पायलट कैसे बने? 7 बेस्‍ट तरीके

पायलट कैसे बने? भारत में पायलट करियर के लिए तो कई क्षेत्र हैं लेकिन सबसे पपुलर दो तरीके हैं एक कमर्शियल और दूसरा एयर फोर्स.

कमर्शियल पायलट बन कर भारतीय एयरलाइंस कंपनी में प्लेन उड़ा सकते हैं. कई लोगों को सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करने का भी सपना होता है, तो एयर फोर्स में उड़ान चालक बन कर अपने देश की सेवा कर सकते हैं.

पायलट बनने के लिए जो भी प्रक्रिया है उसकी पॉइंट टू पॉइंट जानकारी दी गई है. जिसको पढ़ कर आप एक कमर्शियल या एयर फोर्स पायलट बन कर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और साथ ही देश में कई जगहों पर घूमने का भी सपना पूरा हो सकता है.

एरोप्‍लेन पायलट कैसे बने

भारतीय एयरलाइंस कंपनी में एक प्रोफेशनल पायलट बनने के लिए सबसे पहले इंडियन अथॉरिटी से कमर्शियल कोर्स का सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है.

इसके बाद ही भारत के किसी भी एयरलाइंस कंपनी में एरोप्लेन उड़ाने की अनुमति मिल सकती है. इस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए सबसे पहले साइंस सब्जेक्ट से पढ़ाई करना जरूरी है. इसके लिए सबसे पहले तो टेंथ का एग्जाम पास करना आवश्यक है.

Pilot Kaise Bane पायलट कैसे बने

1. 12वीं पास करें

10th करके 12वीं पास करना जरूरी है. 12वीं साइंस सब्जेक्ट से पढ़ाई करना आवश्यक होता है. जिसमें केमिस्ट्री फिजिक्स मैथ आदि सब्जेक्ट आवश्यक है. उसके बाद ही पायलट के लिए एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं.

2. पायलट प्रवेश परीक्षा पास करें

12वीं किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से पास होना जरूरी है. 12वीं साइंस सब्जेक्ट अच्छे नंबर से कम्‍पलीट होना चाहिए. इसके बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी द्वारा एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई करके एग्जाम पास कर पाएंगे.

नेशनल डिफेंस एकेडमी द्वारा दिए जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम तीन चरणों में पूरा किया जाता है. सबसे पहले लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट होगा. अगर यह दोनों चरण पास कर जाएंगे, तो उसके बाद इंटरव्यू एग्जाम लिया जाता है. इंटरव्यू पास करके बेहतर ट्रेनिंग के लिए फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन मिल सकता है.

3. फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन

भारत में कई ऐसे स्कूल या क्लब है जहां पर फ्लाइंग ट्रेनिंग दिया जाता है. इस फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन लेकर एक प्रोफेशनल उड़ान चालक का ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

जो भी फ्लाइंग क्लब या स्कूल में एडमिशन लेंगे वह गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा मान्यता प्राप्त हो.लेकिन इसमें एडमिशन लेने के लिए एनडीए एग्जाम पास करना जरूरी है.

उसके बाद ही किसी भी स्कूल में पायलट प्रोग्राम ज्वाइन करके एक कमर्शियल पायलट कोर्स कर पाएंगे. फ्लाइंग स्कूल में जो कोर्स करया जाता हैं उस कोर्स का टाइमिंग ड्यूरेशन 18 महीना से लेकर 24 महीना का होता है.

4. पायलट लाइसेंस प्राप्त करें

जब फ्लाइंग स्कूल से कोर्स पूरा हो जाएगा, तो लाइसेंस प्राप्त होता है. इसमें दो तरह का लाइसेंस होता है. एक स्टूडेंट पायलट लाइसेंस और दूसरा प्राइवेट पायलट लाइसेंस. स्टूडेंट लाइसेंस गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा प्राप्त होता है. इस लाइसेंस को प्राप्त करके ही किसी भी प्लेन को उड़ाने और उसे कंट्रोल करने की ट्रेनिंग ली जाती है राइटर कैसे बने

5. ट्रेनिंग पूरा करें

इस ट्रेनिंग में एक निश्चित समय तय किया रहता हैं उसी समय सीमा में उड़ान भर लेंगे तो लाइसेंस प्राप्‍त कर होगा. अगर स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए जो ट्रेनिंग कराया जाता है, उस ट्रेनिंग का समय 60 घंटे का होता है.

