List Of Prime Minister Of India In Hindi – भारत में प्रधानमंत्री का पद बहुत ही बड़ा पद माना जाता है. इन्हें गणतंत्र भारत सरकार का मुखिया कहा जाता है. 1947 से पहले भारत में राजतंत्र शासन था. उस हर राज्य के अलग-अलग शासक होते थे.
उन्हीं के अनुसार उस राज्य में नियम कानून निर्धारित किए जाते थे. लेकिन 1947 में ब्रिटिश शासन से 200 वर्षों के बाद आजादी मिलने के बाद भारत में लोकतांत्रिक राज स्थापना किया गया.
भारत आजाद होने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को चुना गया. जिसके बाद भारत में कई लोगों ने Prime Minister के पद पर अपने कार्यकाल को पूरा किया.
1947 से लेकर वर्तमान समय तक जितने प्रधानमंत्री हुए और उनका कार्यकाल कब से कब तक रहा, वह किस राजनीतिक दल के नेता थे और किस चुनाव क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ा इसके बारे में पूरी जानकारी इस लेख में मिलेगी.
प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य होते हैं. वह कार्यपालिका के नेतृत्वकर्ता माने जाते हैं. लोकसभा में जो दल बहुमत हासिल करते हैं उनके नेता प्रधानमंत्री होते हैं. Prime Minister राष्ट्रपति के सलाहकार भी होते हैं. जो कि राष्ट्रपति के साथ मिलकर देश में हर तरह के कार्यप्रणाली को सही तरीके से चलाने का कार्य करते हैं.
भारत के प्रधानमंत्री की सूची और कार्यकाल
सरकार चलाने के लिए कई मंत्रिमंडल का भी गठन किया जाता है. जिसका चुनाव प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाता है. हालांकि प्रधानमंत्री और चुने गए मंत्रिमंडल के जो भी मंत्री होते हैं, उनको शपथ दिलाने का कार्य राष्ट्रपति का होता है.
देश में कौन से मंत्री को किस तरह का मंत्रालय सौंपना है, इसका निर्णय Prime Minister के द्वारा किया जाता है. भारत में आजादी के बाद से लेकर वर्तमान समय तक 14 प्रधानमंत्री ने अपना पदभार और कार्यकाल संभाला है. वर्तमान में श्री नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं जो कि भारत के 14वें में प्रधानमंत्री हैं.
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देश में प्रधानमंत्री का चुनाव लोकसभा के सदस्यों के द्वारा प्राप्त बहुमत के आधार पर किया जाता है. राष्ट्रपति भले ही देश के शासक है, लेकिन देश के जो भी प्रमुख कार्यकारी शक्तियां होती है, वह देश के प्रधानमंत्री के ही हाथों में होती है.
इसीलिए Prime Minister को राष्ट्रपति के सलाहकार के रूप में भी जाना जाता है. हमारा देश 200 वर्षों तक अंग्रेजों के अधीन रहा. उस समय अंग्रेजो के द्वारा ही भारत में हर तरह के नीति नियम कानून आदि निर्धारित किए जाते थे.
लेकिन 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली. जिसके बाद 1950 में संविधान लागू किया गया. उसी संविधान के द्वारा नए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्री, वित्त मंत्री आदि अन्य मंत्रालय का गठन किया गया, तो 1947 से लेकर आज तक जो भी प्रधानमंत्री हुए उनका नाम और उनके कार्यकाल के बारे में नीचे पूरी सूची तैयार की गई है.
