धर्म ग्रंथ वेद ही हैं और इसी के आधार पर दुनिया में जितने भी धर्म हैं उन्हें ज्ञान मिलता हैं सभी धर्म अपने अपने तरीके से अलग अलग भाषा में इसको प्रसारित किए हैं. पूरे भारत का धरोहर और अमर गौरवमयी Ved साहित्य ही हैं.
हिंदू धर्म का इतिहास कई वर्षों पुराना हैं और इसका सबसे सही और सटीक प्रमाण हमारे वेद और पुराणों में मिलते हैं तो आइए असल में वेद क्या हैं वेद कितने प्रकार के होते हैं वेद का दूसरा नाम क्या हैं वेदों का रचना किसने किया के बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं
वेद क्या हैं What Is Ved In Hindi
जो भी हम लोगों के जीने का रहन सहन हैं रसायन, चिकित्सा, औषधी हैं, हमारा धार्मिक नियम हैं किसी भी शादी, विवाह, पर्व, त्यौहार में जो हम लोग रीति रिवाज निभाते हैं
ज्योतिष गणित प्रकृति खगोल भूगोल यह जो भी चीज हम लोग सुनते हैं, इसके बारे में जानते हैं इन सभी विषयों के बारे में जानकारी या यूं कहें कि ज्ञान Ved में ही मिलते हैं

जो भी हम लोग ज्ञान प्राप्त करते हैं जो भी संस्कृति संस्कार हम लोग सीखते हैं वह सारे स्रोत वेद से ही मिले हैं. इसीलिए पूरे विश्व में भारत को ज्ञान के मामले में गुरु माना जाता हैं
ऐसा माना जाता हैं कि वह देवताओं की वाणी हैं क्योंकि जो भी हम लोग ग्रंथ आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हैं वह सारे वेदों में ही पढ़ने को मिलते हैं.
Ved kya hai भारतीय सनातन संस्कृति की आधारशिला Ved ही हैं भारतीय संस्कृति जो भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में पूरे विश्व में समृद्ध हुई विकसित हुई हैं वह Ved के ही कारण हुई हैं इसीलिए हर भारतीय की जीवन शैली का आधार Ved को ही माना जाता हैं.
Ved शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई
Ved शब्द संस्कृत भाषा के विद शब्द से लिया गया हैं विद का अर्थ होता हैं ज्ञान और वेदों में प्रचुर मात्रा में ज्ञान हैं Ved में जो भी ज्ञान हैं वह श्लोक और मंत्रों के रूप में लिखा गया हैं.
वैसे Ved का एक शाब्दिक अर्थ भी हैं जिसका मतलब जानना होता हैं वेद का अर्थ कहा गया हैं कि जानने योग्य या ज्ञान होता हैं Ved ज्ञान का भंडार हैं मानव सभ्यता में लिखे गए सबसे पुराने दस्तावेजों में वेद को माना गया हैं.
Ved का दूसरा नाम क्या हैं
हिंदू धर्म में जितने भी ग्रंथ पुराण हैं उनमें सबसे पुराना ग्रंथ और सबसे पवित्र ग्रंथ वेद को माना जाता हैं जितने भी मानव सभ्यता में वैदिक योग वैदिक संस्कृति बने हैं वह सारे Ved से ही बने हैं Ved शब्द का दूसरा नाम श्रुति कहा गया हैं श्रुति नाम इसलिए कहा गया हैं
क्योंकि श्रुति का मतलब सुनना होता हैं कहा जाता हैं की भगवान ने ऋषियों को अप्रत्यक्ष रूप से Ved मंत्र सुनाया था इसीलिए Ved का दूसरा नाम श्रुति भी कहा जाता हैं.
Ved का एक नाम अनंत भी कहा गया हैं क्योंकि अनंत का मतलब होता हैं कि जिसका कोई सीमा नहीं हैं उसका अंत कहीं हैं ही नहीं उसे ही अनंत कहा जाता हैं और Ved में तो ज्ञान का भंडार ही हैं इसमें ज्ञान की कोई सीमा नहीं हैं.
