बीकॉम क्या होता है

बीकॉम क्या होता है? वैसे छात्र जो 10वीं या 12वीं पास कर चुके हैं. उन लोगों को सबसे पहले स्नातक स्तर के कुछ कोर्स को जानना चाहिए. बीकॉम एक प्रकार का स्नातक स्तर का कोर्स है. जिसका फुल फॉर्म बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है. जब कोई छात्र दसवीं पास कर लेता है. उसके बाद उसको सबसे पहले यह चयन करना होता है कि आगे हमें अब किस विषय में पढ़ाई करना है. जिसके बाद वह 12वीं क्लास में ही साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स स्ट्रीम का चयन करता है. 

जो छात्र 12वीं में कॉमर्स से पढ़ाई करते हैं. वैसे छात्र ही ग्रेजुएशन में कॉमर्स स्‍ट्रीम के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं. उन छात्रों के लिए आज हम बीकॉम की कंपलीट इनफॉर्मेशन लेकर आए हैं. जिसमें बीकॉम करने के लिए योग्यता, प्रकार, एडमिशन प्रक्रिया, कोर्स की समय अवधि, फायदे, कॉलेज इत्यादि की इनफार्मेशन विस्तार से बताएंगे.

बीकॉम क्या होता है

यह ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है. जिसमें फाइनेंशियल, कमर्शियल शिक्षा दी जाती है. वैसे छात्र जो बैंक या फिर किसी भी कंपनी के अकाउंट फाइनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं. वह सभी छात्र कमर्शियल बैकग्राउंड से होते हैं. वैसे कॉमर्स स्ट्रीम में अलग-अलग कोर्सों में अलग-अलग प्रकार की शिक्षा दी जाती है. 

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लेकिन कॉमर्स क्षेत्र में सबसे बेसिक शिक्षा 12वीं क्लास से शुरू होता है. जिसके बाद ग्रेजुएशन स्तर पर बीकॉम कोर्स किया जाता है. लेकिन कुछ वैसे भी छात्र होते हैं. जो 12वीं कॉमर्स के बाद सीएस की कोर्स करते हैं. यदि आपको किसी भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट में अपना भविष्य आगे बढ़ाना चाहते हैं. तब आपको फाइनेंशियल सेक्टर का सबसे बेहतर कोर्स बीकॉम का चयन करना चाहिए.

बीकॉम के लिए योग्यता

किसी भी कॉलेज, यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लेने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कॉमर्स से पास करना पड़ता है. इसके बाद ही बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. कोई भी छात्र जो आईकॉम कंप्लीट कर चुके हैं. वे लोग बीकॉम के लिए एलिजिबल होते हैं.

वैसे सामान्य तौर पर अलग-अलग कॉलेज या यूनिवर्सिटी का कुछ अलग रूल होता है. जैसे कुछ ऐसे कॉलेज हैं. जहां पर आपको एडमिशन लेने के लिए 12वीं में कम से कम 50% से अधिक मार्क्स लाना पड़ेगा. तभी आप उन चुनिंदा कॉलेज में एडमिशन ले पाएंगे.

बीकॉम क्यों करना चाहिए

प्राइवेट या सरकारी कोई भी संस्थान हो. वहां पर पैसों की लेन-देन होती है. इसके हिसाब किताब को करने के लिए एक फाइनेंशियल मैनेजर की आवश्यकता होती है. जैसे उसमें छोटे लेवल से लेकर बड़े लेवल तक का फाइनेंशियल एडवाइजर होते हैं.

वहां पर उन संस्थानाें में वैसे लोगों को रखा जाता है .जो कमर्शियल अकाउंट या फाइनेंस के एक्सपर्ट होते हैं. यह सभी लोग कॉमर्स की शिक्षा प्राप्त करके ही फाइनेंशियल कामों को देखते हैं. यदि आप बीकॉम करते हैं. तब आपको किसी बैंक या फिर प्राइवेट गवर्नमेंट संस्थान में फाइनेंशियल जॉब प्राप्त आसानी होगा.

