एजुकेशन क्‍या है

एजुकेशन क्या हैं? शिक्षा एक तरह का विकासशील प्रक्रिया हैं. जैसे कि जिंदगी भर किसी न किसी तरह से विकास करते रहना. चाहे वह स्‍वयं का अपने परिवार,समाज, राष्ट्र का ही क्‍यों न हो. इसलिए एजुकेशन सभी के लिए जरूरी है. यह तो लगभग सभी लोग जानते होंगे. लेकिन इसका डेफिनिशन अगर देना हो तो देने में मुश्किल हो जाएगा. एजुकेशन शब्द का उपयोग बहुत ही महत्‍वपूर्ण हैं.

एजुकेशन का मतलब क्‍या होता हैं

शिक्षा संस्कृत के शिक्ष शब्द से बना है. इसका अर्थ सीखना या सिखाना होता हैं. क्योंकि जब हमें अपने घर, समाज या स्कूल में जो भी सिखाया या बताया जाए उसे हीं शिक्षा कहते है. इसका इंग्लिश Education होगा.

एजुकेशन शब्द लैटिन भाषा का एक शब्द educatum शब्द से बना हैं. जिसका अर्थ शिक्षण कार्य करना होगा. लेकिन कई विद्वान अपने अपने मत के अनुसार कई तरह के एजुकेशन का अर्थ निकालते हैं

जैसे कि किसी का कहना हैं कि educare शब्‍द से एजुकेशन बना हैं. जिसका अर्थ विकसित करना या शिक्षित करना होगा. इसका अर्थ आंतरिक और आगे बढ़ना होता है.

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शिक्षा का अर्थ

इसको इंग्लिश में एजुकेशन कहा जाता हैं जिसका अर्थ प्रशिक्षण देना या शिक्षित करना होता हैं. शिक्षा उसे कहते हैं जो कि हमें कहीं भी किसी से कोई अच्छी या नई नई बातें जानने को मिलती हो.

एजुकेशन का मतलब विद्या होता है. विद्या का अर्थ विद्वान, जानना या जानने वाला होता हैं. जो विद्यालय से प्राप्त होती हैं सिर्फ उसे ही विद्या नहीं कहा जाता है.

ज्ञान तो कहीं, किसीआदमी से या स्थान पर प्राप्त हो सकती है. ज्ञान जिंदगी भर चलने वाली एक तरह की प्रक्रिया हैं. जो कि जन्म लेने के बाद और मृत्यु होने से पहले तक कुछ न कुछ जरूर सीखा जा सकता है. इसका कोई उम्र नहीं होता.

एजुकेशन का परिभाषा 

एजुकेशन का परिभाषा आज तक जितने विद्वान महापुरुष हुए. उन सभी का अलग-अलग मत है. उन सभी के अनुसार इसका परिभाषा अलग-अलग हैं.

  • स्वामी विवेकानंद – मनुष्य की अंतर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा हैं.
  • अरस्तु -जो स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण करता हैं उसे ही शिक्षा कहते हैं.
  • महात्मा गांधी – शिक्षा मनुष्य के शरीर मस्तिष्क व आत्मा का उत्कृष्ट विकास है.
  • प्लेटो – शिक्षा को शारीरिक मानसिक तथा बौधिक विकास की प्रक्रिया बताया है.
  • महान अविष्कारक एडिशन – एजुकेशन को इस तरह से परिभाषित किया हैं कि जैसे संगमरमर के पत्थर का महत्व एक मूर्तिकार समझता हैं उसी तरह शिक्षा का महत्व एक आत्मा के लिए होता हैं.

विद्या का प्रकार या रूप

ज्ञान बच्चा जब पैदा होगा उसके बाद से ही तरह तरह से प्राप्त होने लगेगा. पहले घर पर ज्ञान प्राप्त होगा. समाज से कई तरह की अच्छी और नई बातें सीखने को मिलेगी. बच्चे जब स्‍कूल जाने लगेंगे. तब स्कूल में उन्हें कई तरह से शिक्षित किया जाता हैं. एजुकेशन का कई रूप या प्रकार के होगा.

