बिहार जमीन सर्वे 2024 में क्या होगा, कई लोगों को यह सवाल परेशान करके रखा होगा. आज हम आपको इस लेख द्वारा बिहार लैंड सर्वेक्षण की पूरी इनफार्मेशन देंगे. जिसमें जमीन का सर्वे क्यों किया जा रहा है. इसमें खेसरा, नक्शा, रजिस्टर टू में क्या अपडेट होगा. जो जमीन के मालिक हैं, उनको क्या करना है.
कैसे पूरे कागजात को तैयार करना होगा. कौन-कौन से पेपर प्रखंड में नियुक्त किए गए अमीन जमीन से जुड़े हुए पदाधिकारी को देना होगा. इस प्रकार के सवाल जमीन मालिक के मन में जरूर आता होगा. चलिए हम आपको नीचे एक-एक करके इन सभी सवालों का जवाब देने का प्रयास करते हैं.
बिहार जमीन सर्वे क्या है
राज्य सरकार द्वारा बिहार में सभी जमीनों को वर्तमान फिर से अगतन करने के लिए सर्वे किया जा रहा है. जिसमें बिहार के सभी 38 जिलों के सभी गांव में प्रखंड स्तर के प्राधिकारी गांव-गांव शिविर लगाकर जमीन का सर्वे करेंगे. जिसमें जमीन मालिक कौन हैं. जमीन के चौहद्दी में किसका-किसका भूमि है. रकवा कितना है तथा पहले से खेसर में दर्ज पुरखा, पूर्वज के नाम अपडेट करके अभी वर्तमान जो रैयत मालिक हैं. उनके नाम को दर्ज किया जाएगा.
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बिहार सर्वे ट्रैकर एप
सरकार द्वारा एक ऐप भी जारी किया गया है. जिस पर आपके गांव से जुड़े हुए जो भी प्रखंड के आमीन या संबंधित पदाधिकारी होंगे. उनका नाम और मोबाइल नंबर दिया हुआ है. इस ट्रैकर एप के माध्यम से आप अपने भूमि के सभी कागजात को स्वयं घोषित करके अपलोड भी कर सकेंगे. जिसके लिए आपके कार्यालय जाने की भी जरूरत नहीं होगी. सारी स्थितियों को भी आप समय-समय से देख पाएंगे. क्योंकि जो भी सूचनाएं अपडेट होगी. वह इस ऐप पर भी दिखाई पड़ेंगे.
हम अपने भूमि का कागज कैसे तैयार करें
जो भी रैयत होगा. वह अपने पंचायत के प्रतिनिधि से मिलकर अपना सबसे पहले वंशावली बनवाएंगे. जिसमें जितने भी भूमि के भागीदार व्यक्ति होंगे. उनका नाम दर्ज किया जाएगा. जिसमें उनके बहन का भी नाम जोड़ा जाएगा. इसके बाद ग्राम सभा में पंचायत प्रतिनिधि द्वारा वंशावली को घोषित किया जाएगा. क्योंकि उसमें किसी भी प्रकार की धांधली या त्रुटि होगी तो वहां के निवासी उसका विरोध करेंगे. इसीलिए ग्राम सभा आयोजन करके ही सभी का वंशावली पंचायत प्रतिनिधि द्वारा बनाया जाएगा. उसके बाद जो आपका जमीन होगा.
उसका दस्तावेज, रसीद, खतियान इत्यादि को आपको तैयार करके अपने पास रखना होगा. इसके साथ-साथ एक स्वयं घोषणा पत्र भी बनाना है. जिसमें आपका जो भी पटीदार हैं. उन सभी लोगों के सहमति से अपने पूरे जमीन का विवरण तैयार करके देना होगा. जिसमें कौन-कौन से जमीन किनका किनका है. उसका पूरा विवरण उसपर लिखा होना चाहिए. यदि आप ऐप द्वारा इसे अपलोड नहीं करना चाहते. तब प्रखंड में नियुक्त किए गए, आपके गांव के जो अधिकारी होंगे. उनके पास आपको जमा करना हैं.
विवादित जमीन का सर्वे कैसे होगा
कुछ ऐसी भी भूमि होती हैं. जिस पर विवाद होता है. तब अभी वर्तमान जिसके नाम से उसका दस्तावेज होगा. उसी के नाम पर वह भूमी सर्वे में शामिल किया जाएगा. लेकिन वहां पर ठीक उसके सामने ब्रैकेट में उस विवाद का जो केस संख्या होगा. उसको भी दर्ज किया जाएगा. जब न्यायालय द्वारा इसपर जो भी फैसला आएगा. उसके हिसाब से उस भूमि का जो भी स्वामित्व वाले व्यक्ति होंगे. उनके नाम पर उस समय उसको व्यवस्थित किया जाएगा. अभी वर्तमान जिनके नाम से डिड होगा वहीं उनके रैयत के अधिकारी होंगे.
