बीएचएमएस कोर्स क्या है, फुल फॉर्म, योग्‍यता व सिलेबस

BHMS kya hai बीएचएमएस क्या है? बीएचएमएस होम्योपैथिक के क्षेत्र में किया जाने वाला एक मेडिकल कोर्स है। अगर होम्योपैथी क्षेत्र में डॉक्टर बनना चाहते हैं तो सबसे पहला मेडिकल कोर्स बीएचएमएस है। जिसको 12वीं पास करने के बाद कर सकते हैं।

होम्योपैथिक इलाज करने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें पेड़ पौधों से प्राप्त होने वाले जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद और होम्योपैथी इलाज करने का बहुत ही पुराना तरीका है। इसमें किसी भी तरह का ऑपरेशन या टांका आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

होम्योपैथी में किसी भी तरह का आंतरिक या बाहरी रोग को सिर्फ जड़ी बूटी के द्वारा बने हुए दवाई से ही ठीक किया जाता है। होम्योपैथिक दवाई के द्वारा किसी भी रोगी को कैसे ठीक किया जाता है यह सभी जानकारी बीएचएमएस कोर्स में दिया जाता है।

होम्योपैथी का शुरुआत लगभग 18वीं सदी से माना जाता है। बीएचएमएस का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी है। बीएचएमएस कोर्स के बारे में पूरी डिटेल इस लेख में जानेंगे।

बीएचएमएस कोर्स क्या है

होम्योपैथी के क्षेत्र में बीएचएमएस एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है। इस कोर्स को 10+2 कंप्लीट करने के बाद कर सकते हैं। लेकिन जो छात्र 12वीं फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से किया हो, वही बीएचएमएस का कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स 5 साल 6 महीने का होता है।

BHMS kya hai

लेकिन इसमें 4 साल 6 महीने में कोर्स कंप्लीट हो जाता है। 1 साल का इंटर्नशिप कराया जाता है। इंटर्नशिप के दौरान रोगी का इलाज करने से लेकर दवाइयों को तैयार करने के लिए प्रैक्टिकली ज्ञान दिया जाता है। बीएचएमएस कोर्स में औषधि प्रणाली के बारे में जानकारी और बुनियादी ज्ञान प्रदान किया जाता है। 

जिसके द्वारा किसी भी तरह के खतरनाक बीमारी को होम्योपैथी के द्वारा ठीक करने में सहायक होता है। होम्योपैथी के द्वारा किसी भी रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है। लेकिन एलोपैथी के मुकाबले होम्योपैथिक दवाई से रोग ज्यादा दिनों में ठीक होता है।

बीएचएमएस कोर्स करने के बाद नाम के आगे डॉक्टर की उपाधि शामिल हो जाती है। इस कोर्स को करने के बाद अपना खुद का क्लीनिक खोल सकते हैं। अगर चाहे तो किसी सरकारी हॉस्पिटल में भी इलाज कर सकते हैं।

बीएचएमएस कोर्स कंप्लीट करके एक होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं और किसी भी तरह के रोग को प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के अंतर्गत उपचार कर सकते हैं। बीएचएमएस कोर्स में छात्रों को थियोरेटिकल पढ़ाई कराया जाता है।

इसके साथ ही उन्हें एक योग्य डॉक्टर बनने के लिए प्रैक्टिकल शिक्षा भी दिया जाता है। ताकि जब वह कोर्स कंप्लीट कर लें, तो एक प्रोफेशनल होम्योपैथिक डॉक्टर बनकर रोगियों का बेहतर इलाज करें।

BHMS Ka Full Foorm

होम्योपैथी का शुरुआत लगभग 18वीं शताब्दी से माना जाता है। ऐसा माना जाता है, कि सबसे पहले इसका शुरुआत जर्मनी देश में हुआ था। भारत में होम्योपैथी की डिग्री प्राप्त करने के लिए सबसे पहला मेडिकल कॉलेज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थापित किया गया था।

तब से लेकर अब तक होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए भी बहुत से छात्र इच्छुक रहते हैं। बीएचएमएस का फुल फॉर्म Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery होता हैं। एलोपैथी के साथ-साथ होम्योपैथी भी एक बहुत ही बेहतर रोग का इलाज करने का प्रक्रिया है।

होम्योपैथी में प्राकृतिक प्रणालियों के अंतर्गत दवाई तैयार किया जाता है। इसमें पेड़, पौधे, खनिज, पशु स्रोत, जड़ी-बूटी और प्राकृतिक पदार्थ का प्रयोग करके हर रोग के इलाज के लिए दवाई तैयार किया जाता है।

