हवाई जहाज का अविष्कार किसने किया 2024

एरोप्‍लेन का अविष्कार किसने किया था

राइट ब्रदर्स ऑरविल राइट्स और विलबर राइट्स ने हवाई जहाज का अविष्कार किया था। जिन्होंने वर्ष 17 दिसंबर 1903 को पहली बार एरोप्‍लेन को सफलतापूर्वक उड़ाकर एक इतिहास रचा था। इसके बाद से हवाई यात्रा का सफर प्रारंभ हुआ।

इन दोनों भाइयों का जन्म अमेरिका देश में हुआ था। जिनके द्वारा एक नया युग प्रारंभ हुआ। ऑरविल राइट का जन्म 19 अगस्त 1871 को हुआ था। जबकि विलबर राइट का जन्म 16 अप्रैल 1867 को हुआ था। दोनों भाई का जन्‍म अमेरिका में ही हुआ था। सबसे बड़े विलबर राइट थे। जिन्होंने हवाई यात्रा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

hawai jahaj ka avishkar kisne kiya in hindi - हवाई जहाज का अविष्कार

ऑरविल राइट एवं विलबर राइट एक साधारण परिवार में जन्‍मे थे। लेकिन उनके जज्बे एवं कुछ नया करने के प्रयास के कारण ही एक नया अविष्कार संकल्प पूरा हो पाया।

आज जिस एरोप्‍लेन में हम लोग बैठकर यात्रा करते हैं। इसका पूरा योगदान इन दो भाइयों को ही जाता है। क्योंकि यह सपना हकीकत में बदलने वाले यह दो मशहूर अमेरिकन वैज्ञानिक हुए। जिन्होंने हवाई यात्रा मार्ग प्रशस्त किया।

भारत में हवाई जहाज का अविष्कार

भारत देश हवाई जहाज बनाने में अग्रणी रहा है। जहां भारत के वैज्ञानिक जेसी बोस नेबर्स 1984 में उड़ने वाला जहाज मॉडल तैयार किया था। उसके कुछ ही दिनों बाद इंडिया में एरोप्‍लेन सफर वर्ष 1911 से प्रारंभ हुआ।

जब Henri Pequet ने दिल्ली से इलाहाबाद की उड़ान भरा था। भारत में वर्ष 1995 में शिवकर बापूजी तलपडे नाम के एक व्यक्ति ने 100 फीट ऊंचा उड़ने वाला जहाज बनाया था। इंडिया में भी लोग धीरे-धीरे उड़ने वाला यात्रा शुरू किया। पहले एक समय था, जब पैसे वाले लोग ही हवाई यात्रा करते थे।

क्योंकि उस समय सामान्य व्यक्ति के लिए यात्रा करना आसान नहीं था। क्योंकि लोगों के पास पैसों की कमी थी। धीरे-धीरे आम आदमी का सफर आज यहां भी शुरू हो गया है। जो कि हमारे देश के विकास हेतु एक नया युग आरंभ भी है।

वर्तमान हवाई जहाज यात्रा

पूरे देश में बहुत हवाई अड्डा बनाए गए हैं। जहां से लोग बहुत ही कम समय में एक शहर से दूसरे शहर जा रहे हैं। यह विकास की गति को मजबूती प्रदान कर रहा है।

एरोप्‍लेन का नुकसान

सुरक्षा के दृष्टिकोण से कभी-कभी संकट उत्पन्न होता है। जिसके कारण तकनीकी खराबी की समस्या होती रहती है। कई बार तो प्लेन क्रैश कर जाते हैं। यह एक बड़ी चुनौती भी है। लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा इस पर निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय पूरी तरह से सुरक्षित यात्रा की गति निरंतर आगे बढ़ती रहेगी।

सारांश

हवाई जहाज का अविष्कार आम से लेकर खास तक जीवन में हर्ष उत्पन्न करता है। क्योंकि इससे सफर को बहुत जल्द पूरा किया जाता है। जॉर्ज कैली, राइट ब्रदर्स तथा अनेक वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों के सहयोग से यह बड़े सपने हकीकत साकार हुए हैं। वर्तमान समय एरोप्‍लेन का उपयोग आम लोगों के जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। जिससे दूरी और समय कम करने का अवसर दे रहा है।

यह एक ऐसा अविष्कार है। जिससे इंसान आसमान को छूने की प्रयास करता है। बच्चे पतंग उड़ा कर अपने पतंग को आकाश की तरफ ले जाते हैं। जबकि आम आदमी एरोप्लेन में बैठकर आकाश मार्ग से यात्रा का लुफ्त उठाता है।

सवाल जवाब

Q1. एरोप्‍लेन का अविष्कार कब और किसने किया था?

Ans. राइट ब्रदर्स विलबर राइट और ऑरविल राइट दोनों के सामूहिक प्रयास से 17 दिसंबर 1903 को एरोप्लेन अविष्कार हुआ था।

Q2. हवाई जहाज का अविष्कारक कौन है?

Ans. राइट ब्रदर्स जिनका नाम और विलबर राइट और ऑरविल राइट था।

Q3. भारत में हवाई जहाज की स्थापना कब हुई?

Ans. 18 अक्टूबर 1932 को भारत में एरोप्‍लेन का स्थापना हुआ था। जिस दिन जहांगीर रतन जी दादा भाई टाटा ने टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। जिसका एयर इंडिया नाम हो गया। उस समय पहली उड़ान नासिक से मुंबई के बीच पूरा किया गया। जिसके लिए डी हॉलीवुड पास मौत विमान प्रयोग किया गया था।

Q4. हवाई जहाज उड़ने वाले पहले भारतीय कौन थे?

Ans. जहांगीर रतन जी दादा भाई टाटा पहली उड़ान भरने वाले भारतीय थे। जिन्होंने 10 फरवरी 1932 को टाटा एयरलाइंस की उड़ान भरी थी।

Q5. हवाई जहाज बनाने वाला पहला देश कौन सा है?

Ans. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के राइट ब्रदर्स हैं।

Q6. विश्व का पहला हवाई जहाज का नाम क्या है?

Ans. राइट प्लेयर जिसको वर्ष 1905 में बनाया गया था।

Q7. पहले पायलट कौन थे?

Ans. जहांगीर रतन जी भारत के पहले पायलट थे।

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