झारखंड भारत का ही एक समृद्ध और खनिज से भरा हुआ राज्य है. लेकिन झारखंड के बारे में कई ऐसी बातें हैं. जोकि सबको पता नहीं है. जिसकी जानकारी हम अपने इस लेख में देंगे. झारखंड की पहचान जंगलों, खनिजो, कोयला आदि से है. यह राज्य पहले बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था. लेकिन 2000 में यह बिहार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बन गया. हम लोग इस लेख में झारखंड राज्य के गठन से लेकर विधानसभा, विधान परिषद, अनुमंडल, पंचायत, प्रखंड, नगर परिषद, हवाई अड्डे सभी छोटी से छोटी जानकारी को प्राप्त करेंगे.
जब बात झारखंड की आती है, तो सबसे पहले वहां आदिवासी समाज द्वारा आजादी के लिए लड़ी गई युद्ध को भी जरूर याद किया जाता है. 19वीं सदी में अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी समाज के जमीन, जीवन और उनके जीविका को बचाने के लिए लड़ा गया था. जिसमें आदिवासियों के नायक बिरसा मुंडा थे. जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई वर्षों तक लड़ाई लड़ी. अंत में अंग्रेजों ने उन्हें जेल में बंद कर दिया. जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई. जिससे झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजा करते हैं.
झारखंड का मतलब क्या हैं
झार का मतलब जंगल और खंड का मतलब भूमि होता है. इस राज्य के नाम का शाब्दिक अर्थ वनों का भूमि या जंगलों का भूमि है. झारखंड चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है. साथ ही यहां पर कई अनमोल खनिज पदार्थ भी उपलब्ध होती है. जैसे कोयला, आयरन, कॉपर, इस्पात, बॉक्साइट इत्यादि जो कि भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी निर्यात होता है. यहां पर मुख्य रूप से आदिवासी समाज ही रहते हैं.
जिनका जीविका मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर है. लेकिन यह राज्य दिन पर दिन बहुत ही अत्यधिक प्रगति के पथ पर आगे चल रहा है. वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन हैं. पहले की अपेक्षा अब आदिवासी समाज के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक भी किया जाने लगा. ताकि लोगों में साक्षरता बढ़े. यह राज्य चारों तरफ से कई बड़े-बड़े राज्यों से घिरा हुआ है. जैसे बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा आदि. झारखंड की राजधानी रांची और उप राजधानी दुमका में स्थित है.
प्राकृतिक धरोहर भी यहां पर बहुत ही ज्यादा मौजूद है. जहां पर लोग अपने प्राकृतिक को नजदीक से एहसास करते हैं. यहां कई पर्यटन दार्शनिक और धार्मिक स्थल है. जहां दर्शन करने दूर-दूर से लोग जाते हैं. भारत के पूर्वी और बिहार के दक्षिणी हिस्से में यह राज्य बसा है.
झारखंड का गठन कब हुआ
15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य को बिहार से अलग करके गठित किया गया. वैसे तो इस राज्य को अलग करने के लिए कई दशकों से वहां आदिवासी समाज आंदोलन करते रहे. जिसे बिहार के दक्षिण हिस्से से जंगल और पत्थर को सम्मिलित करके एक झारखंड राज्य बनाया गया. ऐसा माना जाता है कि अंग्रेजों से भारत को आजादी मिलने के बाद भी यहां जो आदिवासी समुदाय थे. उनको आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा था. इसीलिए वे लोग अपने लिए एक स्वतंत्र राज्य की मांग करते रहे थे.
वैसे तो यह आंदोलन भारत स्वतंत्र होने से पहले से ही हो रही थी. लेकिन आजादी मिलने के बाद उनकी मांग और भी ज्यादा बढ़ गई. इसीलिए 2000 में उनकी मांगों को औपचारिक रूप से पूरी कर दी गई. इसके बाद झारखंड भारत के 28 वें राज्य के रूप में स्थापित किया गया. इसके बाद से यहां लोग अपने प्राकृतिक संपदा, जंगल और खनिज अभ्रक, कॉपर, कोयला, आयरन, बॉक्साइट आदि को सुरक्षित रखने में कार्यरत हो गए.
वैसे तो अब इस राज्य में शिक्षा व्यापार हर चीज का विकास हो रहा है. लेकिन यहां आज भी नक्सलियों का प्रभाव है. जिससे यहां युवा वर्ग और लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल है. लेकिन पहले के अपेक्षा नक्सलवाद यहां से बहुत ही ज्यादा खत्म कर दिया गया है. आज क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का 15वां राज्य और जनसंख्या की दृष्टि से 14वां राज्य माना जाता है. यहां का हिंदी आधिकारिक भाषा है.