बीएचएमएस कोर्स के लिए योग्यता

  • इस कोर्स को करने के लिए सबसे पहले किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से 12वीं पास करना जरूरी होता हैं।
  • 12वीं में पीसीबी यानी कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट होना आवश्यक होता है।
  • 12वीं में कम से कम 50 परसेंट मार्क्स आवश्यक है। तभी बीएचएमएस कोर्स में एडमिशन प्राप्त करने के योग्य होते हैं।
  • इस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्र सीमा कम से कम 17 साल आवश्यक होता है।

बीएचएमएस कोर्स कैसे करें

होम्योपैथिक एक ऐसा इलाज प्रक्रिया है, जिसके इलाज के द्वारा कभी भी साइड इफेक्ट होने का खतरा नहीं होता है। किसी भी तरह के खतरनाक बीमारी या पुरानी बीमारी को होम्योपैथी के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

इसीलिए भारत सरकार का जो आयुष मंत्रालय हैं, उनके द्वारा भी यह माना गया है कि होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए बीएचएमएस कोर्स सबसे पहला ग्रेजुएशन डिग्री है।

इस कोर्स को करने के लिए सबसे पहले 12वीं पास करना आवश्यक होता है। उसके बाद कई प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्जाम है उसको पास करना पड़ता है। वैसे तो बीएचएमएस में भी एडमिशन लेने के लिए मेडिकल क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्जाम नीट कंप्लीट करना पड़ता है।

नीट एक नेशनल लेवल का एंट्रेंस एग्जाम है। जिसको पास करने के बाद एमबीबीएस, बीडीएस आदि कोर्स में भी एडमिशन लिया जा सकता है। इसमें एग्जाम ऑफलाइन मोड में ही होता है। एंट्रेंस एग्जाम में अगर पास कर जाते हैं तो आपके नंबर के आधार पर एडमिशन भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज में मिल सकता है।

वैसे एंट्रेंस एग्जाम में कम से कम 50 परसेंट मार्क्स लाना आवश्यक है। तभी इस कोर्स में एडमिशन मिल सकता है। वैसे बीएचएमएस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए कई राज्य स्तर पर भी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाया जाता है। कई ऐसे भी एंट्रेंस एग्जाम है, जोकि ऑनलाइन मोड में भी आयोजित किया जाता है। बीएचएमएस कोर्स के लिए और भी कई एंट्रेंस एग्जाम है।

बीएचएमएस कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम

  • Neet (National eligibility come entrance test)
  • BVP CET
  • EAMCET
  • PU CET
  • IPU CET
  • KEAM

बीएचएमएस कोर्स सब्जेक्ट

यह एक प्राकृतिक प्रणाली पर आधारित चिकित्सा पद्धति है। इसलिए इस कोर्स में अधिकतर वही सब्जेक्ट पढ़ाया जाता है, जोकि होम्योपैथिक से रिलेटेड होता है। इस कोर्स में जड़ी-बूटी, पेड़ पौधे, फूल पत्ती, प्राकृतिक स्रोत आदि के द्वारा इलाज करने के लिए सिखाया जाता है। बीएचएमएस कोर्स में मुख्य सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं।

  • Anatomy
  • Physiology
  • Psychology
  • Embryology
  • Histology
  • Medicine
  • Parasitology
  • Pathology 
  • Bbiochemistry
  • Homeopathi

होम्योपैथिक कोर्स सिलेबस

1st year

1st semester2nd semester
Physiology including biochemistry Histology, anatomy, and  Embryology
homeopathic materia medicaorganon of medicine Principals of homeopathic philosophy and psychology
Homeopathic pharmacy

2nd year

1st semester2nd semester
Obstetrics and gynecology Infant care and Homeo therapeuticsForensic medicine and Toxicology
The practice of Medicine and  Homoeo therapeuticsForensic medicine and toxicology
Surgery Including ENT, Eye, dental and Homeo therapeutics Homeopathic materia medica
Organon of principal and medicine of homeopathic philosophy

3rd year

1st semester2nd semester
Organon of medicineThe practice of Medicine and  Homeo therapeutics
Research ProjectObstetrics and gynecology Infant care and Homeo therapeutics
Homeopathic materia medicaSurgery including ENT ophthalmology and dental and Homeo therapeutics

4th year

1st Semester2nd Semester
Community medicineHomeopathic Meteria Medica
Organon of medicineThe practice of Medicine & Homoeo therapeutics
Reportery