इतने समय में अगर आप एक बेहतर ट्रेनिंग करते हैं, पूरी तरह से ट्रेंड हो जाएंगे, तो स्टूडेंट लाइसेंस मिल जाएगा. प्राइवेट लाइसेंस लेने के लिए ट्रेनिंग का समय 210 घंटे का होता है. 210 घंटे में अगर निश्चित किया हुआ उड़ान भर लेते हैं तो प्राइवेट लाइसेंस प्राप्त होता है.

6. कमर्शियल लाइसेंस

जब प्राइवेट लाइसेंस और स्टूडेंट लाइसेंस प्राप्त कर करने के बाद ट्रेनिंग कर लेते हैं, उसके बाद ही एक कमर्शियल उड़ान चालक के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं.

लेकिन कमर्शियल लाइसेंस लेने के लिए पहले परीक्षा और टेस्ट देना पड़ता है. अगर इस टेस्ट और परीक्षा को पास कर लेते हैं तो उसके बाद ही किसी भी भारतीय एयरलाइंस कंपनी में एक कमर्शियल उड़ान चालक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद किसी भी एयरलाइंस कंपनी में प्लेन उड़ाने की अनुमति मिल सकती है.

7. टाइप रेटिंग ट्रेनिंग करें

भारतीय एयरलाइंस कंपनी हो या एयर फोर्स कोई भी विमान हो हर विमान में अलग-अलग फंक्शन द्वारा प्लेन को उड़ाया जाता है. प्‍लेन उड़ाने के लिए एक पायलट को हर एक प्लेन का हर एक फंक्शन की पहले जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है.

अगर हर प्लेन की जानकारी रहेगा तो ही उसको अच्छे तरीके से उड़ा सकते हैं,. इसके लिए टाइप रेटिंग ट्रेनिंग दिया जाता है. जिसमें हर एक प्लेन के फंक्शन का विस्तार से जानकारी दिया जाता है. यह  ट्रेनिंग 5 या 6 हफ्ते में पूरा किया जाता है.

जब इस ट्रेनिंग को पूरा कर लेते हैं सभी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं, उसके बाद किसी भी क्षेत्र में पायलट जॉब अप्लाई कर सकते हैं. कमर्शियल लाइसेंस मिलने के बाद भारतीय एयरलाइंस कंपनी में पायलट बने टीचर कैसे बने

पायलट बनने के लिए योग्यता

कमर्शियल या सेना में पायलट बनने के लिए कुछ क्वालिफिकेशन होना जरूरी है. उसके बाद ही जो भी प्रक्रिया है, उसको शुरू कर सकते हैं.

  • फिजिक्स, मैथमेटिक्स, केमिस्ट्री आदि साइंस सब्जेक्ट से ट्वेल्थ पास करें.
  • ट्वेल्थ में कम से कम 50 परसेंट मार्क्स होना आवश्यक है.
  • प्राइवेट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन द्वारा होने वाले एग्जाम को पास करें.
  • उम्र सीमा कम से कम 16 वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 32 वर्ष होनी चाहिए.
  • इंग्लिश भाषा की बेहतर जानकारी होनी चाहिए.
  • कलर ब्लाइंडनेस सही होना चाहिए.
  • उम्मीदवार मेंटली और शारीरिक फिट होना चाहिए.
  • हाइट कम से कम 50 फुट जरूरी है.
  • उम्मीदवार को किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए.

एयर फोर्स पायलट कैसे बने

फ्लाइंग ब्रांच में भर्ती होकर फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट के लिए बेहतर ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं. उसके लिए सबसे पहले 12वीं पास करना आवश्यक है.