बीकॉम में एडमिशन कैसे लें

सबसे पहले कॉमर्स से 12वीं पास करें. उसके बाद अलग-अलग कॉलेज से दाखिला लेने का उनका एलिजिबिलिटी अलग होता है. सबसे पहले आपको किसी एक खास कॉलेज का चयन करना होगा. जिसके बाद उस कॉलेज के वेबसाइट पर जाकर आप एडमिशन की पूरी इनफार्मेशन प्राप्त कर सकते हैं, या फिर आप डायरेक्ट कॉलेज जाकर एडमिशन लेने की पूरी प्रक्रिया को समझ सकते हैं. 

क्योंकि अलग-अलग कॉलेजों में कैटेगरी के हिसाब से उनका एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया भी होता है. जिसमें कुछ कॉलेज मार्क्स के आधार पर नामांकन अपने यहां देते हैं. इसलिए आप हर कॉलेज का एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया पता करें. जिसके लिए आपको उस कॉलेज के साइट या फिर उसका काउंसलिंग करके ही इनफॉर्मेशन को पता करना होगा.

बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स की समय अवधि

ग्रेजुएशन स्तर का यह कोर्स 3 वर्ष का होता है. जिसमें 6 महीने का अवधि पर कुछ कॉलेजों में सेमेस्टर वाइज एग्जाम होता है. जबकि कुछ वैसे कॉलेज हैं. जिनमें 1 वर्ष पर एग्जाम लिया जाता है. जिसमें पार्ट 1, पार्ट 2, पार्ट 3 के हिसाब से कोर्स को विभाजित किया जाता है. हर वर्ष के लास्ट में एग्जाम पास करना पड़ता है. जिसके बाद बीकॉम पार्ट 2 में दाखिला होता है. उसके बाद जब आप पार्ट 2 को कंप्लीट करेंगे तब आपको पार्ट 3 में पढ़ाई करना पड़ता है. 

जिसके बाद आप हर वर्ष के एग्जाम में आए हुए मार्क्स के आधार पर आपको फाइनल 3 वर्ष का जब कोर्स पूरा कर लेंगे. तब उसका मार्कशीट और परसेंटेज ऑफ मार्क्स आपको पता चल पाएगा. जिसके बाद बीकॉम में डिविजन दिया जाता है. जिसमें फर्स्ट, सेकंड, थर्ड इत्यादि का डिग्री मिलेगा.

बीकॉम करने के फायदे

बीकॉम करके आप चार्टर्ड अकाउंटेंट का ट्रेनिंग ले पाएंगे. जिसके बाद आप अपना स्वयं एक ऑफिस भी खोल सकेंगे. जहां पर आप चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम भी कर सकेंगे. या वैसे बड़े-बड़े कंपनी में काम कर पाएंगे. वहां आप फाइनेंशियल एक्सपर्ट के रूप में सेवा दे सकेंगे. जहां पर आप चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम करें. लोगों से अनुभव भी प्राप्त होगा तथा कुछ दिन काम करने के बाद आप अपना भी स्वयं एक कमर्शियल चार्टर्ड अकाउंटेंट का कंपनी खोल पाएंगे. 

जहां पर आप इनकम टैक्स या फिर नए-नए ऑर्गेनाइजेशन खोलने की जानकारी बिजनेस व्यापार को कैसे मैनेज किया जाता हैं. उसके बारे में आप लोगों को इनफार्मेशन दे सकते हैं तथा आप फाइलिंग इनकम टैक्स रिलेटेड इश्यूज को सॉल्व कर सकते हैं. जिसमें आपको अच्छा कमाई होगा.

बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स कॉलेज

वैसे बिहार में भोजपुर जिला में बीकॉम करने के लिए कुछ पॉपुलर कॉलेज हैं. जैसे महाराजा कॉलेज, जैन कॉलेज इत्यादि. बिहार की राजधानी पटना में कॉमर्स के लिए सबसे फेमस कॉमर्स कॉलेज पटना हैं. जहां पर केवल स्पेशली कॉमर्स की पढ़ाई की जाती हैं. वैसे बिहार या फिर अलग-अलग राज्यों में कई बेहतर कॉलेज है. जहां पर बीकॉम कोर्स कराया जाता हैं.