प्रधानमंत्री | कार्यकाल | राजनितिक पार्टी | चुनाव क्षेत्र |
पंडित जवाहरलाल नेहरू | 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश फूलपुर |
गुलजारी लाल नंदा | 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | मुंबई, महाराष्ट्र |
लाल बहादुर शास्त्री | 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
गुलजारीलाल नंदा | 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | मुंबई महाराष्ट्र |
श्रीमती इंदिरा गांधी | 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रायबरेली, उत्तर प्रदेश मेडक, आंध्र प्रदेश |
मोरारजी देसाई | 24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 तक | जनता पार्टी | सूरत, गुजरात |
चौधरी चरण सिंह | 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक | जनता पार्टी | बागपत उत्तर प्रदेश |
इंदिरा गांधी | 24 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रायबरेली, उत्तर प्रदेश मेडक, आंध्र प्रदेश |
राजीव गांधी | 31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | अमेठी, उत्तर प्रदेश |
विश्वनाथ प्रताप सिंह | 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक | जनता दल | फतेहपुर, उत्तर प्रदेश |
चंद्रशेखर | 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक | जनता दल | बलिया, उत्तर प्रदेश |
नरसिंह राव | 1 जून 1991 से 16 मई 1996 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | नंडयाला, आंध्र प्रदेश |
अटल बिहारी बाजपेई | 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक | भारतीय जनता पार्टी | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
एचडी देवगौड़ा | 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक | जनता दल | कनकपुरा हसन, कर्नाटक |
इंद्र कुमार गुजराल | 1 अप्रैल 1997 से 19 अप्रैल 1998 तक | जनता दल | जालंधर पंजाब |
अटल बिहारी बाजपेई | 19 मार्च 1998 से 19 अक्टूबर 1999 तक | भारतीय जनता पार्टी | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
अटल बिहारी बाजपेई | 19 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक | भारतीय जनता पार्टी | लखनऊ उत्तर प्रदेश |
मनमोहन सिंह | 22 मई 2004 से 22 मई 2009 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | असम राज्य सभा से |
मनमोहन सिंह | 22 मई 2009 से 17 मई 2014 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | असम राज्य सभा से |
नरेंद्र मोदी | 26 मई 2014 से 30 मई 2019 तक | भारतीय जनता पार्टी | वाराणसी, उत्तर प्रदेश वडोदरा, गुजरात |
नरेंद्र मोदी | 30 मई 2019 से वर्तमान समय तक | भारतीय जनता पार्टी | वाराणसी, उत्तर प्रदेश वडोदरा, गुजरात |
प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य
भारत सरकार के जो भी प्रमुख कार्यकारी शक्तियां होती हैं वह Prime Minister के पास ही होती है. भारत में हर तरह के नियम और कानून को लागू करने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री लोकसभा में अध्यक्ष के सामने अपनी बातों को रखते हैं.
उस नियम या कानून पर लोकसभा के सभी सदस्यों के द्वारा सहमति प्रदान किया जाता है. लोकसभा में अगर उस नियम कानून को लागू करने के लिए सहमति प्रदान हो जाता है. उसके बाद उसे राज्यसभा में सहमति प्रदान करने के लिए राज्यसभा के सभापति के सामने रखा जाता है.
अगर राज्यसभा में भी उस नियम या कानून पर सहमति प्रदान हो जाता है, तो उस पर अंतिम निर्णय या अंतिम मुहर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा लगाया जाता है.
उसके बाद ही उस कानून को या नियम को देश में प्रधानमंत्री के द्वारा लागू किया जाता है. इसके साथ ही देश के प्राइम मिनिस्टर को और भी कई तरह के कार्य और शक्तियां निहित है. जो कि वह करने के लिए स्वतंत्र होते हैं.
- मंत्रिमंडल में मंत्रियों का चुनाव करना.
- किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय देना है इसका निर्णय लेना.
- जब चाहे तब उस विभाग का फेरबदल भी करने का निर्णय ले सकते हैं.
- हर एक मंत्री के कार्यों और गतिविधियों पर नियंत्रण करना और उन्हें निर्देशित करना.
- मंत्रिपरिषद कि जो भी बैठक होते हैं उसका अध्यक्षता प्रधानमंत्री ही करते हैं.
- किसी भी समय मंत्रिमंडल में किसी भी मंत्री को बर्खास्त अगर करना चाहे, तो उसके लिए देश के राष्ट्रपति को सुझाव दे सकते हैं.
- अगर प्रधानमंत्री चाहे तो लोकसभा भंग करके फिर से चुनाव करवाने की सलाह भी राष्ट्रपति को दे सकते हैं.
- भारत सरकार के मुखिया होते हैं.
- देश में जो भी सत्ता दल होता है उसका अध्यक्ष होते हैं.
- अगर कभी कोई प्राइम मिनिस्टर अपने पोस्ट से त्यागपत्र दे देते हैं, तो उनके द्वारा बनाया गया जो भी मंत्रिपरिषद होता है वह खत्म हो जाता है. या कभी दुर्घटनावस या किसी भी तरह से प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए मृत्यु हो जाती है, तो भी मंत्री परिषद भंग कर दिया जाता है. क्योंकि प्रधानमंत्री मंत्री परिषद के अध्यक्ष होते हैं और उन्हीं के द्वारा हर एक मंत्रियों का नियुक्ति होता है.