जिसका दाखिल खारिज नहीं हुआ है उसका सर्वे कैसे होगा
बिहार में कई ऐसे मामले सामने आते हैं कि किसी जमीन का रजिस्ट्री बहुत पहले हो गया है. लेकिन अभी तक उसका दाखिल खारिज नहीं हुआ है. वैसी स्थिति में उस जमीन का सर्वेक्षण कैसे किया जाएगा. लेकिन वैसे सरकार का जो संबंधित अधिकारी हैं. उनका कहना है कि वैसे मामले में आपको अपने जमीन दाखिल खारिज करके पेपर तैयार कर लेना चाहिए.
या फिर ऐसी स्थिति में आपके जमीन का जो वर्तमान स्थिति है. उसके हिसाब से लैंड सर्वेक्षण किया जाएगा. जिसमें पहले से मौजूद नाम के साथ-साथ डिड पर मौजूद रैयत के नाम को भी शामिल किया जाएगा. लेकिन आपको उस जमीन का दाखिल खारिज करना अनिवार्य है. इसलिए जितना जल्दी हो सके, उन सभी लैंड का आप मोशन अवश्य कर ले.
इस लेख में जो भी सूचनाएं बिहार जमीन सर्वे 2024 की दी गई हैं. यह सूचना बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी द्वारा न्यूज़ चैनल के माध्यम से बताया गया है. उसके आधार पर ही यहां सूचनाएं दिया जा रहा हैं. जिसमें सरकार द्वारा समय-समय से नियमावली को परिवर्तित भी किया जाता है. इसीलिए विशेष जानकारी के लिए प्रखंड कार्यालय या संबंधित पदाधिकारी से मिलकर विशेष जानकारी प्राप्त करें.
सर्वे करने के फायदे
किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा विवाद जमीन को लेकर होता है. क्योंकि बहुत दिन पहले सर्वे हुआ था. जिसमें अभी खतियान में कई पीढ़ी पहले के लोगों का नाम दर्ज है. जिसमें बाबा, दादा गुजर चुके हैं. लेकिन उन्हीं लोगों का नाम अभी भी खतियान में दर्ज है. जिसके कारण आज लोग किसी दूसरे का जमीन कोई दूसरा व्यक्ति बेच देता है.
जिसके कारण विवाद उत्पन्न होता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब वर्तमान के जो रैयत हैं. उनका नाम खतियान तथा रजिस्टर टू में दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा नक्शा में भी जमीन का जो करंट स्थिति होगी. उसके हिसाब से उसकी इन्फॉर्मेशन अपडेट किया जाएगा. जिससे जमीन माफी इत्यादि में भी बहुत ही ज्यादा लाभ होगा.
जमीन खरीदारों का होगा विशेष लाभ
सबसे ज्यादा लाभ जो जमीन खरीदने वाले लोग होंगे, उनको होगा. क्योंकि जैसे यह सर्वे पूरा हो जाएगा. उसके बाद बिहार में मौजूद सारे भूमि का करंट जो रैयत होंगे. उन्हीं का नाम खतियान और रजिस्टर टू पेपर में दर्ज हो जाएगा. इसके बाद खरीदने वाले व्यक्ति को आसानी से उस जमीन का वर्तमान स्थिति पता चल पाएगा. जिससे वह निर्भीक होकर भूमि खरीद पाएंगे.
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अब खतियान में बेटियों का भी नाम होगा शामिल
लड़का और लड़की का समान अधिकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है. जिसमें लड़की अपने स्वेच्छा से अपने माता-पिता की संपत्ति में भागीदारी को छोड़ सकती है. लेकिन अब जो यह सर्वे भूमि का किया जा रहा है. इसमें खतियान में भाई और बहन दोनों का नाम जोड़ा जाएगा.
अब कोई भी लड़की यदि अपने माता-पिता के रैयत जमीन में अधिकार हासिल करना चाहेगी. तब उसको उसका अधिकार आसानी से मिल जाएगा. लेकिन खतियान में नाम शामिल करने का मतलब यह नहीं है कि उसका पूरा अधिकार हो जाएगा. लेकिन जब कोई भी लड़की चाहेगी तब उसका अधिकार जरूर आसानी से मिल पाएगा.
