श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में स्वामी जी ने श्री कृष्ण उद्धव संवाद पर प्रकाश डाला

श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में स्वामी जी ने श्री कृष्ण उद्धव संवाद पर प्रकाश डाला – भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्‍न जीयर स्वामी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा अंतर्गत प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण जब गोलोक जाने लगे, तब उद्धव जी कृष्‍ण जी से द्वारिका पुरी मिलने गए। उद्धव जी भगवान श्री कृष्ण के साथ जाने के लिए बोलने लगे। तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें कई उपदेश दिए।

स्वामी जी ने श्री कृष्ण उद्धव संवाद पर प्रकाश डाला

उन्होंने कहा कि हे उद्धव जो अनुभूति तूम मेरे साथ रहकर प्राप्त करना चाहते हैं हो वही अनुभूति अगर मैं तुम्हें प्राप्त करा दूं तो क्या तुम यहां रह जाओगे। तब उद्धव जी ने कहा कि प्रभु अगर आप मुझे वह आनंद प्राप्त करा देंगे तब मैं आपको खुशी-खुशी विदा कर दूंगा। तब भगवान श्री कृष्ण ने उद्धव जी को सन्यासी, स्त्री, ब्राह्मण, वैश्य, शूद्र हर वर्ण का धर्म बताया। 

किस धर्म का पालन करना चाहिए, सभी बताया। फिर भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि एक ऐसा धर्म है, जो कि हर वर्ण के लोगों को पालन करना चाहिए। जिसमें सबसे पहला धर्म है सदाचार। यह सबके लिए है। हर मानव मात्र के लिए है। दूसरा है सदव्यवहार। व्यवहार सात्विक होना चाहिए। तीसरा धर्म है सदआहार। आहार भी सात्विक और शुद्ध होना चाहिए। क्योंकि जीवन में भोजन का बहुत बड़ा महत्व होता है।

हर मानव का धर्म

सात्विक भोजन से मन भी शांत और सात्विक रहता है। हर मानव मात्र को पवित्रता के साथ रहना भी एक बड़ा धर्म है। जिसमें मन और तन दोनों पवित्र होना चाहिए। हर मानव के अंदर सरलता, सहज और सुलभ भी होना चाहिए। अपने शरीर को मौसम के अनुकूल पवित्र रखें। व्यक्ति कितना भी बड़ा आदमी क्यों न बन जाए, लेकिन जब सामने वाले व्यक्ति से मिले तो उससे सहजता और सरलता के साथ मिलना चाहिए। अपने धन और ऐश्वर्या का घमंड नहीं करना चाहिए। इसका सबसे बेहतर उदाहरण भगवान श्री राम थे।

जिनके पास सब कुछ होते हुए भी वह 14 वर्ष का वनवास गए और वहां पर सबरी जैसे अपने भक्त के साथ सहजता से मिले और उनका जूठा भी खाएं। वानर भालु से भी अपने भाई के तरह व्यवहार किए।

swami ji ne krishna aur uddhaw samwad par prakash dala

मानव के जीवन में स्नान का महत्व और प्रकार

मानव के जीवन में स्नान का भी महत्व है। क्योंकि स्नान करने से हमारा शरीर हमारा मन दोनों पवित्र होता है। समय के अनुकूलता को देखकर मौसम की अनुकूलता को देखकर स्नान करना आवश्यक है। 

जो हम जल में स्नान करते हैं उसको वरुण स्‍नान कहा जाता है। दूसरा मंत्र स्नान होता है। अगर किसी मंदिर में जाना है, एकदम जरूरी है तो उस समय हाथ पैर धोकर पूरे शरीर पर जल छिड़क कर मंत्र से अपने आप को पवित्र कर लेना चाहिए। इस मंत्र स्नान से भी एक व्यक्ति पवित्र हो जाता है। एक स्नान होता है गोरस स्‍नान। इसमें अगर आपको पूजा पाठ करना है। शरीर को विशेष शुद्ध बनाने के लिए गाय के चरण के धूल को अपने शरीर पर लगा लेना चाहिए। इसे गोरस स्नान कहते हैं।

एक होता है भस्म स्नान। जिसमें गाय के गोबर से जो उपले बनते हैं, उसके जले हुए रख को अपने पूरे शरीर पर लगाने से भी शरीर शुद्ध हो जाता है। एक होता है कपि स्नान। इस स्नान में अगर कोई व्यक्ति सिर का रोगी है, हृदय का रोगी है, गला का रोगी है तो उस शरीर के स्थान को छोड़कर के पूरे शरीर को पानी से धोकर या कपड़ा से पोछ लें तो वह भी स्नान ही कहलाता है।

स्‍नान से तन और शुद्ध होता हैं

ऐसे भी हमारा शरीर शुद्ध हो सकता है। एक होता है दिव्य स्नान। जब कभी बारिश होता है तो बारिश का पानी गंगा जल जैसा पवित्र होता है। उस बारिश से अगर हम नहाते हैं तो वह दिव्या स्नान कहलाता है। हर मानव को संध्या वंदन जरूर करना चाहिए यह मानव मात्र का एक बहुत बड़ा धर्म है। मानव का जीवन भक्तिमय होना चाहिए। मानव को तामसी और राजसी चीजों का त्याग करना चाहिए।

इस तरह भगवान श्री कृष्ण ने उद्धव जी को हर वर्ण के साथ-साथ हर मानव मात्र का धर्म बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि दुनिया में जितने भी चीज है, वस्तु है या कुछ भी है, वह भगवान का मान करके उसको अपनाना चाहिए तो यही ज्ञान है। जो व्यक्ति सभी धर्म को मानकर भगवान प्रति आत्म निवेदन का धर्म रखता है। भगवान का स्मरण करके भगवान के प्रति समर्पित करके कार्य करते हैं तो उनका कार्य जरूर सफल होता है। अहिंसा को त्याग करना, सत्यमय जीवन होना, चोरी नहीं करना, चुगली नहीं करना, यह सभी मानव का धर्म होना चाहिए। मानव के अंदर यह सभी धर्म और गुण होना चाहिए।

लेकिन सबसे बड़ा धर्म और गुण मानव का सभ्यता संस्कृति संस्कार होता है और यह संस्कार हर एक व्यक्ति में उनके माता-पिता, नाना, नानी, दादी, दादी और उनके परिवार, खान-पान, रहन-सहन से आता है। इसी संस्कार से आगे चलकर हम संस्कृति का स्थापना कर सकते हैं।

Leave a Comment