- कभी-कभी जनता के हित के लिए या किसी भी क्षेत्र में जो बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती है वह प्रधानमंत्री के द्वारा ही होती है.
- विदेश में भारत के राजदूत नियुक्त कर दिए जाते हैं उनका नियुक्ति प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाता है.
- हमारे देश में 3 सेना है, नेवी, आर्मी और मिलिट्री इन तीनों सेना के सेनापति का नियुक्ति हर एक आयोग के अध्यक्ष और सदस्य आदि की नियुक्ति पीएम के द्वारा किए गए अनुशंसा पर ही की जाती है.
- राष्ट्र में हर तरह के नीति का निर्धारण करना और विभागों के मतभेद को सुलझाना.
- राज्यों में ऊंचे ऊंचे पद पर पदाधिकारियों के पद की नियूक्ति करने के लिए पीएम से ही सलाह या सुझाव लेना पड़ता है. जैसे कि राज्य के राज्यपाल, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, राजदूत आदि.
- देश की हर एक वाह्य नीतियों और आंतरिक नीतियों को निर्धारण करना.
- एक प्रधानमंत्री को सरकार के प्रमुख वक्ता के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि जब संसद में किसी भी बात पर चर्चा होती है तो हर एक बातों का महत्वपूर्ण प्रश्नों का आंसर सरकार के तरफ से प्राइम मिनिस्टर ही देते हैं.
- लोकसभा में शासन कि जो भी प्रमुख नीति और कार्य होते हैं उसका घोषणा करना.
- प्रशासन और विधान से रिलेटेड जो भी बात या सूचना होती है, उसको प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को देते हैं. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 78 में लिखा गया है.
भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए योग्यता
- भारत का नागरिक होना चाहिए.
- अगर लोकसभा के सदस्य हैं तो कम से कम 25 साल और अगर राज्यसभा के सदस्य हैं तो कम से कम 30 वर्ष की आयु सीमा होनी चाहिए.
- लोकसभा या राज्यसभा किसी एक की सदस्यता होनी जरूरी है.
- लोकसभा में ज्यादा बहुमत का समर्थन होना आवश्यक है.
- किसी निजी संस्थान का सदस्य न हों.अगर निजी संस्थान के सदस्य हैं तो प्रधानमंत्री के लिए शपथ ग्रहण करने से पहले निजी संस्थान का सदस्य पद छोड़ना आवश्यक हैं.
- कभी-कभी किसी कारणवश राज्यसभा के भी सदस्य रहने पर प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव किया जा सकता है.
- क्योंकि 1967 में श्रीमती इंदिरा गांधी को राज्यसभा की सदस्या होने पर ही पीएम पद के लिए नियुक्त किया गया था.
FAQ
सबसे कम अवधि पर रहने वाले प्रधानमंत्री कौन थे.
गुलजारीलाल नंदा एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने सबसे कम अवधि तक अपने कार्यकाल को संभाला था. वह सिर्फ 13 दिनों के लिए 27 मई 1964 से लेकर 9 जून 1964 तक प्रधानमंत्री बने थे.
सबसे ज्यादा दिनों तक रहने वाले प्रधानमंत्री.
पंडित जवाहरलाल नेहरु सबसे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे. उन्होंने 16 साल 286 दिनों तक प्रधानमंत्री के पद पर अपना कार्यभार संभाला था.
भारत के ऐसे प्रधानमंत्री जिनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा.
भारत में 1947 के बाद पांच ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिनका कार्यकाल सबसे ज्यादा लंबा रहा. उनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, डॉक्टर मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेई और श्री नरेंद्र मोदी है.
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थी.
श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी.
सारांश
जिस तरह सभी मंत्री, विधायक, सांसद संविधान के अनुसार ही अपना कार्य करते हैं. उसी तरह प्रधानमंत्री भी भारत के बनाए गए संविधान के नियम और कानून के आधार पर ही अपना हर कार्य करते हैं.
उन्हें भी हर तरह के विधानमंडल और यूनियन कैबिनेट की हर तरह की बातों को माननी पड़ती है. इस लेख में 1947 से लेकर वर्तमान समय तक जितने भी लोगों ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, उन प्रधानमंत्री की सुची दी गई है. इस लेख से संबंधित और भी कोई जानकारी अगर प्राप्त करनी है, तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं.
प्रियंका तिवारी ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्द हैंं। कृपया अपना स्नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।