बैचलर डिग्री क्या होती हैं? प्रकार और फायदे पूरी जानकारी 2024

बैचलर डिग्री क्‍या होती हैं? जब कोई स्टूडेंट हाई स्कूल से कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्रवेश करते हैं. उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी से जो डिग्री प्राप्त करेंगे. वह उस कॉलेज यूनिवर्सिटी का पहला कोर्स होगा. उसे बैचलर डिग्री कहा जाता है.

बैचलर डिग्री को इसको ग्रेजुएशन कहा जाता हैं. ट्वेल्थ बाद लगभग सभी स्टूडेंट बैचलर डिग्री जरूर प्राप्त करते हैं. क्योंकि किसी भी तरह का नौकरी करना हो या आगे का कोई भी कोर्स करना हो तो उसके लिए बैचलर कोर्स अनिवार्य है

बैचलर डिग्री क्‍या होती हैं

जब भी कोई स्टूडेंट टेंथ की पढ़ाई पूरी करके ट्वेल्थ की पढ़ाई करते हैं. जब ट्वेल्थ पूरा होगा उसके बाद हाई स्कूल से कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रवेश करते हैं. जब हाई स्कूल से कॉलेज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने जाएंगे, तो उस पढ़ाई को बैचलर डिग्री कहा जाता है.

ट्वेल्थ बाद किसी भी सब्जेक्ट से बैचलर की डिग्री प्राप्त की जाती है. जिसे ग्रेजुएशन भी कहा जाता है ग्रेजुएशन 3 साल या 4 साल का एक कोर्स है.

ग्रेजुएशन को हिंदी में स्नातक कहा जाता है. यह कई सब्जेक्ट से कर पाएंगे. कई प्रकार का होता हैं जैसे की बीए बीएससी बीकॉम बी टेक b.ed आदि लेकिन यह सभी कोर्स का समय अलग अलग होगा.

जब छात्र ग्रेजुएशन का कोर्स प्राप्त कर लेंगे. उन्हें ग्रेजुएट कहा जाता है वह एक समझदार व्यक्ति और एक पढ़े-लिखे होनहार व्यक्ति के रूप में लोग पहचानने लगते हैं.

बैचलर डिग्री के प्रकार

बैचलर डिग्री कई प्रकार का हैं जैसे कि कोई साइंस से ग्रेजुएशन करेंगे उसको बीएससी कहते हैं. जो ग्रेजुएशन आर्ट्स से कंप्लीट करेंगे उसे बीए की डिग्री कहा जाता है.कोई स्टूडेंट कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरा करते हैं उसको बीकॉम नाम से जाना जाता है

1. B.A

B.a. का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ आर्ट्स होता है यह 3 साल का कोर्स होता हैं जो भी छात्र ट्वेल्थ पास करने के बाद आर्ट्स से ग्रेजुएशन करेंगे उसको बीए कोर्स कहते हैं .b.a. में अधिकतर हिस्ट्री, हिंदी, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, लॉजिक आदि सब्जेक्‍ट लिया जाएगा. 

2. B.Sc

जो भी छात्र साइंस स्ट्रीम से अपना बैचलर का डिग्री कंप्लीट करते हैं उसको बीएससी कहा जाता है. बीएससी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ साइंस होता है.इसको विज्ञान में स्‍नातक कहते हैं.

यह 3 वर्ष का कोर्स होता हैं. बीएससी में साइंस सब्जेक्ट बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ आदि सब्जेक्ट जरूरी होता है. जिस छात्रों को आगे चलकर मेडिकल की पढ़ाई करनी होती है वह अधिकतर बायोलॉजी से ही अपना ट्वेल्थ और ग्रेजुएशन पूर्ण करते हैं. 

3. B.Com

बीकॉम भी एक बैचलर डिग्री है जोकि कॉमर्स स्ट्रीम से पूरा किया जाएगा. इस कोर्स का समय अवधि 3 साल होता हैं. बीकॉम में इकोनॉमिक्स, कंप्यूटर, एकाउंटिंग आदि विषय महत्वपूर्ण होते हैं. बीकॉम का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ कॉमर्स होगा.

इसका हिंदी वाणिज्य स्नातक होता हैं. बीकॉम का कोर्स करने के बाद अधिकतर छात्र बैंक जॉब के लिए अप्लाई करते हैं और बैंक की नौकरी के लिए बीकॉम बाद ज्यादातर चांस होता है. 

4. B.Tech

ट्वेल्थ पास करने के बाद अगर किसी छात्र को कंप्यूटर टेक्नोलॉजी से संबंधित बैचलर डिग्री प्राप्त करनी होती है तो उनका पहला चॉइस लगभग बी टेक होता है. बी टेक का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी होता है. यह 4 साल का कोर्स होता है.