  • अनौपचारिक
  • औपचारिक
  • सकारात्मक और नकारात्मक
  • व्यक्तिगत एवं सामूहिक
  • प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष

1. अनौपचारिक

बच्चों को अपने माता-पिता,परिवार तथा जिस समाज में वह रहते है. उस समाज से जो विद्या प्राप्त होगा. उसे अनौपचारिक एजुकेशन कहते है. अनौपचारिक ज्ञान हर बच्चा अपनी इच्छा से प्राप्त करते हैं.

क्योंकि इसमें किसी तरह का बाउंडेशन नहीं होता कि तुम्हें यह विद्या प्राप्त करना जरूरी है. अनौपचारिक ज्ञान जरूरी नहीं कि जो बच्चा छोटा होगा, वही प्राप्त कर सकेगा. यह बड़े होकर किसी को अपने समाज, परिवार से हमेशा नई नई बातें सीखने को मिलेगी.

2. औपचारिक

हर बच्चे को जो ज्ञान विद्यालय से प्राप्त होगी. उसे औपचारिक शिक्षा कहते है. क्योंकि यही विद्या बच्चों के लिए बड़े होने पर बहुत ही कारगर और उपयोगी होती है.

इसी एजुकेशन से बच्चे आगे चलकर भविष्य में अनेक समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होते हैं. उनके कौशल में विकास होगा. इसी ज्ञान पर हर बालक का भविष्य अच्छा या बुरा होना निर्भर होगा.

3. सकारात्मक और नकारात्मक

यह एजुकेशन बच्चा अपने अनुभव के आधार पर प्राप्त करते हैं. किसी बच्चे को सही माहौल, सही वातावरण से सकारात्मक शिक्षा प्राप्त होगा. लेकिन माहौल या समाज अच्छा नहीं होगा, तो उसमें उसे नकारात्मक ज्ञान प्राप्त हो पाएगा.

4. व्यक्तिगत एवं सामूहिक

व्यक्तिगत शिक्षा वह हैं जो कि बच्चे को उनकी क्षमता और उनकी आवश्यकता के अनुसार प्राप्त होगा. जब स्कूल, कोचिंग, कॉलेज में जब टीचर पढ़ाते है, तो सभी बच्चों को एक ही ज्ञान देते है. लेकिन कुछ बच्चे उसे सुनेंगेगे तथा कुछ अनसुना कर देंगे. सामूहिक एजुकेशन यानी कि एक साथ शिक्षक कई बच्चों को एक ही चीज एक जगह पर पढ़ाते है.

5. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष

जो विद्या शिक्षक सामने बैठकर बच्चे को देंगे, उसे प्रत्यक्षण शिक्षा कहा जाता हैं. जिसमें शिक्षक तथा छात्र आमने-सामने बैठकर विद्या या पढ़ाई अपनी योजना के अनुसार ग्रहण करते है.

जो कि किसी समाज, वातावरण, पर्यावरण में बच्चे रहकर ग्रहण करेंगे, उसे अप्रत्यक्ष विद्या कहते है. क्योंकि उसमें कोई बैठ कर सामने से कुछ नहीं बताता.

एजुकेशन का महत्व

एजुकेटेड व्‍यक्ति को हर समाज में सम्मान दिया जाता हैं. एक शिक्षित मनुष्‍य समाज को भी सभ्य और आदर्शवादी बना सकेंगे.

पढ़ा-लिखा एजुकेटेड व्यक्ति स्‍वयं को और अपने परिवार, जिस समाज में रहता हैं. उसका विकास सही तरीके से करता हैं. सही कार्य करता हैं. अपना पहचान लोगों में एक अलग तरह का बना लेता हैं.

1. सकारात्मक सोच का विकास

हम सभी के लिए पढ़ाई एक उज्जवल भविष्य बनाने का माध्यम हैं. एक उपकरण हैं. जिसके पास ज्ञान हैं उस मानव के अंदर अच्छाई की भावना विकसित होने लगेगी.

किसी बात को सकारात्मक तरीके से सोचने समझने की शक्ति होगी. परिवारिक, सामाजिक आदि हर पहलुओं को देखने के लिए उस व्यक्ति के अंदर सकारात्मकता होगी. वह बात को नकारात्मक विचार धारा के तरफ नहीं सोचेंगे.

2. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए

जो मानव मध्यम वर्ग या गरीब परिवार से होते है. उनके लिए विद्या बहुत महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि उनके लिए विद्या बहुत ही कठिन होती हैं.

किसी चीज को खरीदने के लिए उनके पास पैसों की कमी होती है. जिनके पास पैसे होते है. उनको एजुकेशन ग्रहण करने में कोई परेशानी नहीं होती.

मिडिल क्‍लास के घर में अगर एक भी बच्चा अच्छे से पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी कर लेता है. वह अपने परिवार के लिए एक आधार स्तंभ हो जाता हैं. अपने फैमिली के भविष्य को आगे बढ़ाने में सहयोगी होता है.

एजुकेशन का उपयोग

जिस व्यक्ति के पास ज्ञान व विद्या नहीं उसका जीवन एक पशु और पक्षी की तरह हैं. क्योंकि जिसके पास विद्या हैं. वह अपने साथ-साथ अन्य लोगों का भी विकास करेंगे. उसका अपना जीवन सुखमय बना रहता हैं. क्योंकि पैसा तो कोई किसी भी तरह कमा लेंगे.

लेकिन जो पढ़े लिखे मनुष्‍य होंगे, वह सही तरीके से पैसा कमाएंगे. जो पढ़ा लिखा नहीं होगा, वह शरीर से मेहनत करके या कोई गलत काम करके पैसा इकट्ठा करता हैं.

1. संस्‍कार बढ़ेगा

जिसके पास एजुकेशन हैं. वह मनुष्‍यअगर किसी कार्य को करेगा, तो वह पूरे तौर तरीके से सोच समझकर करेगा. जो व्यक्ति शिक्षित रहता हैं. उसे भली-भांति किसी कार्य के लिए सोचने समझने की शक्ति रहेगी. अगर वह किसी कार्य को करेगा तो उसमें वह संस्कार, सभ्यता, संस्कृति आदि को देखते हुए उसी के अनुरूप कार्य करेगा.

जिस व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं होता, उसे का बाहरी ज्ञान नहीं रहता है. वह व्यक्ति अगर कोई कार्य करेगा भी तो उसके बारे में पूरी तरह से सोचने समझने की शक्ति उसके पास नहीं रहेगी. जिसके पास विद्या है वह मनुष्‍य सभी समस्याओं का सामना आसानी से कर पाता है. स्‍वयं पर आत्मनिर्भर रहता है.

पैरों पर खड़ा होकर अपने आपका तो सहायक होता ही है. साथ ही परिवार समाज का विकास करता है. अपने आप कुछ करके दूसरे को दिखाना है तो उसमें ज्ञान एक बहुत ही बड़ा सहारा होता है.

एजुकेशन  का विशेषता

ज्ञान जिसके पास हैं वह अपने आप के साथ-साथ परिवार, समाज और राष्ट्र का भी विकास करने में योगदान देता हैं. समाज की उन्नति करने में उस व्यक्ति का महत्वपूर्ण भूमिका होता हैं

यह एक विकास करने का प्रक्रिया हैं. जिसके द्वारा मनुष्य किसी क्षेत्र में किसी चीज का विकास कर सकता हैं.

मनुष्‍य को सही राह दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका होता हैं. एजुकेशन के वजह से अपनी समस्या का समाधान करने में सक्षम रहता हैं. अपने जीवन को सही दिशा में लेकर जा सकता है.

1. भविष्य उज्जवल बनाना

एजुकेशन मानव के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण होगा. इंसान का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए अपने जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ज्ञान का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है.

किसी के लिए भी सिर्फ किताबी ज्ञान जरूरी नहीं. बल्कि विद्या ऐसा ग्रहण करना चाहिए. जिससे किसी भी परिवेश, समाज में आसानी से वह व्यक्ति एडजस्ट हो जाए

वहां के हर मनुष्‍य से उसके तौर तरीके से आसानी से परिचित हो जाए. उस माहौल में उसी के अनुरूप ढलकर अपना कार्य करें.