बिहार जमीन सर्वे क्यों जरूरी हैं
इसका मुख्य उद्देश्य बिहार में जितने भूमि है. उनके सही मलिक को तलाशना. ताकि सरकार के पास नए जमीन मालिक का नाम अपडेट हो सके. क्योंकि इससे पहले बिहार जमीन सर्वे आजादी से पहले कराया गया था. उसी समय का सभी खतियान अपडेट है. जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई है. कई लोगों में बटवारा हो गया है. जमीन का खरीद बिक्री करके मालिक बदल गए. इसलिए बिहार गवर्नमेंट चाहती है कि नए खतियान अपडेट हो.
जिसमें नए मालिकों का नाम भी साथ में अपडेट होगा. नहीं तो लोगों के घर में जमीन को लेकर झगड़ा होने लगे हैं. कई जमीन खरीद बिक्री करने के बाद जो पुराने जमीन मालिक थे. उनका मृत्यु हो गया. इसलिए इसमें नए जनरेशन के जो हकदार होंगे. उनका नाम अपडेट किया जाएगा. क्योंकि एक भूमि के कई हकदार बन जाते हैं और आपस में उलझने लगते हैं. जिससे झगड़ा कोर्ट में चला जाता है. इस तरह कई वर्षों तक झगड़ा होता रहेगा.
कई घर में तो दो भाई के झगड़े में जमीन बंजर पड़ा हुआ है. क्योंकि कोर्ट द्वारा आदेश दे दिया गया कि इस जमीन पर अभी कोई अपना मलिकाना हक साबित नहीं कर रहा है. इसलिए इसका उपयोग कोई नहीं कर सकता. जिससे उसपर फसल नहीं उपजाने के कारण वह खेत बंजर पड़ी है. इसलिए इस लैंड सर्वे को कराकर लोगों के बीच जो झगड़ा हैं. उसका निपटारा कुछ हद तक हो जाएगा. इसके और भी कई कारण है. जिससे लैंड सर्वे कराना बहुत ही आवश्यक हो गया है.
जमीन बिक्री में परेशानी
कई जमीन ऐसे हैं जो कि बुजुर्गों के नाम से हैं. जिनका मृत्यू हो गया हैं. उस जमीन के खरीद बिक्री में भी कई दिक्कतें आ रही है. लैंड मोटेशन अच्छे से नहीं हो पा रहा हैं. कई लोगों का लैंड मोटेशन रिजेक्ट हो जा रहा है. इसलिए लोग परेशान हैं. एक तो पैसा भी खर्च कर देंगे और उसके बाद लैंड भी उनके नाम नहीं हो पाता है. इसलिए जब यह सर्वे होगा तो जो नए भूमि मालिक के नाम से खतियान में नाम दर्ज हो जाएगा. जिससे लैंड मोटेशन भी आसानी से करवा लेंगे.
नए जनरेशन को जानकारी मिलेगी
कई घरों में दाे, तीन या चार भाई है. जिनमें से दो या तीन भाई गांव से बाहर रहते हैं. जो लोग गांव से बाहर रहते हैं. उनके जो बच्चे हुए, उन सभी लोगों को अपने जमीन, खेत की जानकारी नहीं है. क्योंकि जो गांव पर रहते हैं. वही देखभाल करते हैं और वह कभी-कभी उस भूमि में हेरा फेरी भी कर देते हैं. जिससे शहर रहने वाले लोगों को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है. उनका अपना हक नहीं मिल पाता हैं. इसलिए इस सर्वे के बाद जो भी लोग घर से बाहर होंगे. उनके बच्चों को भी इन सभी चीजों की जानकारी मिलेंगी. उन्हें अपने हक की जानकारी मिलेंगा. जितना उनका भूमि, खेत है. उन्हें मिल जाएगा. खतियान, प्लॉट, खेसरा, रकवा सभी कुछ की जानकारी वह इसमें प्राप्त कर पाएंगे.
बंटवारा में विवाद
बिहार के 80 परसेंट भूमि बंटवारा में विवाद होता हैं. क्योंकि अधिकतर लोग रजिस्ट्री बंटवारा नहीं करवाकर घर पर ही आपसी बंटवारा कर लेते हैं. जिसमें आगे चलकर दो, तीन या चार भाई हों तो कोई उसमें से मुकर जाएगा. बोलेगा कि मुझे यहां नहीं दूसरे जगह जमीन चाहिए तब उनके घर विवाद उत्पन्न हो जाएगा. कई लोग कागज पर बंटवारा कर लेते हैं. कभी कागज गुम हो गया तो भी परेशानी होगी. जिन लोगों का जमीन बंटवारा आपसी या कागज द्वारा हुआ है. उन्हें सर्वे में अपडेट करवा करके सही कागजात प्राप्त हो जाएगा. उनके बीच जो भी विवाद होगा, वह भी खत्म हो जाएगा.
जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करना
इस भूमि सर्वेक्षण से बिहार में लगभग 45000 गांव हैं, उन सभी गांव के जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट करना हैं. जिससे लोग आसानी से अपने लैंड डॉक्युमेंट्स प्राप्त कर पाएंगे. हर घर जो विवादें उत्पन्न हो रही है. वह भी बहुत हद तक कम हो जाएगा.
गैर मजरूआ जमीन
गांव में अधिकतर गैर मजरूआ जमीन है. जिस पर अधिकतर लोग अपना घर बनाकर रहने लगे हैं. कोई खेती करने लगा और उसे हड़प लेना चाहता हैं. सरकार भूमि सर्वे 2024 में करवा कर जितने भी गैर मजरूआ जमीन लोगों ने हड़प लिया हैं. उनको अपने अधिकार में कर लेगी. जिस पर सरकार द्वारा सार्वजनिक चिजे बनवाएगी जो जनता के लिए उपयोग किया जाएगा. जैसे कि स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल या कई तरह की चीज लोगों को जो जरूरी होगा वह सरकार करेंगी.
जबरदस्ती कब्जा
बहुत से ऐसे दबंग टाइप के लोग हैं जो कि कमजोर लोगों का भूमि जबरदस्ती कब्जा कर लिए हैं. कमजोर लोग डर की वजह से बोल नहीं पाते हैं. दबंग लोग का कोर्ट या पुलिस के पास पैरवी भी होता है. जिससे उनके खिलाफ कोई बोल नहीं पाता. इसलिए जो कमजोर लोग हैं. वह अपना जमीन अपने हाथ से गंवा देते हैं. इस जमीन सर्वे में जितने भी कमजोर लोगों का जमीन ऐसे दबंग लोगों ने हथिया लिया हैं. उनको प्राप्त हो जाएगा. क्योंकि अगर जिनके पास सही कागज होगा. उन्हीं का मालिकाना हक माना जाएगा. इसलिए आम जनता के लिए यह जमीन सर्वे बिल्कुल परफेक्ट है.
असली मालिक की पहचान
असली मालिक का पहचान भी इसमें हो जाएगा. क्योंकि भूमि अगर कोई कब्जा किया होगा, तो उसका सही आधार क्या है. उसका सही मालिक कौन हैं. क्योंकि पहले के लोगों के पास अधिक से अधिक जमीन होती थी. इसलिए वह गरीबों, मंदिर, ठाकुरबाड़ी, अपनी बहन या पुरोहित को दान दे देते थे. लेकिन वही कुछ दिन बाद उसपर अपना मालिकाना हक बताने लगते थे या कई लोग दान तो दे देते थे.
लेकिन उस भूमि का सही मलिक उनको नहीं बनाते थे. जिससे आज परेशानी होने लगी है. इसलिए आज जिसके पास भी ऐसी जमीन हैं तो उसका सही कागज खोजिए. आमीन या अपने प्रखंड जाकर अपने कागज को उपलब्ध करके आप जमीन सर्वे में अगर देंगे. तब आसानी से लैंड सर्वे हो जाएगा. सर्वे के समय आपको जमीन कैसे मिली इसको बताना होगा. साथ ही प्रपत्र 2 और वंशावली बनाकर सही तरीके से भर कर देना होगा. तभी आपका सही हक भी मिल जाएगा.
ड्यूटी करने वाले लोगों को सुविधा
जो व्यक्ति अपने घर से बाहर ड्यूटी करते हैं या शहर जाकर घर बनाकर रहते होंगे. उनके लिए भी इस जमीन सर्वे में बेहतर सुविधा उपलब्ध है. जैसे कि लोग अपने ड्यूटी से टाइम नहीं मिल पाने की वजह से गांव नहीं आ पाते. उनका जमीन कोई और हड़प लेता है. वैसे लोग आसानी से लैंड सर्वे में फॉर्म भरकर कर पाएंगे. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी गवर्नमेंट द्वारा उपलब्ध कराया गया हैं. जिस पर आसानी से जाकर अपने जमीन का कागज निकाल पाएंगे. उससे आप एक दिन या दो दिन छुट्टी लेकर गांव जाकर दे देंगे. जिससे आपका सर्वे आसानी से हो जाएगा. आपका जो हक है. वह भी मिल जाएगा.