इसमें कई कंप्यूटर से संबंधित सब्जेक्ट होते हैं जैसे कि कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग इत्यादि.

वर्तमान समय में सबसे ज्यादा स्‍नातक अगर कोई छात्र प्राप्त करना चाहते हैं तो वह बीटेक. क्योंकि बीटेक करने के बाद जॉब का ऑप्शन ज्यादा है.

हर कंपनी में लगभग कंप्यूटर से ही कार्य हो रहे हैं. इसलिए वह अपने कंपनी में ज्यादातर वैसे ही एंप्लोई को हायर करते हैं जो कि कंप्यूटर से कोर्स किए हुए हों.

5. B.Ed

अगर किसी को एजुकेशन के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना है किसी स्कूल कॉलेज में एक शिक्षक के तौर पर कार्य करने का सपना है तो अधिकतर ट्वेल्थ पास करने के बाद b.ed की डिग्री प्राप्त करेंगे. B.ED का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ एजुकेशन होगा.

जिसे हिंदी में शिक्षा स्‍नातक कहते हैं. यह कोर्स 2 साल का होता है. भारत में कई कॉलेज में बीएड की पढ़ाई होती हैं. b.ed करने के बाद कई तरह का एंट्रेंस एग्जाम होगा. जिसको पास करके किसी भी प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल, हाई स्कूल, कॉलेज आदि में आसानी से नौकरी प्राप्त कर पाएंगे.

6. BBA

बीबीए का फुल फॉर्म बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन होगा. जिसको ट्वेल्थ पास करके किया जाएगा. बीबीए 3 साल का कोर्स होता है इसे हिंदी में व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक कहा जाता है.

अगर किसी को बिजनेस व्यापार की जानकारी प्राप्त करना हो. आगे चलकर अपना कैरियर एक बिजनेस में बढ़ाना हो तो उनके लिए बीबीए का कोर्स अच्‍छा होगा. बीबीए में इकोनॉमिक्स, मार्केटिंग मैनेजमेंट, अकाउंट मैनेजमेंट, फाइनेंसियल मैनेजमेंट आदि सब्जेक्ट महत्वपूर्ण होते हैं.

बीबीए बाद अपना खुद का बिजनेस भी कर पाएंगे या कई क्षेत्र में नौकरी भी किया जा सकेगा. जैसे कि डिजिटल मार्केटिंग, मीडिया, एडवरटाइजिंग, मैन्युफैक्चरिंग आदि.

7. BCA

Bca इंटर पास करने के बाद कर पाएंगे. बीसीए का फुल फॉर्म बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन होगा. जिसे हिंदी में कंप्यूटर अनुप्रयोगों से स्नातक कहा जाता है. बीसीए 3 साल का कोर्स है.

इसमें कंप्यूटर से संबंधित सब्जेक्ट होते हैं जैसे कि कंप्यूटर फंडामेंटल्स, विजुअल, बेसिक, एचटीएमएल, हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग फाइनेंसियल, एकाउंटिंग, सी प्रोग्रामिंग, डेटाबेस मैनेजमेंट आदि.

भारत के कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में बीसीए का पढ़ाई होता है. बीसीए का कोर्स करने के बाद कई तरह की नौकरी प्राप्त कर पाएंगे. जैसे कि सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग या प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर डेवलपर, कंप्यूटर इंजीनियर आदि.

8. BFS

बीएफएस का फुल फॉर्म बैचलर इन फाइन आर्ट्स होता है जिसे हिंदी में कला विषय से जुड़े स्नातक डिग्री कहा जाता है. इस कोर्स का समय अवधि 3 साल या 4 साल होता है. कई लोगों को ड्राइंग पेंटिंग आदि में रुचि होता है.

तरह-तरह का पेंटिंग बनाकर उससे बहुत सारा पैसा भी कमाएंगे. उन्हें अपने कला को और निखारने के लिए और अच्छे से पेंटिंग ड्राइंग करने के लिए बीएफएस कोर्स बहुत ही उपयोगी होगा. इसमें कला से जुड़े हर तरह की जानकारी दिया जाता है जैसे की ड्राइंग, फोटोग्राफी, एनिमेशन, लिटरेचर आदि.

9. B.Sc(IT)

बीएससीआईटी ट्वेल्थ बाद एक ग्रेजुएशन कोर्स है जिसका समय अवधि 3 साल का होता है बीएससी आईटी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ साइंस इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी होता है. इस कोर्स को करने के बाद इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, प्रोसेसिंग, डाटा मैनेजमेंट, स्टोरेज, सिक्योरिटी की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है.