एजुकेशन का उद्देश्य

जो व्यक्ति विद्या प्राप्त करता है. उसका यही उद्देश्य होना चाहिए कि आगे चलकर वह सही राह पर कार्य करें. लोगों की मदद करें. सभ्य समाज बनाने का कार्य करें. वह एक अच्छा व्यक्ति बने ताकि लोग समाज में उसका सम्मान करें.

अपना जीवन यापन तो एक पशु पक्षी भी कर लेते हैं. लेकिन इनका कोई उद्देश्य नहीं होता. लेकिन जो व्यक्ति शिक्षित होते है वह समाज को सही बनाने के तरीके ढूंढते है.

सही तरीके से पैसा कमाने के बारे में सोचते है. एजुकेशन प्राप्त करने का मतलब सिर्फ डिग्री प्राप्त करना नहीं होता. उस डिग्री का सही उपयोग करना चाहिए. अगर कभी इंसान किसी भी तरह के परिस्थिति में हो तो उसका सामना कर सके. किसी भी मनुष्‍य का चरित्र सुंदर और पवित्र तभी हो सकता है जब उसके पास शिक्षा हो.

एजुकेशन क्यों जरूरी है

विद्या सभी के लिए जरूरी हैं. क्योंकि जिसके पास एजुकेशन नहीं उसे अपने घर परिवार या समाज में हेय दृष्टि से देखा जाएगा. उसका कोई सम्मान नहीं करेगा. लेकिन जिसके पास ज्ञान होगा. उसका सम्मान कहीं भी किसी भी समाज में होगा.

वह व्यक्ति अगर कोई जॉब भी करना चाहेगा, तो एक सम्मानित जॉब कर सकेगा. जिसके पास विद्या नहीं, वह किसी भी तरह शरीर से मेहनत करके या कई बार ऐसा होगा कि अनपढ़ लोग किसी भी तरह के गलत काम करके भी पैसा कमा सकेंगे.

1. सामाजिक स्तर में बढ़ावा

सभी के जीवन में विद्या बहुत जरूरी होता है. ताकि वह सामाजिक स्तर को बढ़ा सके. अपने व्यक्तिगत जीवन की उन्नति कर सकें. समाज में किसी भी तरह का परिवर्तन करना हो, लोगों को जागरूक करना हो, तो वहां पर शिक्षित व्यक्ति का जरूरत होता है.

वैसे आजकल किसी भी चीज के बारे में जानकारी लेना, पहले के तुलना में ज्यादा आसान हो गया है. कई आधुनिक शिक्षा प्रणाली लोगों को उपलब्ध हो रहा है. मोबाइल,कंप्यूटर,लैपटॉप से इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे एजुकेशन प्राप्त कर लेते है.

समाजिक मुद्दों को जागरूक बनाने में, पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने में, उसको हल करने के लिए कई तरह के तरीके मोबाइल और लैपटॉप में देख करके सीखा जा सकता है.

2. लोगों से बात करने में आसानी

व्‍यक्ति शिक्षित व्‍यक्ति को किसी से भी बात करने में किसी प्रकार की परेशानी नही होगी. मान लिजिए कि अगर कही गये हों, तो कहीं का एड्रेस पुछना होगा. शिक्षित व्‍यक्ति आसानी से किसी बात करके पता लगा लेंगे. जिसे डिजिटल ज्ञान होगा वह मोबाइल से रास्‍ता पता कर लेगा.

सारांश

विद्या किसी व्यक्ति के लिए एक ऐसा धन है. जिसे कोई छीन नहीं सकता. इसे कोई चुरा नहीं सकता. कहा जाता हैं कि जो व्यक्ति जितना ही ज्ञान बांटते है. उतना ही ज्ञान मिलता है शिक्षा प्राप्त करने से समाज में लोगों को सम्मान मिलता है. किसी भी एजुकेटेड आदमी को गांव में समाज में एक अलग ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

इस लेख में एजुकेशन के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. इससे संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो जरूर पूछें. यह जानकारी कैसा लगा कृपया कमेंट करके जानकारी कैसा लगा कृपया कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्त मित्रों को शेयर जरूर करें.

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