साइकिल का अविष्कार कार्ल वॉन ड्रैस (कार्ल फ्रेडरिक क्रिस्चियन लुडविग फ़्रीहरर ड्रैस वॉन सॉरब्रॉन ) ने किया था। सबसे पहले एक लकड़ी के आकार वाला साइकिल का रूप दिया गया। उस समय Karl Von Drais ने लकड़ी का दो पहिए वाला एक सवारी बनाया। लेकिन उस समय उसमें पेंडल नहीं हुआ करता था। उसको धीरे-धीरे पीछे से धक्का मार कर चलाया जाता था।
Karl Von Drais जर्मनी के एक ऑफिसर थे। जिन्होंने पहली बार लकड़ी का उपयोग करके बाइसिकिल जैसा ढांचा तैयार किया। जिस पर कुछ सामान एक जगह से दूसरे जगह पर लेकर जाया जाता था।
यह बिना खर्च बिना पेट्रोल, डीजल, ईंधन की चलने वाली एक सवारी ही है। जिसमें ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है। यह हमारे लिए प्रदूषण रहित वाहन है। जिससे हम अपने ट्रांसपोर्टेशन सुविधा को बिना वायु प्रदूषण प्रयोग करते हैं।
साइकिल का खोज कब और किसने किया
साइकिल का अविष्कार कार्ल वॉन ड्रेस ने वर्ष 1817 में किया था। जिसको Laufmaschine, रनिंग मशीन के नाम से जाना जाता था। जिसे उस समय Draising के नाम से जाना जाता था।
इसमें दो बड़े-बड़े पहिए लगाए गए थे। जिसको चलने वाले अपने पैरों से धक्का देकर आगे बढ़ते थे। यह बाइसिकल की एक सबसे पहला आकार एवं अविष्कार था। उस समय इसपर बैठकर सवारी करना संभव नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे इसमें और भी कई बदलाव करते हुए, साइकिल को एक नया रूप दिया गया। जिसपर सवारी करना भी संभव हो पाया। पूरे विश्व में बाइसिकल एक बहुत ही लोकप्रिय ट्रांसपोर्ट जाना जाता है।
साइकिल का अविष्कार भारत में किसने किया
भारत में इसका अविष्कार नहीं हुआ था। लेकिन इसको बहुत समय से उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि इस पर कोई अलग से भारतीय व्यक्ति ने कोई नया प्रयोग नहीं किया। इसका अविष्कार यूरोप में हुआ था। जो कि भारत का भी पॉपुलर वाहन मौजूद है।
साइकिल का अविष्कार किस देश में हुआ
बाइसिकल का अविष्कार जर्मनी में हुआ था। जो एक यूरोपियन कंट्री है। यह एक ऐसा साधन है। जिससे बच्चे स्कूल की सवारी करते हैं। स्कूल जाने के लिए कई राज्यों द्वारा बच्चों एवं बच्चियों को प्रोत्साहित करने के लिए बाइसिकल भी दिया जा रहा है। जो एक प्रमुख सवारी है।
साइकिल को हिंदी में क्या कहते हैं
बाइसिकल को हिंदी में साइकिल नहीं कहते हैं। यह एक अंग्रेजी शब्द से बना है। जिसका हिंदी डचक वाहिनी या दोपहिया बिना ईंधन वाला चलने की सवारी है। जिसका हिंदी दो चक्के की सवारी होता हैं।
साइकिल कैसे बनता है
इसमें मुख्य दो चक्के होते हैं। जिसमें टायर और ट्यूब होता है रिंग और तार से मिलकर पूरा चक्का बनता है। जिसमें केरियर, फ्रेम, स्टैंड इत्यादि प्रमुख रूप से लगाए जाते हैं। मोटरसाइकिल का अविष्कार किसने किया था.
इतिहास
18वीं शताब्दी में यूरोपियन देशों में इसका अनुसंधान शुरू हो चुका था। जिसको पहली बार इसका आकर या रूप 1816 में पेरिस के कारीगर ने दिया। जो पैरों से घूम जाने वाला पेडल और पहिए वाला आकार मात्र ही था। धीरे-धीरे इसमें विकास हुआ और वर्ष 1865 में पेरिस के रहने वाले Pierre Lallement ने इसको और विकसित करते हुए एक नया रूप दिया। इसी तरह से इसमें और भी कई परिवर्तन करते हुए अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड आदि देशों ने भी इसका निर्माण कार्य शुरू किया। इसके बाद वर्ष 1872 में बाइसिकल जैसा अच्छा रूप दिया गया।
सारांश
साइकिल का अविष्कार भारत में किसने किया की जानकारी यहां दी गई है। जिसमें इतिहास, उपकरण, अविष्कार, वर्ष इत्यादि की पूरी इनफार्मेशन दी गई है। भारत में आजादी बाद बाइसिकल घर-घर खरीदा जाने लगा। उस समय इसे एक प्रोफेशनल सवारी के रूप में उपयोग किया जाता था। क्योंकि जिसके घर बाइसिकल होता। उसे मॉडर्न सवारी वाला घर माना जाता। क्योंकि उन दिनों बहुत ही कम लोगों के पास साधन उपलब्ध होगा।
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सवाल जवाब
Q1. साइकिल का पूरा नाम क्या है?
Ans. बाइसिकल या अपने पैरों से चलने वाला दो चक्का सवारी।
Q2. साइकिल का दूसरा नाम क्या है?
Ans. अपने पैरों से चलने वाले गाड़ी को ही साइकिल कहते हैं। इसीलिए इसका दूसरा नाम पैरों से चलने वाली गाड़ी भी कहते हैं।
प्रियंका तिवारी इस ब्लॉग वेबसाइट के Owner एवं Author भी हैं। प्रियंका तिवारी पटना बिहार की रहने वाली हैं। प्रियंका तिवारी ने हिन्दी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री, वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा, भोजपुर, बिहार, भारत से प्राप्त की हैं। जो निरंतर इस ब्लॉग वेबसाइट पर पोस्ट पब्लिश करती हैं।