उसके बाद यूपीएससी द्वारा कराए जाने वाले एग्जाम को पास करना पड़ता है. एयर फोर्स में भी पायलट बनने का दो तरीका हैं. एक तो 12वीं बाद और दूसरा ग्रेजुएशन बाद उड़ान चालक एग्जाम दे सकेंगे.

ट्वेल्थ में साइंस स्ट्रीम के साथ 50 परसेंट मार्क्स लाना जरूरी है.12वीं बाद एनडीए द्वारा कराए जाने वाला एग्‍जाम दे सकते हैं. 12वीं या ग्रेजुएशन बाद कई एग्जाम दिया जाता है.

  • नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA)
  • कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जाम (CDSE)
  • नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC)
  • शॉर्ट सर्विस कमिशन एंट्री (SSC)

पायलट का गुण

किसी भी प्लेन को उड़ाने के लिए एक पायलट की जरूरत होती हैं और हर कोई नहीं बन सकता हैं. इसके लिए कई प्रोसेस को फॉलो करना पड़ता हैं. जिसका जानकारी दिया गया हैं. साथ ही एक इसके लिए कई बेहतर गुण होना चाहिए. तभी वह किसी भी प्लेन को उड़ाने के लिए पूरी तरह से फिट हो सकता हैं.

1. मानसिक स्थिरता शारीरिक फिटनेस

किसी भी उम्मीदवार का मानसिक स्थिरता और शारीरिक फिटनेस होना जरूरी हैं. क्योंकि एरोप्लेन को फ्लाइंग कराते समय मानसिक स्थिति ठीक होना चाहिए.

उसका सिर्फ एक ध्यान अपने काम पर होना चाहिए. शारीरिक फिटनेस भी होना जरूरी हैं क्योंकि प्लेन में कई पैसेंजर होते हैं या प्लेन में किसी तरह का कोई गड़बड़ी तो नहीं हैं. इस तरह की जानकारी भी एक पायलट को रखना चाहिए.

2. टीम वर्क की समझ

किसी भी एरोप्लेन में दो उड़ान चालक होते हैं. दोनों मिलकर एक दूसरे से सहमति के साथ एरोप्लेन को हैंडल करते हैं. इसलिए टीम वर्क की भी समझ होनी चाहिए. दोनों साथ-साथ उसमें जो भी लोग कार्य करने वाले होते हैं

उनमें बेहतर तालमेल होना चाहिए. तभी वह कभी अगर दुर्भाग्यवश एरोप्लेन में किसी तरह का गड़बड़ी हो तो एक दूसरे की सहमति अनुसार अपने साथ-साथ सभी पैसेंजर का भी जान बचाने में कामयाब हो सकते हैं.

3. पर्यावरण जागरूकता

कई बार ऐसा होता हैं कि एरोप्लेन टेक ऑफ हो जाता हैं. उसके बाद किसी तरह का पर्यावरण में परिवर्तन होता हैं. जिससे कभी-कभी दुर्घटना होने का भी आशंका होता हैं, तो स्थिति को देखते हुए पर्यावरण की जानकारी होनी चाहिए जागरूक होना चाहिए, तो उस स्थिति से निपटने में बेहतर समझदारी दिखा सकते हैं, और कोई भी दुर्घटना होने से बचा सके.

4. आलोचनात्मक सोच और निर्णय लेना

जब भी कभी कोई निर्णय लेना हो तो उसमें तत्काल निर्णय लेने का सोच होना चाहिए. स्थिति को देखते हुए जब कभी जरूरत पड़े तो उसी अनुसार कार्य करें.