इसीलिए Ved का एक नाम अनंत भी कहा जाता हैं वेद को वैश्विक धरोहर के रूप में भी माना जाता हैं वेदों में जो भी मंत्र श्लोक लिखे गए हैं उसे आज भी उसी के आधार पर हिंदू धर्म में कोई भी कार्य किया जाता हैं
Ved की रचना किसने किया था
जब द्वापर युग खत्म हुआ और उसके बाद कलयुग का आरंभ होने वाला था उस समय देवताओं को बहुत ही परेशानी हो गई कि कलयुग में मनुष्य किस धार्मिक नियम के अनुसार किस रीति रिवाज संस्कृति के आधार पर अपना कार्य करेगा.
क्योंकि कलयुग में अत्याचार बढ़ने का डर था इसीलिए वेदों की रचना किया गया क्योंकि मनुष्यों की बस की तो यह बात नहीं हैं कि Ved का अध्ययन कलयुग में किया जा सके.
इसीलिए वेदों की रचना महर्षि कृष्ण द्वैपायन भगवान Vedव्यास ने कई महर्षियों की आज्ञा से किया . महर्षि Vedव्यास का नाम भी Ved की रचना करने के कारण पड़ा क्योंकि उनका तो पहले नाम कृष्ण द्वैपायन ही था व्यास का मतलब संस्कृत में विभाग होता हैं
और Ved को कई विभाग में बांटकर रचना किया गया इसीलिए महर्षि कृष्ण द्वैपायन का नाम Vedव्यास कहलाया क्योंकि उन्होंने Ved को चार भागों में रचना किया हैं.
Ved kitne prakar ke hote Hain
द्वापर युग के खत्म होने के बाद और कलयुग के आरंभ होने से पहले महर्षि कृष्ण द्वैपायन ने ऋषि महर्षि के आज्ञा से Ved को चार भागों में विभाजित किया
इसीलिए इनका नाम भी वेद व्यास पड़ा चार वेदों की रचना उन्होंने की उसका नाम ऋग्वेद यजुर्वेद सामVed और अथर्वVed रखा. जब उन्होंने वेदों की रचना की
तो सबसे पहले उन्होंने अपने चार शिष्यों को इसका शिक्षा दिया उनके चार शिष्यों में पैल को ऋग्वेद का ज्ञान दिया, वैशम्पायनजी को यजुर्वेद का ज्ञान दिया जैमिनी जी को सामVed का ज्ञान दिया और सुमंतु जी को अथर्वVed की शिक्षा दी इसके बाद से ही वेदों की शिक्षा दी जाने लगी.
प्राचीन काल में जो जो घटना घटी हैं या जो जो बात हुई हैं उसका अध्ययन करने के लिए वेद सबसे अच्छा माना जाता हैं क्योंकि Ved में प्राचीन काल के समस्त रोचक सामग्री के बारे में ज्ञान मिलता हैं.
ऐसा माना जाता हैं कि वेद की उत्पत्ति परमपिता परमेश्वर ब्रह्मा जी के मुख से हुई हैं इसलिए वेद को सबसे प्राचीन और पुराना पुस्तक माना जाता हैं
कहा गया हैं कि ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद अग्नि वायु आदित्य और अंगिरा के तपस्या के फलस्वरूप प्राप्त हुआ था.
वेद के चार प्रकार
वेद चार प्रकार के हैं ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. इन्हीं चारों वेदों के आधार पर जितने भी हमारे शास्त्र हैं जैसे कि धर्म शास्त्र, अर्थशास्त्र, कामशास्त्र और मुख्य शास्त्र इनकी रचना माना जाता हैं.
1. ऋग्वेद
ऋग्वेद सबसे पहला वेद हैं ऋग का मतलब स्थिति और ज्ञान होता हैं ऋग्वेद में 10 अध्याय में 1028 सूक्त हैं और इसमें 11000 मंत्र हैं ऋग्वेद में देवताओं के आवाहन के मंत्र भौगोलिक स्थिति देवताओं की प्रार्थना स्तुति आलोक में उनकी स्थिति का वर्णन चिकित्सा वायु चिकित्सा मानस चिकित्सा आदि की जानकारी ऋग्वेद में मिलती हैं.