  • क्रिस्ट यूनिवर्सिटी
  • लोयोला कॉलेज
  • एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा
  • हिंदू कॉलेज न्यू दिल्ली
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  • चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 
  • पारुल यूनिवर्सिटी 
  • हिंदू कॉलेज युनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली 
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 
  • जामिया मिलिया इस्लामिया 
  • पटना कॉलेज 
  • मगध महिला कॉलेज 
  • पटना वूमेन’एस कॉलेज

बीकॉम के बाद क्या करें

जिनको अभी पढ़ाई करना है. वे लोग मास्टर ऑफ कॉमर्स का कोर्स कर सकते हैं. या जिनको नौकरी करना होगा, वे लोग बैंक प्राइवेट संस्थान या गवर्नमेंट संस्थान में जो भी वैकेंसी आती हैं. उसके लिए अप्लाई कर सकेंगे. जिसके बाद उनको किसी भी कंपनी में फाइनेंशियल एडवाइजर, एग्जीक्यूटिव अकाउंटेंट इत्यादि की सेवाएं देने का मौका मिल जाएगा. जिससे वह अपना इनकम भी शुरू करेंगे. आपको डिसाइड करना है कि हमें बीकॉम के बाद पढ़ाई करना है या फिर नौकरी प्राप्त करना हैं. उसके आधार पर आप बेहतर फैसला ले पाएंगे.

सारांश

बैचलर लेवल के जितने भी कोर्स हैं. उनमें कॉमर्स या अकाउंट के लिए सबसे बेसिक एवं बेहतर कोर्स बीकॉम है. जिसके बारे में हम यहां पर ऊपर आपको हर एक स्टेप बताने का प्रयास किए हैं. आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई बैचलर ऑफ कॉमर्स की इनफार्मेशन जरूर अच्छा लगा होगा तथा आप इससे अपने करियर के लिए अच्छा निर्णय ले पाएंगे.

सवाल जवाब

Q1. बीकॉम करने से क्या बनते हैं?

Ans. देखिए किसी भी पद पर जाने के लिए केवल कोर्स ही सब कुछ नहीं है. इसके अलावा आपके पास टैलेंट होगा. उसके आधार पर आप कुछ बनते हैं. लेकिन बीकॉम करने के बाद आप किसी भी फाइनेंशियल डिपार्टमेंट में अकाउंट, फाइनेंस से संबंधित कोई भी काम कर पाएंगे.

Q2. बीकॉम कौन सी पढ़ाई है?

Ans. फाइनेंशियल कमर्शियल अकाउंट से संबंधित पढ़ाई होती है.

Q3. बीकॉम की फीस कितनी होती है?

Ans. वैसे आप किसी भी सरकारी कॉलेज से बीकॉम कोर्स करेंगे. तब वहां पर फीस नहीं देना पड़ेगा. केवल नामांकन या फॉर्म भरने के लिए जो भी चार्ज लगेंगे. वही देने पड़ेंगे. लेकिन आप प्राइवेट कॉलेज से बीकॉम करेंगे. तब वहां पर जो भी उस कॉलेज का फीस स्ट्रक्चर होगा उसके आधार पर पैसे देने पड़ेंगे.

Q4. बीकॉम का फुल फॉर्म?

Ans. इसका फुल फॉर्म बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है. जिसे हिंदी में वाणिज्‍य स्‍नातक कहेंगे.

Q5. बीकॉम में कितने विषय होते हैं?

Ans. यह 3 साल का कोर्स होता है. जिसमें 6 सेमेस्टर होते हैं. इसमें सब्जेक्ट बैंकिंग, बिजनेस लाॅ, इंग्लिश, मैथ, अकाउंटिंग, टैक्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रमुख होते हैं.

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