झारखंड के मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री | कार्यकाल | पार्टी |
बाबूलाल मरांडी | 15 नवंबर 2000 से 18 मार्च 2003 | भाजपा |
अर्जुन मुंडा | 18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005 | भाजपा |
शिबू सोरेन | 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 | JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा |
अर्जुन मुंडा | 12 मार्च 2005 से 18 सितंबर 2006 | भाजपा |
मधु कोड़ा | 18 सितंबर 2006 से 28 अगस्त 2008 | निर्दलीय |
शिबू सोरेन | 28 मार्च 2008 से 18 जनवरी 2009 | JMM |
राष्ट्रपति शासन लागू | 19 जनवरी 2009 से 29 दिसंबर 2009 | |
शिबू सोरेन | 30 दिसंबर 2009 से 31 में 2010 | JMM |
राष्ट्रपति शासन लागू | 1 जून 2010 से 10 सितंबर 2010 | |
अर्जुन मुंडा | 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 | भाजपा |
राष्ट्रपति शासन लागू | 18 जनवरी 2023 से 13 जुलाई 2013 | |
हेमंत सोरेन | 13 जुलाई 2013 से 30 जुलाई 2014 | JMM |
रघुवर दास | 18 दिसंबर 2014 से 28 दिसंबर 2019 | भाजपा |
हेमंत सोरेन | 29 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2024 | JMM |
चंपई सोरेन | 2 फरवरी 2024 से वर्तमान तक | JMM |
झारखंड में विधानसभा सीट
15 नवंबर 2000 को बिहार राज्य के दक्षिणी हिस्से को अलग करके झारखंड राज्य बनाया गया. इसके कुछ दिनों बाद 20 नवंबर 2000 को विधानसभा को स्थापित किया गया. जो कि यहां की राजधानी रांची में कुटे गांव में स्थित है.यहां सभी विधानसभा सीट 82 हैं। जिसमें 1 मनोनित और सभी निर्वाचित हैं।
ईचागढ़ | कांके | कोडरमा | कोलेबिरा | खूंटी | खरसावां | खिजरी |
गढ़वा | गुमला | गाण्डे | गिरिडीह | गुड्डा | गोमिया | घाटशिला |
चक्रधरपुर | चतरा | चंदनकियारी | चाईबासा | छतरपुर | जगन्नाथपुर | जुगसलाई |
जमुआ | जमशेदपुर पश्चिम | जमशेदपुर पूर्व | जरमुंडी | जामताड़ा | झरिया | जमा |
टुंडी | धनवार | बहरागोड़ा | बरकठा | महेशपुर | लोहरदगा | सिसई |
डुमरी | नाला | बाघमारा | बेरमो | मांडू | सिली | हजारीबाग |
डाल्टनगंज | निरसा | बिशनपुर | बारहैट | मांडर | सिमरिया | हटिया |
तमाड़ | पाकुड़ | बिश्रामपुर | मझगांव | रांची | सिमडेगा | हुसैनाबाद |
तोरपा | पांकी | बोकारो | मधुपुर | राजमहल | सिंदरी | मनोनीत |
दुमका | पोटका | बोरिया | मनिका | रामगढ़ | सारठ | |
देवघर | भवनाथपुर | बगोदर | मनोहरपुर | लातेहार | सरायकेला | |
धनबाद | पोड़ैयाहाट | बड़का गांव | महागामा | लिट्टीपाड़ा | शिकारीपाड़ा |
झारखंड के लोकसभा सीट
यहां सभी 14 लोकसभा सीट है.
- जमशेदपुर
- सिंहभूम
- रांची
- खूंटी
- चतरा
- गिरिडीह
- दुमका
- गोड्डा
- राजमहल
- धनबाद
- कोडरमा
- हजारीबाग
- लोहरदगा
- पलामू
झारखंड में कितनी नदियां बहती है
यहां पर कई मुख्य रूप से नदियां बहती है. लेकिन यहां की सबसे प्रमुख नदी दामोदर नदी है. जिस पर दामोदर घाटी परियोजना का स्थापना भी किया गया. यहां सिंचाई के लिए मुख्य रूप से नदियों का उपयोग होता है. साथ ही बिजली उत्पादन करने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है. जिस पर कई बांधों का निर्माण किया गया है. यह सभी नदियां यहां पर सौंदर्यता और प्रकृति को और भी बेहतर स्वरूप देती है. जो कि वहां के आदिवासी समुदाय के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी है. क्योंकि वहां अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में इन नदियों का सबसे बड़ा योगदान है.
