श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मे धर्म सम्मेलन 7 अक्‍टूबर को 

श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मे धर्म सम्मेलन आज – परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्‍न जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में आज अखिल अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति  शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच में संपन्न होगा। सप्त दिवसीय होने वाला कथा एवं स्वामी जी का कथा अंतिम दिवस 7 अक्टूबर 2025 को 8:00 बजे सुबह से शाम 6:00 बजे तक होगा।

अखिल अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन शाम 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक होगा। जिसके अवसर पर विशेष विशेष भोज भंडारा का भी आयोजन किया गया है। धर्म सम्मेलन में अलग-अलग जगह से कई दिव्य महापुरुष, संत, महात्मा, विद्वान शामिल होंगे।

श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मे धर्म सम्मेलन 7 अक्‍टूबर को 

1 अक्टूबर से चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में निरंतर श्री अयोध्या नाथ स्वामी जी, श्री बैकुंठ नाथ स्वामी जी, श्री मुक्तिनाथ स्वामी जी, श्री आनंद बिहारी शास्त्री जी के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद् भागवत गीता, श्री रामचरितमानस की कथा सप्ताह के रूप में श्रवण कराया जा रहा है। पूज्य श्री जीयर स्वामी जी का प्रवचन पिछले चार महीना से निरंतर अपने समय अनुसार चल रहा है। जिसका समापन श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न होगा।

स्वामी जी ने कहा कि जीवन में चाहे परिस्थिति आपके अनुकूल रहे या प्रतिकूल रहे व्यक्ति को हर समय भगवान की आराधना एवं भक्ति करते हुए, अपने जीवन को आगे बढ़ाते रहना चाहिए। क्योंकि भगवान श्रीमन नारायण के अधीन प्रकृति है। प्रकृति के अधीन संसार की गतिविधियां संचालित होती है। इसीलिए जो बड़े-बड़े ज्ञानी पुरुष होते हैं, वह हर परिस्थिति में भगवान की आराधना करते रहते हैं। धैर्यवान व्यक्ति वही है, जो हर समय अपने मन, बुद्धि, चित को एकाग्रचित बना करके रखते है।

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समय परिवर्तनशील है, इसीलिए कभी व्यवस्थाएं अनुकूल रहती है, कभी प्रतिकूल भी रहती है। लेकिन जो व्‍यक्ति अपने विचार, मन, आचरण को हर परिस्थिति में संयमित रखता हैं, वह इस संसार में रहते हुए भी संसारिक माया के बंधन से प्रभावित नहीं होता हैं। 

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