बैचलर डिग्री क्यों जरूरी है

आज हर नौकरी में कंपटीशन बढ़ गया है अगर कोई टेंथ या ट्वेल्थ पास करने के बाद नौकरी करना चाहेंगे. किसी अच्छे क्षेत्र में जाना चाहेंगे तो उसे अच्छी नौकरी नहीं मिल पाएगी. बैचलर डिग्री बहुत जरूरी हो गया है. इसके बाद कई क्षेत्र में जॉब अपॉर्चुनिटी हैं.

अगर कोई प्राइवेट नौकरी करना चाहे या कोई सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करना चाहे तो कर पाएंगे.

किसी भी सरकारी नौकरी बिना ग्रेजुएशन प्राप्त किए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. ग्रेजुएशन करने के बाद एक व्यक्ति एजुकेटेड माना जाता है उसे एक समझदार एक होनहार व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा.

बैचलर डिग्री के फायदे

  • किसी भी मास्टर डिग्री को प्राप्त करने के लिए ग्रेजुएशन करना जरूरी है तभी आगे चलकर कोई अच्छा कोर्स प्राप्त कर पाएंगे. अच्छे से अच्छे कंपनी में कार्य कर सकेंगे.
  • ग्रेजुएशन बाद कई तरह के नौकरी का अवसर प्राप्त होता हैं किसी भी प्राइवेट कंपनी में या किसी भी सरकारी नौकरी को करने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करना सबसे जरूरी है. जब कोई बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद किसी भी क्षेत्र में नौकरी करते हैं तो उन्हें अच्छा पोस्ट के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी प्राप्त होगी.
  • स्नातक करने के बाद कई सरकारी नौकरी जैसे कि यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, आईएएस, बीपीएससी, बैंक आदि क्षेत्र में अप्लाई कर पाएंगे. यह सारी नौकरी के लिए परीक्षा पास कर जाएंगे तो आगे चलकर एक सम्मानित नौकरी कर सकते हैं जिसमें अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी सही तरीके से रख सकते हैं. उनकी हर एक जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं और साथ ही कई तरह के सुविधाएं भी सरकार की तरफ से मिलती है.

बैचलर डिग्री के बाद जॉब अपॉर्चुनिटी

ग्रेजुएशन हर छात्र अपनी रूचि के अनुसार अपने चॉइस के अनुसार किसी भी सब्जेक्ट से कर सकते हैं.

ग्रेजुएशन करने के बाद कई क्षेत्र में जॉब अपॉर्चुनिटी मिलती है साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, बिजनेस बैंक आदि क्षेत्रों में अपने रूचि अनुसार जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी बैचलर डिग्री कर सकते हैं और बहुत ही आसानी से कई क्षेत्रों में जॉब प्राप्त कर सकते हैं.

  • लॉयर
  • बैंक
  • शिक्षक
  • मार्केटिंग मैनेजर
  • फिनेंशियल एनालाइजर
  • डाटा साइंटिस्ट
  • प्रोजेक्ट टेक्निकल ऑफीसर
  • इंजीनियर
  • पत्रकार
  • आईएएस ऑफिसर

निष्कर्ष

आज के समय में लगभग हर स्टूडेंट ग्रेजुएशन करते हैं ताकि आगे चलकर वह कोई पोस्ट ग्रेजुएशन या मास्टर की डिग्री प्राप्त करके उच्च से उच्च शिक्षा प्राप्त करें आगे चलकर किसी अच्छे क्षेत्र में अपना कैरियर बनाएं अपना भविष्य उज्जवल बनाएं.

इस लेख में बैचलर डिग्री के बारे में ऊपर विस्तार से बताया गया है अगर इस लेख से संबंधित किसी भी तरह का सवाल आपके मन में हो तो कमेंट करके जरूर बताएं.

FAQ

बैचलर डिग्री इन हिंदी

इसे ग्रेजुएशन कहा जाता हैं और इसे हिंदी में स्नातक कहते हैं जो व्यक्ति यह प्राप्त कर लेंगे वह ग्रेजुएटेड माने जाएंगे.

बैचलर डिग्री का मतलब क्‍या होता हैं

ट्वेल्थ करने के बाद लगभग 90 परसेंट ऐसे स्टूडेंट होंंगे जो स्‍नातक करते होंगे. हाई स्कूल से कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्रवेश करके जो काेर्स करेंगे. उसे बैचलर डिग्री या ग्रेजुएशन कहा जाता हैं. ग्रेजुएशन की डिग्री आर्ट्स साइंस कमर्स आदि विषयों से किया जाता हैं.

बैचलर डिग्री के प्रकार

ग्रेजुएशन कई प्रकार के होते हैं कई विषय से किया जाता है जैसे कि साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स आदि.

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