- स्वर्ण रेखा
- दामोदर
- उत्तर कोयल
- दक्षिण कोयल
- गंगा
- शंख नदी
- बराकर नदी
- मयूराक्षी
- दक्षिण कारो
- फल्गु
- खरकाई
- औरंगा
- अमरनाथ
- उत्तरी कारो
- बंसलोई
- पुनपुन
- सन बोकारो
- अजय
- कनहर
- कोईना
- लीलाजन
- सकरी
- कोनार
- जमुनिया
- देव नदी
- बक्रेश्वर
- चंदन
- ब्राह्मणी नदी
- हिंग्लो
- द्वारका
- किऊल
- मोहना
- कंसावती
- बैतरणी
- महानदी
प्रमुख उद्योग
यहां पर कई कई प्रमुख उद्योग हैं. जिसके करण इसका भारत या पूरे विश्व में पहचान हैं. क्योंकि यहां पर खनिज, कोयला, लोहा, इस्पात, बॉक्साइट, कॉपर, चूना, पत्थर, चीनी मिट्टी, चिकनी मिट्टी, ग्रेफाइट, साबुन पत्थर, बिलोरी, रेत सिलिका, बालू, डोलोमाइट आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं. जिसके द्वारा पूरे विश्व में खनिज और कोयला का भंडारण करने वाला यह राज्य लगभग 40% और 29 परसेंट माना जाता है.
वैसे यहां की आबादी कृषि पर निर्भर है. इसके साथ ही कई अनेक उद्योग किए जाते हैं. जैसे कि खाद्य और पेय पदार्थ बनाना, मोटर वाहन, सीमेंट बनाना, इंजीनियरिंग, रसायन काम, हथकरघा का काम आदि इसके लिए कई बड़े-बड़े औद्योगिक कंपनियां हैं. जिसमें सबसे बड़े टाटा कंपनी का नाम विश्व में प्रचलित हैं. क्योंकि रतन जी टाटा बड़े उद्योगपति के रूप में जाने जाते हैं. जिनकी कई अलग-अलग कंपनियां झारखंड सहित अनेक राज्यों में स्थापित हैं. जिसके द्वारा कई लोगों को रोजगार मिलता है.
- टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी
- भारत कोकिंग लिमिटेड
- टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी
- टीम कैन इंडिया लिमिटेड
- इंडियन अल्युमिनियम
- खिलाड़ी सीमेंट फैक्ट्री
- इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड
- हिंडालको बॉक्साइट
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड
- एसीसी सीमेंट
- उषा मार्टिन
- उषा बेल्ट्रॉन यूरेनियम कारपोरेशन लिमिटेड
- तीन प्लेट कंपनी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- सेंट्रल कोलफील्ड्ज लिमिटेड
झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल
भारत में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देवघर हैं. जहां पर भगवान शिव के स्वरूप 12 ज्योतिर्लिंगों में आने वाला बैजनाथ धाम है. जहां हर साल लाखों करोड़ों लोग सावन महीने में जाते हैं. ऐसे ही झारखंड में कई मनमोहक और पर्यटन स्थल है. क्योंकि यह राज्य अपने पर्यटन स्थल प्राकृतिक स्वरूप सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से महत्व रखता है. यहां कई नदियां, पठार, घाटी स्थित है. जिसके द्वारा इस राज्य की छटा अलग ही बिखरती हैं.
धार्मिक स्थल में प्रमुख बैद्यनाथ धाम, बासुकिनाथ मंदिर, रजरप्पा छीनमस्तिका मंदिर, सूर्य मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, पहाड़ी मंदिर आदि हैं.
कई पार्क और उद्यान हैं. जिसमें अन्य वन्य जीव और प्राणियों को आश्रय मिलता है. जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. जैसे की बेतला अभ्यारण, बिरसा जैविक उद्यान, संजय गांधी जैविक उद्यान, नेतरहाट का पहाड़ और सनसेट प्वाइंट, दलमा वन जीव अभ्यारण.
कई दर्शनीय स्थल हैं. जहां राजा महाराजाओं के किले, हवेली, अंग्रेजों के कॉटेज भी मौजूद हैं.