कभी किसी दुर्घटना की वजह से या किसी परेशानी की वजह से अगर प्लेन को बीच में ही लैंड कराना पड़े तो एक पायलट को तत्काल उसी समय निर्णय लेना चाहिए कि उसे लैंड कराना हैं या नहीं एक्टर कैसे बने

पायलट का कार्य

  • किसी भी एरोप्लेन का उड़ान और नियंत्रण का संचालन करना.
  • विमान उड़ाने से पहले उसका बेहतर तरीके से जांच करना.
  • प्लेन उड़ाने से पहले मौसम की स्थिति का जानकारी प्राप्त करना.
  • जब भी एरोप्लेन उड़ाना हैं उससे पहले पायलट द्वारा जानकारी प्राप्त करना चाहिए कि उस प्लेन में सभी सामान पैसेंजर आदि बेहतर तरीके से फिट हैं.
  • जब भी मौसम का स्थिति बदले उस समय तत्काल निर्णय लेकर विमान को सुरक्षित जगह पर लैंड कराना.
  • किसी भी एरोप्लेन में उसके नियंत्रण के साथ-सथ उड़ान की योजना बनाकर जानकारी प्राप्त करना

भारत में पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग सेंटर

भारत में कई ट्रेनिंग सेंटर है जिसमें अगर किसी को उड़ानपाक बनने का सपना है, तो उस ट्रेनिंग सेंटर में एडमिशन लेकर उच्च स्तर का पायलट का ट्रेनिंग ले सकता है.

  • इंडियन एवियशन अकैडमी मुंबई
  • एशियाटिक इंटरनेशनल एवियशन अकैडमी इंदौर
  • इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एविएशन नई दिल्ली
  • ब्लू डायमंड एवियशन पुणे
  • एक्यूमेन स्कूल ऑफ पायलट ट्रेनिंग दिल्ली

पायलट के लिए एयर कंपनी

भारत में पायलट की नौकरी करने के लिए कई एयर कंपनी है, जिसके लिए जो भी ट्रेनिंग,लाइसेंस है उसको अगर प्राप्त कर लेते हैं तो भारत के एयरलाइंस कंपनी में आवेदन करके उड़ानपाक का नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.

  • एयर इंडिया
  • जेट एयरवेज
  • एयर एशिया
  • इंडिगो
  • विस्तारा
  • एयर कोस्टा
  • Air India charters limited
  • एयरलाइंस एयर
  • स्पाइसजेट

पायलट बनने के लिए भारत के बेस्ट कॉलेज

भारत में कई मान्यता प्राप्त कॉलेज, विश्वविद्यालय और अकादमी है. जिसमें एक पायलट बनने के लिए कोर्स कराया जाता है. उस कोर्स में जो भी तकनीकी कौशल या एक इसके करियर के लिए जो भी जानकारी होगा उसको दिया जाता है.

  • ओरिएंट फ्लाइंग स्कूल
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
  • राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान
  • बॉम्बे फ्लाइंग क्लब
  • अहमदाबाद एविएशन एंड एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
  • गवर्नमेंट फ्लाइंग क्लब
  • राजीव गांधी अकैडमी आफ एवियशन टेक्नोलॉजी
  • उड्डयन और विमानन सुरक्षा संस्थान
  • राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान
  • मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब
  • सरकारी विमानन प्रशिक्षण संस्थान
  • इंडिगो कैडेट प्रशिक्षण कार्यक्रम

पायलट के लिए कैरियर क्षेत्र

जब लाइसेंस प्राप्त कर लेते हैं ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं उसके बाद कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर एक उड़ानपाक के रूप में जॉब कर सकते हैं.

  • कमर्शियल
  • एयरलाइंस
  • लड़ाकू
  • कारपोरेट
  • एयर फोर्स
  • मिलिट्री
  • कार्गो
  • मेडिकल एंड एयर एंबुलेंस
  • ड्रोन
  • गवर्नमेंट सर्विस
  • फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर
  • लॉ एनफोर्समेंट

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सारांश

ट्रेनिंग लाइसेंस कोर्स आदि कई प्रोसेस को पूरा करने के बाद एक Pilot बन सकते हैं. जोकि कई क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं. जिसके बारे में ऊपर विस्तृत जानकारी दिया गया है. इस लेख में पायलट कैसे बने के बारे में दी गई जानकारी से अगर किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं

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