2. यजुर्वेद
वेदों में दूसरा वेद यजुर्वेद माना गया हैं यजुर्वेद का मतलब गतिशील और आकाश होता हैं और इसका दूसरा मतलब श्रेष्ठतम कर्म की प्रेरणा होता हैं जितने भी ऋषि मुनि या वर्तमान में जितने भी पूजा पाठ होते हैं उसमें जो यज्ञ की विधियां यज्ञ के मंत्र होते हैं वह सारे यजुर्वेद में ही वर्णित मिलते हैं यजूद यजुर्वेद की दो शाखाएं हैं जिसका नाम कृष्ण और शुक्ल हैं.
3. साम वेद
सामवेद का मतलब सौम्यता और उपासना होता हैं सामवेद एक गीत के रूप में लिखा गया हैं इसीलिए इसे संगीत शास्त्र का मूल रूप माना जाता हैं सामवेद में 1824 मंत्र हैं सामवेद में कई देवताओं के बारे में लिखा गया हैं जैसे के सविता अग्नि और इंद्र देवता.
4. अथर्ववेद
चारों वेदों में सबसे छोटा और चौथा नंबर परअथर्ववेद माना जाता हैं अथर्ववेद का मतलब अकंपन होता हैं जितने भी ऋषि महर्षि या आजकल के युग में भी जड़ी बूटियों या आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए आयुर्वेद का शिक्षा लिया जाता हैं या कई तरह के रहस्यमई विद्याओं को लोग प्राप्त करते हैं
इन सारे चीजों का वर्णन अथर्ववेद में मिलता हैं. अथर्ववेद में मनुष्य के विचार और अंधविश्वास के बारे में वर्णन किया गया हैं मानव जीवन में जितने भी कार्य हैं जैसे कि कृषि की उन्नति गृह निर्माण रोगों को ठीक करने के उपाय विवाह में पुराने गीत राजा का चुनाव कई जड़ी बूटियों से औषधि बनाना जादू टोना इन सारी बातों का वर्णन अथर्ववेद में मिलता हैं. वेद को सृष्टि के आरंभ से ही माना गया हैं मानव के कल्याण के लिए भगवान के द्वारा वेदों का आरंभ किया गया.
वेद का महत्व क्या हैं
मानव जीवन में जितने भी कार्य क्रियाकलाप सुख पूर्वक जीने का जितने भी साधन हैं उन सब के बारे में वेदों में वर्णन हैं जितने भी हमारे रीति रिवाज सभ्यता संस्कृति हैं परिवार समाज व्यक्तिगत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में हम लोग जानते हैं यह सारी जानकारी वेद में मिलते हैं.
Ved की उत्पत्ति ही मानव जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया हैं मनुष्य के जीवन की संस्कृति और धर्म की आधारशिला वेद को ही माना गया हैं वेद में ही हर मनुष्य को सही तरीके से जीने का मतलब बताया गया हैं.
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FAQ
Ved kya hai वेद क्या हैं?
दुनिया का सबसे पहला धर्म ग्रंथ वेद ही हैं वेद ज्ञान का भंडार हैं.
सारांश
Ved kya hai वेद को देवताओं की वाणी माना जाता हैं हिंदू धर्म में जितने भी वेद पुराण धर्म ग्रंथ हैं उनमें सबसे पुराना वेद हैं वेद को महर्षियों के द्वारा दिया गया ज्ञान माना गया हैं.
इस लेख में वेद क्या हैं वेद शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई वेदों की रचना किसने की Ved कितने प्रकार के होते हैं यह सारी जानकारी दी गई हैं वेद क्या हैं से जुड़े कोई सवाल हैं तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछें और इस जानकारी को अपने दोस्तों मित्रों और रिश्तेदारों को शेयर जरूर करें.

प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder और Author हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।