टैगोर हिल, नक्षत्र वन, रातू का किला, जुबली पार्क, झारखंड वॉर मेमोरियल, पतरातु वैली
राजकीय प्रतीक
- राजकीय वृक्ष – साल
- राजकीय पशु – हाथी
- राजकीय फूल – पलाश
- राजकीय पक्षी – कोयल
- जनजातीय पर्व – सरहुल संथाल जाति का मुख्य लोक कला – जादोपटिया
- राजकीय सब्जी – रूगरा
- राजकीय फल – कटहल
झारखंड के प्रमुख भाषा और भोजन
जिस तरह बिहार में चावल रोटी एक मुख्य खाना हैं. इस तरह यह भी बिहार का ही हिस्सा रहा हैं. इसलिए यहां भी चावल दाल और सब्जी ही मुख्य रूप से खाया जाता हैं. लेकिन इसके अलावा कई भोजन यहां प्रसिद्ध है. जिसको खासकर आदिवासी समुदाय द्वारा बनाया जाता है.
- लिट्टी चोखा
- चिल्का रोटी
- ढुस्का और छोला
- पिठा
- हंडिया
- रुगरा
- आलू चोखा
- ठेकुआ
- दिल बर्फी
- मालपुआ
- अरसा रोटी
- कोहीनूर
- साग बरआ
भाषा
यह मुख्य रूप से हिंदी आधिकारिक भाषा आर दूसरा आधिकारिक भाषा उर्दू हैं. लेकिन इसके अलावा भी आदिवासियों का अपना एक अलग-अलग भाषा हैं. जैसे कि
- नागपुरिया
- संथाली
- खोरठा
- पांच परगणिया
- बांग्ला
- मुंदरी
- कुडुख हो.
भौगोलिक स्थिति
प्रमुख रूप से यहां के जिले, प्रमंडल, अनुमंडल, प्रखंड, पंचायत, गांव, नगर निगम, नगर पंचायत, नगर परिषद की सूची नीचे हम देंगे. जिससे झारखंड की भौगोलिक स्थिति का अच्छे तरीके से अनुमान लगा सकते हैं.
- जिला – 24
- प्रमंडल – 5
- अनुमंडल – 23
- प्रखंड – 260
- जिला परिषद – 24
- पंचायत – 4423
- नगर निगम – 5
- नगर पालिका परिषद – 20
प्रमुख विश्वविद्यालय
आज के समय में भारत के हर राज्य में शिक्षा को लेकर राज्य सरकार बहुत ही तत्पर हैं. पहले के अपेक्षा अत्यधिक साक्षरता पर ध्यान भी दिया गया. लेकिन झारखंड राज्य में आज भी शिक्षा का स्तर बहुत ही कम है. लेकिन यहां के सरकार आदिवासी समाज के लोगों के बच्चों को साक्षर करने के लिए हर तरह से कार्यरत होने लगे हैं. यहां सबसे शिक्षित जिला जमशेदपुर हैं. कई मुख्य विश्वविद्यालय में उच्च स्तर की पढ़ाई होती हैं.
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची
- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची
- विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद
- रांची विश्वविद्यालय रांची
- सिद्धू कानू विश्वविद्यालय दुमका
- भारतीय खनि विद्यापीठ विश्वविद्यालय धनबाद
- नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय मेदिनीनगर
- कोल्हन विश्वविद्यालय चाईबासा
- अलका जैन विश्वविद्यालय जमशेदपुर
- कैंब्रिज इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- आईआईएम रांची
- बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मेसरा
- जबल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल सर्विस रांची
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यह कई बड़े-बड़े राज्यों से घिरा हुआ है. इसके आसपास बड़े-बड़े राज्यों की सीमाएं लगती है. पूर्व दिशा की ओर पश्चिम बंगाल, पश्चिम के तरफ उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ है. उत्तर की सीमा बिहार राज्य और दक्षिण क्षेत्र में उड़ीसा राज्य की सीमाएं लगती है. यह राज्य की चारों तरफ से छोटा नागपुर पठार से घिरा हुआ है. इसीलिए इसको पठार प्रदेश नाम से भी जाना जाता है. इसका उत्तर से दक्षिण लंबाई 380 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम के चौड़ाई 463 किलोमीटर है.
प्रियंका तिवारी इस ब्लॉग वेबसाइट के Owner एवं Author भी हैं। प्रियंका तिवारी पटना बिहार की रहने वाली हैं। प्रियंका तिवारी ने हिन्दी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री, वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा, भोजपुर, बिहार, भारत से प्राप्त की हैं। जो निरंतर इस ब्लॉग वेबसाइट पर पोस्ट पब्लिश करती हैं।