बिहार जमीन सर्वे 2024 में क्या बदलाव है
पहले कानून था कि अगर कोई बेटी अपने पिता और माता के संपत्ति में हिस्सा लेना चाहे तो ले सकेगी. लेकिन यह नियम नहीं था की बहन या बेटी को वह हिस्सा दिया ही जाएगा. लेकिन इस जमीन सर्वे में यह नियम लाया गया है कि बहन और बेटी का नाम देना जरूरी होगा. भूमि सर्वेक्षण के लिए जब वंशावली बनाया जाएगा. उस समय एक पिता के जितने भी बेटे और बेटियां हैं. उन सभी का नाम उसमें देना आवश्यक होगा. क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि एक पिता के संपत्ति में बेटा और बेटी का बराबर हक होता है. इसी वजह से हर घर विवाद उत्पन्न होने लगा है.
कई बेटियां तैयार हो गई कि मुझे भी अपने पिता की संपत्ति में हक चाहिए. जिससे भाई-बहन में मतभेद होने लगा है. लेकिन अगर कोई अपनी बहन का नाम ना देना चाहे तो उसे अपने बहन से NOC पर साइन करवाना होगा. ताकि बहन अपने स्वेच्छा से उस संपत्ति में अधिकार अपने भाई को छोड़ सकेगी. तभी बहन का अधिकार या हिस्सा नहीं देना होगा. अगर वंशावली में बहन का नाम नहीं देंगे तो सर्वेक्षण का प्रक्रिया पूरा नहीं हो पाएगा.
भूमि सर्वेक्षण वैसे तो 3 महीने के लिए आगे बढ़ाया गया हैं. क्योंकि भूमि रैयतों को अपना भूमि का कागजात उपलब्ध करना है. वैसे गवर्नमेंट ने एक बहुत ही बेहतर सुविधा दी है कि प्रपत्र-2 भरने के लिए आप ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरीके का उपयोग कर पाएंगे. साथ ही ऑनलाइन पोर्टल से अपने लैंड का कागज 72 घंटे में अपने घर पर भी मांगा पाएंगे. जो कि पूरी तरह से सत्यापित प्रति होगा. इसको आप किसी भी काम के लिए उपयोग कर पाएंगे. 3 महीना के बाद फिर से भूमि सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा.
सवाल जवाब
प्रश्न- जमीन सर्वे क्यों किया जाता है?
उतर- इससे जितने भी बिहार में लैंड है. उनके सही मलिक का जानकारी मिलेगा. लोगों के घर में विवाद कम होगा. जितने भी सरकारी भूमि राज्य में हैं. उसका भी पता चल जाएगा.
सारांश
अभी 2024 में जमीन सर्वे बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही है. लेकिन कई लोगों के मन में इस सर्वे के खिलाफ क्रोध और गुस्सा भी है. क्योंकि लोगों को इससे कई परेशानियां होने लगी हैं. लेकिन बिहार के आम जनता को इस बात की जानकारी होनी चाहिए की जमीन सर्वे क्यों जरूरी है.
क्योंकि सरकार जनता के हित को देखते हुए ही यह कार्य आगे बढ़ाने में लगी है. किसी भी भूमि का सर्वेक्षण करने का मतलब कि उसके सही मलिक को खोजना होगा. क्योंकि बिहार में या पूरे भारत में जमीन के मामले में सबसे अधिक केस कोर्ट में लंबित पड़े हुए हैं. कई सालों साल लोग कोर्ट के चक्कत लगाते रहते हैं.
लेकिन उसका कोई भी फैसला नहीं हो पता. जिससे कितने पैसे खर्च हो जाते हैं. इन सभी चीजों को देखते हुए बिहार सरकार ने यह फैसला लिया. ताकि राज्य में जमीन के जो भी मामले हैं. उनका निपटारा किया जा सके.
प्रियंका तिवारी इस ब्लॉग वेबसाइट के Owner एवं Author भी हैं। प्रियंका तिवारी पटना बिहार की रहने वाली हैं। प्रियंका तिवारी ने हिन्दी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री, वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा, भोजपुर, बिहार, भारत से प्राप्त की हैं। जो निरंतर इस ब्लॉग वेबसाइट पर पोस्ट पब्लिश करती हैं।