बीएचएमएस कोर्स कॉलेज

  • नेशनल इंस्टीट्यूट आफ होम्योपैथी कोलकाता
  • गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पुणे
  • लोकमान्य होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज पुणे
  • होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मुंबई
  • चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कल्चर मथुरा
  • जीडी मेमोरियल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
  • भारती विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज पुणे
  • केरला यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज त्रिशूर
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंसेज एंड आयुष छत्तीसगढ़ यूनिवर्सिटी रायपुर
  • चंदाबेन मोहनभाई पटेल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मुंबई

बीएचएमएस स्पेशलाइजेशन

BHMS कोर्स में कई स्पेशलाइजेशन होते हैं। इस कोर्स को करने के बाद कुछ खास क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल हो जाती है। जिससे संबंधित है रोगी का इलाज अच्छे तरीके से कर सकते हैं।

  • होम्योपैथिक मनोरोग 
  • होम्योपैथिक बाल रोग 
  • त्वचा विशेषज्ञ 
  • बांझपन विशेषज्ञ 
  • होम्योपैथिक फार्मेसी

बीएचएमएस के बाद क्या करें

इस कोर्स को करने के बाद कोई भी व्यक्ति अपना खुद का क्लीनिक खोल सकता है। क्योंकि बीएचएमएस कोर्स में होम्योपैथिक के द्वारा रोगियों को इलाज करने के हर तरीके सिखाए जाते हैं। बीएचएमएस कोर्स के बाद होम्योपैथिक से जुड़े हर तरह के रोग पर पकड़ मजबूत करने के लिए अनेक प्रकार के जड़ी बूटी से दवाई बना सकते हैं।

वैसे अगर कोई सरकारी मेडिकल हॉस्पिटल में कार्य करना चाहता है, तो बीएचएमएस कोर्स के बाद कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए भारत सरकार के द्वारा अप्लाई करके एक सर्टिफिकेट प्राप्त करना पड़ता है। 

भारत सरकार के पास आवेदन करने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा आयोजित होने वाला एक एग्जाम दिया जाता है। उस एग्जाम को अगर पास कर लेते हैं, तो किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में एक होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

प्राइवेट हॉस्पिटल में भी इलाज कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए भी भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन किया जाता है। आवेदन स्वीकार करने के बाद किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में इलाज कर सकते हैं।

बीएचएमएस कोर्स करने के बाद अन्य और भी कई क्षेत्र हैं जिसमें नौकरी कर सकते हैं। जहां आपके स्पेशलाइजेशन के रिलेटेड ही अच्छे सैलरी पर नौकरी मिल सकता है।

BHMS कोर्स करने के बाद अगर आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो उसके लिए कई पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। जिसको करके होम्योपैथिक के क्षेत्र में और भी ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • एमडी इन होम्योपैथी
  • एमबीए एमएस इन रिलेटेड फील्ड्स
  • एमएससी इन रिलेटेड फील्ड्स
  • डिप्लोमा इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी
  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रो होम्योपैथी

बीएचएमएस के बाद जब क्षेत्र

  • दवा उद्योग
  • सरकारी हॉस्पिटल
  • प्राइवेट हॉस्पिटल
  • खुद का होम्योपैथिक क्लीनिक
  • मेडिकल कॉलेज
  • नर्सिंग होम
  • प्रशिक्षण संस्थान
  • हेल्थ केयर समुदाय
  • अनुसंधान संस्थान
  • औषधालय
  • होम्योपैथिक दवा दुकान

FAQ

Q1. बीएचएमएस क्या है?

होम्योपैथिक के क्षेत्र में एक ग्रेजुएशन डिग्री है। जोकि 5 वर्ष 6 महीना में कंप्लीट किया जाता है।

Q2. बीएचएमएस का फुल फॉर्म?

बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी।

Q3. बीएचएमएस कोर्स कितने साल का होता है?

इस कोर्स को 5 साल 6 महीने में कंप्लीट किया जाता है। जिसमें 4 साल 6 महीने का कोर्स होता है और 1 साल का इंटर्नशिप होता है।

सारांश

होम्योपैथिक एक बहुत ही प्रचलित और बेहतर चिकित्सा पद्धति माना जाता है। जिसके द्वारा किसी भी रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है। होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए बीएचएमएस 12वीं के बाद सबसे पहला ग्रेजुएशन कोर्स होता है। इस लेख में बीएचएमएस कोर्स के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। इस जानकारी से संबंधित अगर कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर पूछें।

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